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दोस्त की बहन और बुआ की चुदाई करके मजा दिया-1
दोस्तो.. आपने मेरी कहानी के पिछले भाग में पढ़ा कि कैसे मैं अपने दोस्त की बहन की चुदाई करते पकड़ा गया था। इससे पहले कि मैं आपको बताऊँ कि पकड़े जाने के बाद हमारे साथ क्या हुआ, मैं आपको बताना चाहूँगा कि मेरी और मेरे दोस्त की बहन की चूत चुदाई की कहानी शुरू कैसे हुई!
यह चुदाई की कहानी मेरी और मेरे दोस्त रोहित की बड़ी बहन की है, जिसका नाम शालू है। शालू की उम्र 24 साल की है.. वो दिखने में काफ़ी सुंदर है.. उसका फिगर बड़ा कामुक है, लेकिन कितना है यह मुझे मालूम नहीं है।
मैं और रोहित काफ़ी अच्छे दोस्त हैं और दोनों का घर भी पास-पास है। इसलिए मेरा उसके घर आना-जाना रहता है। शालू जितनी सुंदर है.. मुझे वो उतनी ही चुदासी भी लगती थी, क्योंकि जब मैं उसके घर जाता था, तो वो मेरे पास चिपक कर बैठ जाती थी और अजब गजब की हरकतें करती थी।
शालू की ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी और वो लॉ की तैयारी घर से ही कर रही थी। इस कारण वो दिन भर घर पर रह कर माँ के साथ घर का काम भी करती थी।
रोहित के घर में उसके बड़े भाई की सख्ती के कारण अब तक शालू का कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं बन सका था।
लेकिन मदमस्त जवानी कब तक संभलती!
एक दिन की बात है.. जब वो किसी कारण से मेरे घर पर मेरी माँ से मिलने आई, लेकिन उस वक्त घर पर मेरे अलावा कोई नहीं था। जब घर पर आकर उसने पूछा- तेरी मम्मी कहाँ हैं? मैंने बताया- वो किसी काम से बाहर गई हैं। थोड़ी देर में आ जाएंगी.. तुम बैठ कर उनका वेट कर लो।
तो वो मान गई।
मैं उस वक्त टीवी पर मूवी देख रहा था, तो वो भी मेरे साथ-साथ टीवी देखने लगी। टीवी देखते समय उसने मेरे हाथ में हाथ डाल रखा था और अपनी उंगालियां मेरे हाथ पर चलाने लगी, जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया।
इसी बीच टीवी स्क्रीन एक किस सीन आ गया.. उस सीन को देख कर उसने मेरा हाथ कस कर पकड़ लिया। मैं समझ गया कि वो गर्म हो गई है।
यह तो मैं पहले से ही जानता था कि उसकी भी चुदने की बहुत इच्छा है.. लेकिन वो अपने बड़े भाई के डर के कारण ये सब कर नहीं पाती थी।
अब इस वक्त मौका भी बढ़िया था.. और मुझसे रुका भी नहीं जा रहा था। मैंने मन में सोचा कि आज निपट ही लो.. फिर पता नहीं इससे अच्छा कब मौका मिलेगा।
मैंने मौके पर चौका मारने के सोची और अपना हाथ उसके कंधे पर रख दिया। उसने हाथ रखने पर मुझसे कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत बढ़ गई।
मैं धीरे-धीरे उसके मम्मों को टच करने लगा.. तो वो थोड़ा कसमसा सी गई, लेकिन तब भी उसने कुछ भी नहीं कहा।
मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने मन में सोचा कि ये राजी दिख रही है, तो अब खेल हो ही जाए।
अगले ही पल मैंने उसे पकड़ कर किस कर दिया तो वो मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी और उसने मुझे धक्का दे दिया। वो कहने लगी- ये तुम क्या कर रहे हो.. मैं तुम्हारे दोस्त की बड़ी बहन हूँ। मैंने कुछ ना कहते हुए उसे वापिस पकड़ लिया और किस करने लगा।
थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी करीब 5 मिनट तक मैं उसे किस करते-करते उसके मम्मों को भी दबाने लगा। अब वो भी मेरे लोवर के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ कर मसलने लगी।
लेकिन मेरे रंग में भंग उस वक्त पड़ा जब मेरी माँ आ गईं और हम दोनों उनकी आने आहट पाते ही झट से अलग हो गए। शालू मेरी माँ से कुछ बात करके अपने घर चली गई.. लेकिन मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बाथरूम में जा कर मुठ मार ली।
अब वो जब भी मुझे मिलती तो मैं धीरे से उसके मम्मों को दबा देता लेकिन उसे चोदने का मौका नहीं मिल रहा था। हम दोनों अपनी प्यास मोबाइल पर बात करके मिटा लेते।
लेकिन कहते है ना ऊपर वाले के घर में देर है.. अंधेर नहीं है।
लगभग एक महीने बाद उसके घर वाले किसी शादी में जा रहे थे.. लेकिन शालू के लॉ के एग्जाम पांच दिन तक चलने के कारण वो नहीं गई।
इसी मौके का हम दोनों को इंतजार था। इस दिन मेरी किस्मत भी मुझ पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान थी। अकेले लड़की घर में होने के कारण मेरा दोस्त मेरे पास आया और कहने लगा कि मेरे पूरी फैमिली शादी में जा रही है तो तुझे मेरे घर पर मेरे बहन के साथ रुकना होगा।
मैं मन ही मन खुश हो गया और मैंने हाँ कह दी। जब रात हुई तो मैं दोस्त के घर गया.. शालू मेरा ही इंतजार कर रही थी।
जैसे ही मैं उसके घर के अन्दर गया तो वो मुझसे कहने लगी- मैं तुम से आज के बाद बात नहीं करूँगी। तो मैंने पूछा- क्यों? वो कहने लगी- मेरे फैमिली को गए 5 घंटे हो गए है और तुम अब आ रहे हो।
यह कहते-कहते वो अपने भाई के बेडरूम में चली गई। मैंने उसके पीछे जा कर पकड़ लिया और गर्दन चूमते हुआ उसे प्यार से सॉरी कह कर धीरे-धीरे उसकी गर्दन को किस करते-करते मम्मों को दबाने लगा.. तो वो कामुक सिसकारियाँ लेने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… उसने भी मेरी तरफ़ मुड़ कर किसिंग चालू कर दी।
करीब 5 मिनट तक एक-दूसरे को किस करने के बाद मैंने उसका टॉप उतार दिया।
अह.. क्या पीस लग रही थी.. काले कलर की ब्रा में उसे देख कर मेरा लंड सलामी देने लगा। अब मैंने उसके चूचों को दबाते हुए उसकी ब्रा उतार दी.. उसके गोरे-गोरे चूचे उछल कर बाहर आ गए।
मैं झट से उसके खरबूजों को चूसने लगा.. वो भी मादक सिसकारियां लेने लगी। यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
जब मैं उसके मम्मों को चूस रहा था.. तब वो मेरे सर में बड़ी मस्ती से हाथ घुमा रही थी और हल्के-हल्के से चुदास से भरी सिसकारियां ले रही थी।
कुछ मिनट तक उसके रसीले मम्मों को चूसने के बाद मैंने फिर किसिंग चालू कर दी।
अब वो भी एक हाथ से मेरे लंड को लोवर के ऊपर से दबाने लगी। मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया। थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पूरे शरीर को चूमने लगा।
वो मस्ती में ‘आहह..’ करने लगी।
मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी.. क्या फूली चुत थी यारों.. उसकी बिल्कुल चिकनी और सांवली सी कोमल चुत को तो मैं देखता ही रह गया।
उसने अपने दूध दबाते हुए मुझसे कहा- बस देखते ही रहोगे कि अपने कपड़े भी उतारोगे? मैंने लंड सहलाते हुए कहा- खुद उतार लो जान..
उसने झट से मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को देख कर कहने लगी- यह क्या है.. इतना बड़ा लंड.. क्या घोड़े से उधार लिया है?
दोस्तो, मेरा लंड 8 इंच का है और खीरे जैसा मोटा है।
मैंने हंसते हुए उससे कहा- तेरे लिए ही बना है जान.. इसे प्यार करो और चूसो। वो मना करने लगी। मैंने कहा- एक बार ले कर देखो.. अगर अच्छा ना लगे तो मत चूसना।
तब जा कर वो मानी और धीरे-धीरे लंड चूसने लगी। अह.. मुझे बहुत मस्त मजा आ रहा था।
करीब 5 मिनट तक लंड चूसने के बाद वो कहने लगी- अब बस मैं थक चुकी हूँ।
मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और उसके ऊपर आकर उसके मम्मों को चूसने लगा। फिर मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखा और चुत खोल कर धीरे से लंड को अन्दर पुश किया।
तब उसने आँखें बंद कर लीं और ‘अहहुउ..’ करने लगी। मैंने एक जोरदार शॉट मारा तो मेरा लंड 4 इंच तक चला गया। लंड की मोटाई से उसने दर्द से भरी एक जोरदार चीख मारी।
वो कहने लगी- अह.. फाड़ दी.. इसे बाहर निकालो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी। मैंने उससे कहा- पहली बार में थोड़ा दर्द होता है.. सहन कर लो रानी.. फिर मजा भी तो आएगा।
मैं भी रुक गया और किसिंग चालू कर दी। कुछ पलों के बाद मैं धीरे-धीरे लंड को उसकी चुत में अन्दर-बाहर करने लगा।
वो ‘आआअहह.. मर गई..’ कहने लगी। मैंने सोचा कि यही मौका है साली को पूरा लंड खिला दूँ.. और एक जोरदार शॉट के साथ पूरा लंड अन्दर पेल दिया।
वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी।
फिर मैं थोड़ी देर रुक गया और किसिंग चालू कर दी। थोड़ी देर के बाद वो अपनी चुत उठाने लगी.. तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और हम दोनों चुदाई का आनन्द लेने लगे।
थोड़ी देर बाद वो झड़ गई.. जिससे उसकी चुत रसीली हो गई।
अब मैंने उससे घोड़ी बनने को कहा और उसे पीछे से चोदने लगा। वो हर शॉट के साथ ‘अहह मर गई..’ कहने लगी फिर कुछ देर बाद वो दूसरी बार झड़ गई।
अब मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैंने मेरी स्पीड तेज कर दी.. जिस कारण वो तेज चिल्लाने लगी और मैं उसके मम्मों को दबाते-दबाते झड़ गया।
वो भी मेरे साथ तीसरी बार झड़ गई और हम दोनों बिस्तर पर गिर गए।
कुछ देर बाद वो उठी हो बिस्तर की हालत देख कर डर गई.. क्योंकि बिस्तर पूरा खून और वीर्य से रंग गया था।
वो मेरी तरफ देखे लगी तो मैंने कहा- पहली बार में ऐसा होता है।
वो भी इस बात को जानती थी इसलिए उसने कुछ नहीं कहा।
मैं उसे किस करने लगा और बाथरूम में जाकर एक-दूसरे को पूरा साफ किया। फिर हम दोनों ने बिस्तर पर आकर किसिंग चालू कर दी।
कुछ ही देर में मेरा लंड खड़ा होने लगा तो मैंने उससे कहा- एक बार और हो जाए। लेकिन वो मना करने लगी और चुत दिखाते हुए कहने लगी- यार बहुत दर्द हो रहा है.. देखो कैसी सूज गई है। अभी तो हमारे पास चार दिन और है.. फिर कर लेना।
तब मैंने सोचा कि सोने का अंडा देने वाली मुर्गी फंसी है.. एक-एक करके अंडा निकालो.. नहीं तो भाग जाएगी। तो मैंने कहा- ओके जानू.. और उस रात हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे के चिपक कर सो गए।
आपको मेरी इस चुदाई की कहानी को पढ़ कर क्या लगा.. प्लीज़ मुझे मेल कीजिएगा। [email protected]
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