This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम कुमार है, अम्बाला हरियाणा का रहने वाला हूँ और अन्तर्वासना का 10 साल से नियमित पाठक हूँ. दिन में करीब 20-25 बार साईट खोलता हूँ कि कोई नई कहानी आई या नहीं. पढ़ते पढ़ते दिमाग में आया कि अपनी कहानी भी सब के साथ साझा की जाये. मैं अन्तर्वासना के उन लेखकों का सम्मान करता हूँ जो बता देते हैं कि कहानी काल्पनिक है. कुछ लोग सच्ची कहानी बताकर झूट भी लपेट देते हैं. खैर छोड़िये, अपनी आत्मकथा पर आता हूँ जो ऐसे ही सच है जैसे चाँद और सूरज हैं।
मैं 33 साल का साधारण सा लड़का हूँ. लंड का साइज़ साढ़े छः इंच. मेरी लंबाई 5 फुट 7 इंच है।
दोस्तो, ये घटना 2010 की है, मैं कम्पटीशन एग्जाम देने अम्बाला से दिल्ली जा रहा था। जब अम्बाला कैंट बस अड्डे से बस में बैठा तो रात के 11:30 हो रहे थे. मैं बस में बैठा हुआ पेपर के बारे में सोच ही रहा था कि अचानक 33 साल की बहुत ही खूबसूरत महिला मेरे पास आई और बोली- क्या मैं आपके पास बैठ सकती हूँ। मैंने कहा- जी जरूर. अंधे को क्या चाहिए दो आँखें!
उसके चुचे 36 के होंगे और क्या मस्त मोटी गांड थी उसकी, देखते ही मुँह में पानी आ गया था। मैं आँखों ही आँखों में चक्षु चोदन कर रहा था। जैसे ही बस पीपली अड्डे के पास से गुजरी तो मुझे अपनी जांघ पर उसका हाथ घूमता हुआ महसूस हुआ। मैंने भी हिम्मत करके उसका दायाँ चूचा दबा दिया तो वो थोड़ा मुस्कुराई तो मेरी हिम्मत बढ़ गई। बस में अँधेरा था तो कोई परेशानी नहीं थी। उसका हाथ फिसलते हुए मेरे लंड पर आ गया और चैन खोलकर बाहर निकाल लिया जो तन कर सरिया हो गया था। वो मेरी मुठ मारने लगी. मैं तो जन्नत की सैर कर रहा था। मैंने भी अपना बायां हाथ उसकी सलवार में डाल दिया और उसकी बिना बालों की चूत को सहलाने लगा।
करीब 20 मिनट में मेरा माल निकल गया और मेरे कपड़ों पर ही गिर गया। मैंने अपने कपड़े साफ़ किये। थोड़ी देर में वो मुझे बोली- अगर आपको ज्यादा जरूरी काम न हो तो अगले स्टेशन पर उतरें और होटल में एन्जॉय करें? मैं सोचने लगा, डर भी लग रहा था कि पता नहीं कौन है क्या होगा।
लेकिन आपको पता है लंड के आगे किसका जोर चलता है. मैंने हां बोली और अगले स्टेशन करनाल में उतर गए.
मैंने पास में ही होटल देखा और कमरा ले लिया। इस दरमियान हमारे बीच ज्यादा बात नहीं हुई। मैंने खाना आर्डर किया और तब तक हम दोनों फ्रेश हो गए. जैसे ही वो बाथरूम से बाहर आई मैंने उसको कस कर पकड़ लिया और किस करने लगा। हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे, ऐसा लग रहा था कि पता नहीं वो कब की प्यासी है। तभी बेल बजी और हम अलग हुए, बाहर देखा तो वेटर खाना लेकर आया था। हम दोनों ने मिलकर खाना खाया. मैंने उससे उसके बारे में पूछा. वो बोली- पहले आप बताओ अपने बारे में? मैंने बोला- मैं दिल्ली एग्जाम देने जा रहा था। लेकिन आप इतनी खूबसूरत है कि एग्जाम को भूल गया और यहाँ आ गया। वो मुस्कुराई और बोली- मैं अध्यापिका हूँ.
वो अपने बारे में बताते हुए वो रोने लगी। मैंने उसे चुप कराया और रोने का कारण पूछा। वो बोली- मेरी शादी को 6 साल हो गए लेकिन अभी तक कोई औलाद नहीं है। सब परिवार वाले मुझे दोष देते हैं लेकिन कमी मेरे पति में है। वो मेरे आगे हाथ जोड़ते हैं, रोते हैं कि उनकी कमी किसी को न बताऊँ। आज सुबह ही हमारे बीच में तय हुआ कि मैं किसी अनजान व्यक्ति के साथ सम्बन्ध बनाऊँ और गर्भवती हो जाऊँ जिससे सबकी इज़्ज़त बच जायेगी। उनको कोई प्रॉब्लम नहीं है। मुझे तुम पसंद आ गए और मैं तुम्हारे साथ आ गई। मैं 5 दिन के लिए घर से आई हूँ। मेरे पति ने घर पे सब संभाल लिया है। क्या तुम 5 दिन मेरे साथ रह सकते हो? मैं तुमको 5 दिन के 10000 रूपये दूंगी। मैं बोला- मुझे पैसे नहीं चाहिए. और उसके साथ रहने को तैयार हो गया।
मुझे तो चूत मारने की जल्दी थी, बाकी बातें तो बाद में भी हो जाती।
और फिर से एक दूसरे से गूँथ गए। मैंने उसको पूरी नंगी कर दिया, उसकी बिना बालों की चूत देखकर मैं पागल हो गया और उसकी टाँगें उठा कर भूखे की तरह चूत को चाटने लगा। वो पूरी मस्ती में आ गई और 6 मिनट में ही झड़ गई।
अब उसकी वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। क्या सुख था यार… जन्नत की सैर हो रही थी। हम दोनों एक दूसरे के अंगों के साथ खेल रहे थे, मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी। लेकिन मैं उसके मुह में झड़ना नहीं चाहता था। मैंने उसको सीधा बैड पर लिटा दिया और उसकी चूचियों को पीने लगा। वो सी… सी… की आवाज़ कर रही थी, बोल रही थी- जल्दी से चोद दो कुमार प्लीज…
मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और उसकी चूत पर लंड को ऊपर नीचे घिसने लगा। वो बहुत गर्म हो गई थी, बोली- प्लीज जल्दी डाल दो अंदर! चोद दो जल्दी… फाड़ दो इसको… मुझे माँ बना दो… मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाया और आधा लंड उसकी चूत में उतर गया। वो कसमसा उठी, उसकी चूत बहुत गर्म और कसावट वाली थी। लगता था कि उसका पति उसको ज्यादा चोदता नहीं होगा।
थोड़ी देर में मैंने एक धक्का और लगाया और जड़ तक लंड को घुसा दिया चूत में… उई… आह… आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह… आह ज़ोर ज़ोर से चोदो जानू… मुझे माँ बना दो जानू… आह! उसके ऐसे शब्दों से मुझे और जोश आ रहा था और मैं उठ उठ कर धक्के लगा रहा था।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम एक साथ झड़ गए.
उस पूरी रात में हमने 4 बार चुदाई की। फिर 5 दिन हमने दिन रात चुदाई की और छः दिन बाद हमारा अलग होने का दिन आ गया। मैंने उससे दोबारा उसका पता पूछा लेकिन उसने मना कर दिया और अपना फ़ोन नम्बर दिया और बोली- जब तक जान है, फ़ोन द्वारा आपसे जुड़ी रहूँगी।
दोस्तो, 45 दिन बाद उसका फोन आया और वो बोली कि वो प्रेगनंट है, वो और उसका पति बहुत खुश हैं।
एक दिन उसका फ़ोन आया और वो अपनी किसी सहेली के बारे में बोली जिसकी प्रॉब्लम उसके जैसी ही थी। मैंने उसकी भी सहायता की लेकिन उसकी शक्ल भी नहीं देखी क्योंकि वो जब भी मिलती थी, रात में नकाब में मिलती थी।
आज तक मैं काफी महिलाओं की सहायता कर चुका हूँ जिनमें से कई को तो उसी ने मिलाया। मैंने एक दोस्त को भी अपने साथ मिला लिया जो एक लैब तकनीशियन है. अब हम जब भी किसी महिला से मिलते हैं तो पहले उसका एच आई वी टेस्ट करते हैं, फिर उसकी सहायता करते हैं। दोस्तो, इस कहानी में शायद सेक्स से भरपूर शब्द न हों लेकिन भावनायें बहुत हैं। आगे और भी बहुत कहानी हैं, आपके प्रोत्साहन के बाद लिखूँगा।
अन्तर्वासना का बहुत बहुत धन्यवाद. पाठकों का भी बहुत धन्यवाद आपके कीमती समय के लिए। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000