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अब तक की इस हिंदी सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि संजय ने अपनी भांजी पूजा की चुत की सील खोल दी थी और दोनों बिस्तर पर थे। अब आगे..
पूजा रोज की तरह संजय के सीने पे पेट के बल लेट गई और लंड को चूसने लगी, इधर संजय भी उसकी चुत पर अपनी जीभ से मरहम लगाने में लग गया। थोड़ी ही देर में संजय का लौड़ा फिर से हार्ड हो गया और उसको बस चुत की जरूरत होने लगी तो संजय ने पूजा को हटाया और कहा- धीरे से लंड पे बैठ जा, अब चुदाई का टाइम हो गया है।
पूजा- मामू मज़ा आ रहा था.. थोड़ी देर मेरी चुत को और चाट लेते। संजय- चुत चाटने से इसका दर्द नहीं जाएगा.. ये लंड की मार से ही ठीक होगी, अब चल जल्दी कर लंड पे बैठ जा।
पूजा ने वैसे ही किया, जैसे संजय ने समझाया था। उसने लंड को चुत पर अड्जस्ट किया और धीरे से बैठने लगी मगर इतना मोटा लंड आसानी से थोड़ी जाएगा, अभी सिर्फ सील टूटी है चुत थोड़े ढीली हुई, उसको दर्द तो होगा ही, सो बस बेचारी कराह उठी- आह.. मामू दुख़्ता है और नहीं जाएगा ये.. उफ़ सस्स बहुत जलन हो रही है। संजय- अरे अभी तो तेरी चुत में मेरा पूरा लंड गया था.. अब कैसे नहीं जाएगा कोशिश कर, बैठ जा आराम से।
पूजा ने बहुत धीरे-धीरे बैठना शुरू किया। उसको दर्द हुआ मगर वो सहन कर गई और पूरा लौड़ा चुत में घुस गया। पूजा- आह आह.. क्या है मामू उफ़फ्फ़ कितना मोटा है ससस्स.. पूरी चुत फैला दी.. आह.. कितना दर्द हो रहा है। संजय- अरे आज ठीक से चुदवा ले, सारा दर्द हवा हो जाएगा। फिर तू रोज मज़ा लेना.. चल अब ऊपर-नीचे होकर चुदवा ले, मज़ा आएगा।
पूजा अब गांड को हिलाने लगी, उसको थोड़ा दर्द था मगर लंड की गर्माहट उसको सुकून दे रही थी। उसकी चुत भी गीली हो गई थी तो अब लौड़ा फिसलने लगा था। अब उसको हल्के दर्द के साथ मज़ा आने लगा।
पूजा- आह.. आइ मामू उफ़ अब मज़ा आह.. रहा है आह.. आपने सच कहा था आह.. असली मज़ा तो चुदाई में ही आता है।
पूजा गांड को हिलाकर मज़ा ले रही थी और नीचे से संजय भी झटके मार रहा था। दस मिनट तक ये सीन चलता रहा, फिर संजय ने पूजा को नीचे लेटा दिया और स्पीड से उसको चोदने लगा। पूजा भी कामुक सिसकारियों संग चुदाई का साथ मज़ा ले रही थी।
कई मिनट तक संजय ने पूजा को चोदा और उसकी चुत को लाल कर दिया। इस दौरान वो दो बार झड़ गई थी मगर संजय अभी भी चुत में लंड की ठोकर देने में लगा हुआ था। फिर उसने पूजा को घोड़ी बना दिया और उसकी कमर को कस कर पकड़ कर तेज़ी से चुदाई करने लगा।
पूजा- आह.. आह आह मामू बस करो आह.. आज आह.. जान लेके आह.. रहोगे क्या उफ़ आह… संजय- तेरी जैसी कच्ची कली की चुत नसीब वालों को मिलती है.. उहह उहह साली तुझे तो अपनी रखैल बना के रखूँगा.. आह.. जब तक तेरी शादी नहीं हो जाती, तुझे चोदता रहूँगा आह.. मेरे भाग खुल गए जो घर में ही ऐसी मस्त चुत मिल गई.. ले आह.. ले आह..
संजय की बातें पूजा की समझ के बाहर थीं.. वो तो बस मज़े ले रही थी। अब उसकी उत्तेजना फिर से चरम पर पहुँच गई थी। वो ज़ोर-ज़ोर सीत्कार करने लगी- अह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ज़ोर से करो मामू.. मजा आ रहा है। कुछ देर और चुदाई के बाद संजय का ज्वालामुखी भी फटने वाला था। थोड़ी देर में दोनों साथ में झड़ गए और बिस्तर पर ही ढेर हो गए। अब कमरे में सिर्फ़ उनकी तेज चलती साँसों की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
दोस्तो, संजय तो कॉलेज नहीं गया, मगर बाकी सब तो गए ही थे, तो वहां संजय के ना आने के सब अलग-अलग कारण बता रहे थे। उसका फ़ोन भी बंद था खैर जाने दो, वहां कुछ खास बातें नहीं हुईं।
बस टीना ने फ्लॉरा और सुमन को मिला दिया और सुमन को किसी टीचर ने बुला लिया तो वो चली गई.. बाकी सब वहीं रह गए।
वीरू- क्या बात है फ्लॉरा आज तो बड़ी अलग लग रही हो.. क्या आज कुछ खास किया है? फ्लॉरा- बस रहने दो.. मैं तुम्हें समझ गई हूँ.. तारीफ करके मुझे बनाओ मत। विक्की- कल क्यों नहीं आई मेरी जान.. बीमार हो गई थीं क्या? फ्लॉरा- पांच भूखे शेर एक बकरी पे टूट पड़ेंगे.. तो बकरी बीमार नहीं होगी क्या? पता है.. मेरा पूरा जिस्म दर्द कर रहा था?
साहिल- वैसे कुछ भी कहो ग्रुप सेक्स में मज़ा बहुत आया.. अब दोबारा कब आओगी? फ्लॉरा- ना बाबा.. अब ग्रुप सेक्स कभी नहीं तुम सब बहुत भारी पड़ते हो.. हाँ अगर टीना साथ होगी तो शायद कर सकते हैं। टीना- तू मुझे क्यों घसीट रही है, ये साले कुत्ते हैं। तेरी हालत मैंने देखी है.. ना बाबा.. मैं तो कभी ना करूँ।
अजय- क्या यार क्यों भाव खा रही है फ्लॉरा तो अकेली 5 को झेल गई। अब तो तुम दोनों होगी तो आधे-आधे कर लेना। विक्की- आधे कैसे होंगे? हम 5 हैं अब कैसे होगा? ‘तू साला चूतिया ही रहेगा.. सुन तुम और संजय फ्लॉरा को चोद लेना और ये और ये टीना को.. बचा मैं तो एक बार टीना को चोद लूँगा, दूसरी बार फ्लॉरा को चोद दूँगा, हो गया ना!’ टीना- साले तू दो बार मज़ा लेगा ज़्यादा होशियार बनता है.. ऐसा कुछ नहीं होगा ओके अब चलो।
ये तो गए, उधर संजय और पूजा को भी रेस्ट मिल गया था तो आओ वहाँ देख लो अब वो क्या करता है।
पूजा- मामू ये चुदाई तो बहुत अच्छा खेल है.. कितना भी खेलो मन नहीं भरता। आपने पहले क्यों नहीं की मेरी चुदाई.. ये तो हम घर पे भी कर सकते थे? संजय- अच्छा तो मतलब ये है कि मेरी जान की चुत में फिर खुजली हो रही है। सब्र कर मेरी जान आज तेरी सारी खुजली मिटा दूँगा और ये खेल अगर घर पे खेलते ना.. तो सब को पता लग जाता समझी! पूजा- कैसे लगता मामू मेरे चिल्लाने से ना.. तो अभी जैसे मुँह बंद किया वहां भी आप मेरे मुँह को बंद कर देते। संजय- ऐसे तुझे समझ नहीं आएगा.. एक काम कर, वो सामने से तेरा स्कूल बैग उठा कर तो ला ज़रा! पूजा- उससे क्या होगा मामू बताओ? संजय- अरे तू उठकर जा और बैग उठा कर ला.. फिर तुझे बताता हूँ।
पूजा जैसे ही बेड से उतरी उसको चुत में बहुत दर्द हुआ.. उसके पैर काँपने लगे। वो दो कदम भी नहीं चल पाई और वापस बेड पे बैठ गई, उसको बहुत दर्द हुआ- ओह मामू ये क्या हो गया.. मैं चल भी नहीं पा रही हूँ, मुझे चुत में बहुत दर्द हो रहा है और पैर भी दुख रहे हैं.
संजय- यही तुझे समझाना था, अब कुछ समझ में आया। अगर घर पे करता तो तेरी ये हालत देख कर सब समझ जाते कि मैंने तेरी चुदाई की है। अब तू तो स्कूल से घर जाएगी तो किसी को शक नहीं होगा। पूजा- मगर मामू मैं जाऊंगी कैसे? अभी चला ही नहीं गया, घर पे सब पूछेंगे ऐसे क्यों चल रही हो तब उनको शक नहीं होगा कि मैंने चुदाई की है? संजय- बहुत भोली है तू.. अब सुन मैं तुझे अभी चलने लायक बना दूँगा, फिर थोड़ा दर्द होगा तो तू घर पे कह देना स्कूल में गिर गई थी, तो पैर और कमर में मोच आई है। किसी को पता भी नहीं चलेगा और तुझे फ्री में मालिश भी मिल जाएगी। पूजा- वाउ मामू आप सच में बहुत अच्छे हो। अब मुझे चलने लायक कैसे बनाओगे आप वो भी बता दो?
संजय- मेरी जान अभी तेरा स्कूल छूटने में बहुत टाइम है। पहले एक बार और तेरी जम कर चुदाई कर दूँ, फिर बताऊंगा कैसे चलेगी तू.. और घर कैसे जाएगी? पूजा- मामू अब रहने दो ना.. फिर दर्द करोगे आप बाकी का घर पे कर लेना। संजय- अरे अभी तो बोल रही थी कि ये खेल अच्छा है.. मन नहीं भरता, अब क्या हो गया? पूजा- मन तो है मामू लेकिन मेरे पैर और कमर भी दुखने लगे हैं। संजय- सब ठीक हो जाएँगे, रात को मैं खुद तेरी मालिश करूँगा। चल इधर आ मेरे पास.. देख लौड़ा कैसे उदास हो रहा है.. इसे थोड़ा प्यार कर खुश हो जाएगा।
पूजा ने मुस्कुरा कर देखा और संजय के पास जाकर उसके लंड को किस करने लगी।
संजय भी कहाँ कम था, वो भी उसके मम्मों को मसलने लगा और धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे में खो गए। इस बार संजय ने पूजा को गोद में उठा कर उसकी चुदाई की, पूजा भी अपनी बाँहें संजय के गले में डालकर इस नई स्टाइल की चुदाई को एंजाय कर रही थी।
फिर काफी देर तक संजय ने अलग-अलग तरीके से पूजा की खूब चुदाई की, तब कही जाकर वो ठंडा हुआ और पूजा की तो हालत ख़स्ता हो गई थी। उसकी चुत का तो जैसे झड़-झड़ कर पानी ही सुख गया था। वो एकदम बेजान सी हो गई और बेड पे लेट गई।
एक घंटा दोनों ने आराम किया.. फिर संजय ने पूजा को कमरे में चलने को कहा, उसको शुरू में थोड़ी तकलीफ़ हुई मगर लगातर चलने से उसको दर्द कम हो गया। अब वो आराम से चल पा रही थी मगर उसकी चाल देख कर कोई भी बता सकता था कि इसको कुछ प्राब्लम तो है.. शायद पैर में मोच है या कुछ और है।
अब चुदाई करवा कर आई है ऐसा तो कोई सोचेगा नहीं.. बस फिर क्या था संजय ने मौका देख कर उसको वहां से निकाल लिया और घर से थोड़ा दूर छोड़ कर खुद चला गया ताकि किसी को शक ना हो कि सुबह से ये उसके साथ थी।
पूजा घर चली गई और उसकी माँ ने उसको देखा तो उसने झूठ कह दिया कि गिर गई थी। बस फिर क्या माँ ने पूछताछ की कि ज़्यादा तो नहीं लगी.. ये वो.. फिर उसको चेंज करने को कहा। उसको थोड़ी मलहम वगैरह दे दी। बात खत्म हो गई और चुदाई का राज छुप गया।
दोपहर को संजय आया तो पूजा के लिए मेडिकल से कुछ जरूरी दवा और ट्यूब ले आया ताकि चुदाई की तकलीफ़ कम हो और कोई बच्चा ना ठहर जाए। अब ये तो जरूरी चीजें है जो संजय जैसे लड़के को ध्यान में रहती ही हैं।
शारदा- अरे आ गया तू.. खाना लगा दूँ बेटा? संजय- हाँ जोरों की भूख लगी है और बाकी सब कहाँ गए.. दिख नहीं रहे? शारदा- क्या बताऊं आज पूजा स्कूल में गिर गई तो आरती उसके पास है। संजय- क्या कैसे गिर गई ज़्यादा चोट तो नहीं लगी ना उसको?
दोस्तो, आप मुझे मेरी इस सेक्स स्टोरी पर संयमित भाषा में ही कमेंट्स करें.
[email protected] हिन्दी सेक्स स्टोरी जारी है।
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