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अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि पूजा की छोटी सी बुर संजय का मोटा लंड सहन नहीं कर पाई और वो चिल्ला पड़ी. अब आगे..
संजय कुछ सोचने लगा जिसे देख कर पूजा उसके पास बैठ गई. थोड़ी देर बाद संजय को आइडिया आ गया. संजय- देख घर पर तो तुझे चोदना ख़तरनाक होगा. एक काम कर.. कल तू स्कूल के लिए निकलना मगर जाना मत.. वो पीछे जो पार्क है ना, वहीं रुक जाना, मैं से जल्दी वहाँ आकर तुझे अपने साथ ले जाऊंगा और हाँ बैग में अपनी कोई पुरानी टी-शर्ट रख लेना याद से. पूजा- ठीक है मामू मगर पुरानी टी-शर्ट का क्या करोगे आप? संजय- कल बता दूँगा.. अब चल मेरे ऊपर आकर लेट जा.. तू लौड़ा चूस, मैं तेरी बुर का रस निकालता हूँ. आज तो ऐसे ही काम चलाना पड़ेगा, कल ही तेरी सील तोड़कर तुझे चुदने लायक बना दूँगा ताकि ऐसी नौबत दोबारा ना आए.
वो दोनों 69 के पोज़ में हो गए और एक-दूसरे को मज़ा देने लगे. पूजा पहले ही ओर्गज्म पर आ चुकी थी इसलिए उसने जल्दी पानी फेंक दिया मगर संजय को टाइम लगता है.. तो बस वो पूजा की बुर चाटता रहा और उसे फिर गर्म कर दिया. फिर 15 मिनट बाद पूजा झड़ गई, तब संजय ने उसको उकड़ू बिठा कर उसका मुख चोदन किया और अपना पानी उसके मुँह में भर दिया. अब दोनों शांत हो गए थे.
दो बार झड़ने के बाद पूजा को नींद आने लगी, मगर संजय संतुष्ट नहीं था वो कल के लिए सोचने लगा कि उसको क्या करना है. पूजा तो थोड़ी देर में ही सो गई मगर संजय को बहुत देर बाद नींद आई और वो पूजा से लिपट कर सो गया.
उधर सुमन और टीना ने भी चाय बना ली थी और कमरे में बैठ कर दोनों आराम से चुस्की लेते हुए बातें कर रही थीं.
सुमन- दीदी एक बात पूछूँ.. आप बुरा तो नहीं मनोगी ना? टीना- अरे पूछ यार.. बुरा क्या मानना जो दिल में है पूछ ले. सुमन- दीदी अपने कभी सेक्स किया है? टीना- ले, इस बात के लिए मैं बुरा मानूंगी.. अरे पागल सेक्स तो भगवान का दिया अनमोल तोहफा है.. हर लड़की को एक ना एक दिन इसका सुख मिलता है. मुझे थोड़ा जल्दी मिल गया था और उसके बाद तो बस पूछ मत.. लंड बुर में जाता है तो ही क्या बताऊं कैसा मज़ा आता है. तू सोच भी नहीं सकती कि चुदाई करवाने में कितना मज़ा आता है.
सुमन- पहली बार में बहुत ज़्यादा दर्द होता होगा ना दीदी? टीना- अरे किसने कहा.. अगर चोदने वाला अनाड़ी होगा तो दर्द ज़्यादा होगा मगर कोई पक्का खिलाड़ी चुदाई करेगा ना तो बड़े प्यार से बुर को खोलेगा. तब दर्द कम होगा और मज़ा ज़्यादा आएगा. सुमन- सस्स दीदी ये चुदाई पता नहीं क्या होती है.. मगर इसका नाम सुनकर नीचे तेज खुजली ज़रूर शुरू हो जाती है. टीना- अगर तू मेरी बात माने तो तुझे मैं एक बहुत ज़्यादा मज़ा लेने का आइडिया दूँ? सुमन- हाँ दीदी बताओ, मैं आपकी बात कैसे नहीं मानूँगी.. आप बस जल्दी से बोलो. टीना- अपने पूरे कपड़े निकाल दे फिर मेरे भाई के लंड को चूस.. उसे अपने मम्मों पे रगड़.. अपनी दहकती बुर पे रगड़.. जैसे डिल्डो को रगड़ा था. फिर देख कितना मज़ा आता है तुझे.. फिर तू इस लम्हे को याद करेगी.
सुमन- दीदी बात तो अपने अच्छी कही मगर इतना सब कुछ करने से मॉंटी उठ गया तो? टीना- अरे डर मत वो नहीं उठेगा, मुझे पता है ना तू शुरू हो जा बस. सुमन- नहीं दीदी अगर उठ गया तो उस सिचुयेशन में हम क्या करेंगे. उसके बारे में पहले सोच लो, फिर मैं खुल कर मज़े ले सकती हूँ, नहीं तो डर के मज़ा नहीं आएगा. टीना- ये भी ठीक है.. अच्छा सुन ये चादर तू अपने पास में रख ले.. अगर ये उठ गया तो मैं फ़ौरन लाइट ऑफ कर दूँगी. ये कुछ समझे तब तक तुम उसके लंड को अन्दर करके ये चादर लपेट लेना. वो गहरी नींद से जागेगा उसे जल्दी कुछ समझ नहीं आएगा. फिर मैं बहाना बना दूँगी कि तू इसे डराने के लिए उसके पास गई थी.. सिंपल! सुमन- वाउ दीदी आपका दिमाग़ है या कंप्यूटर.. आपने तो फ़ौरन मुश्किल हल कर दी. टीना- आगे-आगे देख तुझे भी ऐसे ही फास्ट बना दूँगी मैं.. फिर तू भी ऐसे आइडिया आराम से लगा लेगी. चल अब शुरू हो जा.. देख मॉंटी का लंड अभी भी तेरा इन्तजार कर रहा है.. जाकर टूट पड़ उस पर.
सुमन पर तो चुदास की मस्ती छाई हुई थी. उसने जल्दी से अपने कपड़े निकाल फेंके और एक चादर लेकर मॉंटी के पास जाकर बैठ गई.
सुमन का नंगा जिस्म तो आपने उस दिन देखा ही था तो अब आगे इसकी जवानी की प्यास भी देख लो कि ये क्या-क्या करती है.
सुमन अब लंड को सहलाए जा रही थी.. उसे किस करके खड़ा करने की कोशिश कर रही थी. टीना का तो आपको पता ही है ना.. वो इस हसीन पल को अपने मोबाइल में कैद कर रही थी. सुमन को इस बात का पता नहीं था.. वो तो बस अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी और लंड को चूमे जा रही थी.
सुमन- सस्सश आह… कितना अच्छा है मॉंटी तुम्हारा लंड आह मन करता है इसे खा जाऊं अभी के अभी.. आह उफ़ उम्म उम्म आह..
सुमन बड़बड़ाए जा रही थी और मॉंटी के लंड को चूसे जा रही थी. अब वो पूरा खड़ा हो गया था.
सुमन की वासना की आग बहुत बढ़ गई थी, उसके निप्पल एकदम हार्ड हो गए थे. वो मॉंटी के लंड पर अपने निप्पल रगड़ने लगी.. कभी दोनों मम्मों को दबा कर लंड को चूसती और आहें भरती जा रही थी.
सुमन- आह ससस्स मॉंटी.. उफ़ आह.. तेरे लंड तो आह.. बुर में हलचल मचा दी है आह.. उफ़ थोड़ा सा आह.. इसे बुर पे भी रगड़ लेती हूँ आह.. मज़ा आएगा आ.
सुमन बिस्तर पर चढ़ गई और खड़े लंड पर अपनी देसी चुत को घिसने लगी. ये नजारा देख कर तो टीना भी हिल गई. इतनी जल्दी ये शरीफजदी ऐसे रंडी की तरह कर रही है.. उसको यकीन नहीं आया. मगर जब उसको संजय की बात याद आई तो वो मुस्कुराने लगी.
टीना- सच ही कहा था संजय तुमने.. जब एक शरीफ लड़की वासना की आग में जलती है.. तो उसके सामने बड़ी से बड़ी रंडी भी फीकी पड़ जाती है. यही हाल आज इसका हो रहा है.
सुमन अब बड़े प्यार से अपनी बुर को लंड पर घिस रही थी. सामने से कोई देखे तो ऐसे लगता जैसे वो मॉंटी से चुद रही है. मगर असल में वो बस बुर की घिसाई कर रही थी.
अब दोस्तो, आप सोच रहे होंगे इतना सब कुछ होने के बाद आँख ना खुले तो ऐसा हो सकता है क्या.. मगर यहाँ तो हो रहा है.. अब ऐसे लोग भी होते हैं यार, ज़्यादा सोचो मत.. बस कहानी एंजाय करो.
खड़े लंड की रगड़ सुमन को पागल कर रही थी. अब उसका पानी किसी भी पल निकल सकता था. वो वापस नीचे उतरी और लंड को चूसने लगी. साथ ही अपनी बुर को हाथ से मसलने लगी. इसमें उसको बहुत मज़ा आ रहा था. वो लंबी साँसें लेने लगी थी.
मॉंटी के लंड से पानी की बूँदें आने लगी थीं.. जिसे सुमन जीभ से चाटकर मज़ा ले रही थी. अब शायद मॉंटी का रस उसको अच्छा लगने लगा था या वो वासना के चलते ऐसा कर रही थी, ये तो वही जाने.
करीब 5 मिनट बाद उसकी बुर एकदम आग का गोला बन गई जो किसी भी पल फटने वाली थी और उसी जोश में वो लंड को पूरा मुँह में लेके ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, साथ में अपनी बुर को रगड़ने लगी.
दोनों का फव्वारा साथ में छूटा.. मगर इस बार सुमन जोश में थी तो मॉंटी का सारा रस वो गटक गई और अपनी बुर का रस अपने हाथ पर लेकर वहीं ज़मीन पे निढाल होकर बैठ गई.
टीना जल्दी से उसके पास आई और उसके हाथ को चाटकर उसका रस पीने लगी. वो भी कब से तड़प रही थी. अब उसके बर्दाश्त के बाहर हुआ तो उसने सुमन का रस चाट लिया.
सुमन- ओइह दीदी.. सच कहा था आपने.. लंड का रस बड़ा टेस्टी होता है. अबकी बार मैंने पूरा पी लिया मगर अपने मेरा रस क्यों पिया.. बोलो? टीना- अरे तेरा रस वेस्ट ना हो इसलिए पी लिया मेरी जान.. अब चल मॉंटी के कपड़े ठीक कर और वहाँ बेड पे चल वही बातें करेंगे. सुमन- रूको मैं वॉशरूम होकर आती हूँ दीदी फिर हम बातें करेंगे.
सुमन थोड़ी देर में फ्रेश होकर वापस आ गई, उसने कपड़े भी पहन लिए. टीना ने सोचा अगर पीरियड्स नहीं होते तो इसके साथ मज़ा लेती.. मगर उसने कुछ और ही सोचा हुआ था. वो सुमन के पास आराम से बैठ गई और उसके चेहरे के बाल उसने ठीक किए.
सुमन- दीदी एक बात कहूँ.. क्या आप भी मॉंटी के साथ ऐसा करती हो? टीना- नहीं कभी नहीं.. यार वो मेरा भाई है और मुझे ऐसी ज़रूरत है ही नहीं.. मेरे पास पहले ही अच्छा ख़ासा लौड़ा है.. तो मैं क्यों इस छोटे से लंड से खेलूँगी? सुमन- दीदी वो तगड़ा लौड़ा संजय सर का है ना.. प्लीज़ सच बताना आप? टीना- क्या बात है मेरी जान.. बड़े दिमाग़ लगा रही है, एक बार लंड का रस पिया तो ये हाल है.. बार-बार पिएगी तो सुपर फास्ट हो जाएगी तू हा हा हा हा.
सुमन- दीदी प्लीज़ बताओ ना आप पहली बार संजय सर से कैसे चुदी थीं? टीना- ये क्या सर सर लगा रखा है, अब संजय बोला कर.. बस जल्दी तुझे उसके लंड का रस पीना है. सुमन- नो दीदी.. प्लीज़ नहीं आप उनको ऐसा कुछ नहीं बताओगी मेरे बारे में.. प्लीज़ दीदी ये बस हमारे बीच की बात है. टीना- अच्छा अच्छा ठीक है.. मैं समझी तुझे एक असली मर्द के लंड के दीदार फ्री में करवा देती.. मगर तेरा मान नहीं तो जाने दे. वैसे भी संजय ऐसा लड़का नहीं है, जो किसी के साथ भी चुदाई कर ले.. ही इज एक नाइस गाई यार.. चल जाने दे.
सुमन- दीदी बताओ ना पहली बार संजय ने कैसे आपको प्रपोज किया था? टीना- अबे, ये कोई लव वाला मामला नहीं है जो वो मुझे प्रपोज करेगा समझी? सुमन- अच्छा जो भी मामला है आपकी पहली चुदाई कैसे की थी संजय ने, वो तो मुझे आप बता सकती हो ना? टीना- बता सकती हूँ मेरी जान, मगर आज नहीं जब मेरे पीरियड ख़त्म होंगे तब बताऊंगी.
मेरे प्यारे साथियो, आप मेरी इस देसी चुत की कहानी पर कमेंट्स कर सकते हैं.. [email protected] देसी चुत की कहानी जारी है.
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