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अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि मोना काका से अपनी गांड मरवा रही थी और राजू राधा की चुत पेलने में लग गया था।
राजू आगे कुछ बोलता तभी मोना जोर से बोली- नहीं राजू आह… मत निकालो आह… मुझे तेरा लंड आह… चूसना है आह… मेरे मुँह में आह… अपना पानी निकाल देना।
राजू ने मोना की सेक्सी फ़रियाद सुनते ही झट से लंड बाहर निकाल लिया और बिजली की तेज़ी से सामने जाकर मोना के मुँह में लंड घुसा दिया। इधर मोना भी भूखी कुतिया थी… उसने फट से लंड को पूरा मुँह में भर लिया और चूसने लगी। उसी पल राजू के लंड में से वीर्य बाहर आ गया… जिसे वो पूरा गटक गई।
राजू- आह आह… भाभी, ओफ आह… मज़ा आ गया… चलो अब पूरा लंड चाट लो।
इधर बेचारी राधा अधूरी रह गई थी… वो सिसकती हुई काका से बोली कि मेरी चुत का अब क्या होगा… इसकी आग कैसे मिटेगी। काका तो जैसे चूतों के गुलाम थे, फट से उन्होंने मोना की चुत से लंड निकाला और राधा की कसी हुई चुत में घुसा दिया। राधा- आआ मर गई रे आह… कितना बड़ा है आह… दूसरी बार गया आह… फिर भी सस्स मेरी आह… आ जान निकाल दी ओफ…
काका स्पीड से लंड को अन्दर-बाहर करने लगे। इधर राधा भी गांड हिला-हिला कर उनका साथ देने लगी।
काका कभी मोना की चुत में लंड घुसेड़ते… कभी राधा की चुत में, इस तरह एक अलग ही सीन देखने को मिल रहा था और इस घमसान चुदाई का अंत अब करीब था।
मोना- आह जोर करो… उफ़फ्फ़ आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं गई आह… काका फास्ट ऊउउ आआ ससस्स और तेज आह…
काका ने मोना को रेल बना दिया और वो झड़ गई। इतने में काका ने राधा की चुत में लंड घुसा दिया… वो भी झड़ने के करीब थी। उसके मुँह से अजीब सी आवाजें निकल रही थीं। राधा- उननम उम्म्म आह सस्स आह… काका आह मर गई आह… उईईइ उईईइ जोर से क्क्क…करो आह कककक काका और आह जोर से।
राधा भी निढाल हो गई, उसकी चुत का झरना भी बह गया मगर काका का लावा अभी फूटना बाकी थी। जैसे ही राधा ठंडी हुई, काका ने मोना की गांड में जोर से झटका मारा, जिससे वो पेट के बल गिर गई और लंड गांड की जड़ तक फिट हो गया।
मोना- हाययई काका मार दिया आहह उफ़फ्फ़ आह… करो आह… अब गांड की भी आह ठुकाई करो आह ससस्स आह… काका आज इसको भी आह… आ अपने पानी से आह… ठंडा कर दो। काका ने पूरी ताक़त लगा दी और कमर को तेज़ी से हिलाने लगे। उनके लंड से वीर्य की बौछार शुरू हो गई और मोना की जलती गांड को काका के रस ने थोड़ा सुकून दे दिया। अब तूफान थम गया था… सब अपनी अपनी साँसों को काबू में लाने की कोशिश कर रहे थे।
राजू- काका आप तो पूरी रात ऐसे ही इन दोनों को चोदने में मगन रहोगे मगर मेरी अब हिम्मत नहीं है, मैं जाकर सो जाता हूँ। राधा- नहीं देवर जी… आप चले जाओगे तो मैं वापस कैसे आऊंगी और माँ जी उठ गईं तो? काका- अरे राधा, तेरी सास तो वैसे भी बीमार है। वो अपने बेटे के गम में बेसुध पड़ी रहती है, उसको कहाँ होश कि कौन कहाँ है और तेरा ससुर शराबी… वो भाई के साथ खेतों में ही रात भर काम करता है, दिन में शराब पीकर पड़ा रहता है। तू चिंता मत… बस अपनी चुत की आग अच्छे से बुझा ले। मैं तुझे छज्जे से उतार दूँगा।
काका की बात राधा को समझ आ गई थी, वो मान गई और राजू वहाँ से चला गया।
मोना- काका कल या परसों मुझे भी जाना होगा। वहाँ गोपाल को खाने की दिक्कत हो रही है, शाम को माँ जी बता रही थीं कि बाहर खा-खा कर वो बीमार हो गया है। काका- अरे तो तू चिंता मत कर… चली जाना… दो दिन में तो मैं तेरी अच्छी तरह चुदाई करके तेरी सारी कमियों को दूर कर दूँगा। मोना- बात वो नहीं है काका… आपके लंड का स्वाद अब भुलाए नहीं भूल सकती, वहाँ जाकर गोपाल तो वैसे ही नाटक करेगा, फिर मेरी प्यास कौन मिटाएगा? काका- अरे मैं हूँ ना… अच्छा सुन कुछ दिनों बाद में किसी बहाने शहर आ जाऊंगा और तेरे पास रहकर तेरी प्यास मिटा दूँगा। मोना- ओह… काका आप कितने अच्छे हो आई लव यू काका उम्म्म्म…
मोना ने एक लंबा किस काका को किया… जिसे देख कर राधा सिहर गई, उसके बदन में करंट दौड़ने लगा।
राधा- सस्स काका सच में आप असली मर्द हो… इस उमर में भी आप दो को संतुष्ट कर रहे हो… ये बहुत बड़ी बात है। काका- अरे बचपन से ही मुझे कसरत करना और खाना-पीना पसंद था मगर ऐसा वैसा खाना नहीं… ताक़त वाली चीजें और सबसे ज़्यादा मैं चना ख़ाता था उसी से ये ताक़त मुझे मिली है। मोना- इसी लिए आप का लंड घोड़े जैसा हो गया और ताक़त भी वैसी ही आ गई है। काका- हाँ मोना रानी ये सब उसी का कमाल है… अच्छा राधा एक बात तो बता, राजू ने तुझे उंगली करते देखा था, तूने तो कभी चुदाई की भी नहीं फिर तेरे अन्दर ये आग कैसे लगी? तू इतनी गर्म कैसे हुई… कहीं पहले क्या तेरे गाँव में किसी ने तुझे कुछ किया था?
काका की बात सुनकर राधा मुस्कुराने लगी। फिर काका ने जोर देकर कहा कि शर्मा मत… जो बात है बता दे।
राधा- बचपन में तो ब्याह हो गया था तब कुछ पता नहीं था। जब बड़ी हुई तो सखियों ने अपने चुदाई के किस्से सुनाने शुरू किए, तब शुरू में तो सब गंदा लगता था… मगर धीरे-धीरे अच्छा लगने लगा। मेरी भी चुत गीली होती मगर मैंने सोचा जल्दी ससुराल जाऊंगी तो सारा मज़ा वहीं ले लूँगी। बस ये सोचकर गाँव में कुछ नहीं किया। मोना- यार तेरी कहानी भी मेरी जैसी ही है, शादी के पहले मैंने भी कोई गलत काम नहीं किया था और शादी के बाद शुरू-शुरू में तो बहुत मज़ा आया मगर धीरे-धीरे सब खत्म हो गया। काका अगर आप ना मिलते तो पता नहीं मेरा क्या होता। काका- अरे होना क्या था… ये चुत की खुजली होती ही ऐसी है। अपने आप लंड को ढूंढ लेती है… समझी मेरी प्यारी बहू रानी… चल आजा तुम दोनों को साथ प्यार करता हूँ।
काका ने दोनों को बांहों में ले लिया और चूमा-चाटी शुरू हो गई।
दोस्तो बार-बार मैं आपको इनकी चुदाई की कहानी क्या बताऊँ, रात भर काका ने दोनों की मस्त चुदाई की। वो तो राधा की गांड भी मारना चाहते थे मगर राधा ने मना कर दिया कि फिर कभी मार लेना… आज बस चुत की आग शांत करो।
लगभग 4 बजे राधा थक के चूर हो गई तो काका ने उसे घर भेज दिया उसके बाद वो दोनों भी नीचे जाकर सो गए।
दोस्तो एक-एक करके रात को सबने कुछ ना कुछ कांड किया, फिर सो गए। तो चलो लाइन से सबको हम उठा भी देते हैं।
रात को सुमन ने जो पानी निकाला था वो उसके लिए एक अजीब सा नशा बन गया। टाइम पर उठने वाली सुमन आज बेसुध पड़ी थी।
गुलशन जी- अरे हेमा कहाँ हो भाई चाय ले आओ और ये अपनी सुमन कहाँ है? हेमा- वो सो रही है जी… अभी उठाती हूँ। गुलशन- ये इसको क्या हो गया है आजकल बड़ी देर तक सोती है? हेमा- बेचारी रात देर तक पढ़ रही थी ना… मेरा फ़ोन लिया था कोई नेट से सवाल निकालने के लिए… इसी लिए आँख नहीं खुली होगी।
गुलशन- अच्छा ये बात है ये फ़ोन का क्या माजरा है… नेट से कौन से सवाल निकालते हैं… कहीं किसी से बात तो नहीं कर रही थी ना? हेमा- आप भी बहुत शक करते हो जी, हमारी सुमन ऐसी है क्या? गुलशन- पता है… वो ऐसी नहीं है मगर आजकल के हालत ठीक नहीं… तुम तो जानती हो दूध का जला छाछ भी फूँक कर पीता है। हेमा- वो तो सही है जी… जो होना था हो गया… बरसों पुरानी बात को आप कहाँ लेकर बैठ गए, उसे जाना था वो चली गई।
सुमन की आँख खुल गई थी… वो अंगड़ाई लेके उठी और रात की बात याद करके सिहर गई। फिर फ्रेश होकर बाहर आई। तब ये बातें चल रही थीं जिसे उसने सुन लिया।
सुमन- गुड मॉर्निंग पापा गुड मॉर्निंग माँ सॉरी मैं लेट हो गई। गुलशन- कोई बात नहीं बेटा, आ जा मेरे पास आ, मेरी लाड़ली कैसी है? सुमन- मैं ठीक हूँ पापा, किसकी बात कर रहे थे आप… कौन चली गई? हेमा- किसी की नहीं… तू जल्दी कर… कॉलेज के लिए देर हो जाएगी।
सुमन के सवाल ने दोनों को परेशान कर दिया। जब वो किचन में गई तो हेमा ने कहा- आप क्यों उस बात को दोहराते हो? सुमन को पता लग गया तो वो ज़रूर सवाल करेगी। गुलशन- अच्छा नहीं करता… चलो मैं निकलता हूँ… मुझे देर हो गई। गुलशन जी निकल गए… इधर सुमन भी नाश्ता करने लगी।
चलो अब फ्लॉरा को भी उठा दो।
रात की पलंग तोड़ चुदाई के बाद फ्लॉरा को नींद तो मस्त आनी ही थी मगर साथ में उसको बुखार भी हो गया था। उसका पूरा जिस्म दर्द कर रहा था। उसकी मॉम ने उसको जगाया मगर वो नहीं उठी। फिर उन्होंने देखा वो बुखार से तप रही है तो उन्होंने अपनी पति को बताना ठीक समझा।
ममता- जॉय जॉय… कहाँ हो सुनो तो! जॉय- क्या हुआ ममता डार्लिंग… सुबह सुबह क्यों चिल्ला रही हो? ममता- वो आपकी लाड़ली बुखार में जल रही है… मैंने कितना उठाया, उठ भी नहीं रही। अब आप ही उसे उठाओ और अपने साथ डॉक्टर के पास ले जाओ। जॉय- अरे मैंने रात को बताया था ना… मुझे अर्जेंट काम है और जल्दी जाना है। ममता- आप बस काम-काम करते रहना, इकलौती बेटी रात को पीकर आए आपको कोई फ़र्क नहीं पड़ता… देखना ऐसे ही चला तो किसी दिन कोई बड़ी बात हो जाएगी। जॉय- तुम दिन पे दिन चिड़चिड़ी होती जा रही हो। मैं जानता हूँ तुम बस यही सोचती हो कि ये तुम्हारी तरह किसी के साथ चली ना जाए। ममता- हाँ यही सोचती हूँ… एक ही बेटी है मेरी… ये चली गई तो मैं मर ही जाऊंगी। जॉय- अरे कुछ नहीं होगा… हम ऐसी नौबत ही नहीं आने देंगे, तुम्हारे पापा की तरह में जिद्दी नहीं हूँ जो अपनी बेटी की ख़ुशी के आड़े आऊंगा। ये जिससे कहेगी हम शादी करवा देंगे, तो ये हमें छोड़कर क्यों कहीं जाएगी?
दोस्तो, मेरी इस सेक्स स्टोरी पर आप मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें। [email protected] कहानी जारी है।
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