This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मैं इसी उधेड़बुन में थी कि जोसफ मेरे साथ कल क्या करने वाला हैं। उसकी नजर तो पहली मुलाक़ात में ही मेरे शरीर पर थी। क्या वो मेरा फायदा उठाने की कोशिश करेगा। मुझे शायद राहुल की बात मान लेनी चाहिए थी।
पर मैं इतना स्वार्थी नहीं हो सकती। डील टूटने से हमारी कंपनी को अगले एक साल से भी ज्यादा मुसीबत झेलनी पड़ेगी और सबकी मेहनत जाया होगी। अब शायद मेरे त्याग की बारी थी। मुझे ही जोसफ को संभालना था।
मैं सीधा घर लौटने लगी। रास्ते में अशोक का फ़ोन आया कि वो अपनी माँ के घर जा रहा हैं बच्चे को लेने। आठ बजे तक घर आ जाएगा। मैंने कुछ सोचा और घर पहुंचने से पहले मैं सुपर स्टोर गयी। किसी मुश्किल परिस्तिथि के लिए मुझे एक प्रयोग करना था।
मैंने अलग अलग साइज की ककड़िया खरीदी। शादी के कुछ समय बाद ही एक बार मजाक मजाक में मैंने अशोक के लंड को एक नापने के फीते से मापा था। उसका लंड पांच इंच लंबा और चारो तरफ से मोटाई चार इंच की थी ।
उसका लंड कई बार हाथ में लिया था तो नाप पता था, उसी आधार पर मैंने कुछ ककड़िया हाथ से नाप नाप कर खरीदी। ये अंदाज़ा लगाते हुए कि जोसफ का लंड कितना बड़ा हो सकता हैं। मैंने तीन अलग अलग मोटाई और मिलती हुई लंबाई की ककड़िया खरीद ली। जितनी ककड़ी की मोटाई थी उसके अनुपात में मैंने ककड़ी की लंबाई भी एक इंच ज्यादा रखी थी।
घर पहुंच कर मैंने कपड़े बदले और सोचने लगी जोसफ को कैसे संभालूंगी। अत्यंत विकट क्या होगा, जोसफ मुझे चोदना चाहेगा। हालांकि मैंने कसम खायी थी कि अब मैं ऐसे काम नहीं करूंगी पर मैं उससे चुदवा लुंगी, मेरी वजह से राहुल जैसे सच्चे इंसान को नुक्सान नहीं होना चाहिए।
मैं ककड़िया लेकर बैडरूम में आ गयी। मुझे जोसफ के लिए तैयार रहना था। मैंने अपना स्लीप शार्ट और पैंटी उतार नीचे से नंगी हो गयी और बिस्तर पर बैठ गयी।
पहले मैंने पांच इंच मोटी और छच इंच लंबी ककड़ी उठाई और अपने दोनों टांगो के बीच रख अपनी चूत में घुसाना शुरू किया। उस दिन जोसफ के बॉक्सर में से हिलता हुआ उसका जो नरम पड़ा लंड देखा था इस हिसाब से तो ये ककड़ी पतली ही थी पर मैं धीरे धीरे मोटाई को बढ़ाना चाहती थी।
मेरी चूत ने ज्यादा बिना परेशानी के थोड़ा बहुत एडजस्ट करते हुए ककड़ी को अपने अंदर ले लिया। चार इंच ककड़ी अंदर जाने तक ठीक था। फिर जैसे जैसे मैं अंदर डालने लगी मुझे अहसास हुआ कि अब मुश्किल होता जा रहा हैं। मैं थोड़ा हाथों का जोर लगाते हुए उसे अंदर डालती रही।
छह इंच ककड़ी अंदर जाने के बाद मुझे अब उसे अंदर बाहर कर देखना था। मैंने ककड़ी धीरे धीरे बाहर निकाल ली। ककड़ी मेरी अंदर के पानी से गीली होकर चिकनी हो गयी। हल्का जोर लगाते हुए वो ककड़ी एक बार फिर आराम से अंदर चली गयी। दो चार बार मैंने उसको अंदर बाहर कर अभ्यास कर लिया।
अब बारी थी उससे बड़ी, छह इंच मोटी और सात इंच लंबी ककड़ी की। उसको देख लगा शायद ये ही जोसफ के लंड की मोटाई होगी। इसे सहन कर लिया तो जोसफ को भी सह लुंगी। मैंने उसको अंदर डालना चाहा पर दो इंच के बाद ही वो ककड़ी अटक गयी . मैंने थोड़ा और जोर लगा घुमा घुमा कर अंदर घुसाने की कोशिश की पर एक इंच ही और अंदर गयी।
मैंने उसको बाहर निकाला और उठ कर थोड़ा लुब्रीकेंट ले आयी। वापिस बिस्तर पर बैठ कर मैंने ककड़ी पर वो लुब्रीकेंट लगाया और उसको मेरी चूत में घुसाना शुरू किया। थोड़ा जोर लगाना पड़ा और घुमा घुमा कर एक हलके दर्द के साथ अंदर उतरने लगी। दर्द के मारे मेरी हलकी सिसकी भी निकल रही थी और मैंने उसे चार पांच इंच चूत में उतार दिया।
उसको अब अंदर बाहर करना मुश्किल भरा होने वाला था। पर करना तो था, वरना कल मुश्किल होने वाली थी। वो ककड़ी जैसे मेरी चूत में अच्छे से फंस गयी थी, मैंने उसको धीरे धीरे दर्द से कराहते हुए खिंच कर बाहर निकाला।
फिर उतनी ही मेहनत से मैंने उसे फिर अंदर डाल तीन चार बार अंदर बाहर किया। वो बड़ी मुश्किल से अटकते अटकते अंदर बाहर हुई थी। धीरे धीरे अटक कर अंदर बाहर जाने से मजा तो इतना नहीं आ रहा था पर दर्द जरूर हो रहा था।
तीसरी ककड़ी की मोटाई को देख मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी। सोचा इतना मोटा तो किसी का भी हो नहीं सकता। वो सात इंच मोटी और आठ नौ इंच लंबी ककड़ी थी। पर फिर सोचा अगर सचमुच उस राक्षस रूपी जोसफ का इतना मोटा हुआ तो। अभी प्रैक्टिस करके देख लेती हु, ताकि उसके लंड की मोटाई को देखकर मैं निर्णय ले पाऊ कि मुझे मना करना हैं या नहीं।
उस ककड़ी पर भी मैंने लुब्रीकेंट अच्छे से मला। उसके आगे का पतला हिस्सा ही अंदर जा पाया। मैंने अपने पाँव और चौड़े कर लिए पर फिर भी वो ककड़ी अंदर गयी ही नहीं।
मैं अब घुटनो के बल बैठ अपने पाव चौड़े कर बैठ गयी और ककड़ी को अपनी चूत के छेद पर अटका दिया। ककड़ी बिस्तर और चूत के बीच लंबी खड़ी थी। मैंने अब अपने शरीर को नीचे बैठाते हुए ककड़ी को अपनी चूत में घुसाना शुरू किया।
मैं दर्द से चीखने लगी और ककड़ी को धीरे धीरे अपनी चूत में घुसाती रही। दो इंच अंदर घुसने के बाद ही मेरी हालत ख़राब होने लगी और मैं रुक गयी। ये मेरे बस का नहीं था। मैं पसीना पसीना हो गयी थी।
मेरी चूत दर्द के मारे बुरी तरह से फड़क रही थी। मैंने वो ककड़ी बाहर निकालना चाहा पर वो तो जैसे अटक ही गयी। मैंने जोर लगा के खिंचा पर नहीं निकली। मैं बुरी तरह से फंस गयी। अब ये ककड़ी क्या अशोक आकर निकालेगा।
अशोक मुझसे पूछेगा ककड़ी क्यों डाली तो क्या बोलूंगी। राहुल को मदद के लिए बुला लू , उसे तो सब पता हैं जोसफ के बारे में। फिर सोचा मैं राहुल के सामने अपनी चूत कैसे दिखा सकती हु।
मैं एक बार फिर जुट गयी उस फंसी हुई ककड़ी को निकालने में। उसका दाए बाए , ऊपर नीचे कर और फिर घुमा घुमा कर धीरे धीरे कर कुछ मिनटों की मेहनत से बाहर निकाल ही लिया।
मेरी चूत में रह रह कर दर्द हो रहा था तो मैंने दर्द निवारक गोली ली जिससे थोड़ी राहत मिली।
मुझे पता था कि मैं कितना मोटा लंड ले सकती हूँ। कल मुझे क्या निर्णय लेना हैं ये आसान हो गया था। वो ककड़िया डस्टबिन में फेंक दी। अब अगली निर्णायक सुबह का इंतजार था। रात को मेरे सपने में जोसफ के बॉक्सर में लटकता उसका बड़ा सा लंड ही दिखाई दे मुझे डराता रहा।
सुबह ऑफिस जाने से पहले मुझे जोसफ के होटल रूम पर पहुंचना था। मैंने एक ड्रेस ज्यादा ले अपने बेग में डाल दी। अगर जोसफ के साथ कुछ करते वक़्त कपडे ख़राब भी हो गए तो दूसरे काम आएंगे। दर्दनिवारक गोली भी साथ में रख ली।
होटल में आने वाली हर परिस्तिथि के लिए मैं तैयार थी। होटल रूम के दरवाजे पर दस्तक दी। जोसफ ने दरवाजा खोला, वो एक बार फिर सिर्फ बॉक्सर में खड़ा था। उसके मांसल वाले शरीर को देख मैं एक बार फिर डर गयी। मुझे अंदर ले उसने दरवाजा बंद किया। दरवाजा बंद कर वो मेरी तरफ बढ़ने लगा और एक डर की लहर मेरे पुरे शरीर में दौड़ गयी।
जोसफ: “आर यू रेडी, शो मी ”
मैंने अपना बेग साइड में रख अपना हाथ अपने शर्ट के बटन पर रख खोलना चाहा।
फिर याद आया मैं कुछ जल्दबाजी कर रही हूँ। अपना हाथ फिर नीचे करते हुए उससे पूछा।
मैं: “क्या दिखाऊ? ”
जोसफ: “सबूत दिखाओ । साबित करो कि जैक के साथ तुम्हारा निजी मसला था, तुम्हारी कंपनी की चाल नहीं थी। ”
मैं:” मैं बोल तो रही हु, मेरा यकीन करो। अब कैसे साबित करूँ? तुम ही बताओ।”
जोसफ: “राहुल को नहीं पता था कि तुम जैक के साथ क्या करने वाली थी?”
मुझे झूठ बोलना पड़ा, हालांकि राहुल को मैंने सब बताया था।
मैं: “नहीं, राहुल को मेरे और जैक के बारे में कुछ पता नहीं। ”
जोसफ: “तो ये सारा आईडिया तुम्हारा था, जैक के साथ चुदवा के तुम्हे क्या लगा तुम्हे डील मिल जाएगी और राहुल खुश होकर तुम्हे तरक्की दे देगा।”
राहुल सही कह रहा था, ये जोसफ कूटनीति के मामले में बहुत तेज था। मगर था तो गलत ही।
जोसफ: “देखो अगर मैंने सैंड्रा को बोल दिया तुम्हारे बारे में तो तुम्हारी डील तो नहीं हो पाएगी। राहुल को पता चलेगा तुम्हारी वजह से डील गयी तो वो तुम्हे नौकरी से निकाल देगा ।”
मैं: “मुझे अपनी नौकरी की चिंता नहीं, मेरी वजह से मेरी कम्पनी को नुक्सान ना हो बस । ”
जोसफ: “ठीक हैं मैं नहीं बोलूंगा सैंड्रा को, तुम मुझे चोदने दो।”
मैं तो वैसे भी ये सोच कर आयी थी कि वो ज्यादा से ज्यादा मेरे साथ चोदने की मांग रखेगा। मैं मानसिक तौर पर तो वैसे भी तैयार होकर आयी थी। शारीरिक तौर पर तैयार होने का निर्णय उसके लंड के दर्शन के बाद ही ले पाऊँगी।
मुझे अपनी शपथ तोड़ कर एक गैर मर्द के साथ सोने का फैसला लेना ही था। मैं इतने लोगो की मेहनत ख़ास तौर से राहुल की मेहनत को ख़राब नहीं करना चाहती थी। राहुल ही वो था जिसने मेरी बुरे वक़्त में मदद की थी मुझे अपने पैरो पर खड़ा करने में।
मैं: “ओके, मैं तैयार हु, पर वादा करो सैंड्रा को मेरे और जैक के बारे में नहीं बताओगे और हम दोनों के बीच जो कुछ भी होने वाला हैं वो किसी को नहीं बताओगे। ”
जोसफ: “ठीक हैं वादा करता हूँ। खोलो अपने कपडे।”
पढ़ते रहिये कहानी आगे जारी रहेगी!
[email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000