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अब तक की सेक्स स्टोरी में आप सभी ने पढ़ा था कि सुमन ने संजय के ग्रुप से हाथ मिला लिया था ताकि वो रैगिंग से बच सके। अब आगे..
टीना- संजू ये क्या नया फंडा है.. आज तक ऐसा नहीं हुआ कि हम किसी को बिना रैंगिंग के जाने दें और दूसरी बात उसको ग्रुप में शामिल भी कर लिया, ये बात कुछ समझ नहीं आ रही? संजय- मेरी जान इसी लिए तो आई एम द ग्रेट संजय.. अभी जो कहूँ.. सब के सब वो करो, बाकी बाद में सबको ये फंडा भी समझा दूँगा। वीरू- संजय भाई, कहीं साली तेरे पे दिल तो नहीं आ गया ना? टीना- अगर ऐसा हुआ तो जान से मार दूँगी उस कुतिया को.. संजय सिर्फ़ मेरा है और मेरा ही रहेगा हा हा हा हा.. टीना के साथ-साथ सब हंसने लगे।
साहिल- टीना ये क्या फिल्मी डायलॉग मार रही थी तू? टीना- अरे मजाक यार.. हाँ मानती हूँ मैं संजय को पसंद करती हूँ मगर उसकी वजह क्या है ये तो सब को पता ही है। अब ये उसको चोद कर छोड़ दे या प्यार करे.. आई डोंट केयर। अजय- ही ही टीना.. ऐसी बात मत कर यार, मेरी तो पैन्ट में हलचल शुरू हो जाती है। टीना- अबे चल साले चूतिये.. मूंगफली जितना तो लंड है तेरा.. उसमें क्या हलचल होगी। साहिल- टीना तू तो साली पक्की रंडी है. जब देखो चुत और लंड की बातें लेकर बैठ जाती है। टीना- अबे चुप साले बहनचोद मुझे ज़्यादा ज्ञान मत दे.. जब तू चुदाई करता है मेरी तब तो बड़ा प्यार जताता है साला अब मुझे रंडी बोल रहा है!
वीरू- अरे यार आपस में झगड़ा मत करो, वैसे टीना चुदाई के वक़्त तो तू खुद कहती है मुझे गालियाँ दो.. रंडी कहो और अभी चिढ़ रही हो। टीना- अबे वो टाइम बात कुछ और होती है और अभी कोई सुन लेगा तो क्या कहेगा.. समझा! विक्की- यार, इस सबको गोली मारो और टीना तुमने जो ग्रुप सेक्स का वादा किया था.. उसका क्या हुआ? टीना- सालों, सबके लंड लेकर मैंने देख लिया है। अब एक साथ सब करोगे तो मेरी हालत पतली हो जाएगी और वैसे भी इस पिद्दी को छोड़ के तुम चारों के लंड बड़े पॉवर वाले हैं, ना बाबा मुझे अपनी चुत फड़वानी है क्या?
अजय- चुत तो तेरी तभी फट गई थी जब संजय ने तुझे पहली बार चोदा था अब कैसा डर..? मान जा ना मज़ा आएगा यार! टीना- सालों बहुत बड़े चूतखोर हो सब के सब.. मैंने कितनी लड़कियों की सील तुम सब से तुड़वाई है, ये सब भूल गए क्या जो अब मेरे पीछे पड़े हो? संजय- अरे अब सबका इतना मन है तो मन जा.. एक-एक करके चुदवाए या एक साथ.. क्या फ़र्क पड़ता है? टीना- अच्छा बाबा, ठीक है.. मान गई बस मगर कोई अच्छी सी जगह का इंतजाम कर लो.. साथ में फुल बियर का भी इंतजाम हो तभी मज़ा आएगा।
संजय ने ‘हाँ’ कह दी, तो सबके सब खुश हो गए।
दोस्तो, टेंशन मत लो, ये टीना सच में रंडी टाइप की है, ये संजय की गर्लफ्रेंड जरूर है.. मगर ना जाने आज तक कितने लंड ले चुकी है, इसलिए इनको जाने दो.. आगे की कहानी देखो।
टीना- यार संजय प्लीज़.. अब तो बता दे तेरा ये सुमन के साथ क्या करने का इरादा है? संजय- यार मैंने आज तक इतनी सीधी-साधी लड़की नहीं देखी वो भी यहाँ मुंबई में, इसकी सादगी और हुस्न की मिलावट को मैंने गौर से देखा है, मेरा तो इसको बस देखते रहने का मन किया। विक्की- क्या बात है प्यार-व्यार हो गया क्या तुझे हाँ..?
वीरू- अरे काहे का प्यार.. सीधे अल्फ़ाज़ में बोल ना उसको चोदना चाहता है। संजय- अबे चुप सालों.. ऐसी कमसिन कली को चोदना कौन नहीं चाहेगा? मगर ये साथ दे तो ज़्यादा मज़ा आएगा.. मगर इसको देख कर तुम लोगों को क्या लगता है कि ये साथ दे पाएगी? टीना- अरे क्यों नहीं देगी? जब 4 पैग अन्दर जाएंगे.. साली रंडी बन जाएगी.. उसके बाद चुत चुदाई का पूरा मज़ा देगी।
संजय- नहीं.. यही तो मैं नहीं चाहता कि ये किसी नशे का शिकार होकर मज़ा दे, तुम ज़रा सोचो ऐसी भोली लड़की.. जिसको अपना साइज़ तक पता ना हो, अगर वो अपने मन से खुलकर सेक्स करें तो बड़ी-बड़ी रंडियों को पीछे छोड़ देगी.. क्योंकि इतने सालों जो शराफत का परदा ओढ़ रखा था, वो हट जाएगा और उसके अन्दर की रंडी बाहर आ जाएगी।
टीना- इसका मतलब तुमने कुछ सोच लिया है.. तभी उसको ग्रुप में शामिल किया है। संजय ने ‘हाँ’ में गर्दन हिलाई और अपना प्लान उन सबको बताया, जिसे सुनकर सबके चेहरे पे ख़ुशी आ गई। अजय- यार उसके चूचे बड़े प्यारे हैं… क्या समोसे से नुकीले तने हैं.. बस सबसे पहले में उनकी नोकों को अपने होंठों के बीच दबाना चाहूँगा। साहिल- अबे चुप.. सारा दिन एक ही बात.. चलो अन्दर वो हरामी वर्मा सर की क्लास है आज।
साहिल की बात सुनकर सब वहाँ से चले गए.. तो अब हम क्यों इनके साथ जाएं.. चलो आगे बढ़ते हैं।
उधर दोपहर तक गोपाल सुकून की नींद सोता रहा, तब तक मोना ने भी अपने आपको संभाल लिया था और खाना बना कर फ्री हो गई थी। मोना ने गोपाल को उठाया और खुद टीवी देखने बैठ गई।
तकरीबन आधा घंटा बाद गोपाल फ्रेश होकर आया और मोना को पीछे से बांहों में जकड़ लिया। मोना- ये क्या है गोपाल.. जब करना होता है तुम करते नहीं, चलो खाना खा लो, नहीं तो ठंडा हो जाएगा। गोपाल- अरे ऐसे कैसे.. मेरी बीवी तो इतनी गर्म है और मुझे खाने के लिए बोल रही है। मेरी जान अभी खाने के बाद कोई दूसरा काम नहीं.. बस आज तेरी सारी शिकायत दूर कर दूँगा.. इतना चोदूंगा.. इतना चोदूंगा कि दो दिन तक तुम खुद ना ना कहोगी। मोना- रियली तुम ऐसा करोगे..! तो फिर जल्दी से खाना खा लो ना।
मोना बेचारी सीधी-साधी.. गोपाल की बात सुनकर पिघल गई, उसका गुस्सा न जाने कहाँ का कहाँ चला गया.. उसके बाद दोनों ने अच्छी तरह से लंच किया और टीवी के सामने बैठे एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे।
गोपाल- क्यों जानेमन, अब क्या इरादा है.. खाना तो हो गया अब अपनी रसीली चुत का रस भी पिला दे। मोना- आ जाओ मेरे गोपू.. किसने रोका है मुझसे भी अब इन्तजार नहीं होता।
इतना कहकर मोना कमरे में गांड मटकाती हुई चली गई। उसके पीछे-पीछे गोपाल भी अन्दर आ गया और उसको बिस्तर पर लेटा कर उसके जिस्म को दबोचने लग गया।
मोना भी वासना से भरी हुई थी, वो भी पागलों की तरह गोपाल को किस करने लगी।
करीब 5 मिनट तक दोनों एक-दूसरे को चूमते-चाटते रहे, इस दौरान गोपाल ने मोना को नंगी कर दिया था और उसके निप्पल चूस रहा था। मोना- आह.. आ अइ गोपू आह.. अब बस भी करो आह.. पहले मेरी चुत को शांत करो आह.. उसके बाद जितना मर्ज़ी मज़े ले लेना।
गोपाल कुछ बोलता या करता, तभी उसके फ़ोन की रिंग कमरे में गूंजने लग गई.. उसका ध्यान फ़ोन की तरफ़ गया तो मोना ने उसको मना किया। गोपाल- अरे एक मिनट रूको तो शायद बॉस का फ़ोन हो। मोना- आह.. प्लीज़ गोपाल आह.. मत उठाओ उफ़ मेरी चुत जल रही है आह..
गोपाल ने मोना की एक नहीं सुनी और फ़ोन उठा लिया और बातें करता हुआ थोड़ा टेंशन में आ गया। कुछ देर गोपाल ने फ़ोन पर बात की उसके बाद मोना की तरफ़ देखने लगा। मोना- क्या हुआ गोपाल सब ठीक तो है ना.. तुम इतने टेंशन में क्यों आ गए हो बताओ ना प्लीज़? गोपाल- गाँव से फ़ोन था.. दादा जी नहीं रहे.. हमें आज रात ही गाँव जाना होगा।
यह बात सुनकर मोना की तो हालत पतली हो गई, कहाँ तो उस पर सेक्स का खुमार चढ़ा हुआ था और कहाँ ये बुरी खबर सुनने को मिली। मोना खड़ी हुई और गोपाल के पास आकर उसके चेहरे को देखने लगी।
गोपाल- मोना प्लीज़ अब ये मत कहना की मेरी चुत को शांत करो.. मेरा ये सब करने का अब बिल्कुल मूड नहीं है और मुझे अभी बॉस के घर जाना होगा, कुछ दिनों की छुट्टी लेनी होगी। मोना- गोपाल तुम ये कैसी बातें कर रहे हो.. ऐसी बात सुनकर मैं ये सब कहूँगी क्या.. हाँ! तुमने मुझे क्या समझ रखा है? गोपाल- देखो मोना मेरा दिमाग़ मत खराब करो.. वैसे भी दिन पे दिन तुम्हारी चुदाई की भूख बढ़ती जा रही है.. एक रंडी की तरह तुम हरकतें कर रही हो।
गोपाल ने गुस्से में जो कहा उसे सुनकर मोना का पारा सर पर चढ़ गया। एक तो वैसे ही सेक्स उसके दिमाग़ में चढ़ा हुआ था.. ऊपर से ये बातें उसको बहुत बुरी लगीं। वो गोपाल से बुरी तरह झगड़ने लग गई और गोपाल भी गुस्से में था, तो उसने भी ना जाने क्या से क्या बोल दिया। उसके बाद कपड़े पहने और घर से बाहर निकल गया।
मोना वहीं बैठी देर तक रोती रही।
मोना का रोना-धोना क्या देखना चलो सेक्स स्टोरी के दूसरी तरफ देखते हैं।
दोस्तो, सुमन अब उनके ग्रुप में शामिल हो गई थी। अब रोज उनके साथ उठना बैठना, बातें करना और कभी-कभी नए स्टूडेंट की रैंगिंग करना, ये सब उनके बीच चलने लगा और ऐसे ही कुछ दिन निकल गए।
एक दिन कॉलेज की कैंटीन में सुमन उन सबके साथ बैठी हुई थी।
विक्की- यार टीना इतने दिन हो गए… मगर ये सुमन हमारे बीच घुल नहीं पा रही है, मैंने इसको मासूम लड़की समझ कर मौका दिया था इसकी रैंगिंग भी नहीं की थी.. मगर ये है कि हमारे साथ ठीक से पेश आती ही नहीं, अब तुम ही बताओ कि इसका क्या करें? वीरू- करना क्या है.. जितना मौका इसको देना था, हमने दे दिया। अब बस इसकी हार्ड रैंगिंग करनी होगी, ये हमारे ग्रुप के लायक नहीं है।
सुमन इस हमले के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। उसकी समझ में ही नहीं आया कि ये अचानक क्या हो गया। सुमन- ये आप क्या बोल रहे हो.. मैंने क्या किया? प्लीज़ आप मुझे ऐसे डराओ मत। संजय- सुमन ये तुम्हें डरा नहीं रहे.. सही बोल रहे हैं तुमने वादा किया था तुम हम जैसी बिंदास बन जाओगी, मगर अभी तक तुम्हारे अन्दर एक भी बदलाव नहीं आया।
अब सुमन का क्या होगा.. चलिए सेक्स स्टोरी के अगले पार्ट में देखते हैं।
प्लीज़ आपके मेल भी मुझे अपनी इस स्टोरी पर मिलते रहने चाहिए। [email protected] कहानी जारी है।
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