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इस देवर भाभी सेक्स कहानी में आप पढ़िए कि कैसे मेरे सुडौल देवर ने मेरी चूत की चुदाई करके मेरी कामवासना शान्त की. अभी तक आपने मेरी पिछली कहानी कामुकता का इलाज, पड़ोसी से चुत चुदाई में पढ़ा कि कैसे मेरे पड़ोसी राज ने रात में मेरे घर आकर मेरी चूत की चुदाई की. मेरे पापा मम्मी को शायद इस बात की भनक पड़ गई और इसी चिंता को लेकर उन्होंने मेरी शादी करवा दी. मेरी शादी एक बड़ी कम्पनी के मैनेजर से हुई जिसका नाम अविनाश था. शादी के पहले मुझे नहीं पता था कि मेरे पति को काम के सिलसिले में अधिकतर बाहर ही रहना पड़ता है। मेरी शादी हुई उसके बाद जब में ससुराल गई तो सब लोगों ने मेरा बहुत अच्छा स्वागत किया।
मेरे ससुराल में मेरे ससुरजी मेरे पति अविनाश और मेरा देवर आदी बस तीन लोग ही थे, एक साल पहले मेरी सासु माँ का देहांत हो गया था तो पूरे घर में मैं ही अकेली औरत थी. मेरे पति मेरे से बहुत प्यार करते थे सुहाग रात को उन्होंने मेरी खूब चुदाई की और हम 8-10 दिन बाद शहर चले गए। गांव में सिर्फ मेरे ससुर रहते थे, वो अच्छे हट्टे कट्टे इंसान थे और अकेले ही गांव पर अपना सारा काम खुद ही कर लेते थे।
मैं मेरा देवर आदी और मेरे पति अविनाश हम तीनों शहर आ गए। देवर कॉलेज में डॉक्टर की पढ़ाई करते थे और इस साल उनका फाइनल ईयर था तो हमारे ही साथ रहते थे।
जॉब के कारण मेरे पति को 25 दिन आउट ऑफ़ सिटी जाना पड़ता था, कभी कभी तो बॉस उनको अपने साथ विदेश भी ले जाते थे। शादी के पहले मुझे नहीं पता था कि मेरे पति को काम के सिलसिले में अधिकतर बाहर ही रहना पड़ता है। मेरी लाइफ फिर से बोरिंग होने लगी। पति बस 5 दिन मेरे साथ रहते और हम दोनों खूब एन्जॉय करते मगर 5 दिन बाद में फिर से 25 दिन के लिए अकेली हो जाती।
मेरे पति मेरे पति मुझसे बहुत प्यार करते थे तो जितने दिन भी वो मेरे साथ रहते थे एक पल भी मुझे अकेला नहीं छोड़ते थे। मुझे कोई दिक्कत ना हो इसके लिए उन्होंने मेरा बैंक अकाउंट खुलवा दिया और कहा- मैं इसमें हर महीने 25000 रूपये डाल दिया करूँगा, तुम्हें जो लेना हो, वो ले लेना! ये पैसे सिर्फ तुम्हारे खर्च के लिए होंगे, तुम इन पैसों को जहाँ भी खर्च करना चाहो कर देना। मैंने कहा- ठीक है, मगर मुझे तुम्हारे साथ टाइम बिताना है! पति ने कहा- यार, जितना टाइम दे सकता हूँ, उतना टाइम दे रहा हूँ, इससे ज्यादा नहीं दे पाऊँगा. मैंने कहा- आप सिर्फ 5 दिन मेरे साथ रहते हो और बाकी टाइम मुझे अकेली रहना पड़ता है। पति ने कहा- मैं इससे ज्यादा टाइम नहीं दे सकता! सॉरी बोल कर वो चले गए.
मुझे बहुत गुस्सा आया कि जिस इंसान के लिए मैंने सब कुछ छोड़ा था अब उसके पास मेरे लिए सिर्फ 5 दिन थे एक महीने में… मैंने सोच लिया कि मुझे अब अपनी ख़ुशी के लिए जो भी करना पड़े मैं करुँगी। मेरे अंदर फिर से वासना की आग भड़क गई और इसमें मेरे पति ने मुझे टाइम नहीं देने की बात करके घी डालने जैसा काम कर दिया था जिससे मेरी वासना की आग और भी ज्यादा भड़क गई। मैंने सोच लिया कि अब मुझे अपना अफेयर किसी और के साथ चलाना होगा जो मुझे शारीरिक सुख दे सके। लेकिन मुझे डर था की अगर मैं किसी बाहर वाले के साथ अफेयर चलती हूँ, और बाद मैं कोई दिक्कत हुई और उसने मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश की तो मैं क्या करुँगी। इसलिए मैंने सोचा की क्यों न अपने देवर को ही अपना बॉयफ्रेंड बना कर उसके साथ वो हर एक सुख भोगूं जो मैं अपने पति के साथ भोगना चाहती थी।
वैसे मेरा देवर भी कुछ कम नहीं था, अच्छी खासी बॉडी थी उसकी रोज जिम जाता था, 6 पैक ऐप थे उसके और दिखने में बहुत स्मार्ट था। मैंने अब मन बना लिया कि चाहे जो भी करना पड़े, मुझे मैं करुँगी और अपने देवर का लंड तो लेकर रहूंगी।
मेरे पति के जाने के बाद 25 दिन तक वो वापस नहीं आने वाले थे तो मैंने सोचा क्यों ना इन 25 दिनों में मैं अपने देवर को अपना दीवाना बना लूँ।
मैंने अपने कपड़े पहनने का ढंग बदला ताकि मेरा देवर मेरी तरफ आकर्षित हो, मैंने अपनी नाभि के 4 इंच नीचे अपनी साड़ी को बांधना शुरू कर दिया जिससे मेरी नाभि अब साफ़ साफ़ सबको दिखाई दे रही थी। मैंने स्लीवलेस और बैकलेस ब्लाउज़ पहनने शुरू कर दिए, स्लीवलेस ब्लाउज़ पहनने से मेरे कंधे तक के हाथ साफ साफ दिखाई देते और बैकलेस ब्लाउज़ पहनने से मेरी पूरी पीठ साफ दिखाई देती। बैकलेस ब्लाउज़ में सिर्फ 2 इंच की एक पट्टी लगी रहती जो सिर्फ मेरी ब्रा को ऊपर से ढक सके बाकि मेरी पूरी पीठ खुली हुई।
मैं बहुत ज्यादा टाइट ब्रा और ब्लाउज़ पहनने लगी जिससे मेरे बूब्स मेरी ब्रा और ब्लाउज़ से बाहर निकलने की कोशिश करते मुझे पता था कि मर्दों को कैसे अपनी तरफ आकर्षित किया जाये और मेरा ड्रेसिंग सेन्स भी बहुत अच्छा था तो मैं अब उस हिसाब से अपने आप को तैयार करने लगी.
लिपस्टिक ज्यादा डार्क वाली लगाने लगी और ज्यादा सजने संवरने लगी. कुछ दिन के अंदर ही मुझे पता चल गया कि मेरा देवर मुझे नोटिस करने लगा है। और मैं भी यही चाहती थी कि वो मुझे नोटिस करे.
मैंने देखा कई बार उसको अपना लंड एडजस्ट करते हुए… मैं समझ गई थी कि मेरा देवर अब मेरे बारे में सोचने लगा है।
एक दिन जब मैं किचन में खाना बना रही थी तो देवर ने पीछे से आकर मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे गाल पर और कान पर किस करने लगा। मैं पागल हो गई मगर मुझे इतनी जल्दी नहीं ये सब करना था… नहीं तो देवर को शक हो सकता था. मैंने आदी से कहा- ये क्या कर रहे हो? मैं तुम्हारी भाभी हूँ। आदी ने कहा- भाभी इतना बनने की जरूरत नहीं है, मुझे पता है आप भी यही चाहती हो। मैंने कहा- ये गलत है। आदी ने कहा- कुछ गलत नहीं है…
और मुझे और कस कर पकड़ लिया, मेरे बूब्स मसलने लगा और साथ ही साथ किस भी कर रहा था. अब तो मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था, मेरी आहें निकलने लगी, आदी भी समझ गया कि मैं क्या चाहती थी।
देवर भाभी सेक्स शुरू हो गया, उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरे होंठों पर जोर से किस करने लगा, मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पाई और मैं भी आदी को किस करने लगी। मैं अपने आप पर कैसे काबू रख पाती जबकि मैं तो चुदने के लिए तड़प रही थी और मेरा देवर मेरी तड़प को शांत करना चाहता था।
मेरा देवर मुझे जोर जोर से किस कर रहा था मेरे गले पर, मेरे गाल पर, मेरे होंठों पर, मेरे सर पर, मेरे सीने पर और अपने हाथों से मेरे बूब्स को बहुत ही ज्यादा जोर जोर से मसल रहा था, मेरी आहें निकल रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म…’ मैं पागल हो चुकी थी। यह देवर भाभी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मेरे देवर ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और एक मिनट के अंदर ही उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया, मेरे शरीर पर बस ब्रा और पेंटी ही बचने दी और मुझे फिर से चूमने लगा, मेरे पेट पर मेरी नाभि में अपनी जीभ घुमा कर मुझे बहुत ही ज्यादा उत्तेजित करने लगा, मेरी जांघ पर भी किस करने लगा. मेरा होश जाने लगा, उसने मुझे सम्हाला और मेरी ब्रा और पेंटी भी उतार दी और मुझे वही पर उस स्लैब पर बैठा दिया जिस पर मैं खाना बना रही थी। और मेरे बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. कभी कभी मेरे निप्पल को काट लेता और मैं दर्द के मरे सिहर सी जाती मगर मुझे मजा भी आ रहा था।
धीरे धीरे वो निचे की तरफ चला गया और मेरी चूत को चाटने लगा. ‘आअह्ह्ह… ओह्ह्ह्ह… मर गई!’ मैंने आदी से कहा- आराम से चूसो ना… आदी ने कहा- भाभी, आराम से ही तो चूस रहा हूँ! और जोर से मेरी चूत को काट लिया और मेरी चीख निकल पड़ी।
मेरी आँखों से आँसू निकल आये मगर मेरा देवर नहीं मानने वाला था। वो अपने काम में लगा रहा.
मैं पागल हुए जा रही थी तो उसने मुझे अपनी गोद मैं उठाया और मुझे मेरे ही बैडरूम में लेकर चला गया। आदी ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरे पूरे शरीर पर फिर से किस करने लगा।
थोड़ी देर बाद आदी ने भी अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा मेरे सामने खड़ा हो गया. उसकी बॉडी और उसका 8 इंच का लम्बा और 2.5 इंच का मोटा लंड देख कर मुझे मजा आ गया। क्योंकि आज मेरी चूत की बहुत ही मस्त चुदाई होने वाली थी।
आदी ने कहा- प्रमिला भाभी, अपना मुँह खोलो और मेरा लंड चूसो! मैंने कहा- हाँ आदी क्यों नहीं, तुम्हारा ही लंड लेने का तो इंतजार कर रही थी। मेरे इतना बोलते ही आदी ने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और कहा- चूसो भाभी अपने देवर के लंड को…
मैंने भी आदी का लंड अपने मुँह में लिया और जोर जोर से उसे चूसने लगी… उसके लंड को दोनों हाथों से पकड़ कर आगे पीछे करने लगी और चूसने लगी. आदी को बहुत मजा आने लगा, वो कहने लगा- यस प्रमिला भाभी, आज मेरी लंड की भूख को मिटा दो। मैंने कहा- हाँ क्यों नहीं देवर जी, आज आपके लंड की भूख मैं मिटा दूंगी और तुम मेरी चूत की प्यास बुझा देना! आदी ने कहा- हा क्यों नहीं भाभी, आज आप जो बोलोगी, वो मैं करूँगा।
मेरे देवर आदी ने मेरा सर पकड़ा और अपने लंड को मेरे मुँह में अंदर बाहर करने लगा.
आदी का लंड काफी बड़ा था जो ढंग से मेरे मुँह में भी नहीं जा रहा था मगर मेरा देवर मेरे मुँह की जबरदस्त चुदाई किये जा रहा था अपने लंड से! काफी देर तक मेरे मुँह की चुदाई करने के बाद आदी चीखने लगा, कहने लगा- यस भाभी, कम ऑन… मेरा निकलने वाला है और जोर से चूसो.. तो मैंने लंड चूसने की स्पीड बढ़ा दी और दो मिनट के अंदर ही आदी के लंड का रस बाहर मेरे मुँह में निकल गया।
मुझे लंड का रस पीना बड़ा ही अच्छा लगता है तो मैंने अपने देवर के लंड का सारा रस पी लिया।
मेरा देवर थोड़ी देर बाद शांत हुआ और बिस्तर पर लेट गया मैंने फिर से अपने देवर के लंड को चूसना शुरू किया। मैंने अपने देवर का लंड चूस चूस के खड़ा कर दिया और मेरे देवर ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे ऊपर आ गया और कहा- प्रमिला भाभी, आज आपकी चूत की चुदाई मेरे इस लम्बे और मोटे लंड से होगी, आप तैयार हो ना चुदने के लिए? मैंने कहा- हाँ देवर जी, क्यों नहीं, मैं तो कब से तैयार हूँ आपके लंड से चुदने के लिए।
मेरे देवर ने अपने लंड को मेरी चूत के मुँह पर रखा और मेरी चूत के ऊपर रगड़ने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था और थोड़ी देर बाद मेरे देवर ने अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया. ओह्ह्ह… आअह्ह्ह्ह… मर गई! बहुत जोर से झटका मारा था मेरे देवर ने… मेरी आँखों से आँसू निकल आये, आज तक किसी ने भी इतनी जोर से मुझे झटका नहीं मारा था। आदी का आधा लंड मेरी चुत के अंदर था मेरे मुँह से जोर की चीख निकली मगर उस चीख को सुनने वाला कोई भी नहीं था.
मेरी आँखों में आँसू देख कर आदी ने कहा- सॉरी भाभी, गलती से झटका लग गया, प्लीज मुझे माफ़ कर देना… मैंने कहा- कोई बात नहीं आदी, तुम्हें इतना हक़ है कि तुम मुझे इतनी जोर से झटका मार सकते हो। आदी ने कहा- भाभी, आज आपको वो हर एक सुख दूंगा जो भैया ने आपको नहीं दिया!
मैंने अपने मन में सोचा कि आपके भैया क्या… मेरे भाई और मेरे पड़ोसी ने भी जो मजा मुझे नहीं दिया वो मजा आज आदी मुझे दे रहा है। मैंने कहा- क्यों नहीं आदी, तुम्हारे भैया ने जो मजा नहीं दिया वो तुम मुझे वो मजा दो। आदी ने कहा- हाँ भाभी, दूंगा… बहुत बहुत मजा दूंगा.. इतना जितना आपने कभी अपनी जिंदगी में नहीं लिया होगा। मैंने कहा- ठीक है।
आदी ने फिर से अपने लंड को मेरी चूत में जोर का झटका मार कर अंदर तक पहुंचा दिया। मैं फिर से जोर से चीखी, उसने मेरा मुँह दबा दिया और कहा- प्रमिला भाभी, आप कितनी चीखती हो? मैंने कहा- तुम्हारा लंड इतना मोटा है कि चीख निकल ही जाएगी.
मेरे देवर ने मेरी चुदाई शुरू कर दी और मुझे वो मजा दिया जो आज तक किसी की चुदाई में नहीं आया था. मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पाई, मैंने अपने देवर को उत्तेजित करने के लिए मेरी आहें निकालनी शुरू कर दी और अपने देवर को कहना शुरू कर दिया- यस कॉम ऑन आदी… और तेज़ मेरी चुदाई करो! अपनी भाभी की चुत को आज फाड़ दो! मेरे ये शब्द सुनते ही मेरे देवर में जैसे एक ताकत सी आ गई हो, उसने अपनी पूरी स्पीड बढ़ा दी और मेरी जबरदस्त चुदाई की.
मैं दो बार झड़ चुकी थी मगर मेरा देवर मुझे लगातार चोदे जा रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था.
थोड़ी देर बाद मेरा देवर चीखने लगा, मैं समझ गई कि देवर अपने अंतिम पड़ाव पर है, मैंने कहा- आदी, मेरी चूत में अपना रस मत निकालना, तुम्हारे भैया ने अभी मुझे प्रेग्नेंट करने से मना किया है. उसने कराहते हुए कहा- ठीक है भाभी, मगर मेरा जो ये निकलने वाला है इसे कहाँ निकालूँ? मैंने कहा- मेरे मुँह में छोड़ दो, मैं तुम्हारे लंड का रस पीना चाहती हूँ। आदी ने कहा- आह्हः ओह्ह्ह यस प्रमिला भाभी, कॉम ऑन, अपना मुँह खोलो जल्दी… मेरा निकलने वाला है!
मैंने जल्दी से अपना मुँह खोला और मेरे देवर आदी ने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और अपना सारा रस मेरे मुँह में निकाल दिया. मेरे देवर के लंड का रस बहुत ही ज्यादा था, मैंने एक बार पूरा गटक लिया मगर फिर भी मेरे देवर के लंड से रस निकला जा रहा था। आदी ने कहा- प्रमिला भाभी, आज आपको अपने लंड के रस से नहला दूंगा! मैंने कहा- हां मेरे प्यारे देवर, नहला दो अपनी भाभी को!
उस दिन मेरे देवर ने अपनी भाभी की तीन बार चुदाई की और चुदाई की प्यास बुझाई.
फिर तो मैं रोज ही अपने देवर के साथ सेक्स करने लगी, मेरा देवर मेरी रोज चुदाई करने लगा रोज शाम को जब भी वो कॉलेज से आता! रात को हम दोनों साथ में ही सोते और मेरा देवर रोज रात को मेरी जबरदस्त चुदाई करता!
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