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नमस्कार दोस्तो, मैं राजेश बिराना आप का अन्तर्वासना में स्वागत करता हूँ और आप सभी का धन्यवाद करता हूँ कि अपने मेरी कहानियों को पढ़ कर मुझे बहुत प्यार दिया। सभी चुत वालियों को भी धन्यवाद जिन्होंने मेरी कहानियाँ पढ़ कर अपनी चुत खोल कर मुझे इमेल्स भेज कर और अपनी चूतों में उंगली करके प्यार दिया। कुछ लड़कियों, महिलाओं ने अपनी चुतों की फोटो भी इमेल्स के जरिये भेजीं, उनकी चुतों पर मेरे द्वारा एक प्यारा सा चुम्बन और अपने लम्बे योगीराज (लंड) का स्पर्श! कुछ कपल्स ने भी मुझे प्यार भेजा और कुछ ने मेरे साथ 3सम चुदाई का आनन्द लेने का निमंत्रण भी भेजा, उन सभी दोस्तों का बहुत बहुत धन्यवाद! दोस्तो, हम सभी की बातें जो इमेल्स पे होतीं हैं, वो सभी अति गोपनीय रहती हैं और मैं कभी भी किसी भी कपल, लड़की या महिला का ईमेल पता या हमारी बातचीत को आगे नहीं बता सकता, इसलिए आप निश्चिन्त होकर पहले की तरह बातें करते रहिये। आप मुझ से फेसबुक पे भी जुड़े रहिये।
दोस्तो, सभी चुत वालियों और लंड वालों का पानी इस कहानी को पढ़ कर जरूर निकलेगा क्योंकि इस कहानी में बहुत ज्यादा कामुकता है और कपल्स के लिए भी यह कहानी है। मैं इस साइट पर पहले काफी काल्पनिक कहानियां लिखी जिनमें से कुछ हैं: किराए का कमरा और पी जी की लड़कियाँ पति ने पत्नी को चुदवाया
इन कहानियों को मैंने अपनी दूसरी मेल आईडी से इस साइट पर भेजा था। पर उस मेल आईडी का पासवर्ड भूलने की वजह से अब इस नई आईडी से भेज रहा हूँ।
मैं आपको बता दूं कि मैं राजस्थान भरतपुर के पास बयाना के पास का हूँ और मुझे कपल के साथ चुदाई करना ही पसन्द है। आज मैं आपको एक अहमदाबाद के कपल के साथ हुई चुदाई का अनुभव लिख रहा हूँ, ये एक असली अनुभव है इसमें कुछ भी काल्पनिक नहीं है बस नाम ही बदले हुए हैं।
2010 में जनवरी 29 को मेरे पास एक मेल आया जिसमें लिखा था- मैं गुजरात अहमदाबाद से हूँ, मेरा नाम हिम्मत (काल्पनिक) है, शादीशुदा हूँ, मेरी उम्र 38 साल है और मेरी बीवी का नाम बिमलेश (काल्पनिक) है उसकी उम्र 35 साल है, हमारी शादी को 13 साल हो गए हैं, हमारे दो बच्चे हैं। मैंने आपकी अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ी ‘पति ने पत्नी को चुदवाया’ आपकी कहानी मुझे बहुत पसन्द आई।
मैंने पढ़ा कि आप गांधीनगर गुजरात में ही काम करते हैं। मैं भी अपनी बीवी बिमलेश को आपसे चुदवाना चाहता हूँ पर वो तैयार नहीं है। क्या आप उसको तैयार करके मेरा मतलब है पटा करके चोद सकते हैं? मैं आपको आपका चार्ज जो भी बनेगा, दूँगा। आपके जवाब के इंतज़ार में हिम्मत सिंह अहमदाबाद
मैंने मेल पढ़ा और मैंने उनको जवाब लिखा: प्रिय हिम्मत सिंह जी, मुझे ख़ुशी हुई कि आपको मेरी कहानी पसन्द आई और यह पढ़कर भी ख़ुशी हुई कि आप भी अपनी बीवी को मुझ से चुदवाना चाहते हैं, मेरी उम्र अभी 25 साल है, मुझे सभी उम्र के कपल के साथ चुदाई करना पसंद है, मैं आपकी बीवी बिमलेश की चुदाई करूँगा पर उसको पटाने के लिए आपको मुझे सपोर्ट करना होगा। आप मुझे इस फोन नम्बर xxxxxxxxxx पर सम्पर्क करें। आपकी बीवी का फिगर कैसा है और उनको चुदाई में क्या क्या पसन्द है वो भी बताओ। मैं पहले गांधीनगर में काम करता था पर अभी में राजस्थान में जयपुर में एक प्राइवेट कम्पनी में काम कर रहा हूँ। पर आप यदि आने जाने का खर्च दोगे तो अहमदाबाद आकर चुदाई कर दूँगा पर पहले बिमलेश जी तैयार तो हों।
आपके जवाब में आपका अपना राजेश बिराना
मुझे 2 फरवरी को जवाब आया: प्रिय राजेश जी, मैंने आपके बारे में पढ़ा और आपका जवाब पढ़ कर ख़ुशी हुई कि आप मेरे सामने मेरी बीवी बिमलेश की चुदाई करोगे और मैं देखूँगा। आपने बिमलेश के फिगर के बारे में पूछा, बिमलेश का फिगर 38-34-40 है, आपको मेरी सपोर्ट कैसे चाहिए समझाओ? मैं आपको आज शाम को काल करूंगा.. आपके जवाब के इंतज़ार में आपका दोस्त हिम्मत सिंह
उस दिन शाम को हिम्मत ने मुझे मेरे नम्बर पर फ़ोन किया और हमारी आधा घण्टा बात हुई। मुझे हिम्मत ने बताया- मैं रियल एस्टेट का एक बिजनेस मैन हूँ, एक बार मैं थाईलैंड गया था घूमने अपने दोस्तों के साथ… वहाँ मैंने खूब मस्ती की और सेक्स का, न्यूड मसाज का मजा लिया। मैंने वापस आकर वो बात बिमलेश को बता दी। इस बात से बिमलेश अपसेट हो गई कि घर में बीवी होते हुए हिम्मत ने बाहर चुदाई का मजा क्यों लिया. उस दिन से वो मुझ से कटने लगी. मैंने उसको खूब समझाया कि यार मस्ती में थे तो कर लिया सेक्स… तुम चाहो तो तुम भी कर लो! पर बिमलेश मानने को तैयार नहीं है, बोली- यदि ऐसे में कहीं और किसी से चुदवा लेती तो तुम मुझे छोड़ देते और मेरे चरित्र पर हजार सवाल करते!
मैंने उसको कहा कि तुम चाहो मैं मैं खुद अपने सामने तुमको चुदता हुआ देख सकता हूँ पर तुम मुझसे दूर मत हो। पर अब बिमलेश दिल से ना तो चुदाई में आनन्द लेती है और न ही मुझसे अच्छे से चुदवाती है। इसलिए मैं चाहता हूँ कि तुम उसको कैसे भी पटाओ और उसको चोदो! और अब जब से मैंने आपकी कहानी पढ़ी है तो मुझे भी यह सोच कर आनन्द सा आ रहा है कि तुम बिमलेश की चूत चूसोगे। और अब जब से अन्तर्वासना पर ग्रुप सेक्स और 3सम की कहानियां पढ़ने लगा हूँ, तब से तो मेरी इच्छा है कि बिमलेश भी चुदाई का पूरा मजा ले।
मैं बिमलेश को बहुत प्यार करता हूँ और चाहता हूँ कि उसको सेक्स का पूरा मजा मिले। राजेश भाई, जब से आपकी कहानी पढ़ी है तब मुझे पता चला कि लोग पैसे देकर अपनी बीवी को चुदाई का मजा देते हैं तो मैं क्यों नहीं… भाई, तुम बताओ मैं तुमको कैसे सपोर्ट करूँगा जब तुम मेरी बिमलेश को पटाओगे?
तब मैंने बताया- देखो हिम्मत जी, आप चाहते हो कि मैं आपकी बीवी को पटा के आपके सामने चोदूँ तो इसके लिए दो रास्ते हैं, एक कि मैं आपके घर आऊं और बिमलेश जी से मिलूं और उनसे बात करूँ और फिर पटा लूँ… ऐसा नहीं होगा क्योंकि मेरे पास इतना समय नहीं है कि मैं ये कर सकूं। दूसरा है कि मैं बिमलेश जी से फोन पे बात करूँ और उनको फोन पे पटा लूँ पर इसके लिये मुझे आपको मोबाइल पर बात करने के लिए बेलेन्स के लिए रूपये देने होंगे और यदि बिमलेश आपको कहे कि ऐसे मुझे फोन पे कोई तंग कर रहा है तो तुम उसको ये समझाओ कि ‘तुम यार मस्ती करो चाहे ये समझ के कर लो कि मैंने थाईलैंड में असली मस्ती की, तुम फोन पे ही तो कर रही हो वो कौन सा तुमको यहाँ आकर चोद रहा है. और चोदे तो भी मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। मैं बिमलेश से क्या बात करता हूँ यदि आपको वो बात पता होंगी तो आपको कोई धोखा भी नहीं होगा। और आप उन बातों को सुनकर बिमलेश को कैसे समझाना है सोच सकोगे। इसलिए जब बिमलेश घर पर अकेली होगी, तुम मुझे बताओगे जिससे बिमलेश को कोई डर न हो और वो खुल के बात कर सके. तुम हमारी कॉन्फ्रेंस कॉल में होंगे पर अपना माइक म्यूट करके। हाँ, मुझे बिमलेश को पटा कर चोदने के 15000 रुपये चाहिए और 3500 रूपये बेलेन्स के लिए भी!
हिम्मत बोला- भाई, आपका दूसरा आईडिया मस्त है, मैं तुम्हारी हर सम्भव मदद करूँगा और आपको 15000 रूपये उस दिन मिलेंगे जिस दिन तुम बिमलेश को चोदोगे और 3500 रुपये कल ही आपके खाते में डलवा दूँगा। जब बिमलेश फ्री रहेगी घर में तब खुद आपको फोन करके बता दिया करूँगा. वैसे बिमलेश का नम्बर है ×××××××××× और मैं रोज सुबह 10 बजे साइट पर चला जाता हूँ तो बिमलेश 10 से 12 बजे फ्री ही होती है, और दिन में जब कभी फ्री होगी तो आपको बता दिया करूँगा. आपका कॉन्फ्रेंस कॉल वाला आईडिया भी अच्छा है जिससे आप दोनों की बात मुझे पता रहेगी कि बात कहाँ तक पहुँची।
मैंने हिम्मत को अपना बैंक खाता नम्बर दे दिया और हमारी बात खत्म हो गई। अगले दिन 11.30 बजे हिम्मत ने मेरे खाते में 4000 रुपये डलवा दिए और फोन करके बता दिया कि पैसे जमा कर दिए हैं. मेरे पास बैंक का मैसेज भी आ गया था और हिम्मत ने यह भी बताया कि अभी बिमलेश घर में फ्री है, हो सकता है खाना बना रही हो, तुम चाहो तो कॉल कर लो।
मैंने पहले अपने मोबाइल में 250 का फुल टॉकटाइम डलवाया फिर बिमलेश को फोन किया. घण्टी बजी और उधर से बिमलेश- हेलो? राजेश- हेलो, बिमलेश जी बात कर रही हैं? बिमलेश- हाँ जी, बिमलेश बोल रही हूँ, आप कौन बोल रहे हैं? राजेश- जी, मैं राजेश बोल रहा हूँ राजस्थान से, मुझे आपका नम्बर एयरटेल से मिला है दोस्ती के लिये! मैंने झूठ बोला. बिमलेश- कौन राजेश? मैं किसी राजेश को नहीं जानती! और फोन काट दिया.
फिर मैंने हिम्मत को कॉन्फ्रेंस में लेकर दुबारा कॉल किया तो फिर बिमलेश- हेल्लो कौन? राजेश- मैं राजेश, आपने फोन क्यों काट दिया? मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हूँ। बिमलेश- देखिये, आपको कोई गलतफहमी हुई है, मैं एक शादीशुदा औरत हूँ और मुझे आपसे कोई दोस्ती नहीं करनी! और फिर से फोन काट दिया।
मैंने फिर फोन किया. बिमलेश- हेलो कौन ?’ राजेश- बिमलेश जी, आपसे हाथ जोड़कर विनती है, फोन मत काटना प्लीज, मेरी बात सुन लो कम से कम… 2 मिनट दे दो फिर चाहे काट लेना! बिमलेश- आपको समझ नहीं आती क्या? मैं शादीशुदा औरत हूँ मेरे दो बच्चे हैं. अब बताओ मुझसे दोस्ती करके क्या करोगे? कोई लड़की देखो, ठीक है, मैं फोन रखती हूँ. राजेश- प्लीज फोन मत रखना, मेरी बात तो सुन लीजिये, देखिये बिमलेश जी, आप शायद मुझे गलत समझ रही हैं, आप शादीशुदा हैं, अच्छी बात है, बच्चे हैं, अच्छा है, मुझे आपके वैवाहिक जीवन से कोई लेना देना नहीं है। मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हूँ और कुछ नहीं मैं चाहता हूँ. कि जब मुझे अपनी बात किसी को बतानी हो या कोई सलाह लेनी हो तो एक ऐसा दोस्त हो जो मुझे वो सलाह दे सके, मुझे आपके साथ दोस्ती ही रखनी है और कुछ नहीं! बिमलेश- मैं फोन रखती हूँ, बाय!
मैंने फिर बिमलेश को फोन नहीं किया पर हिम्मत का फोन मुझे आया- हाँ भाई बोलो, क्या तुम पटा लोगे बिमलेश को? राजेश- भाई पटा लूंगा और चोदना भी है आपके सामने एक बात और हिम्मत जी आज आप घर जाओगे तो आपको मेरे फोन की शिकायत जरूर मिलेगी तो आपको कहना है कि यार मुझे भी ऐसे काफी फोन आते है लड़कियों के लिए दोस्ती के लिए पर मुझे काम से फुर्सत नहीं है। फिर आये तो उस बेचारे से बात कर लेना और तेरा क्या जा रहा है वो खुद रुपये खर्च कर रहा है तुम उससे मीठी मीठी बातें करो, तेरा भी टाइम पास हो जायेगा, कौन सा तुझे यहाँ आकर चोद देगा राजस्थान से? और उसका इतना भी बड़ा लण्ड नहीं होगा कि वहाँ बैठा बैठा ही तेरी चूत को चोद दे!
हिम्मत- जरूर राजेश, तुम चिंता मत करो, मैं भी चाहता हूँ कि तुम उसको पटा लो और चोदो। मैं सब सम्भाल लूँगा। राजेश- ओके, धन्यवाद!
मुझे शाम को हिम्मत ने फोन किया- यार राजेश, तुम सही कह रहे थे, मैं जब दोपहर में खाना खाने घर गया तो बिमलेश बोली कि एक रोंग नम्बर से फोन आया बोला कि मोबाइल कम्पनी वालों ने उसको मेरा नम्बर दिया है दोस्ती के लिए… वो राजस्थान से बोल रहा था! तो मैंने कहा ‘यार मुझे भी लड़कियों के ऐसे फोन आते रहते हैं, पर मेरे पास तो टाइम ही नहीं होता उनसे बात करने को… वैसे उससे क्या बात हुई? तो बोली कि मैंने उसको डाँट दिया कि मैं शादीशुदा हूँ. पर वो फिर फोन करके बोला- मुझसे दोस्ती करना चाहता है, मेरे साथ बातें करना चाहता है. तो मैंने कह दिया कि तुम घर में बैठे बैठे बोर ही तो होती हो, तुम भी उससे बात करो और दोस्ती कर लो, मजे लो फोन पे… वो कौन सा राजस्थान से तुमको यहाँ चोदने आ रहा है… तेरा भी टाइम पास हो जायेगा। तो वो कुछ शांत सी हुई फिर बोली ‘यदि उसने मुझ से गन्दी बात की तो?’ मैंने उसको बोल दिया कि तुम भी उससे गन्दी बात करो… रुपये तो उसके ही खर्च होंगे ना, जब तुम भी उससे वैसी बात करोगी तो वो कुछ दिन बाद अपने आप फोन नहीं करेगा।
राजेश- मुझे पता था कि वो आपको सब बता देगी, चलो अब तो शायद वो कल मुझ से बात करेगी आप भी कॉन्फ्रेंस में सुनना फिर आगे का प्लान बनाते हैं। हिम्मत- ठीक है यार!
अगले दिन सुबह 10.30 बजे हिम्मत ने मुझे बताया कि वो ऑफिस निकल रहा है और बिमलेश अभी अकेली है और खुश भी है, तुम फोन कर लो! मैंने हिम्मत को कॉन्फ्रेंस में लिया और बिमलेश को फोन किया, घण्टी गई.
बिमलेश- हेलो? राजेश- हेलो बिमलेश जी गुड मॉर्निंग, कैसी है आप! यदि फ्री हों तो हम बात कर सकते हैं? बिमलेश- देखो, आप मुझे क्यों परेशान कर रहे हो रोज रोज? मैंने आपको पहले ही बता दिया कि मैं शादीशुदा हूँ, मुझसे दोस्ती करके आपको क्या मिलेगा, किसी लड़की से दोस्ती करो आप! राजेश- बिमलेश जी, आप वैसे ही परेशान हो रही हैं, क्या शादीशुदा लेडीज दोस्त नहीं बन सकती। दोस्त का मतलब होता है एक दूसरे से बात शेयर करना,सलाह लेना, मुसीबत के समय बात करके दिल हल्का करना! बिमलेश- वो तो ठीक है पर मेरे पति को पता चला तो वो मेरे बारे में क्या सोचेंगे। राजेश- यार, हम तो बस नॉर्मल बात कर रहे हैं तो इसमें क्या प्रॉब्लम है। यदि आपको ऐसा लग रहा है कि वो क्या सोचेंगे तो आप उनको पूछ लो एक बार कि ऐसे एक दोस्त बनने की कह रहा है, उसको मेरा नम्बर कम्पनी वालों से मिला है, जिससे उनके विचार पता चल जायेंगे। यदि आपके पति आपको ज्यादा प्यार करते होंगे तो वो आपको कुछ नहीं कहेंगे. बिमलेश- जी, वो प्यार तो मुझे बहुत करते हैं पर मुझे डर लगता है। अब फोन रखती हूँ बाय।
राजेश- बिमलेश जी, आपको मैंने दोस्त मान लिया है, अब आपकी मर्जी है कि मुझे दोस्त मानो या ना मानो, वैसे आप क्या कर रही हैं अभी? बिमलेश- जी खाना बना रही हूँ! राजेश- बिमलेश जी, आपके पति का क्या नाम है? और आपके पति क्या करते हैं, घर पर हैं क्या अभी? बिमलेश- जी उनका नाम हिम्मत है, वो बिल्डर हैं, अभी तो वो काम पर चले गए। राजेश- खाने में क्या बना रही है आप? बिमलेश- कढ़ी, चावल, सब्जी, रोटी… अब मैं फोन रखूं? राजेश- आपको फोन रखने की बड़ी जल्दी रहती है। बिमलेश- बाय, मुझे खाना बनाना है।
बिमलेश ने फोन रख दिया, मैंने भी दुबारा कॉल नहीं किया।
शाम को हिम्मत का फोन आया- मुझे बिमलेश ने तुम्हारे साथ हुई सब बातें बता दी। अगले दिन हिम्मत ने घर से निकलते ही मुझे फोन करके बता दिया, मैंने हिम्मत को कॉन्फ्रेंस में लेकर फिर बिमलेश को फोन किया। बिमलेश ने एक ही घण्टी में फोन उठा लिया जैसे वो मेरे फोन का ही इंतज़ार कर रही थी।
बिमलेश- हेलो? राजेश- हेलो, कैसी हो मेरी दोस्त? बिमलेश- अच्छी हूँ, आप मानोगे नहीं मुझे दोस्त बनाये बिना? राजेश- चलो काश! आप मेरी बात को समझ तो गई। वैसे आपके पति चले गए काम पर? बिमलेश- हाँ चले तो गए, वैसे मुझे अच्छा नहीं लग रहा ये सब, मैं फोन रखती हूँ! राजेश- यार, कैसी दोस्त हो? एक भी बात हुई नहीं और फोन रखती हूँ, बच्चे स्कूल गये? बिमलेश- बच्चे स्कूल चले गए, मुझे खाना बनाना है, घर का भी काम करना है फोन रखती हूँ। राजेश- बिमलेश जी एक बात पूछूँ, आप मुझसे नाराज हो, मैंने आपसे कुछ गलत कह दिया या आप सबसे ऐसे ही कहती हो फोन उठाकर की फोन रखती हूँ। बिमलेश- नहीं, मैं आपसे क्यों नाराज होऊँगी और आपने मुझसे ऐसी कोई बात नहीं की जिसका मुझे बुरा लगे… पर मैं एक शादीशुदा हूँ और उम्र में भी बड़ी हूँ, तुमसे दोस्ती कैसे करूँ, समझ नहीं आ रहा, मैं आपको जानती भी नहीं!
राजेश- बस इतनी सी बात, आप मुझसे बड़ी हैं, समझदार हैं, तो मुझे ऐसा दोस्त चाहिए जो मुझे सलाह दे सके। जिससे मैं अपने दिल की सब बात शेयर कर सकूं। मेरा कोई दोस्त नहीं है ना इसलिए काफी मुश्किल से एक दोस्त मिली है वो भी नाराज सी रहती है, मुझे दुःख हो रहा है। बिमलेश- मैं नाराज नहीं हूँ, पर दोस्त कैसे बनूँ समझ नहीं पा रही! राजेश- आप मेरी दोस्त हैं, इसमें समझना क्या है? बिमलेश- कभी मेरा कोई लड़का दोस्त नहीं रहा ना, बस एक पति है वही दोस्त और सब कुछ है। राजेश- आप दोस्त का मतलब नहीं समझती बिमलेश जी, दोस्त वो होता है जो आपको अपने दिल की सब बात बता दे, आपके दुःख में भी वो आपके साथ रहे और आपसे सलाह भी ले और अच्छी सलाह दे भी। बिमलेश- हाँ वो तो है, अब फोन रखती हूँ।’
राजेश- एक बात बताओ बिमलेश जी, आपको अब फोन रखती हूँ इसके अलावा कोई बात आती है? बिमलेश हँसते हुए- ऐसी बात नहीं है, पर मुझे अभी खाना बनाना है। राजेश हंसते हुए- ओह! इसलिए फोन रख रही हो कि कहीं खाना खिलाना ना पड़ जाये। बिमलेश- नहीं ऐसी बात नहीं है, खाना खा लेना, पहले बना लूँ… अभी फोन रखती हूँ बाय।
उस दिन शाम को हिम्मत ने मुझे फोन किया और बताया कि आज मैंने खुद ही पूछा कि अपने दोस्त से बात हो रही है क्या, तो उसने कहा हाँ और पूरी बात बताई। तक मैंने उससे मजाक किया कि अभी खाना खाने तक ही पहुंचे हो? तो वो हंसने लगी कि अभी वो ही इतनी ही बात करता है. ‘यार, अब आगे भी बढ़ो…’ मैं बोला- धीरे धीरे ही ठीक है, कहीं बनता काम बिगड़ गया तो? तब हिम्मत बोला- जैसा आप उचित समझो, वैसे करो। तो मैंने कहा- भाई, एक काम करना, कल बिमलेश के मोबाइल में 250 रुपये का फुल टॉकटाइम डलवा देना और मुझे बता देना, मैं बिमलेश को कह दूँगा कि मैंने बैलन्स डलवा दिया है, अब तुम उधर से मिस कॉल कर देना जब फोन करना हो। हिम्मत बोला- इससे क्या होगा? मैं बोला- करवाओ तो! उसने कहा- ठीक है, कल सुबह करवा के तुमको फोन कर दूँगा।
अगले दिन उसने सुबह 11 बजे बेलेन्स डलवा के मुझे फोन करके बता दिया तो मैंने हिम्मत को कॉन्फ्रेंस में लेकर बिमलेश को फोन कर दिया। घण्टी बजी। बिमलेश- हेलो? राजेश- हेलो, कैसी हो मेरी दोस्त? बिमलेश- अच्छी हूँ, आप कैसे हो? राजेश- मैं अच्छा हूँ, मैंने आपके मोबाइल पर 250 रुपए का फुल टॉकटाइम डलवाया है। आप अब जब भी फ्री हो, मुझे मिस कॉल कर दिया करो। अभी आप क्या कर रही हो? बिमलेश- आपने किस लिए डलवाये? अभी मैं घर की सफाई कर रही हूँ। मैं फोन रखती हूँ।
राजेश- यार, आप कभी ये कह सकोगी कि बात करती हूँ आज? चलो यह बताओ हिम्मत जी कब आएंगे। वैसे आपके पति आपको बहुत प्यार करते हैं तभी तो उन्होंने आपको मुझसे बात करने की छूट दे दी। बिमलेश- आपको कैसे पता? राजेश- यदि आपके पति मना कर देते तो आप मेरा फोन ही नहीं उठाती और मैं भी फिर कभी आपको कॉल करके परेशान नहीं करता। बिमलेश- ओह! हाँ वो तो है, पर आपको मेरे मोबाइल में पैसे डलवाने की क्या जरूरत थी? राजेश- वो मैंने इसलिए डाले कि जब तुम फ्री हो तो मुझे मिस कॉल दे देना।
बिमलेश- आपकी उम्र क्या है? और आप क्या करते हो? राजेश- मेरी उम्र 25 साल है और मैं प्राइवेट सिक्योरिटी में काम करता हूँ। बिमलेश- आपने शादी नहीं की अभी तक? राजेश- नहीं! बिमलेश- क्यों? राजेश- अभी मेरे बड़े भाई की शादी नहीं हुई, उसके बाद मेरा नम्बर आएगा. बिमलेश- जल्दी से शादी कर लो और दोस्ती करना छोड़ो।
राजेश- शादी करने से क्या दोस्त छूट जाते हैं? बिमलेश- जब शादी कर लोगे तब पता चल जायेगा। राजेश- क्या आपके पति के भी अब दोस्त नहीं हैं? बिमलेश- हाँ हैं ना, क्यों? राजेश- अभी आप कह रही थी कि शादी के बाद दोस्ती को भूल जाओगे, जब आपके पति के दोस्त है तो मेरी भी दोस्ती रहेगी। बिमलेश हँस कर- मेरा मतलब वो नहीं था, मेरा मतलब लेडीज दोस्त से था. राजेश- यार दोस्त लेडीज हो या जेंट्स कोई फर्क नहीं पड़ता सब सोचने का तरीका है।
बिमलेश- शादी हो जाने दो, सब पता चल आएगा, जब आपकी बीवी आएगी। राजेश- यार, बीवी क्या दोस्तों से बात करने को मना करेगी, आपकी शादी को कितने दिन हो गए? बिमलेश- जी हमारी शादी को 13 साल हो गए हैं। राजेश- फिर तो आपको मुझसे ज्यादा तजुर्बा है, आपसे ट्रेनिंग लेनी होगी। बिमलेश- क्या मतलब और कैसी ट्रैनिंग? राजेश- कि शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखना है। बिमलेश- तुम सब सीख जाओगे। राजेश- क्या आपके पति आपको अब भी उतना प्यार करते हैं? वैसे जब शादी हुई होगी तो रात भर नहीं सोने देते होंगे? बिमलेश- अब रखती हूँ, बहुत काम है खाना भी बनाना है। राजेश- ओके, बाय।
शाम को हिम्मत ने फोन किया कि आज तो काफी बात हुई आप लोगों की! मैंने कहा- हाँ, आज काफी बात हुई, अब धीरे धीरे बिमलेश डार्लिंग आ जायेगी लाइन पर! हिम्मत बोला- यार तुम आराम से तैयार करो, पर होनी चाहिए पूरी तरह तैयार… फिर मैं बताऊंगा कहाँ चुदाई करनी है। वैसे आज काफी खुश थी और तुमसे हुई सारी बात भी बताई।
अगले दिन हिम्मत ने मुझे बताया कि बिमलेश अभी फ्री है लेकिन मैंने हिम्मत को बताया कि जब बिमलेश मिस कॉल देगी, आज तभी बात करूँगा। उसके आधा घण्टा बाद ही बिमलेश का मिस कॉल आ गया तो मैंने हिम्मत को कॉन्फ्रेन्स में लेकर बिमलेश को फोन किया। बिमलेश- हेलो, कैसे हो? राजेश- हेलो… अच्छा भी हूँ और खुश भी कि तुमने मेरा हाल पूछा. बिमलेश- दोस्त का हाल पूछना चाहिए।
राजेश- आप कैसी हैं? और आपके पति और बच्चे कैसे हैं? बिमलेश- सभी ठीक हैं, आप सुनाओ क्या कर रहे हो? राजेश- कुछ नहीं अपनी दोस्त से बात कर रहा हूँ, आज सर्दी बहुत है पर आपको कहाँ लगती होगी सर्दी, आपके पति जो है आपकी सर्दी भगाने को, पर मैं तो अकेला सर्दी में मरता रहता हूँ रात भर! बिमलेश- मुझे पता था तुम यही बात करोगे इसलिए तो कह रही थी शादी कर लो तो आपकी भी सर्दी भाग जायेगी। राजेश- वैसे कितनी बार मस्ती की रात को आप लोगों ने? बिमलेश- कैसी मस्ती? हमने कोई मस्ती नहीं की। राजेश- क्यों, आप अपने पति से नाराज हो या वो नाराज है जो इतना भी प्यार नहीं किया, मैं होता तो रात भर सोने ही नहीं देता। बिमलेश- शादी होती है तब सभी रात भर मस्ती करते हैं पर बाद में कम हो जाती हैं। हम तो अब सप्ताह में मुश्किल से एक दो बार करते हैं.
राजेश- वैसे आपको आपके पति वो वाली फिल्म नहीं दिखाते, वो मस्ती वाली? बिमलेश- वो तो हम उस दिन देखते हिं जिस दिन उनका मस्ती का मूड होता है। राजेश- क्यों आपका दिल नहीं करता किसी दिन? यदि आप मेरी बीवी होती तो मैं रोज आपके मूड के हिसाब से प्यार करता। बिमलेश- अब तुम ऐसी बातें मत करो, मुझे शर्म आती है। राजेश- यार हम दोस्त हैं और दोस्तों के साथ हम ऐसी बात कर सकते हैं जो हम लोग अपने पति या पत्नी से करने में हिचकिचाते हैं, इसमें शर्माने की क्या बात है, हर पति पत्नि मस्ती करते हैं और शादी का मकसद भी तो यही है कि मस्ती करने की समाज से परमिशन!
बिमलेश- अरे आप तो बहुत ज्ञानी हो।’ राजेश- आप मुझे ये आप आप नहीं, तुम या राजेश कह सकती हो, दोस्ती में आप कहना थोड़ा पराया सा फील कराता है। बिमलेश- फिर राजेश जी, तुम भी मुझे तुम या बिमू कह सकते हो, मेरे पति मुझे बिमू ही बुलाते है प्यार से! राजेश- वैसे आपके पति आपके साथ कैसी मस्ती करते हैं जैसा फिल्मों में दिखाते है चूसना चुसवाना? बिमलेश- तुम तो बहुत बेशर्म हो गए हो, चलो रखती हूँ, आज शाम को हम फिल्म देखने जा रहे हैं। राजेश- कौन सी? बिमलेश- सात खून माफ़! राजेश- मेरा तो तुम एक भी खून मतलब गलती माफ़ नहीं कर रही और फिल्म देखने जा रही हो ‘सात खून माफ़’… मुझे बताना आकर कैसी थी फिल्म! बिमलेश- ठीक है, अब रखती हूँ दोस्त, लेट हो रही हूँ, खाना भी बनाना है, बाय! राजेश- बाय!
फिर शाम को हिम्मत का फोन आया- हम लोग फिल्म जा रहे हैं. और लगे रहो, धीरे धीरे खुलेगी, बाय।
अगले दिन ग्यारह बजे मिस कॉल की बिमलेश ने, मैंने हिम्मत को कॉन्फ्रेन्स में लेकर बिमलेश को कॉल किया। बिमलेश- हेलो, कैसे हो? क्या कर रहे हो? राजेश- मस्त हूँ दोस्त… और तेरे ही फोन का इंतज़ार कर रहा था, कैसी मूवी थी कल की, कोई गाना सुनाओ ना फिल्म का जो तुमको अच्छा लगा हो। बिमलेश- हाँ, मुझे एक गाना बहुत पसन्द आया, डारलिंग आँखों से आँखे चार करने दो, डारलिंग आँखों ही आँखों में प्यार करने दो डारलिंग! राजेश- मुझे भी आँखों से आँखें चार करने दो ना डारलिंग, आपकी आँखों ही आँखों में प्यार करने दो डारलिंग! बिमलेश- अब तुम शरारत करने लगे हो दोस्त!
राजेश- क्या करूँ, अब तुम मेरे सपनों में जो आने लगी, पता है आज मुझे क्या सपना आया? बिमलेश- हाँ बताओ, क्या सपना आया? राजेश- आज मैं सपने में अहमदाबाद आया और तुमसे मिलने तुम्हारे घर आया और तुमने मुझे अपने हाथों से खाना भी खिलाया। बिमलेश- और? राजेश- मुझे तुम अपने बेडरूम में ले गईं… और आगे मुझे शर्म आती है। बिमलेश उखड़ी हुई साँसों से- क्यूँ ऐसी शर्म वाली क्या बात है बताओ ना? राजेश- फिर मैंने तुमको बाँहों में ले लिया और होठों पर किस किया और होठों को चूसने लगा, तुम भी मेरे होठों को चूस रही थी और फिर मैंने तुम्हारी गर्दन पर किस किया और फिर तुम्हारी गुलाबी नाइटी में को खोला और… बिमलेश साँसों पर काबू पाते हुए- फिर? राजेश- फिर हम दोनों ने एक दूसरे को ऐसे प्यार किया जैसे दोनों पति पत्नि हों।
बिमलेश- तुम तो बहुत शरारती हो गए हो, ऐसा घटिया सपना देखते हो। राजेश- अब क्या करूँ शादी हुई नहीं है और दोस्त भी तुम ही हो तो तुम तो रोज पति के साथ सच में करती हो, मैंने तो सिर्फ सपने में ही किया, माफ़ कर देना पर सपना किसी के वश में थोड़ा ही होता है। बिमलेश- वो तो है, सपना किसी के वश में नहीं होता। राजेश- वैसे आपने तो सच में किया होगा रात में पति के साथ? बिमलेश मरे से मन से- हाँ किया था, पर वो जल्दी ही… राजेश- क्या जल्दी ही? आपको मजा नहीं आया था क्या? बिमलेश- ये कैसी बात कर रहे हो? राजेश- यार दोस्त हूँ, तुम मुझसे बातें नहीं बताओगी तो मन ही मन दुखी रहोगी। मुझे यदि सच्चा दोस्त समझती हो तो मुझे बता दिया करो, दिल हल्का हो जायेगा। यार दोस्तों से कैसी शर्म, अब बताओ रात को मजा नहीं आया न तुमको? बिमलेश- वो क्या है, कैसे बताऊँ मुझे शर्म आती है। राजेश- यार दोस्त से कैसी शर्म?
बिमलेश- वो जब भी वो करते हैं तो मुझे कुछ होता नहीं और उनका निकल जाता है। राजेश- यार इसमें शर्माने की क्या बात है, क्या तुम लोग फॉरप्ले करते हो? बिमलेश- वो क्या होता है? राजेश- देखो, अब मुझे थोड़ा बेशर्म बनना होगा दोस्त के लिए तो बुरा मत मानना। बिमलेश- ठीक है, बताओ? राजेश- तुम लोग एक दूसरे को किस तो करते होंगे, और एक दूसरे को चूसते और चाटते भी हो या नहीं? बिमलेश- वो किस तो करते हैं और वो मेरी छाती भी चूसते हैं।
राजेश- और नीचे चाटते चुसाते हो? बिमलेश- छी: वो तो पेशाब की जगह है, वो कैसे चाट सकते हैं? राजेश- तुमने फिल्मों में देखा है चाटते चूसते! बिमलेश- हाँ पर वो तो फिल्मों में है, असलियत में कैसे चाटें? राजेश- देखो, यदि तुम लोग अच्छे से सफाई करोगे तो चाटने चूसने में मजा आएगा. ठीक है, यदि मैं होता तो तुम्हारी रोज आधा घंटा चूसता और तुम्हारा रस निकाल देता। बिमलेश- अच्छा तुमको चाटना और चूसना पसन्द है? राजेश- कभी मौका मिलेगा तो बताऊंगा, वैसे मैंने तो रात सपने में भी तुम्हारी खूब चाटी और चूसी थी, और तुमने भी मेरा योगीराज खूब चूसा था। बिमलेश- कौन योगीराज? राजेश- वो क्या है, मैंने अपने उसका नाम योगीराज रखा है।
बिमलेश- तुम तो बहुत ही बेशर्म बन गए हो। राजेश- यार मैंने तो नाम रखा है इसलिए की लोगों को पता भी न चले कि किसकी बात हो रही है. वैसे तुमने अपने उसका नाम नहीं रखा क्या? बिमलेश हिचकिचाते हुए- हाँ रखा है, मैं तो लालू कहती हूँ। राजेश- और अपनी का नाम क्या है? बिमलेश- उसका कोई नाम नहीं है। राजेश- मैं रख दूँ क्या नाम? बिमलेश- हाँ रख दो, क्या रखोगे? राजेश- रसीली मुनिया, कैसा रहेगा? बिमलेश- ठीक है।
राजेश- मेरा तो बहुत मन हो रहा है रसीली मुनिया को चाट चाट कर रसीली का रस पीने का, पिलाओ ना प्लीज! बिमलेश गहरी साँस लेते हुए- कभी चाटी और चूसी है पहले तुमने? राजेश- हाँ चाटी भी है और चूसी भी है, पर गाँव में ही, पर अब वो गांव में नहीं रहती उसकी शादी हो गई. मैंने झूठ बोल दिया। बिमलेश सांसों को कंट्रोल करते हुए- अच्छा, कैसा लगता है चाटने में चूसने में? राजेश- मुझे बड़ा मजा आता है जब नमकीन नमकीन रस चाटने को मिलता है, अलग ही स्वाद होता है, तेरी रसीली का कैसा टेस्ट है चुसवाओ ना? बिमलेश- इतनी दूर से कैसे? राजेश- कल्पना करो कि मैं तुम्हारे ही पास हूँ और अब तुम बाँहों में आ जाओ और मुझे अपनी रसीली चुसवाओ। बिमलेश- तुम ऐसी बात मत करो, मुझे कुछ हो रहा है, अब कल करेंगे आगे की बात… मुझे खाना बनाना है, रखती हूँ। राजेश- ये तो बहुत नाइंसाफी है, खड़े पर धोखा दे दिया तुमने मुझे। बिमलेश हँसते हुए- माफ़ करना, पर कल ही बात करूँगी, खाना लेट हो गया तो वो नाराज हो जायेंगे। राजेश- ठीक है बाय! बिमलेश- बाय!
शाम को हिम्मत ने फोन किया- यार तुमने तो आज कमाल कर दिया, अब तुम रोज उससे ऐसे ही बात करो, उसने मुझे तुमसे हुई सब बात बता दी।
सुबह हिम्मत ने फोन किया- आज रात को मैंने बिमलेश को बोला कि सोचो आज रात आपका वो दोस्त तुमको चोद रहा है और तुम मुझे राजेश समझो और चुदवाओ। फिर तो बिमलेश ने अलग ही जोश में चुदाया, वो कह भी रही थी कि आज दिन में राजेश ने मेरी (चूत की तरफ इशारा करके) इसका नाम रसीली मुनिया रखा और पता है उसके (मेरे लण्ड की तरफ इशारा करके बोली) इसका नाम योगीराज है. और मैंने भी बताया कि मैंने तुम्हारे का नाम लालू रखा है तो आज तुम मुझे राजेश के योगीराज से (धीरे से बोली) चोदोगे। फिर हमने रात भर चुदाई की और आज तो बिमलेश को तीन बार चोदा। आज तुम भी पूछना कि रात को चुदाई कैसे की। फिर हमारी बात खत्म हो गई, वो बोला- ग्यारह बजे फोन कर लेना तुम बिमलेश को।
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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