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यह कहानी है पड़ोस की भाभी के साथ सेक्स करके उन्हें प्रेग्नेंट करने की… आप सभी को मेरा नमस्कार। वैसे तो मैं अन्तर्वासना साइट का बहुत पुराना पाठक हूँ और लगभग सभी कहानियां पढ़ चुका हूँ। आज मैंने भी अपनी चुदाई की कहानी लिखने की कोशिश की है।
मैं नीतीश भिलाई छतीसगढ़ का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 25 साल है। मैं दिखने में सिंपल हूँ। मैं अपने घर में सबसे छोटा हूँ, इस वजह से सबका लाड़ला हूँ। मेरे बड़े भाई और पापा सरकारी सर्विस में हैं।
बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके घर पर ही रहता था। चूंकि पापा और भैया सरकारी सर्विस में हैं तो वे सुबह से ही जॉब पर चले जाते थे, घर पर मम्मी और मैं ही रह जाते थे। तो हुआ यूं कि एक रात में 11 बजे मेरे दोस्त की कॉल आई तो उससे बात करते-करते मैं छत पर चला गया।
मेरे घर के सामने एक भाभी रहती हैं, जिनका नाम स्वाति है। भाभी के बारे में कुछ बता देना चाहता हूँ। भाभी की शादी को 2 साल हो गए हैं, लेकिन उनको अब तक एक भी बच्चा नहीं हुआ है.. क्योंकि उनके पति शराबी हैं।
मैंने देखा कि भाभी उस वक्त बरामदे में अपने कपड़े चेंज कर रही थीं। वो सोने से पहले नाइटी पहनती हैं सो इस समय वो अपने घर के बरामदे में साड़ी खोल रही थीं। चूंकि रात हो चुकी थी.. इस कारण वो बेफिकर हो कर साड़ी खोल रही थीं।
सबसे पहले उन्होंने अपना पल्लू नीचे किया.. जिससे उनके स्तन दिखाई दिए। ये देखते ही मैंने दोस्त को बोला- तू फोन रख.. मैं तुझे सुबह कॉल करता हूँ।
उसके बाद भाभी ने पूरी साड़ी को शरीर से अलग कर दिया.. उसके बाद उन्होंने ब्लाउज खोला और ब्रा निकालने लगीं। अब मुझे उनकी चूचियाँ दिखाई दे गईं, भाभी की तनी हुई चूचियां देखते ही मेरे तो होश उड़ गए। उसके बाद भाभी ने पेंटी भी निकाल दी और नाइटी पहन ली।
ये सब देख कर मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था सो मैंने बाथरूम में जा के मुठ मारी।
इस घटना के बाद मेरे दिमाग में उथल-पुथल होना शुरू हो गई। जिस भाभी के लिए मेरे दिमाग में कोई बुरे विचार नहीं थे, मैं उनके बारे में सोचने लगा। मेरी आँखों से नींद गायब हो गई थी.. मुझे करीब सुबह के समय नींद लगी।
अब मैं डेली रात में छत में जाकर ये सब देखने लगा और मुठ मार कर सो जाता था।
एक दिन घर की बेल बजी.. जाकर देखा तो वही भाभी थीं। मैंने कहा- आइए भाभी। भाभी- आंटी कहाँ हैं? मैं- मम्मी तो मामा के यहाँ गई हैं, आपको कुछ काम था? भाभी- नमक चाहिए था।
मैं रसोई में जा कर नमक का डब्बा ले आया और भाभी को दे दिया। भाभी फिर दूसरे दिन नमक वापिस करने के लिए आईं। मैंने कहा- इसकी क्या ज़रूरत थी.. एक पड़ोसी ही दूसरे पड़ोसी के काम आता है। भाभी नहीं मानी और नमक वापिस करके चली गईं।
इसके बाद एक रात भाभी जब भाभी नाइटी पहन रही थीं तो तब भाभी ने मुझे ये सब देखते हुआ देख लिया। मेरे तो होश उड़ गए, मैं सोचने लगा कि कहीं भाभी मम्मी से मेरी शिकायत ना कर दें। मैं अपने रूम में जा कर सो गया.. पर पूरी रात मुझे नींद नहीं आई।
इस घटना के 5 दिन बाद जब पापा और भैया जॉब पर चले गए थे तब भाभी घर पे आईं। चूंकि मेरी मम्मी मामा के यहाँ से नहीं आई थीं, इस कारण मैं घर पर अकेला था।
भाभी को देखते ही मैंने सॉरी बोला और रोने लगा। भाभी ने मुझे रोते देख कर चुप कराया और कहा- इस उम्र में ये सब होता रहता है.. और तुमने ही तो कहा था कि एक पड़ोसी ही दूसरे पड़ोसी के काम आता है। उनकी यह बात सुनकर मेरे दिमाग में कुछ हलचल हुई। मैंने कहा- क्या मतलब? तब भाभी ने बताया- मेरे पति शराबी हैं जिसके कारण मैं माँ नहीं बन पा रही हूँ। मेरे ससुराल वाले मुझे ताना मारते हैं। इसमें तुम मेरी मदद कर सकते हो। मैंने कहा- ये ग़लत है.. आप मेरी भाभी हो। तब भाभी ने मेरे गले लगते हुए मुझसे कहा- प्लीज़ मुझे माँ बना दो। मैंने कहा- मुझे सोचने के लिए समय चाहिए।
मेरे दिमाग में चल रहा था कि मैंने भाभी के साथ सेक्स किया तो इसके पति को शक हो जाएगा तो कहीं कोई लफड़ा न हो जाए। भाभी ने मुझे 2 दिन दिए।
दो दिन बाद भाभी मुझसे उत्तर पूछने आईं तो मैंने कहा- भाभी आपके पति तो नपुंसक हैं.. अगर मैं आपको प्रेग्नेंट कर दूँगा तो भैया को पता चल जाएगा कि आपका किसी से अवैध संबंध है। तब भाभी ने जो कुछ कहा उसे सुनकर मेरे होश उड़ गए। भाभी ने बताया कि बरामदे में साड़ी चेंज करने का आइडिया तुम्हारे भैया का था। उन्होंने ही ये सब प्लान बनाया था.. उन्हें सब पता है। ये जान कर मैंने कहा- ठीक है पहले मैं भैया से बात करूँगा.. उसके बाद ही ये सब होगा। भाभी चली गईं।
उसी दिन दोपहर को भैया मुझसे मिलने आए.. चूंकि दोपहर के वक्त मैं अकेला रहता हूँ। भैया ने सारी बात बताई और कहा- मेरी वाइफ को औरत बना दो और मुझे पिता बना दे, तू अपनी भाभी के साथ सेक्स कर सकता है.. लेकिन इसके बारे में किसी को भी पता नहीं चलना चाहिए।
मैं भैया की बात सुनने के बाद मान गया.. और मैंने कहा- कल मेरी मम्मी आने वाली हैं। अगले महीने जब मम्मी मुंबई जाएंगी उसके बाद प्लान बनाते हैं। यह कहकर मेरे और भैया के बीच भाभी सेक्स की डील हो गई।
उसके बाद मैं डेली भाभी से फोन में बात करता उनके साथ फोन सेक्स चैट का मजा लेता और सेक्सी बातें करता रहता था। साथ ही मैं अपने लंड को सहलाते हुए मम्मी के मुंबई जाने के बचे हुए दिनों की गिनती करता रहता था।
इस तरह वो दिन आ ही गया जिसका मुझे और भाभी को इंतजार था। मैंने भाभी से कहा- कल मम्मी मुंबई जा रही हैं.. कल से मैं घर पर अकेला हूँ। आप बताओ कुछ घर का माहौल चेंज करना है?
तो भाभी ने कहा- मुझे जल्दी से जल्दी माँ बनना है.. मुझसे और इन्तजार नहीं होता। मैंने कहा- कल से आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी।
मैं मम्मी को सुबह एक्सप्रेस ट्रेन में बैठा कर आ गया। मम्मी मुंबई के लिए चल दीं।
मैं घर आते-आते मेडिकल स्टोर से कुछ टॅबलेट ले आया। सुबह पापा अपने समय पर जॉब को चल दिए.. अब घर में सिर्फ़ और सिर्फ़ मैं ही था।
मैंने भाभी को फोन करके पूछा- आप कब तक आ रही हो? तो भाभी ने कहा- बस घर का काम खत्म करके एक घंटे में आ जाऊंगी।
मैं नहा-धोकर भाभी की चुदाई के लिए रेडी हो गया और भाभी का इन्तजार करने लगा। एक घंटे बाद घर की बेल बजी.. मैं खुश हो गया और दरवाजा खोला, बाहर भाभी सेक्स के लिए आई थीं.. मैंने भाभी से जल्दी से अन्दर आने का कहा और गेट बंद करते ही तुरंत भाभी को गले से लगा लिया और बेतहाशा चूमने लगा।
चूँकि ये मेरा फर्स्ट टाइम था.. मैंने भाभी को सोफे पर गिरा दिया। भाभी ने कहा- अरे थोड़ा धीरे करो यार, ऐसे नहीं करते। मैं उनके होंठों पर किस करने लगा और इस बार तो मेरी किस से उनकी साँसें अटक गईं। उन्होंने मुझे धक्का दिया और कहा- तुम्हें कुछ नहीं आता.. किस ऐसे नहीं करते।
उसके बाद जैसा उन्होंने कहा, मैंने वैसा ही किया। सबसे पहले उनके होंठों पर किस किया उसके बाद ऊपर वाले लिप को चूसा.. उसके बाद नीचे वाले लिप को किस किया।
किस क्या कर रहा था मैं तो लगभग काट ही रहा था। भाभी को किस करते हुए कब मेरे हाथ उनके मम्मों पर आ गया, मुझे पता ही नहीं चला। मेरे होंठ उनके होंठों पर थे.. और हाथ उनके मम्मों पर थे। होंठों से होते हुए मेरे होंठ अब उनके चूचों पर आ गए थे। मैंने उनके पल्लू को हटाया और मम्मों को दबाने लगा। अब तक हम दोनों की साँसें तेज हो चुकी थीं। मेरा लंड खड़ा हो चुका था। भाभी का हाथ में लंड आ चुका था और मेरा एक हाथ उनके मम्मों पर चल रहा था, मेरा दूसरा हाथ उनकी चुत के ऊपर था।
अब भाभी ने कहा- चलो रूम में चलते हैं.. इधर हॉल में कोई आ जाएगा तो प्राब्लम हो जाएगी। हम दोनों मेरे रूम की तरफ चल दिए। रूम में पहुँचते ही मैंने धीरे-धीरे उनकी साड़ी को निकलना शुरू किया, अब वो सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थीं। मैंने भाभी के मम्मों को दबाते हुए उनका ब्लाउज निकाल दिया। उन्होंने पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थी। मैं पहली बार किसी को इतने पास से और इस तरह देख रहा था।
मैं ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों मुँह में लेकर चूसने लगा। भाभी ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियां लेने लगीं। इसके बाद मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया.. मेरी इस हरकत से उनकी ब्रा नीचे गिर गई.. जिसके कारण उनका ऊपर का हिस्सा पूरी तरह से नंगा हो गया था।
उन्होंने अपने हाथों से अपने मम्मों को छुपाने की कोशिश की.. मैंने बड़े प्यार से उनके हाथों को उनके मम्मों से हटाया और भाभी को अपने सीने से लगा लिया। इसके बाद भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया.. इस तरह भाभी ऊपर से पूरी तरह नंगी और नीचे सिर्फ़ पेंटी में ही रह गई थीं। मैंने फिर से भाभी के मम्मों को दबाना शुरू किया.. तो भाभी ने कहा- अपने कपड़े नहीं उतारोगे? तो मैंने कहा- आप ही उतार दो।
भाभी ने मेरी टी-शर्ट और लोवर निकाल दिया। मैं सिर्फ़ चड्डी में रह गया था, सामने भाभी सिर्फ पेंटी में थीं।
अब मैंने उनके पूरे जिस्म को किस किया उनके जिस्म का एक भी हिस्सा नहीं छोड़ा। सबसे पहले उनकी गर्दन को किस किया.. उनकी गर्दन से होते हुए उनके मम्मों को चूमा और फिर धीरे-धीरे नीचे पेट पर आ गया। पेट से होते हुए उनकी जाँघों पर पहुँच गया।
मैंने उनके चिकनी टांगों को पूरी तरह से किस किया। मेरे इस किस के कारण भाभी बहुत उत्तेजित हो गई थीं और बोल रही थीं- और मत तड़पाओ.. जल्दी से डाल दो। पर मेरा तो फर्स्ट टाइम था, मैं एक-एक मोमेंट एंजाय कर रहा था। यह भाभी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
अब मैंने धीरे से भाभी की पेंटी को निकाल दिया। मुझे उनकी चुत के दीदार हुए.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… भाभी की चुत देखते ही मैं तो पागल हो गया।
लेकिन मुझसे ज्यादा जल्दी तो भाभी को थी। भाभी सेक्स के लिए मचल रही थी, उन्होंने मेरी चड्डी को फाड़ दिया और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत पर रगड़ने लगीं।
मैंने कहा- भाभी आप तो इसे अन्दर लेने को एकदम से तैयार हैं। ऐसा कीजिए कि अपनी गांड के नीचे तकिया लगा लीजिए। उन्होंने गांड के नीचे तकिया लगाया और पोजीशन बनाई, उसके बाद मैंने लंड को उनकी चुत पर रख कर धक्का दे दिया.. पर मेरा लंड उनकी चुत से फिसल गया। तब भाभी ने लंड को पकड़ कर अपनी चुत पर रखा और कहा- अब धक्का मारो।
मैंने वैसा ही किया.. इस तरह मेरा लंड अभी भाभी की चुत में थोड़ा ही अन्दर जा पाया था कि भाभी की चीख निकल गई। मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया, जिससे उनका चीख दब गई।
अब मैंने थोड़ी देर रुक कर मैंने फिर से ट्राइ किया तो मेरा पूरा लंड उनकी चुत में घुसता चला गया.. और वो बुरी तरह चीख पड़ीं।
मैंने ऐसे ही शांत पड़ा रहा.. थोड़ी देर बाद मैंने अपने लंड को ऊपर-नीचे करना शुरू किया। अब भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं। भाभी की साँसें और मेरी साँसें तेज हो गई थीं। मैंने लगभग 15 मिनट भाभी को चोदा और फिर उनकी चुत में ही झड़ गया, मेरे साथ ही भाभी भी झड़ गईं।
उसके बाद मैंनेने एक बार और भाभी सेक्स किया। फिर भाभी चली गईं।
इस तरह मैंने भाभी के साथ एक महीने तक सेक्स किया और एक दिन उन्होंने मुझे बताया कि वो अब प्रेग्नेंट हो गई हैं।
इसके लिए मुझे धन्यवाद कहा और 10000 रूपए भी दिए। मेरे मना करने पर भी वो नहीं मानी।
पूरे 9 महीने बाद उन्होंने एक सुंदर लड़की को जन्म दिया। जब मैंने अपनी बेबी को पहली बार देखा, तो वो अहसास मैं बयान नहीं कर सकता। अब भैया का तबादला हो गया है। वो भिलाई छोड़ कर चले गए हैं।
दोस्तो, मैं उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों को मेरी भाभी सेक्स की कहानी पसंद आई होगी। मुझे मेल ज़रूर कीजिएगा। आपका दोस्त नीतीश [email protected]
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