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अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा प्रणाम, यह मेरी पहली हिंदी सेक्स की कहानी है।
मेरा नाम राहुल है.. मैं जयपुर में रहता हूँ और यहाँ रह कर मैं अपनी बी.एड. की पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरा कद 5 फुट 6 इंच है। मैं गोरा हूँ.. मेरे लंड का साइज़ भी 8 इंच का है और ये 3 इंच मोटा भी है।
एक दिन मैं बाइक से मार्केट जा रहा था, तो मुझे रास्ते में एक लड़की मिली। मैंने उसको देखा तो उसने मुझे रुकने का इशारा किया।
मैंने बाइक रोकी तो उसने मुझसे बोला- क्या आप मेरी हेल्प करोगे? तो मैंने उसके उठे हुए मम्मे देखते हुए झट से ‘हाँ’ बोल दी।
क्या गजब की माल लग रही थी.. मैं तो उसे देखता ही रह गया.. वो एकदम गोरी थी। मुझे यूं घूर कर मम्मे देखते ही वो भी समझ गई कि मैं क्या देख रहा हूँ।
वह बोली- मेरी स्कूटी का पेट्रोल खत्म हो गया है.. क्या आप मुझे थोड़ा सा पेट्रोल दे देंगे? मैंने तुरंत ‘हाँ’ बोल कर उसको पेट्रोल दे दिया। उसने मुझे थैंक्स बोला और चली गई।
उसके बारे में मैं पूरी रात सोचता रहा कि काश एक बार इसकी चूत मार सकूं.. लेकिन मैं तो उसके बारे में कुछ जानता भी नहीं था.. बात आई-गई हो गई।
फिर मैं एक दिन कुछ शॉपिंग करने के लिये मैं मॉल में गया तो बाइक पार्क करने लगा। तभी मुझे वही लड़की फिर से दिखी शायद उसने भी मुझे देख लिया था। वो आई मेरे पास और बोली- कैसे हो आप?
यार मैं तो उसको देखता ही रह गया.. क्या मस्त लग रही थी। उसने ब्लैक टॉप और वाइट जींस पहना हुआ था। साली एकदम माल लग रही थी। मेरा तो लंड खड़ा हो गया। उसका साइज़ 28-30-32 था और पूछने पर मालूम हुआ कि उसका नाम स्वाति था।
आज मैंने अपने आप पे कण्ट्रोल किया और उसके साथ मॉल के अन्दर चला गया। वहाँ जाकर हम दोनों ने शॉपिंग की.. लेकिन उसके पास पैसे कम हो गए तो वो एक टॉप नहीं ले पा रही थी। मैंने वो टॉप उसको दिला दिया वो बहुत खुश हो गई और फिर हम दोनों ने खूब बातें की और मस्ती की। आज उसने अपना नंबर दे दिया और मेरा नंबर ले लिया था।
मैंने घर जाकर उसको कॉल किया तो उसने बोला- मैं भी आपको ही कॉल करने वाली थी। फिर हम दोनों ने काफी देर तक बात की। अब मुझे कहीं न कहीं उससे लव सा हो गया था।
एक दिन मैंने उसे ‘आई लव यू..’ बोल दिया.. तो उसने मेरा फ़ोन काट दिया। मेरी तो गांड फट गई… मुझे लगा कि शायद मेरे लंड के नसीब में मुठ ही मारना लिखा है।
लेकिन अचानक से उसका कॉल आया और उसने भी मुझे ‘लव यू टू’ बोल दिया। इसके बाद से तो हम दोनों खूब मस्ती करते.. लेकिन कभी चुदाई का मौका नहीं मिला।
एक रात मैंने उससे बोल ही दिया कि मुझे तुमको चोदना है.. तो वो मान गई। वो बोली- मेरा सब कुछ तुम्हारा है।
हम लोगों ने अजमेर जाने का प्लान किया.. फिर तो मेरे दिन काटने मुश्किल होते जा रहे थे। मैं दिन में 3 बार उसके नाम की मुठ मारता। फिर दो दिन बाद अचानक से उसका कॉल आया और बोली- कल मेरे घर में कोई नहीं रहेगा। यह बात सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.. मैं समझ गया कि इसका भी चुदने का मन है। मिलने का समय तय हो गया था तो मुझे तो बस इंतजार था कि कितनी जल्दी कल आए। यही सब सोचते हुए मैं सो गया।
अगले दिन उसके पापा समेत सभी के जाने की ट्रेन सही समय से थी.. वो लोग चले गए।
उसका फ़ोन आते ही मैं उसके घर पहुँच गया। उसने मुस्कुराते हुए गेट खोला.. हाय क्या लग रही थी वो यार.. उसने शॉर्ट्स पहन रखा था। मैं अन्दर जाते ही उस पर टूट पड़ा.. वो संभल ही नहीं पाई, उसने बोला- जानू प्यार से करना.. मैं तुम्हारी ही हूँ।
फिर मैं उसे उठा कर बेडरूम में ले गया और उसे किस करने लगा, वो भी मेरा साथ दे रही थी। हम दोनों ने करीब 15 मिनट तक किस किया। मैंने एक हाथ उसके चुचे पर रखा तो वो एकदम से चिहुंक गई.. लेकिन उसे भी अच्छा लगा। वो मुझसे एकदम से लिपट गई। फिर मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए। अन्दर उसकी रेड कलर की पैन्टी पूरी गीली हो गई थी। इसके बाद मैंने उसके एक चुचे को पकड़कर खींचा तो उसे बहुत तेज दर्द हुआ। वो बोली- अह.. आराम से करो जानू।
फिर मैंने उसको उठाया और मिरर के पास ले गया तो वो दोनों को नंगा देख कर शरमाने लगी।
मैं उसे किस करता रहा। अब मेरा बुरा हाल हो रहा था तो मैंने अपना लंड उसके कोमल हाथों में दे दिया और उसके चुचे पीता रहा। पीने के वजह से उसके चुचे एकदम लाल हो गए थे। फिर मैंने उससे बोला- मुझे पानी पीना है।
तो वो मेरे लिए पानी लेने गई.. जब वो गांड मटकाते हुए जा रही थी.. सच में क्या मस्त माल लग रही थी।
जब वो कमरे से बाहर गई तो मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और एक दवा खा ली। तब तक वो पानी लेकर आ गई। उसके आते ही मैंने उसको पकड़ लिया और उसे बेड पर पटक दिया। उसकी पैन्टी खींच कर निकाल दी।
हय.. क्या मस्त चूत थी साली की.. एकदम चिकनी..! मैंने उसकी चुत पर तुरंत अपना मुँह रख दिया.. दो ही पल में वो एकदम से अकड़ते हुए झड़ गई। मैंने उसका पूरा रस पी लिया।
फिर कुछ मिनट रुकने के बाद वो बोली- जानू कुछ करो.. मुझसे रहा नहीं जाता। मैं अपना लंड उसकी चूत पे रख कर उसको किस करने लगा.. फिर मैंने एक झटका मारा तो मेरा लंड फिसल गया। वो बोली- क्रीम लगा लो।
तो मैंने उसको दिखाने के लिए हल्की सी क्रीम लगा ली, जबकि मेरा मन यूं ही लंड पेलने का था।
मैंने इस बार उसके पैर फैलाए और लंड उसकी चूत पर रख कर पूरी ताकत से झटका मार दिया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में समां गया, उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो रोने लगी।
लेकिन मैं नहीं रुका और फिर से एक झटका मार दिया। इस बार मेरा लंड उसकी कोमल सी चुत में पूरा घुस गया। वो इतना तेज चिल्लाई कि सारा घर उसकी आवाज से गूँज उठा। फिर भी मैं रुका नहीं और उसे चोदता रहा।
कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी।
फिर दवा के कारण मैं देर तक उसे चोदता रहा, उसका कई बार माल निकल गया जिसका अहसास मुझे अपने लंड पर हुआ। इसके बाद मेरा रस भी निकल गया.. और मैं उसके पेट के ऊपर ही झड़ गया।
उसकी चूत फूल कर बड़ी हो गई थी। फिर उस दिन मैंने उसे अपने लंड पर ही बैठा कर चोदा और घर चला गया।
फिर दूसरे दिन उसने फोन बताया कि वो चल भी नहीं पा रही थी।
तो दोस्तों, ये थी मेरी हिंदी सेक्स की कहानी.. कैसी लगी आपको.. प्लीज़ रिप्लाई जरूर करना।
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