This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मैं रोनित आपकी सेवा में एक चुदाई की कहानी लेकर हाज़िर हूँ।
सीधे लौंडिया पर.. हय क्या चाल थी उसकी! वो रस बरसाते उसके गुलाबी होंठ, उसकी कातिलाना आँखें.. बहुत मस्त आइटम थी वो, बस एक कमी थी उसमें। खैर.. कमी छोड़िए.. बाद में बता दूंगा।
सर्दी का मौसम था। यहाँ अहमदाबाद में सर्दी वैसे भी जान ले रही थी। मैं यहाँ एक कंपनी में ट्रेनिंग के लिए आया था। अब जवानी 19 साल की उम्र में आप ही जानते से इस सर्दी से अपने लंडनाथ की सेवा करके कितना सुकून मिलता है। यही तो असली वाला सर्दी में गर्मी का अहसास होता है।
वैसे हमारे साथ एक और कॉलेज के स्टूडेंट भी आए थे, वह भी ट्रेनिंग के लिए आए थे। मैं हल्का होकर आया ही था कि उसकी नज़र मेरे पर पड़ी। मैं 5’ 8” का हल्कट और अलमस्त सा रहने वाला गबरू जवान था।
मुझे अब अहसास हो गया था कि मुझे फिर एक बार ‘वो’ वाला प्यार होने वाला है।
पहली बार मैंने उसको इग्नोर किया। वो अभी भी मुझे घूरे जा रही थी, शायद असली वाला प्यार उसे हुआ था।
शाम के समय वो डिनर के लिए रेस्तरां में थी। मैं भी अपनी टेबल पर अकेला था और शायद वो भी। अब मन कर रहा था कि जाकर उससे बात करूँ उतने में वो मेरे सामने खड़ी थी। वो बोली- हाय.. मैं उसे देख कर बस हीरो की तरह अपने बालों में हाथ घुमा रहा था। वो फिर से बोली- मैं कुछ पूछ रही हूँ। मैं मुँह खोल कर बोला- क्या? वो हँसी और बोली- हाय। मैंने कहा- हैलो।
फिर वो वह बैठ गई और हम लोग बातें करने लगे। शायद पहली बार मैंने नीली आँखों वाली कोई लड़की अपने इतने करीब देखी थी।
बातों ही बातों में उसने बताया कि वो भी चेन्नई से है, मैं भी वहीं से बी.टेक कर रहा था तो हममें काफी कुछ कॉमन था। उसने अपने कॉलेज के बारे में बताया जो मेरे कॉलेज के पास था। अब तो मैं बस प्लानिंग कर रहा था कैसे इसे समझ लें.. आप समझ गए ना मतलब.. कैसे उसको चोद सकूँ।
उस वक्त करीब रात को 11 बज रहे थे और हमारी बातें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थीं। सच में कितना बोलती है ना ये लड़कियां!
पर क्या आवाज़ थी उसकी.. मैं तो बस पागल हो चुका था।
उसका चेहरा बाप रे बाप.. जो देखे वो भूल ही ना पाए.. बातें करने की क्या अदा थी उसकी.. एकदम मस्त और ऊपर से ये प्यारी नीली आँखें.. हाय मैं तो समझो लुट ही गया था। कोई इस चाँद की रोशनी से जलने से मुझे बचाए।
फिर उसका ध्यान टाइम पर गया तो ‘अरे बाप रे.. 12 बज गए..!’ ‘मेरे तो नहीं बजे!’ वो बोली- पागल.. टाइम 12 बज गए.. मुझे अब जाना होगा बाय।
बस वो तो चली गई.. पर मेरा तो यहाँ हाल ख़राब था। अब पूरी रात नींद किसे आने वाली थी।
ऐसे ही 3 दिन गुज़र चुके थे। मेरे हालात बेकाबू थे और ऊपर से ये कम्बख़त सर्दी जान ही ले रही थी।
आज मैंने उसे लंच पर बुलाया था। मैं पहले से ही रेस्तरां में था। उसकी एंट्री हुई, बाप रे बाप वो येल्लो टॉप और ब्लैक स्कर्ट में थी। उसका स्कर्ट बहुत छोटा था। शायद नीचे का ढक्कन होटल में भूल आई थी।
खैर.. क्या माल लग रही थी वो।
कुछ देर के बाद हमने वाइन पी और हम अब होटल के रूम में आ गए थे और अब मुझे उसके पिंक लिप्स दिख रहे थे।
मैं आवारा सांड की तरह उसके होंठों पर टूट पड़ा था। साक्षात अमृत वर्षा हो रही थी, वो भी जम के मेरा साथ दे रही थी।
करीब 5 मिनट बाद मेरे हाथ उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठा ही रहे थे कि उसने मुझे धकेला और गुस्से में बोली- ये क्या कर रहे हो?
इन लड़कियों को भी ना पता नहीं क्या हो जाता है। अब मेरी हालत खाने के लिए भूखे बैठे जानवर जैसी थी। मैं चुप था तो वो बोली- मे आई सिट हियर? मैं गुमसुम सा बोला- प्लीज..
अब प्रिया ने हल्के से स्माइल किया और सामने से मुझे प्यार से देखा.. अरे मैं आपको उसका नाम बताना ही भूल गया था। वो प्रिया थी.. हूर की परी। ‘तुम्हें बुरा लगा? उसने बोला- नहीं ठीक है.. पर यार कुछ होगा तो नहीं? मैंने ‘ना’ में सर हिला दिया।
अब क्या अब मेरे हाथ उसकी टी-शर्ट निकाल रहे थे। अन्दर पिंक ब्रा थी उसकी.. और अगले ही पल ब्रा तो जमीन पर थी।
अब मैं उसके मम्मे दबा रहा था और चूस रहा था। पर क्या बताऊँ दोस्तों.. मजा नहीं आ रहा था मुझे। वो भले जोर-जोर से कामुक सिस्कारियां ले रही थी। उसके मम्मे बहुत छोटे थे.. बस यही कमी थी उसमें।
अब आप ही बताईए.. तरबूज़ का मजा निम्बू से कैसे आ सकता है।
फिर मैं उसकी स्कर्ट उतार रहा था। वैसे वो छोटी सी स्कर्ट थी, तो उतारने की कोई जरूरत नहीं थी। अगले ही पल वो नंगी थी और मेरे सामने उसकी शेव की हुई गद्दीदार चूत कमाल की लग रही थी।
आज तो मेरी चाँदी ही चाँदी थी।
मैं अब उसकी चूत चाट रहा था। क्या चिल्ला रही थी ‘लीव मी..’ पर मैं रुकने वालों में नहीं था।
पूरे 18 साल की कमसिन कन्या मेरे सामने अपना सब कुछ लुटाने नंगी पड़ी थी। फिर झट से मैंने अपने कपड़े उतारे और अपना 6 इंच का हथियार हाथ में लिए चूत पर हमले के लिए तैयार था।
मैंने अपना हथियार उसकी चूत पर रखा.. प्रिया कुछ डरी लग रही थी। शायद डर के मारे उसकी बोलती बंद थी।
अब मैंने अपना पहला वार किया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में था। उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो रो रही थी.. उसकी चूत से खून बह रहा था। मैं अब उससे बात कर रहा था ताकि वो दर्द भूल जाए। मैंने कहा- तुम इस खून का मतलब जानती हो? उसने बड़े प्यार से मुस्कुरा कर कहा- यस, अब मैं वर्जिन नहीं रही.. यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
उसके मुस्कुराते कर कहते ही मैंने एक और शॉट लगा दिया और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था।
वो तड़फी.. तब भी मैं धीरे-धीरे गति तेज़ कर रहा था। कुछ समय तक तो प्रिया चिल्लाती रही, पर थोड़े टाइम बाद उसे भी मज़ा आ रहा था और वो मदहोश कर देने वाली सिस्कारियां ले रही थी।
करीब 3 मिनट बाद वो झड़ गई पर मैं अभी भी उसे चोदे जा रहा था।
दस मिनट की मस्त चुदाई के बाद मैं भी झड़ गया। अब तक वो 3 बार झड़ चुकी थी।
फिर हमने अपने कपड़े पहने और फ्रेश होकर खाने खाने आ गए। फिर मैंने मेडिकल से दवा लेकर उसे दे दी।
फिर आगे 4 दिन तक हमने बहुत कुछ किया जिसकी गाथा आपको अलग से लिखूंगा।
अंत में प्रिया के लिए- यार सच में उस रात बहुत मज़ा आया। तुम्हारे लिए कुछ लफ्ज़ लिख रहा हूँ।
तेरी चूत का नमकीन पानी। मेरे होंठो की जुबानी। अब चोदेंगे तेरी गांड। मैं हूँ तेरा चोदू सांड। जब तक है जान, जब तक है शान। थैंक्यू प्रिया जान।
अरे आप कहाँ जा रहे हो, उसकी गांड मारना अभी बाक़ी है मेरे दोस्त।
फिलहाल आप अपने सुझाव मेरी ईमेल पर भेजिएगा कि आपको ये चुदाई की कहानी कैसी लगी। आपका रोनित [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000