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हैलो फ्रेंड्स… मैंने अपने पड़ोस की एक देसी भाभी की चूत की चुदाई का मजा कैसे लिया, आप इस सेक्सी कहानी में पढ़ें. अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली सेक्सी कहानी है और मैं अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरीज का एक नियमित पाठक हूँ।
मेरा नाम मक़बूल खान है। मैं चित्तौड़गढ़, राजस्थान में रहता हूँ। मैं 20 साल का हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच की है.. मेरी बॉडी कसरती है क्योंकि मैं बॉडी बिल्डिंग करता हूँ। मैं एक गाँव में तहसील में हूँ। मेरा लंड 6.5 इंच का है और काफी मोटा है।
यह तो हुआ मेरा परिचय, अब मैं आपको अपना रियल एक्सपीरियेन्स बताने जा रहा हूँ।
वैसे तो मेरी 2 गर्लफ्रेंड रह चुकी हैं.. मगर अब उनकी शादी हो चुकी है और वो मुझसे दूर जा चुकी हैं। उन दोनों को मैंने खूब चोदा था.. पर अब मैं अपने लंड की प्यास बुझाने के लिए रंडियों के पास जाता हूँ। मैं अब तक तीन आंटियों को भी चोद चुका हूँ.. मगर टाइट चूत का मजा कुछ और ही होता है, वो मजा रंडियों में और आंटियों में कहाँ मिलता है।
यह घटना जनवरी की सर्दियों की है। मेरे पिताजी ने एक नई कॉलोनी में नया मकान बनवाया था और परिवार के सभी लोगों के साथ वहां शिफ्ट हो गया था। हमारे इस नए घर के सामने एक भाभी रहती हैं.. जिनकी अभी शादी हुए सिर्फ़ 2 साल हुए हैं। भाभी का नाम रेहाना है.. पर उन्हें प्यार से सोनू भी कहते हैं।
सोनू भाभी जान का रंग हल्का सांवला सा है और उनकी देह दुबली-पतली है। भाभी का फिगर 32-28-34 का होगा। लेकिन वो सांवले रंग में भी क़यामत दिखती हैं। भाभी का शरीर एकदम कसा हुआ है। उनकी बड़ी सी सुडौल गोल गांड और तने हुए मम्मे हैं।
जब मैं नए घर में आया.. तो हम दोनों के बीच कुछ परिचय आदि न था। सोनू भाभी जान खूबसूरत थीं और शायद उन्होंने अपनी इसी खूबसूरती के चलते मुझे कभी लाइन नहीं दी.. ना ही स्माइल दी।
भाभीजान के विषय में जानकारी करने पर मालूम हुआ कि वो एक गरीब घर से थीं और उनका शौहर भी एक छोटी-मोटी फैक्ट्री में जॉब करता था।
सोनू के शौहर की हर हफ्ते शिफ्ट चेंज होती थी, जिसकी वजह से वो एक हफ़्ता नाइट में अपने घर में नहीं होता था। उस हफ्ते सोनू भाभी घर में अकेली रहती थीं।
इस तरह से एक महीना निकल गया, तब तक हम दोनों के बीच कुछ नहीं हुआ था। उसके बाद मेरे मामा जी की शादी हुई। चूंकि हम सभी जॉइंट फैमिली में रहते हैं तो मामा जी भी हमारे साथ वाले घर में ही रहते हैं। उनकी शादी में हमने सब पड़ोसियों को बुलाया था, मैं ही कॉलोनी में सबको शादी के कार्ड देकर आया था।
इसी के चलते मैं सोनू भाभी को भी कार्ड देने गया था। भाभी को कार्ड देते टाइम उन्होंने मुझसे अच्छे से बात की और मैंने महसूस किया था कि उस वक्त सोनू भाभी के चेहरे पर खुशी भी थी। जब मैंने उनसे शादी में आने का आग्रह किया तो उन्होंने मुस्कुरा कर कहा- मैं और मेरे शौहर शादी में जरूर आएँगे।
फिर तयशुदा दिन को शादी की रस्में आरम्भ हुईं। वो दूसरे दिन शाम को अपने शौहर के साथ शादी की दावत के एक दिन पहले मेरे घर आईं। मैंने स्माइल देकर उनका वेलकम किया और उनको उसके शौहर के साथ बैठने के लिए चेयर दी। मैंने उनके शौहर से बड़ी गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया और उनके साथ ही कुछ देर बात की। उस वक्त सोनू भाभी मुझसे बात नहीं कर रही थीं।
उसके बाद मैं कुछ काम से बाजार चला गया. मेरे जाने के कुछ देर बाद भाभी भी अपने घर चली गईं।
शादी की दावत वाले अगले दिन सोनू भाभी अकेली ही आईं। उस दिन भाभी ने लाल रंग का लहंगा-चुनरी पहना हुआ था, जिसमें वो बहुत सुंदर लग रही थीं। मैंने उनका वेलकम किया और उनसे उनके शौहर के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा- वो बीमार हैं इसलिए मैं अकेली ही आई हूँ।
दावत हमारे घर के बाहर ही पंडाल में होनी थी। मैंने सोनू भाभी से खाने के लिए कहा.. तो उन्होंने कहा- मैं अकेली हूँ.. कैसे खाऊँ? मैंने उनसे खाना खाने में कंपनी दी और इसी बीच हमारी बातें भी चलती रहीं।
बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे कहा था कि उनका नाम रेहाना है.. सोनू तो प्यार से कहते हैं। वो मुझसे अच्छी तरह से बात कर रही थीं.. और मैंने उनसे दोस्ती करने के लिए कहा। सोनू भाभी ने मुझे अपना दोस्त बनाने के लिए ‘हाँ’ कर दी। फिर हम दोनों ने बहुत सी बातें की।
मैंने सोनू भाभी से कहा- चलिए, हम लोग छत पर चलते हैं। उन्होंने कुछ हिचकिचाहट भरी निगाहों से देखा और मेरे साथ छत पर आ गईं। वहां हम दोनों अकेले थे। हम दोनों ने वहां करीबन एक घंटे तक बात की। उस टाइम मैंने उनकी कुछ पिक्चर भी क्लिक की।
फिर मैंने उनसे उनका मोबाइल नम्बर माँगा तो सोनू भाभी ने कहा कि उनके पास मोबाइल नहीं है। मैंने पूछा- क्यों नहीं है? तो सोनू भाभी ने कहा कि हम लोग गरीब हैं और मोबाइल सिर्फ़ उनके शौहर के पास है। वो मोबाइल नहीं खरीद सकती हैं.. इसके लिए उसके पास पैसे नहीं हैं।
मैंने सोनू भाभी से ‘सॉरी’ बोला और उनको मोबाइल देने को कहा, तो उन्होंने मना कर दिया। फिर मैंने सोनू भाभी से कहा- फ्रेंडशिप का गिफ्ट समझ कर ले लो भाभी। सोनू भाभी ने कहा- मेरे शौहर मुझ पर शक करेंगे और बहुत से सवाल पूछेंगे। फिर मैंने फोर्स नहीं किया। उसके बाद रात के 11 बज चुके थे तो वो घर चली गईं।
इसके बाद रोज हम एक-दूसरे को देखते और मुस्कुरा देते। ऐसे ही कुछ दिन और बीत गए। सोनू भाभी दिन में घर पर अकेली रहती थीं।
उस दिन सनडे था.. मैं शाम को 6 बजे बाहर खड़ा था, तब सोनू भाभी ने मुझे इशारे से बुलाया, मैं उनके घर में अन्दर आ गया। उन्होंने मुझसे कहा- मेरे घर का बल्ब फ्यूज हो गया है और इसे बदलना है। मैंने उनके घर का बल्ब चेंज कर दिया। जब मैं बल्ब चेंज कर रहा था, तब सोनू ने स्टूल पकड़ रखा था और झुकने से सोनू भाभी की चुचियों की दरार दिख रही थी। एक पल के लिए मेरी आँखें उनके मम्मों की दरार में रुक गई। उस टाइम भाभी ने सलवार सूट पहन रखा था, जिस पर दुपट्टा नहीं था। जब मैं नीचे उतरा तो सोनू भाभी ने मुझे ‘शुक्रिया’ बोला और मुझे चाय पिलाई।
फिर मैंने कहा- भाभी आप मेरी दोस्त हो.. तो आप मुझसे बात क्यों नहीं करती हो? सोनू ने कहा- कैसे बात करूँ.. मेरे शौहर बहुत शक करते हैं और यदि उनको पता चल गया.. तो वे मुझे मारेंगे।
तब मैंने उनसे फिर मोबाइल की बात छेड़ते हुए कहा कि मैं आपको मोबाइल दे देता हूँ। आप दिन भर घर में फ्री रहती हो.. तो मुझसे बात कर लिया करना। तब सोनू ने कुछ जबाब नहीं दिया। फिर मेरे थोड़ा फोर्स करने पर वो मान गईं और कहा कि मोबाइल थोड़ा छोटा और पतला लेकर देना, जिसे वो अच्छी तरह छुपा सकें।
उनकी इस तरह की बात से उस वक़्त मुझे लगा कि मेरा काम फिट हो जाएगा। मैं वापस आ गया। मैं 2 दिन बाद एक स्लिम सा मोबाइल लाया और सोनू भाभी को इशारे से मोबाइल दिखाया। वो खुश हो गईं और उन्होंने मुझे शाम 5 बजे के लिए कहा कि शाम को ले लूँगी।
मैं शाम का इंतज़ार करने लगा।
फिर वो शाम को 5 बजे बाज़ार जाने के लिए निकलीं और उन्होंने मुझे इशारा कर दिया कि मेरे पीछे आओ।
बाज़ार में सुनसान जगह देख कर वो रुक गईं और मुझे अपने पास बुला कर मुझसे मोबाइल ले लिया।
मोबाइल लेकर भाभी ने मुझे थैंक्स कहा, भाभी ने कहा- जब मैं मिस कॉल करूँ, तब ही फोन करना।
अब मैं अपने घर आ गया और सोनू भाभी के फोन का इंतज़ार करने लगा। मोबाइल देने के दूसरे दिन उस वक्त उनका फोन आया, जब में काम पे था। मैंने भाभी को रिटर्न फोन लगाया और उनसे आधा घंटे तक बात की। फिर इसी तरह भाभी से फोन पर बात करने में एक महीना निकल गया। इसी दौरान बातों-बातों में उन्होंने कहा- आने वाले 27 सितम्बर उनका बर्थडे है। मैंने कहा- इस बार आपका बर्थडे कुछ स्पेशल होगा। सोनू भाभी ने पूछा- वो कैसे होगा? मैंने कहा- वो आपको उसी दिन पता चलेगा।
फिर 27 सितम्बर तक हम दोनों काफ़ी अच्छे दोस्त बन चुके थे। इन दिनों में उन्होंने मुझे अपनी लाइफ के बारे में बताया कि वो अपने शौहर से शादी नहीं करना चाहती थीं मगर घर वालों के कहने पर उसने शादी की। वो पढ़ना चाहती थीं.. मगर पैसों की कमी के कारण पढ़ाई नहीं कर सकी, सिर्फ़ 12वीं ही पास की। उनकी बातों से मालूम चला कि उनका शौहर भी सोनू भाभी से उम्र में काफ़ी बड़ा था। सोनू भाभी 23 साल की थीं.. और उनका शौहर 32 का था। उनके शौहर एक वाइफ पहले ही मर चुकी थी.. मगर दहेज ना माँगने की वजह से सोनू भाभी के पिता ने उनकी शादी कर दी।
बर्थडे के एक दिन पहले 26 सितम्बर को मैंने उनसे कहा- कल 27 को आपका बर्थडे है, इस दिन एक घंटे के लिए आपको मुझसे मिलना होगा।
उन्होंने डरते हुए ‘हाँ’ कर दी। अगले दिन को वो दिन में 11 बजे मुझसे मिलने आईं।
मैंने गली के नुक्कड़ से उनको बाइक पर बैठाया और थियेटर में ले गया। वहां मैंने बॉक्स के 2 टिकट लिए और हम फिल्म देखने लगे। फिल्म चल रही थी और हम दोनों बातें कर रहे थे। मैंने उन्हें एक सिल्वर रिंग दी और उन्हें बर्थडे विश किया। उन्होंने बहुत खुश होकर रिंग ले ली और पहन ली। मुझे थैंक्यू भी बोला।
फिर भाभी से और भी बातें हुईं।
भाभी ने पूछा- आप आज मेरे बर्थडे पे क्या स्पेशल करना चाहते थे? तब मैंने सोनू भाभी का हाथ अपने हाथ में लिया और कहा- सोनू आप बुरा तो नहीं मानोगी.. मैं कुछ कहूँ आपसे? तो सोनू भाभी ने कहा- मक़बूल बिल्कुल बिंदास होकर कहो.. आप मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो। तब मैंने सोनू से कहा- आई लव यू।
मेरे ये कहने पर वो चुप हो गईं।
फिर मैंने सोनू भाभी से कहा- क्या हुआ? सोनू भाभी बोलीं- मैं शादी-शुदा हूँ और ये नहीं हो सकता।
मेरे थोड़ा समझाने पर वो मान गईं और मैंने सोनू से थैंक्स कहा। फिर मैं उनके गले में हाथ डाल कर बातें करने लगा। सोनू भाभी को मेरा यूं उनके गले में हाथ डालना अच्छा लगा तो मैंने उनको अपनी तरफ खींचते हुए एक लिप किस कर दिया उम्म्ह… अहह… हय… याह… मजा आ गया और धीरे से उनके मम्मे भी सहलाए। भाभी की चुदाई की यह हिंदी कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं! कुछ ही देर बाद इंटरवल हो गया.. तो सोनू भाभी ने कहा- घर चलते हैं.. कहीं मेरे शौहर को पता ना चल जाए।
मेरा मतलब हल हो चुका था, भाभी मुझसे पट चुकी थीं.. सो हम दोनों घर आ गए।
दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी यह भाभी की चुदाई की सच्ची सेक्सी कहानी पसंद आ रही होगी, प्लीज़ मुझे मेल करें।
कहानी के अगले भाग में आप पढ़ेंगे कि कैसे मैंने भाभी की चूत की चुदाई की. [email protected]
देसी भाभी की चूत की चुदाई का मजा लिया-2
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