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देसी भाभी की चूत की चुदाई का मजा लिया-1
आपने अब तक की इस रंगीन और मस्त चुदाई की कहानी में पढ़ा था कि पड़ोस की रेहाना भाभी जिनका निकनेम सोनू भाभी था, वे मुझसे पट चुकी थीं और मैंने उनके मम्मों को भी सहला लिया था। अब आगे..
फिर भाभी संग फोन पर बात करते-करते 15 से 20 दिन और निकल गए। भाभी को प्रपोज करने के बाद हमारी बातों में बदलाव आने लगा। हम फ्रेंड्ली बातों से आगे बढ़कर खुल कर सेक्स की बातें करने लगे। मैंने सोनू भाभी से उनका फिगर पूछा.. तो उन्होंने बताया कि 34-28-34 का साइज़ है। मैंने पूछा- आपके चूचे तो इतने बड़े नहीं दिखते? तो सोनू भाभी ने कहा- मैं टाइट ब्रा पहनती हूँ न।
इस तरह हमारी बातें कामुक होती चली गईं। मैंने उनसे सेक्स करने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि शौहर से बिना मन के सेक्स साथ करती हूँ.. क्योंकि वो मेरे शौहर हैं.. मजबूरी है। मैंने पूछा- बच्चा क्यों नहीं हुआ? तो भाभी ने कहा- मैं हमेशा कंडोम से करवाती हूँ.. ताकि प्रेग्नेंट ना हो जाऊँ और महीने में सिर्फ़ 4-5 बार ही करवाती हूँ.. इसलिए कभी प्रेग्नेंट नहीं हुई हूँ। मुझे अभी बच्चे की जल्दी नहीं है।
अब मैं बातों ही बातों में उन्हें बहुत गर्म कर चुका था और उनके नाम की मुठ मारता था। फोन पर बात करते टाइम वो बहुत गर्म हो जाती थीं और अपनी चूत उंगली से रगड़ती थीं।
इसी तरह कुछ दिन और बीत गए। तब मैंने सोनू भाभी से कहा- मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ। तो उन्होंने 4-5 दिन मना किया और फिर मान गईं। सोनू भाभी ने कहा कि 3 दिन बाद उनके शौहर की नाइट शिफ्ट आएगी, तब वो रात को मुझे कॉल कर के बुला लेंगी।
मैं उस दिन का इंतज़ार करने लगा कि कब उनका शौहर नाइट शिफ्ट में काम पर जाए। फिर आख़िर वो दिन भी आ गया। मैं रात होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। मैंने उस दिन अपनी झांट के बाल साफ़ किए और शाम को नहा कर परफ्यूम लगा कर कंप्यूटर पर पॉर्न मूवी देखने लगा।
रात के करीब एक बजे सोनू भाभी का कॉल आया और उन्होंने कहा- आ जाओ और कंडोम लेकर आना। मैंने कहा- ठीक है.. गेट खुला रखना। मैंने मैनफोर्स के 5 चॉक्लेट फ्लेवर के एक्सट्रा डॉटेड कंडोम लिए और सोनू भाभी के घर पर पहुँच गया।
मैंने भाभी के दरवाज़े पर हाथ लगाया तो वो खुल गया। मैंने सोनू भाभी को आवाज दी तो वो गेट के पीछे छुपी हुई थीं। उसने मेरे होंठों पर हाथ रख दिया और कहा- आवाज मत दो।
फिर सोनू भाभी ने दरवाज़ा अन्दर से लॉक कर दिया। इस वक्त वो ग्रीन सूट में थीं और बहुत सेक्सी लग रही थीं। मैंने भाभी को ‘आई लव यू’ बोला और उनके हाथ में कंडोम का पैकेट रख दिया। भाभी अपनी चूत के लिए कंडोम का पैकेट देखते ही मुस्कुरा कर शरमा दीं और अन्दर वाले रूम में भाग गईं।
बेडरूम में जाकर भाभी बिस्तर पर जाकर बैठ गईं और अपने दोनों हाथों से मुँह छुपा लिया। मैंने अन्दर जाकर भाभी को पीछे से पकड़ लिया और उनकी गर्दन पर किस करने लगा। साथ ही भाभी की कमीज के ऊपर से ही दोनों हाथों से उनके पेट और मम्मों को सहलाने लगा। उन्होंने भी दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़ लिया और मेरे बालों में उंगलियाँ चलाने लगीं। भाभी ने आँखें बंद करके मुझसे कहा- मक़बूल आई लव यू..
फिर करीब 5 मिनट इस तरह चूमने चाटने के बाद मैंने सोनू भाभी को सीधा किया और बांहों में भर लिया। अब मैं भाभी के होंठों को चूसने लगा। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं और उन्होंने मुझे कमर में हाथ डाल कर कस लिया। कभी मैं उनकी जुबान चूसता तो कभी वो मेरी जुबान का रस चूसतीं।
इसी तरह हमने 10 मिनट तक फ्रेंच किस किया। फिर मैंने अपने दोनों हाथ भाभी के मम्मों पर रखे और कमीज के ऊपर से ही सोनू भाभी के मोटे मम्मे दबाने लगा। उनकी गर्दन को चूमने लगा और सीने पर किस करने लगा।
सोनू भाभी मुझे आँखें बंद किए हुए ‘आई लव यू.. आई लव यू’ बोल रही थीं।
कुछ देर बाद मैंने सोनू भाभी को कमर से पकड़ कर अपनी गोद में उठा लिया। सोनू भाभी ने दोनों पैर मेरी कमर में कस लिए, अब मैं उनके मम्मों की दरार को चूम और चाट रहा था। मैंने भाभी की कमीज के ऊपर से ही उनके मम्मों को अपने दाँतों से काट लिया।
सोनू भाभी की एक मादक ‘आआहह..’ की आवाज निकल गई। फिर मैंने सोनू भाभी को नीचे खड़ा किया और अपनी शर्ट को उतार दिया। फिर सोनू भाभी की कुर्ती को भी उतार दिया। सोनू भाभी की कुर्ती उतरते ही उनकी ब्लैक ब्रा में बड़े और मोटे व एकदम गोल मम्मे दिखने लगे। सच में.. उन्होंने बहुत टाइट ब्रा पहनी हुई थी, जिससे उनके मम्मों के बीच की दरार इतनी कसी हुई थी कि उसमें एटीएम कार्ड भी नहीं घुस सकता था।
फिर मैंने भाभी के मम्मों को दबाया और उनकी ब्रा खोल दी। जैसे ही भाभी की ब्रा खुली.. उनके मम्मों का साइज बढ़ गया। भाभी के मम्मे बहुत बड़े और तने हुए थे और उन पर छोटे-छोटे से भूरे निप्पल हवा में लहराने लगे।
अब हम दोनों ऊपर से नंगे हो चुके थे और मेरे लंड का साइज तन के 6.5 इंच हो गया था। लंड मेरे पज़ामे में तंबू बन गया था। मैंने भाभी को बिस्तर पर गिरा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया। मैंने फिर उनके होंठों को चूमना शुरू किया और दोनों हाथों से उनके मम्मे पूरी ताकत से मसलने लगा।
सोनू भाभी मेरे नीचे तड़पने लगीं। वे मेरी कमर को अपने हाथों से सहला रही थीं और नाखूनों से नोंच रही थीं। भाभी इस चुदाई के आलम में ठंडी आहें भर रही थीं- आअहह.. सस्स्सिईईई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊओह.. मक़बूल ओह हां उफ़..
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कुछ देर बाद मैं उठा और मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उनकी सलवार के साथ पेंटी भी उतार फेंकी। मेरे सलवार और पेंटी खोलते ही सोनू भाभी ने अपनी दोनों जांघें आपस में मिला दीं। मैंने कहा- जांघें चौड़ी करो न बेबी..! तो उन्होंने कहा- मुझे शरम आती है। मैंने कहा- ओके फिर मैंने अपना पज़ामा और अंडरवियर खोल दिया और सोनू भाभी को अपना लंड दिखाया। तो उन्होंने आँख मारते हुए कहा- ये तो बहुत अच्छा और बड़ा हथियार है। मैंने कहा- आज से ये लंड आपका है भाभीजान।
यह कह कर मैं रेहाना भाभी के बाजू में लेट गया और उनकी चूत पर उंगली रख कर उसे सहलाने लगा। करीब 5 मिनट सहलाने के बाद सोनू भाभी अपनी जांघें आपस में रगड़ने लगीं। तब मैंने सोचा कि अब भाभी लंड लेने के लिए पूरी तरह गर्म और तैयार हैं।
मैंने भाभी की जांघें चौड़ी कीं और उनकी दोनों टांगों के बीच में बैठ गया। मैंने भाभी की चूत देखी तो बस देखता ही रह गया। भाभी की बहुत खूबसूरत चूत थी.. एकदम भूरी और मोटी-मोटी फांकों वाली उभरी हुई गदीली चूत थी और भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था। भाभी की पूरी चूत चिकने पानी से सराबोर हो गई थी, उनका पानी चूत से रिसकर गांड तक बह रहा था।
मैंने भाभी की चूत को किस किया और एक बार मुँह में लेकर चूस डाला। सोनू पूरी तरह अकड़ गईं और अपने दोनों मम्मों को अपने हाथों से मसलने लगीं। फिर मैंने अपने लंड का सुपारा भाभी की चूत की दोनों फांकों के बीच रगड़ने लगा। भाभी ने कहा- मक़बूल कंडोम पहन लो। मैंने कहा- तुम पहनाओगी तो पहन लूँगा.. वरना ऐसे ही पेल दूँगा।
तो भाभी ने शरमाते हुए मेरे लंड पर कंडोम रख कर पहनाया। कंडोम खोलते ही चॉकलेट की खुशबू फ़ैल गई।
कंडोम पहनाने के बाद सोनू भाभी ने कहा- मक़बूल आज सोनू को हमेशा के लिए अपना बना लो। भाभी के ये कहते ही मैंने उनकी जांघें ऊपर की ओर उठाईं और लंड का सुपारा चूत के छेद पर रख कर एक जोरदार धक्का मार दिया।
भाभी के मुँह से ‘आअहह..’ की आवाज आई और उन्होंने कहा- मक़बूल धीरे पेलो न.. आपका लंड मोटा है। फिर मैंने भाभी के होंठों पर किस किया और धीरे-धीरे धक्के लगा कर पूरा लंड चूत में डाल दिया। एक-दो पल रुकने के बाद मैं धक्के मारने लगा।
सोनू भाभी के मुँह से तेज ‘आ आह..’ आवाजें आने लगी, भाभी कहने लगीं- यस मक़बूल.. जोर-जोर से करो।
फिर मैंने धक्कों की स्पीड तेज की और पूरी स्पीड में सोनू को चोदने लगा। पूरा कमरा ‘छाप.. छाप..’ और ‘ठप.. ठप..’ की आवाजों से गूँज उठा। साथ ही सोनू भाभी की कामुक सिसकारियों से माहौल रंगीन हो उठा।
दस मिनट बाद मैं भाभी की चूत में झड़ गया.. मेरे लंड का रस कंडोम की सुरक्षा में था इसलिए कोई चिंता की बात नहीं थी। मैंने भाभी की चुदाई का मजा ले लिया मगर सोनू भाभी संतुष्ट नहीं हुई थीं। मैं निढाल होकर भाभी पर ही गिर गया।
सोनू भाभी ने कहा- क्या हुआ मक़बूल.. झड़ गए हो क्या? मैंने कहा- हाँ भाभी। तब सोनू ने कहा- अब तुम नीचे लेटो।
मैंने वैसा ही किया। सोनू भाभी मेरे ऊपर आ गईं। उन्होंने कंडोम मेरे लंड पर से निकाल दिया और उसमें गाँठ लगा कर उसे साइड में रख दिया। फिर भाभी ने एक कपड़े से मेरा लंड साफ़ किया। उसके बाद सोनू भाभी ने मुझे खूब किस किए.. मेरे होंठ चूसे। मैं भी भाभी के मम्मों को दबा रहा था.. चूस रहा था।
सोनू भाभी ने मेरे पूरे शरीर को चूमा और चाटा। आखिर में मेरा लंड हाथ में लेकर मुठ मारने लगीं। दस मिनट में मेरा लंड वापस रॉकेट बन गया।
फिर सोनू भाभी ने मुझे वापस कंडोम पहनाया और कहा- मक़बूल शुरू हो जाओ।
इस बार मैंने सोनू भाभी को घोड़ी बनाया और उनके पीछे आकर उनकी मखमली चूत पर लंड रख कर 2 झटकों में ही पूरा लंड अन्दर उतार दिया।
अब मैं शुरूआत से ही फुल स्पीड से बहुत तेज धक्के मार रहा था। मैं सोनू भाभी पर झुका और उनके दोनों मम्मों को हाथ में पकड़ कर जोर-जोर से भाभी की चूत में धक्के देने लगा।
साथ ही मैं भाभी की गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था। भाभी भी ‘आअहह ऊओ ऊह यस तेज.. और तेज मक़बूल.. यस अया अया..’ कर रही थीं। दस मिनट बाद सोनू ने एक जोर से सिसकारी मारी ‘आआआहह… मक़बूल यस..’ और अकड़ते हुए भाभी ने अपना पानी छोड़ दिया। उनकी चूत का पानी जाँघों से रिसता हुआ उनके घुटनों से बिस्तर पर गिर गया।
मगर मैं अब भी धक्के पर धक्के मारे जा रहा था। कुछ मिनट धक्के मारने के बाद मैं भी झड़ गया। मैं बिना चूत में से लंड निकाले ही उन पर लेट गया।
हम दोनों 20 मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे। फिर हम दोनों उठे.. थोड़े फ्रेश हुए और नंगे ही एक-दूसरे की बांहों में लेट गए। अब हम दोनों बातें करने लगे। आधा घंटे आराम करने के बाद हम दोनों फिर से तैयार हो गए। इस बार मैंने सोनू भाभी की चुदाई फिर से खूब जोरदार तरीके से की। मैंने भाभी की गांड के नीचे तकिया रख कर उनको चोदा। गांड के नीचे तकिया रखने से सोनू भाभी की चूत किसी कमल के फूल की तरह खिल उठी थी।
उस रात को मैंने सोनू भाभी को 4 बार चोदा। भाभी की चौथी चुदाई के बाद घड़ी में 5.30 बज चुके थे। इन 4 बार की चुदाई में वो 3 बार और मैं 4 बार झड़ चुका था।
फिर भाभी उठीं और नंगी ही किचन में जाकर दूध गर्म करके लाईं।
हम दोनों ने एक-एक गिलास दूध पिया। उन्होंने कहा- अब सुबह उजाला होने वाला है.. मक़बूल आप चले जाओ।
उसके बाद मैं कपड़े पहन कर घर आ गया और सो गया। मैं 11 बजे उठा.. फ्रेश हो कर बाहर गया तो सोनू भाभी कपड़े धो रही थीं और बहुत खुश और खिली-खिली सी दिख रही थीं। शायद वो मुझसे चुद कर संतुष्ट थीं।
मैंने हल्के से खंखारा तो भाभी मुझे देख कर शर्मा गईं। इस तरह मैंने 6 दिन तक मैंने खूब भाभी की चुदाई की और पिछले 2 महीने से अभी तक भाभी को चोद रहा हूँ।
तो फ्रेंड्स यह मेरी लाइफ का सच्चा इन्सिडेंट है, जो करीब 10 महीने में पूरा हुआ।
आप सभी को मेरी इस भाभी की चुदाई की सेक्सी कहानी पर जो भी कहना हो, प्लीज़ मुझे मेल कीजिएगा। [email protected]
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