This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अब तक आपने स्वाति की सैम और रेशमा से करीबी के बारे में जाना, फिर रेशमा का उसके भाई के साथ सेक्स संबंध पढ़ा, और अब स्वाति भी सेक्स सुख की दहलीज पर आ खड़ी हुई है, अपने अतीत और प्रथम सहवास की कहानी खुद स्वाति अपने मुंह से सुना रही है..
रेशमा ने एक झटके में सैम की चड्डी उतार दी.. मैं और रेशमा एक साथ हंस पड़ी! यह क्या आधा खड़ा आधा सोया लिंग सफेद द्रव से पूरा सना हुआ.. सैम ने अपना बाल खुजाते हुए कहा- यार, मैं अभी जवानी की दहलीज पर कदम रख रहा हूँ और दो-दो नंगी लड़कियों के साथ रहकर खुद को कब तक संभाल पाता इसलिए चड्डी पे ही माल निकल गया..
अब तक मैं बड़ी घृणा से मुंह बना रही थी पर रेशमा ने सैम पर प्यार जताते हुए मुंह को चू चू चू करके बजाया और कहा- मेरा भाई इतना तड़प रहा है.. और यह कहते हुए उसने चड्डी को पैर से अलग किया और लिंग को हाथ में पकड़ कर आस-पास फैले सफेद द्रव्य को चड्डी से साफ करने लगी।
मैं कौतूहल भरी नजरों से ये सब देख रही थी, रेशमा ने कहा- हाँ हाँ देख ले, पहली बार देख रही है ना! मेरे साथ भी यही हुआ था.. अभी देखना जब ये पूरा खड़ा होगा और तेरी योनि में घुसेगा और ये जो माल यहाँ गिरा है ना इसे वीर्य कहते हैं, इसका स्वाद भी बहुत अच्छा होता है.. बोल चखेगी?
मैंने ओअअअ कहते हुए मुंह बनाया और पीछे हट गई.. लिंग में तनाव आना शुरू हो चुका था। तभी रेशमा ने ‘जा मर कुतिया, तू ही बाद में पछतायेगी!’ कहते हुए.. लिंग मुंह में ले लिया और बड़े मजे से चूसने लगी।
लिंग में बहुत तेजी से तनाव आया.. और वह देखते ही देखते आठ इंच का दिखने लगा.. मैंने तुरंत कहा- तूने तो सात इंच बताया था, ये लिंग तो आठ इंच का दिखता है? रेशमा ने लिंग मुंह से निकाला और कहा- अब आठ हो या सात… मुझे नहीं पता, मैंने कोई टेप ले कर नहीं नापा था, हाँ लेकिन इतना जरूर है कि ये तगड़ा और सुंदर लिंग जब तेरे अंदर घुसेगा ना तो हजार गुना ज्यादा मजा आयेगा!
उसकी इस बात से मैं शरमा गई और मेरा ध्यान लिंग पर केन्द्रित हो गया.. सच में मैं भी नहीं बता सकती कि लिंग कितना बड़ा था, पर वह गोरा था, उसकी नसें भी स्पष्ट दिखने लगी थी, सुपारा बड़ा सा था नीचे की ओर गहराई तक उसकी हद थी, रंग गुलाबी लाल था मगर रेशमा के चूसने से सफेदी आने लगी थी, मानो रेशमा ने उसकी लालिमा चुस ली हो..
मैं अनायास ही आगे की ओर सरकी और रेशमा के उरोजों को दबा दिया… रेशमा ने आऊच कहा और मुस्कुराते हुए ही लिंग मेरी ओर कर दिया। शायद उसने आँखों से कहा- ले अब तू भी लिंग चूस ले, ये मौका बार-बार नहीं मिलने वाला,! या ऐसा भी हो सकता है कि मैंने ही ऐसा सोच लिया हो और मैंने लिंग मुंह में लिया और मेरी आँखें बंद हो गई.. स्वाद का कुछ पता नहीं.. अब मैं क्या कर रही हूँ या ये क्या हो रहा है मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था।
मुझे अपने मम्मों में किसी हाथ का अहसास हुआ, मैं जानती थी कि रेशमा मेरे उरोजों से खेल रही है तो मैंने अपना ध्यान लिंग पर केन्द्रित रखा.. मेरा दांया हाथ लिंग को जड़ से संभाले हुए था और बायें हाथ को मैंने अपने मम्मों पर रेशमा के हाथ के ऊपर रख दिया.. सब कुछ यंत्रवत हो रहा था..
तभी मेरी बेहोशी टूटी जब सैम ने अपना पूरा लिंग मेरे मुंह में डालने की चेष्टा की, उसने मेरे बालों को कस के पकड़ लिया और लिंग जड़ तक पेलने की कोशिश करने लगा.. मैं छटपटाने लगी मेरे लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा था, जहाँ आधे लिंग के लिए जगह नहीं थी वहाँ पूरा लिंग कैसे घुसता..
मैंने खुद को छुड़ाया और उसे मुक्के से मारने लगी, मैं रोने लगी, उसे जानवर वहशी कहने लगी।
उसने मेरे हाथों को पकड़ा और सीने से लगा लिया, फिर कानों में धीरे सॉरी कहा.. मैं रो रही थी पर उसके खड़े लिंग ने मेरी पनियाई योनि पर पेंटी के ऊपर से दस्तक देनी शुरू कर दी.. तो मेरा भी रोना बंद हो गया और सैम मुझे लगातार सॉरी बोल रहा था.. मैंने उसे चुप कराने के लिए उसके मुंह में जीभ डाल दी और हमारी लंबी किसिंग चालू हो गई।
इसी बीच उसका हाथ मेरी पेंटी में फंसकर नीचे की ओर सरकने लगा.. मैंने जैसे मौन स्वीकृति दे दी हो और पेंटी को नीचे उतर जाने दिया। पेंटी के उतरते ही रेशमा ने कहा- वाह क्या बात है, रोने का इनाम कड़कते लिंग से.. और मैं शरमा गई, मैंने सैम के सीने में सर छुपाने की कोशिश की मगर सैम ने जानबूझकर मेरी ठोड़ी पकड़ के मुझसे नजरें मिलाई और हम दोनों मुस्कुरा उठे।
फिर सैम ने मुझे उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया और खुद नीचे की ओर सरक गया। मेरी योनि का दोनों भाई बहन मुयाना करने लगे, ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझ पर कोई परीक्षण करने वाले हों। मैं अब कुछ भी नहीं कर सकती थी, मैं तो अब एक खिलौने की भांति उनके इशारों पर नाच रही थी.. मेरे कानों पर एक मादक आवाज आई- हाय अल्लाह इतनी प्यारी योनि.. छोटे-छोटे रेशमी बाल, हल्की सी दरार और उस पर कामरस की ऐसी चिपचिपाहट जैसे दो तख्त के बीच फेवीकोल डाला गया हो!
फिर किसी ने योनि पर हाथ फेरा, मैं सहम गई और हाथ फेरते ही कहा- इतनी नाजुक मुलायम मखमली योनि यार… क्या योनि ऐसी भी होती है… ये सब सैम और रेशमा आपस में बातें कर रहे थे।
तभी रेशमा की तेज आवाज आई- भाई देख, क्या रहे हो रस बिस्तर पे टपक रहा है, इसे ऐसे ही बरबाद होने दोगे क्या? उन शब्दों के साथ ही मैंने जीभ अपनी योनि की दरारों में महसूस किया.. एक पल को आँखें खोलकर देखी तो सैम ने मेरी योनि पर अपना मुंह टिका दिया था। मैंने फिर मजे और शर्म भरी लज्जत से आँखें बंद कर ली, मेरा शरीर किसी गर्म लोहे की तरह तपने लगा, और एक गर्म सलाख की मांग करने लगा।
रेशमा थोड़ी ऊपर आकर मेरे मम्मों को सहलाने लगी और मेरे होंठो को चूमते हुए कहा- सच यार स्वाति, तू इतनी हसीन है, मैंने आज देखा! मैंने प्यार और शरारत भरे स्वर में कहा- पहले देख लेती या जान लेती तो क्या करती? उसने मेरी आँखों में आँखें डाली और कहा- बताऊं.. बताऊ.. बताऊं मैं क्या करती.. कहते हुए नीचे मेरी योनि की ओर अपना हाथ बढ़ाया और अपनी दो ऊंगलियाँ मेरी योनि में डाल दी..
मैं अक्षत यौवना थी इसलिए उसकी दो उंगलियों का आधा घुसना भी बर्दाश्त नहीं कर पाई… और ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाय राम मर गई…’ कहते हुए चीख पड़ी।
सैम ने कहा- रेशमा इसके साथ बेरहमी मत करो.. मैंने तुम्हारे साथ ऐसा कुछ किया था क्या? रेशमा ने कहा- चल अब इसकी साईड मत ले भाई, इसको हटा यहाँ से, इसने ही तो कहा था ना कि पहले रेशमा चुदेगी फिर मैं.. सैम को जैसे सांप सूंघ गया हो.. वो तो अब योनि फाड़ने की तैयारी कर चुका था और मैं भी अब तक इतनी गर्म हो चुकी थी कि अब एक पल और बर्दाश्त नहीं कर सकती थी।
तब सैम ने कहा- छोड़ ना यार रेशमा, तू भी अच्छा इसकी बातों को मानने लगी.. अब ये है लाईन में है तो पहले इसे ही कर लेने दे ना! रेशमा ने कहा- नहीं भाई.. ये अपने मुंह से खुद कहे कि पहले मुझे करवाने दो, तभी मैं इसे करवाने दूँगी.. मैंने तपाक से कह दिया- हाँ मैं बोल रही हूँ ना पहले मुझे करवाने दो.. मेरी योनि अब तुम्हारे भाई के लिंग के लिए तड़प रही है.. अब और नहीं सहा जाता…
रेशमा ने ‘आय हाय… मेरी सहेली ऐसे मचल रही है जैसे बिन पानी मछली..’ कहते हुए बोरोप्लस की पास रखी ट्यूब उठाई और हाथों में क्रीम लेकर मेरी योनि में लगा दी और एक उंगली जहाँ तक जा सकती थी अंदर भी लगा दी। ऐसा करते हुए उसने ट्यूब सैम को दे दी और उसने भी अपने लिंग पर क्रीम की अच्छी मात्रा में लगा ली।
अब रेशमा मेरे मम्मों और शरीर के अंगों को मादक तरीके से सहलाने लगी, मैं भी उसके मम्मों से खेलने लगी.. और सैम अपने अकड़ रहे लिंग को मेरी योनि की दरार पर रगड़ने लगा। मैंने सैम को देखा और कहा- अब देर किस बात की? तो सैम मुस्कुराया और एक हल्का धक्का लगाया, इसी के साथ ही उसका सुपारा मेरी योनि में फंस गया… मैं दर्द के मारे हड़बड़ाने लगी रेशमा ने मुझे जकड़ लिया.. और रेशमा के कुछ देर पहले ही मेरी योनि में उंगली डालने से जगह बन गई थी इसलिए मैं सह गई। यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद दूसरा धक्का लगा.. तब ऐसा लगा जैसे किसी ने तलवार से मेरे जिस्म को काट दिया हो… मैं बेसुध सी होने लगी… मैं बस यही सोच रही थी कि अगर क्रीम ना लगी होती तो मेरा क्या होता और मैं यह सोच ही रही थी कि तभी तीसरा धक्का लगा और मैं सच में बेहोश हो गई।
जब रेशमा ने मेरे मुंह में पानी डाला तब होश आया.. दर्द और जलन योनि में किस कदर हो रहा था.. बता पाना मुश्किल है.. उस पल को सोचकर समझ आता है कि सच में जबरन चुदाई करने से लड़कियाँ मर क्यों जाती है.. क्योंकि बहुत लोग सोचते हैं कि चुदने के लिए बनी योनि में लिंग घुसने से कोई कैसे मर सकता है.. लेकिन वो यह नहीं जानते कि जबरदस्ती करने और बेरहमी दिखाने से अक्षत यौवनाओं की जान भी जा सकती है.. जैसा कि उस दिन मेरे साथ हो सकता था।
खैर मैं ऐसे ही कुछ देर पड़ी रही, फिर स्थिति सामान्य होने लगी, मैं फिर से उनके कामुक कारनामों का जवाब देने लगी। तब सैम ने लिंग को आगे पीछे करना शुरु किया, मैं मजे, दर्द उत्साह उत्तेजना के मिले जुले भंवर में फंसती चली गई… और कुछ उलझन में उलझना दिल को सुकून देता है.. मैं इसी सुकून से आनन्द लेते हुए ‘और तेज करो…’ कब कहने लगी पता ही नहीं चला!
सैम किसी तेज घोड़े की तरह हाँफता हुआ बहुत तेज गति से मेरी योनि की प्यास बुझा रहा था, अब प्यास बुझा रहा था या बढ़ा रहा था यह कह पाना भी मेरे लिए मुश्किल है.. क्योंकि हर धक्के के साथ मुझे ऐसा लग रहा था कि इस समय का एक एक पल सदियों लम्बा हो जाये.. यह काम क्रीड़ा कभी खत्म ही ना हो..
पर मेरे चाहने से क्या होता है.. मैं अकड़ने लगी, सैम समझ गया कि मेरा होने वाला है उसने गति और बढ़ा दी.. और मैं झड़ गई। सैम अभी नहीं झड़ा था लेकिन उसका इंतजार एक और योनि कर रही थी..
रेशमा की आवाज आई- चल भाई, अब जल्दी से इस योनि की प्यास भी बुझा दे! वो पहले से घोड़ी बन कर लिंग का इंतजार कर रही थी, सैम का लिंग एक झटके में उसकी योनि की गहराइयों में उतर गया और दोनों मजे लेकर कामक्रीड़ा करने लगे।
जल्द ही दोनों एक साथ चरम पर पहुंच गये.. और सब ऐसे ही पड़े रहे। कुछ देर बाद उठे तो पता चला कि सबकी नींद लग गई थी और शाम हो चुकी थी।
हमने झटपट अपने टिफिन का खाना खा लिया जो हमने सुबह स्कूल के लिए रखा था।
उसके बाद एक राऊंड और चला, दूसरे राऊंड में मैंने खुलकर मजा किया। फिर उन्होंने मुझे घर छोड़ दिया।
मैंने मम्मी से सर दुखने का बहाना किया और अपने कमरे में जाकर सो गई।
कहानी जारी रहेगी.. कमसिन जवानी की इस कहानी पर अपनी राय निम्न पते पर दें.. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000