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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार, यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है तो सभी पाठकों से अनुरोध है कि इस चुदाई की कहानी में कोई ग़लती दिखे, तो मुझे माफ़ कर दीजिएगा।
मेरा नाम राज है और मैं मध्य प्रदेश के इंदौर का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में एक स्मार्ट बंदा हूँ और मेरा कद 5’4” है। मेरे लंड का साइज भी लंबा और मोटा है।
मेरी दोस्त जिसका नाम मानसी है.. वो भी लगभग मेरी ही हाईट की है। मानसी दिखने में किसी भी हीरोइन से कम नहीं है.. उसका रंग जरूर कुछ सांवला सा है, पर फिर भी वो बहुत सुंदर लगती है। उसका शारीरक कटाव इतना कामुक है कि कोई भी उसे देख कर आहें भरने लगे।
मेरी और मानसी की दोस्ती फिज़िक्स की कोचिंग में हुई थी, तब से हम दोनों आपस में फ्रेंड बन गए थे। अभी हम दोनों 12 वीं क्लास की पढ़ाई कर रहे थे। वो एक अच्छे नेचर वाली लड़की थी और सभी से खुशमिजाजी से ही रहती थी।
कोचिंग में हम दोनों अक्सर एक ही टेबल पर बैठा करते थे, तो हम आपस में काफ़ी बात किया करते थे।
फिर एक दिन मैंने ही पहल करते हुए उससे कॉंटेक्ट नंबर आपस में बदलने को कहा, तो वो तुरंत ही मान गई। अब हम दोनों फोन पर भी आपस में बातें करने लगे।
फिर एक दिन मुझे अपनी छोटी बहन के जन्मदिन की पार्टी का न्यौता दिया। मैं जब उसके घर गया तो उसके घर वालों ने भी मेरा बहुत अच्छा सत्कार किया.. जो मुझे बहुत पसंद आया। उसकी फैमिली भी मुझे अपनी फैमिली की तरह ही खुले और अच्छे विचारों वाली लगी।
बर्थ-डे पार्टी बहुत रात तक चली। फिर मैं अपनी बाइक से अपने घर वापस आ गया।
अब हमारी दोस्ती और भी गहरी होने लगी। इसी तरह कुछ समय बीता और अब मेरा जन्मदिन भी आ गया। मैंने उसे मूवी देखने चलने को इन्वाइट किया.. तो वो खुशी-खुशी राज़ी हो गई। हम दोनों ‘जन्नत-2’ मूवी देखने गए।
मूवी चालू हुई.. इस हॉट मूवी की शुरुआत में ही इमरान हाशमी का वो सीन आ गया, जिसे देखकर हम दोनों एक-दूसरे को तिरछी निगाहों से देखने लगे। कुछ ही पल बाद दोनों ने ही अपनी आँखें हटाईं और मूवी देखने लगे।
फिर मूवी ख़त्म होते वक़्त उसने मुझे एक तोहफा दिया.. जिस पर मैंने उसे घर पर बर्थ-डे पार्टी में आने का न्यौता दिया।
उसने कहा- यार रात को आने में प्राब्लम होगी.. तो मैं अपने घर पर पूछ कर फोन पर बताऊँगी।
फिर हम दोनों घर को निकल पड़े।
घर आकर मैंने अपनी मॉम को सारी बात बताई और अपनी फ्रेंड को इन्वाइट करने के लिए उनसे हामी भरवा ली। फिर मॉम से ही फोन करवा कर उसके घर वालों से भी इजाजत मिल गई।
वो शाम को केक काटने के कुछ देर पहले ही आ गई.. फिर केक काटने के बाद डांस का प्रोग्राम शुरू हुआ।
अब सब मस्ती में डांस करने लगे। उधर हम दोनों भी साथ में ही डांस कर रहे थे, तो डांस करते समय मेरी हाथ ग़लती से उसकी चुची से छू गया.. जिसे शायद उसने इग्नोर कर दिया।
फिर रात ज़्यादा हो जाने की वजह से मेरी मॉम ने उसे घर ही रोक लिया और सुबह जाने को कहा। उन दिनों गर्मी के दिन होने के कारण सब छत पर सोने की तैयारी करने लगे। हम दोनों भी छत पर दो बिस्तरों पर लेट कर बातें करने लगे.. और कब आँख लग गई, इसका पता ही नहीं चला।
चूँकि हमारे पलंग केवल एक बालिश्त की दूरी पर थे.. तो रात को करीब 2:30 बजे मेरा हाथ उसके सीने पर चला गया।
कुछ गुदगुदा सा अहसास पाते ही मेरी नींद टूट गई.. पर उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। मुझे उसकी चुची बड़ी मुलायम लग रही थी, मैं धीरे से हाथ फेरता रहा। तभी मुझे उसकी चुची दबाने का आईडिया आया और मुझ पर थोड़ी हवस भी हावी होने लगी।
मैंने धीरे से उसकी एक चुची सहलाई.. उसका कोई विरोध ना होने पर मुझे समझ आ गया कि वो जाग रही है और सोने का नाटक कर रही है।
बस फिर क्या था.. मैं धीरे से उसके पलंग पर आ गया और उसका टॉप ऊपर करके उसकी चुची मसलने लगा। अगले ही पल मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उससे भी रहा ना गया और वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब मैंने उठ कर अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसे भी अपने कपड़े उतारने का इशारा किया। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
उसके नंगी होते ही मैं उसके ऊपर आकर उसे ऊपर से नीचे तक चूमने लगा। अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी। मैंने उसकी बुर और अपने लंड पर बहुत सारा थूक लगाया और उसकी बुर पर अपना लंड सैट किया, उसके होंठ पर अपने होंठ रखे और एक जोरदार धक्का मार दिया। पहले ही शॉट में मेरा आधा लंड उसकी बुर में घुस गया था ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ उसके होंठ मेरे होंठ में दबे होने के कारण उसकी चीख घुट कर रह गई.. पर उसकी आँखों से आँसुओं की धार बहने लगी।
मैं थोड़ा रुका और फिर कुछ ही पलों बाद उसी तरह का एक और झटका मार दिया। अब मेरा पूरा लंड उसकी बुर में था.. दर्द के मारे वो अधमरी सी हो गई थी।
मैं थोड़ी देर तक रुका रहा और उसे किस करता रहा। थोड़ी देर बाद वो कुछ सामान्य हुई और अब मैंने लंड को आगे-पीछे करना शुरू किया।
दर्द तो उसे अब भी हो रहा था, पर अब उसे भी मजा आने लगा था और वो अपने कूल्हे उछाल-उछाल कर मेरा साथ देने लगी।
कुछ देर की चुदाई के मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। कुछ देर बाद एक जोरदार पिचकारी मेरे लंड से निकली और मैं उसकी बुर में ही झड़ गया।
उसने बताया कि इस बीच वो भी झड़ चुकी थी। थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर से हटा.. तो देखा कि उसकी बुर से खून निकल कर पलंग पर गिर गया था। मेरा लंड भी उसके खून से सना था।
फिर मैंने छत पर पड़े एक कपड़े से अपने लंड को साफ किया और उसने उसकी बुर साफ की। हम दोनों ने कपड़े पहने.. मैंने टाइम देखा तो सुबह के साढ़े चार बज चुके थे।
फिर हम अपने-अपने पलंग पर सो गए। जब सुबह उठे तो उससे ठीक से चला नहीं जा रहा था। मॉम के पूछने पर उसने बताया कि सीढ़ी से उतरते वक़्त उसका पैर मुड़ गया था।
चाय-नाश्ते के बाद में उसे घर छोड़ आया। उसके घर वालों के पूछने पर भी उसने यही बताया।
इसके बाद तो हम दोनों ने कई दिनों तक जब भी मौका मिला.. चुदाई का आनन्द उठाया।
आज हम दोनों ही ग्रेजुएट हो चुके हैं और उसकी शादी भी पास के ही गाँव में हो गई है।
तो दोस्तो यह थी मेरी सेक्स स्टोरी, आपको कैसी लगी मुझे मेल जरूर करें। [email protected]
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