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दोस्तो.. यह कहानी मेरे दोस्त की मां की चुदाई की है जो उसने खुद अपनी आँखों से देखी थी। मेरे दोस्त के मुख से ही उस की मां की चुदाई की कहानी सुनिये।
मैं आज आप सभी को अपनी माँ की चुदाई की कहानी सुना रहा हूँ। मेरी मॉम जॉब करती हैं.. पापा दो साल पहले मर गए थे। मेरी मॉम की उम्र 38 की है और मेरी उम्र 18 की थी। मेरी मॉम का फिगर 36-30-40 का है।
यह बात 20 दिन पहले की एक सच्ची घटना है। प्लीज़ इसको पढ़िए और मुझे लगता है कि इस दास्तान को पढ़ कर लड़के अपने लंड को रगड़ने और लड़की अपनी चूत में उंगली डालने पर मजबूर हो जाएँगी।
इससे पहले कि मैं अपनी सेक्स स्टोरी को शुरू करूँ, सबसे पहले मैं उन दोनों लोगों का परिचय आपसे करा दूँ।
इस कहानी में दो आदमी हैं, वे दोनों मम्मी की कंपनी के दो दोस्त हैं। एक नाम कपिल की उम्र 32 है.. और दूसरे संदीप.. वे 28 साल के हैं।
हुआ यूं कि मेरे दोस्त की बहन की शादी थी, मैं मॉम से बोला- मेरे दोस्त रवि की बहन की शादी है, मैं उधर जा रहा हूँ.. मुझे आने में दो दिन लग जाएंगे।
इस तरह मैं अपनी मॉम से जाने की बोल कर निकल गया। रवि की बहन शादी एक छोटी से गांव से थी। उसके गाँव का घर बहुत छोटा सा था, जैसे तैसे शादी निपटी।
उस रात को मुझे वहीं रुकना था, पर मेरे को लगा आज यहाँ पर नहीं सो पाऊँगा तो मैं रवि से बोला- भाई मैं घर जा रहा हूँ। रवि ने भी परिस्थिति देखी और मुझे जाने के लिए ‘हाँ’ बोल दी।
मैं शाम 7.30 बजे की बस में बैठ कर नागपुर निकल आया। करीब 9.30 बजे रात को मैं अपने घर आ गया।
मेरे घर के सामने एक कार खड़ी थी। मैं दरवाजे के पास गया.. वहाँ से घर के अन्दर दो आदमी दिखे, मुझे समझ नहीं आया कि कौन लोग हैं।
तभी मॉम की खनकती हुई हँसने की आवाज आई- प्लीज़ प्लीज़ अब ये नहीं करो..!
मॉम की ये आवाज सुन कर मुझे समझ नहीं आया कि अन्दर क्या हो रहा है। मैंने दरवाजे को धक्का दिया तो मालूम हुआ कि दरवाजा अन्दर से बन्द है। मैं पीछे के दरवाजे से अन्दर गया और अन्दर जाकर देखने लगा।
मॉम की आवाज आ रही थी- प्लीज़ नहीं ना.. प्लीज़ बस करो यार..! ये आवाजें मॉम के रूम से आ रही थीं। मॉम के रूम के दरवाजे भी अन्दर से बन्द थे।
एक बार तो मुझे किसी अनिष्ट की आशंका हुई लेकिन मॉम की आवाजें उस तरह की नहीं लग रही थीं, जिससे ये मालूम हो कि उन पर कोई कष्ट हो।
अब मैं दरवाजे में बने एक छोटे से छेद से देखने लगा। अन्दर का सीन देखते ही मेरा दिल मचल गया।
मॉम का दोस्त कपिल उनके हाथ पकड़े हुए था और संदीप मॉम की चुत चाट रहा था।
तभी मॉम बोलीं- अह.. प्लीज़ रहने दे यार.. बहुत गुदगुदी हो रही है। अब कपिल बोला- तू दो मिनट रुक तो.. डार्लिंग तुझे अभी बहुत मजा आएगा। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
वो सीन देख कर कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं अपने लंड को हाथ में पकड़कर हिलाने लगा।
कपिल ने अपना लंड पैंट से बाहर निकाला और लंड को मॉम के मुँह में डाल दिया। उसका लंड एकदम काला और मोटा था। कपिल ने बड़ी ही बेदर्दी से मॉम के गले तक लंड ठूंस दिया, जिससे मॉम को खांसी आ गई और उनके मुँह से थोड़ा पानी बाहर आ गया।
मुझको समझ में आ गया कि कपिल का लंड बहुत मोटा है और मॉम झेल नहीं पा रही हैं। उधर दूसरी तरफ संदीप मॉम की चुत में उंगली कर रहा था। ऊपर कपिल मॉम के मुँह में जोर-जोर से लंड के धक्के मारने लगा था।
मॉम के मुँह से लगातार लार का पानी बाहर निकल रहा था। वो देख कर मैं अपना लंड और जोर-जोर से हिलाने लगा। कपिल का मोटा लंड मॉम के गले तक जा रहा था।
नीचे संदीप ने अब दो उंगलियां मॉम की चुत के अन्दर डाल दीं।
कुछ ही देर में मॉम के मुँह में कपिल झड़ गया और झड़ने के बाद भी उसने अपना लंड मॉम के मुँह से नहीं निकाला था, जिस वजह से मॉम के मुँह से कपिल के लंड की रबड़ी बाहर निकलने लगी थी।
कुछ पल बाद कपिल ने अपना सिकुड़ा हुआ लंड मॉम के मुँह से बाहर निकाल लिया, तो मॉम हँसने लगीं।
यह देख कर मैं समझ गया कि मेरी मम्मी ने रंडी बन कर चुदने के लिए पूरा मन बना लिया है। अब उनकी इस सोच ने मेरा मन भी रंगीन बना दिया था। मॉम ने अब संदीप का लौड़ा चूसना शुरू कर दिया। मॉम अब सच में बहुत सेक्सी लग रही थीं।
वो मॉम के मुँह को जोर जोर से चोदने लगा, मॉम के मुँह से ‘ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग..’ जैसी आवाजें आ रही थीं। संदीप का खीरे जैसा लम्बा लंड मॉम के मुँह के अन्दर पूरा का पूरा घुसा हुआ था। संदीप ने भी मॉम के मुँह को कई मिनट तक भरपूर चोदा और फिर अपने लंड को मुँह से बाहर कर लिया।
मॉम अब पलंग में अपनी टांगें फैला कर लेट गईं। कपिल मॉम की टांगों के बीच में आ गया और उनकी चूत के होंठों के ऊपर लंड को रख दिया। मॉम ने अपने हाथों से लंड को चूत के मुँह पर सैट करते हुए इशारा किया तो कपिल ने लंड सैट होते ही एक झटका दे दिया। उसका आधा लंड अन्दर घुस गया। मॉम की ‘आह..’ निकल गई। जैसे ही दूसरा झटका दिया, तो मॉम ‘आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह..’ करने लगीं।
कपिल जोर-जोर से ठोकना चालू कर दिया। कुछ ही मिनट की चुदाई के बाद मॉम की चूत से झाग आने लगा और वो भी अपनी गांड को उठा-उठा कर मस्ती से चुदाई के मजे लेने लगीं।
मेरी मॉम उछल-उछल कर लंड के मजे ले रही थीं, कपिल कस-कस मेरी माँ की चूत की चुदाई किए जा रहा था। अब कपिल ने अपना लंड मॉम की चूत से बाहर निकाल लिया, तो संदीप ने अपना लंड मॉम के सामने हिलाने शुरू कर दिया। मॉम भी संदीप का खड़ा लंड इदेख कर देख कर मुस्कुरा कर बोलीं- संदीप, तेरा लंड तो कपिल से कुछ छोटा है!
संदीप की झांटें सुलग गईं, वो बोला- लगता है इस हरामजादी, भोसड़ीवाली रण्डी को आज सांडों से चुदवाना है। इस छिनाल का एक लंड से मन नहीं भरता है। कपिल भी बोला- चुप बुरचोदी रण्डी, अधिक नखरे किए तो गांड भी फाड़ दूँगा। मॉम डर कर बोलीं- प्लीज़ गांड नहीं.. चुत में कर लो और मुझे छोड़ दो। संदीप बोला- ऐसे कैसे छोड़ दें.. चल साली रण्डी, कुतिया बन जा.. आज तेरी बुर को फाड़ कर तेरी प्यास बुझानी है।
संदीप ने मॉम कुतिया बना दिया और खुद मॉम के नीचे लेट कर माँ की चूत में लंड लगा दिया। उधर कपिल ने पीछे से पहले मॉम की गांड में थूक लगा कर मॉम की गांड में उंगली की, फिर अपना लंड उनकी गांड में पेल दिया।
मॉम एकदम से चिल्ला पड़ीं.. शायद माँ की चुदाई ऐसे सैंडविच बन कर कभी नहीं हुई थी। वह रोए जा रही थीं… चिल्ला रही थीं और कह रही थीं- अबे हरामियों एक-एक करके चोदो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मुझे छोड़ दो कमीनों।
‘ऐसे कैसे छोड़ दें साली रंडी.. ले बहुत बड़े-बड़े लंड लेने की चुल्ल थी ना.. ले अब कुतिया.. साली दो लंड का मजा ले..।’ मॉम कहने लगीं- नहीं… नहीं… मुझे छोड़ दो.. प्लीज़ मेरे पति ने भी कभी ऐसा नहीं किया। कपिल बोला- साली रण्डी, एक लंड से तुझे संतोष ही नहीं था। तुझे दो मर्दों के ही लंड चाहिए, तो अब नाटक क्यों कर रही है.. साली रण्डी अब तो तू दोनों पाइप ले..
मॉम कुछ नहीं बोल रही थीं.. अब शायद उनकी चुत और गांड ने दोनों लंड झेल लिए थे। कपिल बोला- बस अब चलो पूरी घोड़ी बन जाओ।
मॉम अपने हाथों के बल पर उठते हुए पूरी चौपाया बन कर घोड़ी बन गईं।
वाहह.. क्या नजारा था.. उनकी गांड तो फ़ैल कर और भी ख़तरनाक हो गई थी। कपिल ने मॉम की गांड को जबरदस्ती फ़ैला कर अपने लंड को घुसा दिया और मॉम चीख निकल पड़ी.. पर वो रुका नहीं और लगातार मॉम की गांड मारता रहा।
करीब दस मिनट लगातार गांड मारने के बाद जब वो झड़ने वाला था, तो कपिल ने अपने लंड को मॉम की गांड से निकाला और अब संदीप ने नीचे से ऊपर आकर मॉम की गांड में अपना मूसल पेल दिया।
अब संदीप मॉम की कमर पकड़ कर अपने लंड को बहुत जोर-जोर से पेलते हुए ठोक रहा था। मॉम आह्ह.. कर रही थीं और संदीप और भी जोर-जोर से मॉम के चूतड़ों में चमाट मारते हुए गांड मारने लगा।
अब मॉम भी जोर से अपनी गांड हिला-हिला साथ देने लगीं। संदीप ने मॉम की गांड को दस मिनट तक ऐसे ही जोर-जोर से ठोका। मॉम की गांड भी मस्त लाल-लाल हो गई थी।
फिर संदीप ने झड़ कर अपना वीर्य से लिपटा हुअ लंड मॉम की गांड के छेद के ऊपर रगड़ते हुए निकाला और वो ‘आह आह ओह ओह..’ करते हुए लेट गया।
तो मित्रो, यह कहानी मेरे दोस्त की माँ की चुदाई की थी जो कि एकदम सच्ची कहानी है।
अपने विचार मुझको ईमेल कीजिएगा.. पर फालतू में चूत दिलाने की बात ना करें.. बस हिंदी में चुदाई की कहानी का मजा लेते हुए अपने लंड का पानी निकाल लें।
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