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दोस्तो, मैंने बहुत दिल से ये सेक्स स्टोरी लिखी है, मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मेरी पहली कहानी पसंद आएगी।
मैं इंदौर से हूँ.. मेरा उपनाम लकी है। अन्तर्वासना पर कई लोगों की कहानियां पढ़ कर मुझे भी काफी ख़ुशी मिलती है, तो मैंने सोचा कि मैं भी अपनी कहानी आपको बताऊँ ताकि आपको भी कुछ पल ख़ुशी के दे सकूँ।
चुदाई का नाम लेते ही पता नहीं मेरे दिल में क्या होने लगता है। मेरे दिल की धड़कनें एकदम से तेज़ होने लगती हैं और भोसड़ी में घुस जाने को जी चाहता है।
ऐ बनाने वाले तेरा बहुत-बहुत धन्यवाद है, जो तूने भोसड़ी और लंड बनाया.. वर्ना इस पूरी दुनिया में ख़ुशी पाने के लिए कोई चीज़ नहीं होती.. और ये पूरी दुनिया जैसे वीरान होती।
दोस्तो, आँखों में चूत की तस्वीर आते ही मेरी आँखें एकदम लाल होने लगती हैं और जी करने लगता है कि बस जिंदगी भर भोसड़ी आँखों के सामने रहे और उसको चूसता रहूँ।
आप जिसको दिल से चाहते हो.. अगर उसकी भोसड़ी सामने हो.. तो फिर कहने ही क्या!
दोस्तो, मेरी कहानी भी कुछ इसी तरह है मैंने भी आपने सच्चे प्यार के साथ कुछ इस तरह से कुछ पल बिताए हैं कि जिसके बाद लगता है कि बस अभी और इसी पल मौत भी आ जाए तो कोई गम नहीं।
एक लड़की है पूजा, जिसको मैं अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता हूँ और जब तक जिन्दा हूँ.. तब तक करता रहूँगा। अब मैं आपको अपनी और पूजा की कुछ ऐसी बातें बताऊंगा और मेरा वादा है कि आपको अपनी आत्मा तक ख़ुशी मिलेगी।
बात आज से करीब 3 साल पहले की है, जब मैं एक कालेज में कंप्यूटर इंजीनियर का काम करता था.. तब एक दिन मुझे एक कंपनी से एक लड़की का कॉल आया। पहले तो मैंने बात करने से मना कर दिया लेकिन उसका से 4 बार फोन आया तो फिर मैंने उसकी बात सुनी।
बात करने में लड़की बहुत ही सकारात्मक विचारों वाली लग रही थी, तो मैंने उससे कहा- क्या हम दोस्त नहीं हो सकते? उसने मेरी दोस्ती एक्सेप्ट कर ली.. इसके बाद अक्सर हमारी बातें फ़ोन पर होने लगीं।
फिर एक दिन हमने मिलने का फैसला किया। दो से तीन बार हमारा प्लान केंसल होने के बाद आखिर वो दिन आ ही गया, जब मैं पहली बार उससे मिला। वो देखने में बहुत ही खूबसूरत थी।
हमने बिज़नेस की कुछ बातें की, रेस्तरां में कुछ खाने-पीने के बाद हम निकल गए।
उस दिन के बाद हमारी बातें फ़ोन पर बढ़ने लगीं और अक्सर हम मिलने भी लगे। दिनों-दिन हमारी दोस्ती और गहरी होने लगी और ये दोस्ती कब प्यार में बदल गई, हमें कुछ पता ही नहीं चला।
अब तो बस मुझे तो जैसे उसके संग की आदत सी हो गई.. उसके बिना कुछ अच्छा नहीं लगता। अब हमारी बातें रात को भी होने लगीं.. धीरे-धीरे हम एक-दूसरे से ओपन होने लगे और खुल कर बातें करने लगे।
फिर हालत ये हो गई कि एक-दूसरे से अलग रहना मुश्किल लगने लगा, तब हम दोनों से साथ में काम करने का फैसला किया। मैंने उसके साथ रहने के लिए अपनी जॉब छोड़ दी और हम दोनों साथ काम करने लगे।
अब हमारा प्यार और गहरा होने लगा और अब हम रात में सेक्स के बारे में थोड़ी-थोड़ी बातें करने लगे। दिन में भी मौका लगने पर हम किसिंग और कभी कभी एक-दूसरे को छू लिया करते थे। हम दोनों की ही बेकरारी बढ़ती गई।
अब तो हम रात में खुल कर फ़ोन सेक्स फ़ोन पर सेक्स की बातें करते थे। हम बस मौके की तलाश में थे कि कब हमें मौका मिले और जमकर एक-दूसरे की चुदाई कर दें।
एक दिन हमने एक होटल में एक कमरा लिया और वहाँ पर अपनी चुदाई का प्रोग्राम बनाया। उस दिन दिलों की धड़कनें एकदम तेज़ हो गई थीं, मैं बहुत ही ज्यादा एक्साइटिड हो रहा था। फिर आखिर वो पल आ ही गया.. जिसका हम दोनों को बेसब्री से इंतजार था।
हम दोनों कमरे में आ गए और फिर तो जैसे हमारी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था। हमारा सपना सच हो चुका था दोस्तो.. वो मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी फीलिंग थी।
हो सकता है कि आप में से कई लोगों ने इस पल को महसूस किया हो.. तो शायद वे इस स्थिति को समझ सकते हैं।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना पर पढ़ रहे हैं।
मैंने उसके गले में पहले मंगलसूत्र डाला.. उसकी मांग में सिंदूर भरा और पूरे मन से उसको अपनी पत्नी स्वीकार किया। उसने भी पूरे मन से मुझे अपने पति के रूप में स्वीकार किया।
उसके बाद हम दोनों बिस्तर पर आ गए.. दोनों के दिल बहुत तेज़ धड़क रहे थे। मैंने पहले अपनी जान के माथे को चूमा.. फिर उसके गालों पे किस किया.. उसकी गर्दन पर.. फिर होंठों को चूमने लगा।
हम दोनों की आँखों में एक चमक सी आ गई थी। मैं उसके दूधों को कपड़े के ऊपर से ही पकड़ कर दबाने लगा, उसके दूध काफी बड़े-बड़े थे। मम्मों की रगड़ मेरे हाथों में बहुत ही आनन्द दे रही थी।
हमारे दिलों की धड़कनें बढ़ती जा रही थी। हम दोनों ने एक-दूसरे को एकदम कस के पकड़ लिया और एक-दूसरे को पकड़ कर चूमने लगे।
अब मैं कभी उसके दूध को दबाता, कभी उसकी गांड को पकड़ता और दबाता। उसका पूरा बदन मेरी आगोश में था। उसके बदन की गर्माहट और उसके अंगों की नर्माहट मुझे पागल बना रही थी।
फिर मैंने उसके ऊपर के टॉप को उतारा.. उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी थी। इस छोटी सी ब्रा में उसके बड़े-बड़े दूध क्या कमाल के लग रहे थे। ओह.. मैंने दीवानगी में उसकी ब्रा भी खोल दी और उसके दूध पूरे खुलकर मेरे सामने आ गए।
मैं अपने आपको दुनिया का सबसे खुशकिस्मत इंसान समझ रहा था। मेरी जान बिल्कुल जन्नत की परी लग रही थी। उसने अपने मम्मों को अपने हाथों से छुपाने की कोशिश की, वो भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रही थी। उसकी सांसें बहुत तेज चल रही थीं और दिल की धड़कनें मुझे साफ महसूस हो रही थीं।
मैंने उसके हाथों को हटा दिया और उसके दूधों को पकड़कर दबाने लगा और चूसने लगा। अब तो उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैं उसके दूधों को जोर-जोर से दबाए जा रहा था और साथ ही मुँह से एक निप्पल को चूस भी रहा था। उसने मुझे कसके पकड़ लिया और मेरे मुँह को उसके दूधों पर दबा दिया, उसको भी बहुत मजा आ रहा था।
अब मैंने उसके पूरे बदन को चूमना और चाटना शुरू कर दिया। कभी मैं उसके दूधों को पीता.. कभी उसके होंठों को चूमता। इसी बीच कब मेरा हाथ उसके नीचे उसकी पेंटी के अन्दर चला गया, मुझे पता भी नहीं चला। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
इससे पहले तो मैं उसकी गांड को पीछे से दबा रहा था, बहुत मजा आ रहा था। अचानक मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी में घुसेड़ा और चूत पर चला गया।
सच बता रहा हूँ दोस्तों.. उसकी चूत इतनी गीली हो गई थी कि मेरा पूरा हाथ उसकी भोसड़ी के पानी से गीला हो गया। अब तो मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया था। वो भी अपनी गांड हिला रही थी कि बस उसकी चूत में अपने लंड को डाल दूँ।
इसके बाद मैंने जल्दी से उसकी पेंटी भी निकाल दी.. अब तो वो पूरी नंगी हो गई थी। मैं तो उसको देखकर जैसे पागल सा हो गया था। सच में वो जन्नत से आई हुई परी ही थी। उसकी चूत फूली हुई मोटी सी थी, हाथ में आ जा रही थी। उसकी भोसड़ी के लिप्स.. ओह्ह.. कसम से मुझे बुला रहे थे।
मैंने बिल्कुल भी देर नहीं की, हाथों से ही उसकी भोसड़ी का पानी थोड़ा साफ किया और अपने मुँह को उसकी चूत पर टिका दिया। मैं चूत को उस तरह से दबोचे हुए था, जैसे लिपलॉक करके किस करते हैं।
मैं अपनी जुबान की नोक से उसकी चूत के छेद में घुसा-घुसा कर चूसने लगा।
उसको इतना मजा आ रहा था कि उसके मुँह से जोर-जोर से आवाजें आने लगीं- ‘आह्ह्हह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओ जान पागल कर दिया तुमने.. और चूसो.. आहह्ह आह..!
उसकी कामुक आवाजें सुनके मुझे और मजा आने लगा… और मैं अपना पूरा मुँह उसकी चूत में घुसा कर उसको जोर-जोर से चाटने लगा।
आअह्ह.. क्या मस्त लग रही थी उसकी भोसड़ी.. ओह.. जी कर रहा था कि जिंदगी भर बस इस भोसड़ी को चाटता ही रहूँ।
अब मैंने उसको अपने ऊपर 69 में उठाते हुए उसकी चूत को अपने मुँह पर रख लिया और उसकी चूत का रस पीने लगा। मैं उसकी चूत को चाट-चाट कर मस्त हो रहा था और उसको जो आनन्द आ रहा था.. वो भी मैं महसूस कर रहा था। उसकी भोसड़ी की गर्मी.. उसकी चूत के पानी का टेस्ट.. अह.. सब मुझे मदहोश कर रही थी।
काफी देर तक अपनी चूत को चटवाने के बाद उसने कहा- जान अब दर्द हो रहा है! अब तक उसने भी मेरे लंड को चूसा था।
उसको हटाने के बाद मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए थे, अब हम दोनों चुदाई के लिए तैयार थे।
फिर क्या था मैंने अपने लंड को उसकी भोसड़ी के छेद पर रखा और आपने लंड को उसकी चुत के अन्दर घुसाने की कोशिश की। जब लंड के आगे का हिस्सा उसकी भोसड़ी में घुसा.. तो उसको थोड़ा दर्द हुआ। मैंने जोर से एक झटका लगाया तो उसके मुँह से ‘आह..’ की आवाज आई और आँखों से आंसू आ गए।
फिर धीरे-धीरे मैंने अपने लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया। कुछ ही पलों में तो मैं जैसे पूरा ही उसके अन्दर समां गया था।
आह.. कितना मजा आ रहा था। मैं उसकी भोसड़ी को चोद रहा था। अब तो उसको भी मजा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी। उसके मुँह से भी ‘उह.. आह्ह..’ की आवाजें आ रही थीं। मैं लगातार उसकी चूत में झटके मार रहा था, उसके दूधों को चूस रहा था। वो अकड़ गई थी और शायद चरम पर आ गई थी। कुछ ही मिनट जमकर चुदाई के बाद मेरे लंड का पानी भी छूट गया।
उसके बाद मैं उसके ऊपर ही लेट गया, काफी देर हम एक-दूसरे के ऊपर लेटे रहे।
उस दिन हमने बार-बार चुदाई की, वो दिन मेरी जिंदगी का सबसे हसीन और प्यारा दिन था। उसके बाद हमारा प्यार और गहरा.. और गहरा होता गया।
उस प्यार में आगे क्या-क्या हुआ दोस्तो.. वो भी मैं आपके लिए लिखूंगा। आपको मेरी ये सच्ची सेक्स स्टोरी कैसी लगी.. जरूर बताइएगा.. मुझे आपके ईमेल का इंतजार रहेगा। [email protected]
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