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हिंदी सेक्स कहानी की सर्वाधिक लोकप्रिय साइट अन्तर्वासना पर आपका स्वागत है दोस्तो!
यह कहानी मुझे मेरे एक प्रशंसक ने भेजी है.. जिसे मैं उचित सुधार और रूपांतरित करके आपके समक्ष लाई हूँ।
कहानी आप खुद उस प्रशंसक के शब्दों में पढ़िए।
हेलो दोस्तो और उनकी माताओ…
मेरा नाम विधान है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 साल और रंग गोरा है बिल्कुल अपनी माँ की तरह! मेरे लंड का साइज़ आठ इंच है।
मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ। मेरे घर में तीन लोग रहते हैं… मॉम, डैड और मैं!
मेरे डैड जॉब करते है जिस वजह से वो घर से बाहर रहते हैं, इस वजह से माँ की प्यास नहीं बुझ पाती है।
मेरी माँ का नाम सुप्रिया है, उनकी उम्र 38 साल है पर वो अभी भी 28 साल की ही लगती हैं। मेरी माँ बहुत ही सेक्सी और सुन्दर और गोरी है, उनकी फिगर 36-30-36 का है। वो हमेशा घर में साड़ी में ही रहती है। एक बात और… मेरी माँ साड़ी नाभि के बहुत नीचे पहनती है और मैं उनकी नाभि पर फ़िदा हूँ। उनकी नाभि गोल और डीप है जो उनकी साड़ी से दिखाई देती है… और मैं उनकी नाभि को चाटने और उनको चोदने के सपने देखता हूँ।
अब ज्यादा टाइम ना लेते हुए अपनी कहानी शुरु करता हूँ… यह घटना गर्मियों की है। आप तो जानते ही हैं कि दिल्ली की गर्मियाँ अच्छे अच्छों की हालत खराब कर देती है।
घर में मैं और माँ.. हम दोनों ही रहते थे.. और माँ घर में साड़ी पहना करती थी। माँ इतनी गर्मियों में भी साड़ी पहन कर काम कैसे कर लेती थी… पता नहीं… पर मुझे बहुत मजा आता था क्योंकि माँ अपनी साड़ी नाभि से चार इंच नीचे पहनती थी और मैं दिन भर उनकी नाभि और चिकनी पेट को देखता रहता था… पर उन्हें चोदने का कभी नहीं सोचा था।
गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी, मैं दिन भर घर में बनियान और कैप्री में बैठ कर माँ को घूरा करता था।
एक दिन डिनर करने के बाद हम अपने अपने कमरे में लेटे हुए थे और मैं अन्तर्वासना पर सेक्स कहानियाँ पढ़ रहा था। उसमें मुझे एक कहानी मिली जो माँ बेटे की चुदाई की कहानी थी। मैं उसे पढ़ने लगा। तभी पहली बार मैंने अपने माँ की चुदाई के बारे में सोचा और मुठ मारने लगा।
मुठ मारने के बाद मुझे कुछ मीठा खाने का मन हुआ तो मैं आइसक्रीम लेकर माँ के कमरे में चला गया। मैंने वहाँ जाकर देखा तो माँ ने अपने हाथों पर मेहंदी लगाई हुई थी और बिस्तर पर लेटी थी।
मैं उनके पास गया और उनको आइस क्रीम खाने का ऑफर किया पर उन्होंने मना कर दिया। मैं वहीं बैठ कर आइसक्रीम खाने लगा और माँ से बातें करने लगा।
तभी अचानक लाइट ऑफ हो गई और गर्मी से हम दोनों का बुरा हाल हो गया।
मेरी माँ को अंधेरे से बहुत डर लगता है। माँ से गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी, वो पसीने से भीगने लगी। मैंने अपने मोबाइल की फ़्लैश लाइट ऑन की और माँ क पास आकर बैठ गया और आइसक्रीम खाने लगा।
तभी मैंने माँ को देखा, वो गर्मी से बेहाल थी, मैंने माँ को बोला- मम्मी.. आप को गर्मी नहीं लग रही है? तो उन्होंने कहा- बहुत गर्मी लग रही है बेटा! मैंने कहा- मम्मी.. आप इस साड़ी की जगह कुछ हल्का पहन लो। तब उन्होंने मुझे अपनी मेहँदी दिखा कर कहा- अभी तक ये सूखी नहीं है… तो मैं कैसे चेंज करूँगी। मैंने कुछ नहीं कहा और आइस क्रीम खाने लगा।
तभी माँ ने कहा- मेरे पल्लू में पिन लगी है.. उसे खोल के मेरा पल्लू नीचे कर दे… मुझे बहुत गर्मी लग रही है।
मैं बहुत खुश होने लगा और माँ की साड़ी का पल्लू उनके बदन से अलग कर दिया और उनकी नाभि को देखने लगा। मम्मी के सोफ्टी जैसे पेट और नाभि को देख कर मेरा उसे चूमने और चाटने का मन हो रहा था, तभी माँ ने अपने सिर का पसीना पोछने के लिए हाथ उठाया और उनका हाथ मेरे हाथ से टकरा गया और पूरी आइस क्रीम माँ की साड़ी और पेट पर गिर गई।
माँ ठण्डी आइस क्रीम के स्पर्श से सकपका गई और मुझसे माफ़ी मांग कर बोली- सॉरी बेटा, गलती से हाथ लग गया। और मैं बोला- कोई बात नही… मैं साफ़ कर देता हूँ.. मैं- माँ.. आपकी साड़ी पर आइस क्रीम गिर गई है.. क्या करूँ? माँ- सबसे पहले साड़ी उतार कर पानी में डाल दे.. वरना दाग लग जाएगा। मैं- ओके माँ!! मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।
माँ बेड से उठी और मैंने उनकी साड़ी निकाल दी.. अब वो केवल ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने थी। मेरा लंड एकदम लोहे की तरह टाइट हो गया, मैंने अंदर चड्डी नहीं पहनी थी तो मेरा लंड का उभार केप्री में से दिखने लगा… माँ ने भी इस बात को नोटिस किया।
मैं माँ के मम्मों को घूर रहा था… और माँ मेरे कैप्री के उभार को… मेरे लंड के उभार को देखकर माँ का चेहरा लाल हो रहा था।
मैंने गौर किया कि माँ की ब्लाउज पूरी तरह से पसीने में भीग चुकी है… और उन्होंने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी, जिसकी वजह से माँ के निप्पल साफ़ दिखाई दे रहे थे।
तभी माँ बोली- जल्दी से मेरे शरीर पर लगी आइस क्रीम साफ़ कर दे। मैं- माँ… कैसे साफ़ करूँ? यहाँ तो कोई बेकार कपड़ा भी नहीं है? माँ मस्ती में बोली- चाट कर साफ़ कर दे! मैं- सच माँ? माँ – हम्म… बोल कर मुस्कुराने लगी।
मम्मी बेड पर लेट गई और मैं उनके पेट पर लगी आइसक्रीम चाटने लगा। माँ के पेट में लगी आइसक्रीम का मजा ही कुछ और था। फिर मैंने देखा कि माँ की गहरी और गोल नाभि में आइसक्रीम भरी हुई थी। मैं माँ की नाभि में अपनी जीभ डाल कर चाटने लगा और इस वजह से माँ गर्म होने लगी और उनके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी।
मैंने माँ की नाभि पर लगी आइसक्रीम चाट ली और फिर उसके बाद लाइट आ गई तो माँ ने कहा- जाओ.. अपने कमरे में सो जाओ। मैं बिना कुछ बोले अपने कमरे में आ गया और माँ के बारे में सोच सोच कर मुठ मारने लगा और कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।
अगली सुबह मेरी आँख खुली तो मैं उठकर बाहर हॉल में गया… तो माँ उठ चुकी थी और उन्होंने केवल ब्लाउज और पेटीकोट पहना हुआ था। यह देख कर मेरा लंड फिर से तन गया और मेरे पैंट से बाहर आने को बेताब हो रहा था।
मैंने माँ को पीछे से जाकर हग किया और मेरा लंड माँ की गांड में टच होने लगा… तो माँ मुस्कुराने लगी और कहा- बेटा.. जल्दी से नाश्ता कर ले…
फिर मैंने माँ से पूछा- मम्मी.. आपने आज साड़ी क्यू नहीं पहनी? मम्मी ने कहा- मेरे बदन में दर्द हो रहा है और मुझे तुझसे मालिश करवानी है। मैं बहुत खुश होने लगा और मैंने सोच लिया कि आज माँ को किसी भी तरह चोदना ही है।
मैंने और माँ ने जल्दी से नाश्ता खत्म किया।
अब माँ अपने रूम के बेड पर जाकर उल्टी लेट गई और मैं बॉडी ऑयल लेकर माँ के पास आ गया। फिर मम्मी ने अपना पेटीकोट जांघों तक ऊपर कर दिया और मैं मम्मी की टांगों की मालिश करने लगा।
मैंने माँ से कहा- माँ… आपके पेटीकोट में आयल लग रहा है.. और मुझे मालिश करने में भी प्रॉब्लम हो रही है… आप इसे उतार दो! माँ ने मेरी तरफ देखा और सेक्सी सी मुस्कान के साथ कहा- तू ही उतार दे! मैंने झट से माँ के पेटीकोट का नाड़ा खींच कर उसे उतार दिया।
अब माँ केवल पेंटी और ब्लाउज में थी।
मैं माँ की जांघों की मालिश करने लगा… कभी कभी मैं माँ की गांड और चुत को उंगली से छू देता.. तो माँ सिहर जाती थी।
फिर मैंने माँ की पीठ की मालिश शुरू कर दी और माँ से बिना पूछे ही उनकी ब्लाउज की डोरियाँ खोल दी। अब माँ पीछे से पूरी तरह नंगी थी… मैं उनकी मालिश करने लगा। यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
थोड़ी देर बाद माँ ने खुद ही अपना ब्लाउज भी उतार दिया, माँ अब बेड पर सिर्फ एक पेंटी में मेरे सामने लेटी हुई थी। मन तो कर रहा था कि अभी पेंटी खोल कर माँ की चुत में अपना लंड डाल दूँ।
फिर मैं माँ की मालिश करते हुए उनके मम्मों को भी टच कर देता… कुछ देर पीठ की मालिश करने के बाद माँ ने कहा- बेटा मेरे कूल्हों की भी थोड़ी मालिश कर दे।
माँ के मुँह से यह सुन कर मेरा लंड पूरे उफान पर पहुंच गया, मैंने माँ से बिना पूछे ही उनकी पेंटी उतार फेंकी। माँ थोड़ा शरमा गई।
मैंने माँ की गांड पर खूब सारा तेल डाला और वो तेल गांड की दरार से होता हुआ माँ की चूत तक जाने लगा। मैंने माँ की गांड की मालिश शुरु की और मैं बीच बीच में माँ की गांड के छेद और चूत में उंगली कर रहा था जिसके कारण माँ गर्म होने लगी और सिसकारियाँ लेने लगी।
मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए एक हाथ से अपनी केप्री को नीचे कर दिया और अपना खड़ा हुआ लंड निकाल कर माँ की गांड से हल्के हल्के रगड़ने लगा… मुझे लगा कि शायद माँ को ये सब पता नहीं है।
इसी बीच माँ सीधी हो गई और उन्होंने मेरा तना हुआ लंड अपने हाथों में पकड़ लिया और मेरी आँखों मे आँखें डाल कर मुझे देखने लगी और फिर मेरे लंड को दबाने लगी।
मैं भी माँ के बड़े मम्मों को देख कर तुरंत उन्हें चूसने लगा और उनकी चूत में उंगली करने लगा। धीरे धीरे माँ मदहोश होने लगी।
मैंने माँ से कहा- माँ… मैं आपकी चूत को चाटना चाहता हूँ। माँ ने तुरंत अपनी टाँगें फैला ली और कहा- बेटा… खा जा अपनी माँ की चूत को और चोद दे इसे… मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ.. मेरे लाल! माँ अभी भी अपने हाथों से मेरे लंड को सहला रही थी।
मैं तुरंत माँ की गुलाबी चिकनी चूत को चाटने लगा और उनके मम्मों को दबाने लगा। माँ की सिसकारियाँ पूरे रूम में गूंज रही थी। फिर कुछ देर बाद मैं और माँ 69 के आसन में आ गये। माँ मेरा लंड चूसने लगी और मैं माँ की चिकनी चूत!
इस बीच माँ झड़ गई और फिर मैं माँ की नाभि चूसने लगा और माँ फिर से गर्म होने लगी और बोलने लगी- चोद दे… अपनी माँ को और फाड़ दे मेरी चूत…
मैंने माँ की चूत में अपना लंड टिकाया और एक ही झटके में आधा लंड अंदर डाल दिया और माँ चीख़ने लगी। मैंने बिना रुके एक और धक्का मारा और अपना पूरा लंड माँ की चूत में पेल दिया और माँ दर्द से कराहने लगी- आह्ह्ह्ह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आइइ इइइ… मेरी चूत… फाड़ दी तूने…
मैंने बिना रुके धक्के मारने शुरू किए और फिर माँ भी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। काफ़ी लम्बी चुदाई के बाद मैं झड़ गया और अपना सारा वीर्य माँ की गुलाबी चूत में डाल दिया। चुदाई के दौरान माँ भी 2-3 बार झड़ चुकी थी।
फिर मैं और माँ साथ में नहाये और उसके बाद हमने फिर एक बार चुदाई की और फिर हमें जब मन करता, हम अलग अलग पोजीशन्स में चुदाई करते हैं।
कभी कभी मैं माँ की चूत और मम्मों पर आइसक्रीम लगा कर उन्हें चूसता और चाटता हूँ… और माँ मेरे लंड पर आइसक्रीम लगा कर चूसती और चुदवाती है, इसी तरह हम अकसर चुदाई करते हैं।
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