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प्रिय पाठको, मेरी बहन है सनी लियोनी से भी ज्यादा सेक्सी चुदक्कड़
कहानी को मिले अच्छे कमेंट्स के बाद पेश है हॉर्नी लंड की तरफ से एक और हिंदी चुदाई की कहानी।
यह बात तब की है.. जब मैं बहन भूमिका की शादी के बाद उसे लेने ससुराल जयपुर गया था। मेरी बहन और बहनोई वैभव भी दो दिन पहले ही कुल्लू मनाली से अपने हनीमून से लौटे थे।
मेरा उधर चार दिन रुकने का प्रोग्राम था ताकि जयपुर भी घूम सकूँ.. दो दिन तो बहुत घूमा, पर तीसरे दिन बहनोई और बहन को अचानक जोधपुर जाना पड़ा।
अब मैं उनके घर में अकेला था.. टीवी देख-देख कर मैं बोर हो गया था तो सोचा बहनोई के डैस्कटॉप में कुछ पोर्न साइट्स देख लेता हूँ। मैंने डेस्कटॉप ऑन किया तो सोचा एक बार शादी की पिक्स देखी जाएं।
मेरे बहनोई की बहन एकदम टंच माल थी.. मेरे दिमाग में था कि यदि मौका मिला तो एक बार उसकी जरूर लूंगा।
मैंने कम्प्यूटर की ‘डी’ ड्राइव को ओपन किया.. उसमें बहुत सारे फोल्डर थे।
फिर मैंने एक शादी नाम का फोल्डर खोला। बहनोई की बहन की हर फोटो को मैंने अच्छे से निहारा और उसकी तनी हुई चूचियों के नाम पर हस्तमैथुन किया।
अचानक मैंने यूँ ही ‘व्यू’ में जाकर हिडन फाइल्स को ओपन कर दिया.. फिर शादी वाले फोल्डर में एक फोल्डर और दिखा जिसमें ‘सीक्रेट हनीमून’ लिखा था।
मैं वैसे ही बहनोई की बहन की फोटो देखकर उत्तेजित हो गया था.. इसलिए मैंने वो सीक्रेट फोल्डर ओपन कर दिया, जिसके अन्दर और भी बहुत सारे फोल्डर बने थे।
मैंने कांपते हाथों से पहला फोल्डर ओपन किया। उसमें एक वीडियो था.. वो मैंने प्ले किया। जैसे ही वीडियो चला.. मेरे होश उड़ गए। उस वीडियो में वैभव कैमरे के सामने था और भूमिका बिस्तर में थी।
वैभव कैमरा फिक्स करके भूमिका की तरफ गया और उसको किस करने लगा। आगे का सीन सोच कर मेरी गांड फटने लगी कि आज मैं अपनी बहन को चुदते हुए देखूंगा। मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा।
वैभव और भूमिका बहुत देर तक स्मूच करते रहे.. फिर वैभव ने भूमिका के कंधे से साड़ी का पल्ला हटाया। भूमिका लाल ब्लाउज में थी.. उसके दूध तने हुए थे और बाहर आने को बेताब थे।
वैभव ने ब्लाउज का पहला हुक खोला और भूमिका के क्लीवेज को चूमने लगा। फिर उसने दूसरा और तीसरा हुक खोल दिया और ब्लाउज उतार दिया। अब मेरी बहन भूमिका लाल ब्रा में थी.. उसके गोरे-गोरे बड़े-बड़े दूध उसमें समां नहीं रहे थे। वैभव ने उसकी ब्रा को भी खोल दिया और उसके भरे हुए दूध एक झटके में उछल कर बाहर आ गए।
उफ़.. क्या दूध थे मेरी बहन के.. बड़े-बड़े गोल-गोल.. ऊपर से निप्पल भी गुलाबी..! उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं हस्तमैथुन करने लगा..
वैभव अब भूमिका के एक दूध को एक हाथ से मसलने लगा और दूसरे के निप्पल को चूसने लगा। भूमिका भी जोश में ‘आह.. आह..’ करने लगी।
वैभव कई मिनट तक मेरी बहन के रुई जैसे दूधों को मसलता रहा और दोनों निप्पलों को चूसता रहा।
कुछ ही देर में भूमिका के दोनों दूध लाल हो चुके थे। अब वैभव बिस्तर पर लेट गया और भूमिका उसके बॉक्सर को नीचे करने लगी। वैभव का बॉक्सर नीचे आते ही उसका सात इंच का लंड खड़ा हो गया।
भूमिका ने अपनी दो उंगलियों से लंड को पकड़ा.. अपने रसभरे होंठों से लंड को चूमा और एक झटके में ही पूरे लंड को अपने मुँह में ले लिया। फिर वो ऊपर-नीचे करके लंड को चूसती रही।
यह देख कर तो मुझे मेरी बहन तो एकदम प्रोफेशनल रंडी लग रही थी। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
उसने धीरे से वैभव के आण्डों को मुँह में लिया और चूसने लगी। फिर अपने दूधों में वैभव के लंड को फंसा कर सहलाने लगी। अब वैभव ने उठकर भूमिका की साड़ी उतार दी और उसके साये का नाड़ा खोलने लगा।
भूमिका खड़ी हो गई और वैभव ने एक झटके में नाड़ा खोल दिया और साया जमीन पर गिर कर रहम की भीख मांगने लगा।
मैंने देखा कि भूमिका अब लाल जालीदार चड्डी में थी। क्या मस्त फिगर था भूमिका का.. उसकी भरी हुई गांड.. गोरी मांसल जाँघें.. उफ़ मैंने पहले ये सब क्यों नहीं देखा।
वैभव ने भूमिका की जालीदार चड्डी में हाथ डाला और उसकी चूत को सहलाने लगा। भूमिका सिहरने लगी.. तो वैभव ने उसे पलंग पर पटक दिया और अपने दोनों हाथों से भूमिका के पैरों को उठा कर उसकी चड्डी को उतार दिया।
उफ़.. क्या हसीन चूत थी मेरी बहन की.. एकदम चिकनी.. सुर्ख लाल रंग की.. एक भी बाल नहीं था उसमें।
भूमिका की चूत में वैभव अपनी जीभ डालने लगा और चाटने लगा। भूमिका जोश में तड़फड़ाने लगी और ‘आह वैभव.. फक मी..’ कहने लगी। वैभव अब भूमिका की चूत में उंगली डालकर पेलता रहा.. मेरी बहन की चूत गीली होने लगी।
फिर वैभव ने भूमिका की दोनों टाँगें अपने कंधे पर रखीं और उसकी टाइट चूत में अपना लंड घुसाने लगा। भूमिका कामुकता भरी आवाज़ में ‘हम्म हम्म..’ करने लगी।
वैभव अब भूमिका को चोदने लगा और ‘थप थप’ आवाज़ भी आने लगी। हर झटके के साथ भूमिका की चूत और लाल होने लगी।
वैभव अब भूमिका के ऊपर चढ़कर चोदने लगा। भूमिका ने अपनी दोनों टांगों को वैभव की कमर से जकड़ लिया। कुछ देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद अब वैभव लेट गया और भूमिका उसके ऊपर चढ़ गई।
उसने अपनी चूत को दो उंगलियों से फैला कर वैभव के लंड पर रखा और लंड को अपनी चुत के अन्दर ले लिया। अब भूमिका लंड पर उचकने लगी.. क्या सीन था.. मेरी नंगी बहन किसी के लंड पर उचक रही थी.. उसके दूध झटके से ऊपर-नीचे हो रहे थे।
मुझे आज अपने बहनोई वैभव गांडू से जलन हो रही थी। वैभव ने नहीं पता कौन सी दवाई ली थी कि उसका लंड झड़ ही नहीं रहा था।
अब उसने भूमिका को घोड़ी बना दिया। उफ़ भूमिका की चौड़ी भरी हुई गांड के बीच चिकनी लाल चूत.. कसम से अब भूमिका भी मेरा टारगेट हो गई थी। भले लोग बहनचोद बोल लें, पर भूमिका को भी चोदना ही है।
वैभव अब भूमिका को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। घोड़ी बनाकर चोदते-चोदते आखिरकर वैभव ने अपना लंड निकाला और भूमिका को धकेल दिया। फिर वैभव ने भूमिका के मुँह और दूधों पर अपना वीर्य उड़ेल दिया, जिसे भूमिका ने जीभ से थोड़ा चाट भी लिया।
फिर दोनों नंगे एक-दूसरे से लिपटे पड़े रहे। थोड़ी देर बाद कैमरा ऑफ हो गया। ऐसा चुदाई वीडियो तो मैंने किसी पोर्न साइट पर भी नहीं देखा था.. ऊपर से इतनी माल मेरी बहन..
मैंने डेस्कटॉप को बंद कर दिया।
इतने में दरवाजे की घन्टी बजी तो देखा कि वैभव और भूमिका वापस आ गए थे। मेरे दिमाग में वही सब घूम रहा था और वो दोनों मुझे नंगे ही दिख रहे थे।
वैभव बोला- कल जाने की तैयारी कर लो। मैं बोला- हाँ तैयारी करनी है.. भूमिका को लेकर घर जाना है।
फिर मैं तैयारी करने लगा.. अपने मन में भूमिका की चुत को घर में, या ट्रेन में लेने की।
यह चुदाई की कहानी आपको पसंद आई तो भूमिका के नाम पर मुठ मार लीजिएगा। लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया गया है। लेकिन आप कमेंट्स में अपने विचार लिख सकते हैं।
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