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भाई बहन की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि मेरी बहन जवान हुई तो उसकी जवानी देख मेरा ही मन अपनी बहन की चुदाई को करने लगा. मैंने कैसे अपनी बहन को चोदा?
दोस्तो, मेरा नाम राजकुमार है. मैं पुणे में रहता हूं. मेरी उम्र 26 साल है और मैं एक टीचर की जॉब करता हूं. मेरे घर में हम 3 लोग हैं. मेरी मां, मेरी बहन और मैं. मेरी मां की उम्र 42 साल है. मगर वो देखने में 35 की लगती है क्योंकि मेरी बहन पूजा के जन्म के बाद ही पिताजी एक दुर्घटना में चल बसे थे.
मेरी मां मेरी बहन के साथ गांव में रहती है. मेरी बहन की उम्र 22 साल है. मेरी बहन बला की सुंदर है. उसके बदन का माप 32-26-34 है. उसकी गांड के कर्व बहुत ही सेक्सी हैं.
अब मैं कहानी पर आता हूँ। आपको अपने जीवन में घटी एक सच्ची घटना के बारे में बताता हूं. यह घटना मेरे और मेरी छोटी बहन के साथ हुई थी. यह बात आज से 3 साल पहले की है.
उस वक्त मैं गर्मी की छुट्टियों में अपने गांव में गया हुआ था. वहां जाने के बाद एक दिन मां ने मुझसे कहा कि इस लड़की के लिए कोई लड़का देख लो. इसके लक्षण ठीक नहीं रह गये हैं. पूछने पर मां ने बताया कि उनको शक है कि बहन का चक्कर किसी लड़के के साथ चल रहा है.
इस पर मैंने मां से कहा- यदि ऐसी बात है तो मैं इसको अपने साथ लिये जाता हूं. वहां पर ये अपनी पढ़ाई भी पूरी कर लेगी. मां भी राजी हो गयी. उस वक्त मैं भोपाल में रह कर जॉब कर रहा था. मैं बहन को लेकर भोपाल आ गया.
बहन अब मेरे साथ रहने लगी थी. तो मेरा मन भी उसको चोदने के लिए करने लगता था. उसकी गांड को देख कर लगता था कि इसकी गांड में लंड दे दूं. मेरी वासना मुझ पर हावी रहने लगी थी. मैं उसको चोदने का प्लान बनाने लगा जिसके लिये पहले उसे थोड़ा ओपन माइंडेड बनाना जरूरी था.
चूंकि वो मेरे ऊपर ही निर्भर थी और मां से बहुत कम बात करती थी. इसलिए मैंने इसी का फायदा उठाने की सोची और उसके लिए प्लान बनाने लगा. मैंने उसके अंडरगार्मेंट्स छुपा दिये जो कि वह नहाने के बाद बाहर सुखाने के लिए डाल देती थी.
उसके पास केवल दो ही सेट्स की ब्रा और पैंटी थी. मैंने वो ब्रा और पैंटी चुरा ली. उसके पास अब कोई ब्रा और पैंटी नहीं थी. वो मुझसे इसके लिए पैसे मांगने लगी. मैंने पूछा तो वो बोली- कुछ लाना है.
मैं जानता था कि उसको क्या लेकर आना है क्योंकि उसका सामान तो मैंने ही छुपाया हुआ था. फिर मैंने कहा- मुझे बता दो मैं ले आता हूं. उसने कहा कि वो खुद ही ले आयेगी. मैं भी मान गया और उसके साथ मार्केट चलने के लिए तैयार हो गया.
बहन को मैं कपड़ों की दुकान पर ले गया. परंतु उसने वहां पर कुछ भी नहीं लिया. उसके बाद मैं उसको दूसरी दुकान पर ले गया मगर उसने वहां भी कुछ नहीं लिया. फिर मैंने उससे कहा कि अगर तुम्हें कोई दिक्कत है तो बता दो, यहां पर केवल हम दोनों ही हैं.
उसने धीरे से कहा कि अंडर वाले कपड़े लेने हैं. उसके बाद मैं उसको अंडरगार्मेंट की शॉप पर ले गया. वहां से उसने दो ब्रा और पैंटी का सेट ले लिया. उसके बाद हम लोग घर वापस आ गये.
घर आकर खाना खाने के बाद बातें करने लगे और मैंने उसे बताया कि ऐसी चीजों के लिए संकोच करने की जरूरत नहीं है. तुम मुझसे भी कह सकती हो. उसने हां में गर्दन हिला दी.
उसके बाद फिर कुछ समय बीत जाने के बाद मैंने उसकी ब्रा और पैंटी को फिर से छुपा दिया. मैं देखना चाहता था कि अबकी बार वो मुझसे खुल कर बोलती है या नहीं.
फिर उसके बाद वो कहने लगी- मुझे अंडरगार्मेंट्स लेने हैं. मैं बोला कि अभी तो तुम लेकर आयी थी, वो वाले सही नहीं हैं क्या? वो बोली- नहीं, वो बात नहीं है. मेरी ब्रा और पैंटी को कोई उठा ले जाता है. मैंने कहा- ठीक है कोई बात नहीं. मैं तुम्हें और दिला दूंगा.
उसके बाद मैं उसको फिर से दुकान पर ले गया. दुकान पर जाने के बाद मैं उसके पास ही खड़ा हो गया. वो मेरे पास रहते हुए भी अपना साइज बता रही थी. वह अब शरमा नहीं रही थी. उसने एक नॉर्मल सेट लिया तो मैंने कहा कि महंगी वाली ले लो, ये सस्ती क्यों ले रही हो?
मेरे कहने पर उसने पैड वाली दो ब्रा और जालीदार दो पैंटी ले ली. अब वो काफी खुल गयी थी.
मैंने सोचा कि अब आगे बढ़ना चाहिए. फिर अगले दिन मैंने परिवार में चुदाई की कहानी और भाई बहन की चुदाई की कहानी वाली किताबें अपने बेड पर छोड़ दीं और ऑफिस चला गया.
शाम को जब मैं घर आया तो उसने मुझे पूछा- ये कैसी किताब पढ़ते हो? मैंने अनजान बनकर उससे पूछा- कौन सी किताब? उसने वही किताब मेरे सामने ला दी. मैंने उसको सॉरी कहा.
मैं बोला कि ऐसे ही कभी कभी पढ़ लेता हूं. फिर मैं बोला- तुमने भी पढ़ ली क्या? मेरी बात पर उसने नजर नीचे कर ली.
उसके हाव भाव से मैं समझ गया था कि उसने भी वो किताबें पढ़ ली हैं.
फिर एकदम से वो पूछने लगी- ऐसा सच में होता है क्या? मैंने भी सही मौका पाकर बोल दिया- अगर बहन तुम्हारे जैसी सेक्सी फीगर वाली हो तो बिल्कुल हो सकता है. और तुम्हारा जो पीछे वाला हिस्सा है उसका तो कोई भी दीवाना हो सकता है. चाहे फिर वो भाई हो या बाप.
वो बोली- आप सच बोल रहे हो क्या? मैंने कहा- हां, बिल्कुल सच बोल रहा हूं. तेरे पीछे भी गांव के कई लड़के घूमा करते थे. तभी तो मां ने तुझे यहां पर मेरे साथ भेज दिया है. वो बोली- उनके साथ मेरा कोई चक्कर नहीं था भैया. वो तो मुझे ऐसे ही परेशान करते रहते थे. मुझे बदनामी से डर लगता है.
मैं बोला- अच्छा, मैं तुम्हें कैसा लगता हूं? वो बोली- मैं तो आपसे बहुत प्यार करती हूं. आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो. मैंने पूछा- भाई-बहन वाला प्यार करती हो या दूसरे वाला? मेरी बात पर उसने कोई जवाब नहीं दिया और अपनी गर्दन झुका ली.
इससे मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था. मैंने उसको पकड़ लिया और उसको लिप किस करने लगा. वो कहने लगी कि ये सब गलत है. मैं बोला- कुछ गलत नहीं है. मैंने उसको किस करना जारी रखा और तब तक किस करता रहा जब तक कि वो मेरा साथ न देने लगी.
फिर मैंने उसके कपड़ों के ऊपर से उसके चूचे मसल दिये. अब वो भी गर्म होने लगी थी. वह मेरा पूरा साथ दे रही थी. हम दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे. आखिर में मैंने उसकी पैंटी उतारने की बजाय फाड़ ही दी और उसको पूरी नंगी कर दिया.
उसने मुझे भी नंगा कर दिया. हम दोनों एक दूसरे को बुरी तरह से चूमने चाटने लगे और 69 की पोजीशन में आ गये. वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. मैं उसकी चूत में जीभ देकर उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा.
करीब पांच मिनट तक चूसने के बाद हम दोनों का पानी एक साथ निकल गया.
फिर दोबारा मैं उसकी चूत और गांड को चाटने लगा. वो फिर से गर्म हो गयी. उसने मेरे लंड को फिर से मुंह में ले लिया और चूस चूस कर खड़ा कर दिया. मैंने उसको बेड पर लिटाया और उसके ऊपर आ गया.
मैंने अपना लंड उसकी चूत में रखा और अंदर डालने लगा. उसकी चूत बहुत टाइट थी और रस से भीगी हुई थी. इसलिए बार बार लंड उसकी चूत पर फिसल रहा था.
मैंने उसकी चूत को और फैलाया, इसके बाद फिर से लंड लगा कर एक जोरदार धक्का मारा और उसकी चूत की सील तोड़ता हुआ मेरा लंड अंदर जा घुसा.
मेरी बहन की चीख निकल गयी और उसकी आँखों से आंसू आने लगे. वो मुझसे लंड बाहर निकालने के लिए कहने लगी. मगर मैं बोला कि थोड़ा सा सहन कर ले, बहुत मजा आयेगा.
मेरे कहने पर वो ऐसे ही लेटी रही और मैं भी उसकी चूत में लंड डाले हुए पड़ा रहा. थोड़ी देर के बाद जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक जोर का धक्का मारा. और मेरा पूरा 7 इंच का लंड पूजा की चूत में घुस गया. उसकी जोर की चीख निकल गयी.
मैं उसको ऐसे ही किस करने लगा और उसकी चूचियों को मसलने लगा. उसको अब थोड़ा आराम मिला तो मैं अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा. उसको भी अब थोड़ा अच्छा लगने लगा और वो मेरा साथ देने लगी.
अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. मैं तेज गति से उसकी चूत चोदने लगा.
15 मिनट तक मैंने उसकी चूत की चुदाई की और हम दोनों एक साथ झड़ गये.
उस रात मैंने चार बार अपनी बहन की चुदाई की. सुबह जब वो उठी तो उससे चला भी नहीं जा रहा था.
उसकी हालत देख कर मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली. मैंने उसकी चूत की सिकाई की और वो फिर नॉर्मल हो गयी. उसके बाद फिर दिन में मैंने तीन बार और बहन को चोदा. हम पूरा दिन घर पर नंगे ही रहे. शाम को मैं उसको डिनर पर ले जाने के लिए कहने लगा.
मेरे कहने पर उसने सूट सलवार पहन लिया. पूछने पर वो बोली- मेरे पास यही बचा हुआ है.
उसके बाद पहले मैं उसको मॉल में ले गया और वहां से उसको दो जीन्स और टॉप दिला दिये. एक स्कर्ट और एक टॉप भी दिला दिया. इसके साथ ही 2 मिडी फुल सॉल्डर और एक लो लेंथ दिला दिया जो उसकी गांड के थोड़ा नीचे तक आ रहा था. उसके बैठने पर बहन की गांड पूरी दिख रही थी.
उसके लिए मैंने दो जी-स्ट्रिंग पैंटी और हाफ कप ब्रा भी लिये.
फिर उसको मैं स्पा ले गया और उसकी फुल बॉडी मसाज करवाई. मैंन उसको वहीं पर नई पैंटी और ब्रा और मिडी दे दी. उसमें उसकी आधी चूचियां नंगी दिख रही थी.
उसके बाद हम दोनों रेस्टोरेंट में खाने के लिए निकल गये. वहां पहुंच कर हम टेबल पर बैठ गये. आप लोग तो जानते ही हो कि वहां के स्टाफ का नेचर होता है सबकी तारीफ करने का. वेटर कहने लगा कि सर आपकी वाइफ तो बहुत ही सुंदर है. मैंने उसको थैंक्स कहा. मेरी बहन मेरी तरफ देखने लगी.
वेटर के जाने के बाद वो बोली- आपको उसने सही क्यों नहीं बताया कि मैं आपकी बहन हूं? मैं बोला- यार तुम खुद ही सोचो कि अब तुम कहां से मेरी बहन बची हुई हो? हमारे बीच में इतना सब कुछ हो चुका है, मैं तुम्हें बहन ही कहूं अब भी? अब तुम ये डिसाइड कर लो कि तुम्हें मेरी बीवी बन कर रहना है या फिर मेरी गर्लफ्रेंड बन कर रहना है?
वो बोली- पहले तो कुछ दिन गर्लफ्रेंड बन कर ही रहना है. मैं बोला- ठीक है.
उसके बाद हम लोग डिनर करने लगे. फिर हम घर आ गये. रात काफी हो चुकी थी. आसपास वाले सब लोग सोच चुके थे. अगर वो हमें इस तरह से देख लेते तो कुछ और सोच लेते. वहां पर हम भाई बहन ही बन कर रह रहे थे.
घर पहुंच कर हम बात करने लगे कि हम यहां पर ऐसे तो नहीं रह सकते हैं. मैंने अपनी बहन से कहा कि तुम्हारी बी.ए. कम्पलीट होने तक हमें यहीं रहना होगा. अभी एक साल बचा हुआ है. उसके बाद हम लोग किसी दूसरे शहर में जाकर शादी कर लेंगे. मगर घर तो हमें फिर भी चेंज करना होगा.
फिर मैंने एक और घर किराये पर ले लिया. मकान मालिक ने पूछा कि कौन रहेगा तो मैंने उसको बता दिया कि मैं और मेरी वाइफ रहेंगे. अब बाहर जाते टाइम पूजा केवल मॉडर्न कपड़े ही पहना करती थी. घर में तो वो केवल शार्ट्स और टॉप में ही रहती थी.
फिर एक दिन वो कहने लगी- मुझे हनीमून पर जाना है. मैंने पूछा- ठीक है, कहां जाना चाहती हो हनीमून के लिए? जहां तुम कहोगी हम वहीं पर चल लेंगे. वो बोली- गोआ जाना है.
मैंने कहा- ठीक है तो मैं टिकट बुक कर देता हूं. मैं गोवा के होटल देखने लगा जहां मैं भाई बहन की चुदाई की कहानी आगे बढ़ा सकूँ, उसके साथ मस्ती कर सकूं. इसके लिए मैंने दो दिन के लिए हनीमून स्वीट और चार दिन के लिए एक बीच हाउस बुक करवा दिया.
हम लोग लम्बी ट्रिप पर जा रहे थे इसलिए पहले से ही तैयारी करनी थी. एक दिन हम लोग अपनी गोवा ट्रिप के लिए शॉपिंग करने के लिए गये. पूजा ने टॉप और स्कर्ट्स ले ली. मैंने कहा कि बीच के लिए कपड़े हम वहीं से ले लेंगे.
उसके एक हफ्ते के बाद हम लोग गोवा में थे. होटल में चेकिंग और ब्रेकफास्ट करने के बाद हम लोग बीच पर घूमने के लिए निकल गये. वहां से हमने बीच के लिए कुछ ब्रा और पैंटी ले ली. उसके बाद वापस होटल में आ गये.
होटल में कुछ देर आराम करने के बाद मैं पूजा को पार्लर में ले गया. वहां से हमने दुल्हन का पूरा सामान किराये पर ले लिया. उसके बाद पूजा को दुल्हन की तरह तैयार करवाया और फिर से होटल में लेकर आ गया.
भाई बहन की चुदाई की कहानी पर अपनी राय देने के लिए आप मुझे अपने मैसेज जरूर भेजें और कहानी पर कमेंट्स लिखना भी न भूलें. मैंने अपनी ईमेल नीचे दी हुई है. [email protected]
भाई बहन की चुदाई की कहानी का अगला भाग: सेक्सी बहन को बीवी बनाया-1
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