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आपके लिए पेश है देसी हिन्दी स्टोरी का चोथा एपिसोड, आशा है आप मेरी इस कहानी का मजा उठा रहे होंगे। कृपया अपनी प्रतिक्रियाए देते रहिये।
राज के जादुई हाथों, मेरी पेट की मालिश से मैं तड़पने के बाद एक बार तो गिव अप कर चुकी थी। मगर किसी तरह मैंने खुद को संभाला। पर वो फिर मेरी पीठ की मसाज करना चाहता था।
मैं एक बार फिर पलट कर उलटा लेट गयी और लेटते लेटते एक बार फिर अपने शर्ट के दोनों पल्लो को आगे से खोल कर साइड में फैला दिया।
मेरे मम्मे एक बार फिर से बिना कपड़ो के बिस्तर से चिपके थे। उसने मेरे दोनों हाथ नीचे शरीर के सहारे सीधे कर दिए।
उसने अब मेरी शर्ट की कॉलर पकड़ी और नीचे खिसका कर कंधो से निकाल कर थोड़ी नीचे कर दी। उसने अब मेरे दोनों कंधो को पकड़ कर दबाया। कंधे दबते ही बहुत रिलैक्स फील हुआ।
वो अब कंधो से लेकर गर्दन तक दबा दबा कर अच्छे से मालिश कर रहा था। उस सुकून भरी मसाज से मैं मदहोश होने लगी और आधी नींद में लेटी थी। मेरी आँखें बंद थी और थोड़ी थोड़ी देर में आंखें खोल कर ड्रेसिंग टेबल के आईने में देख रही थी।
थोड़ी देर में उसने मेरा शर्ट कंधो से थोड़ा ओर नीचे खिसका दिया, मैंने आईने में देखा मेरी पीठ का थोड़ा ओर हिस्सा नंगा हो बाहर दिखने लगा था। मैंने फिर आँखें बंद कर ली और आनंद लेने लगी।
अब उसने शर्ट को ओर नीचे खिसका कर कोहनियो से नीचे ले आया। मैंने फिर आँखें खोल कर आईने में देखा मेरी लगभग पूरी पीठ नंगी हो चुकी थी।
मुझे अब कोई चिंता नहीं थी। मदहोशी में मैंने फिर आँखें बंद कर ली। थोड़ी देर वो ऐसे ही पीठ और कंधे की मसाज करता रहा।
अब उसने शर्ट पकड़ कर ओर नीचे खींचा और पूरा हाथों से बाहर निकाल लिया। मैं अब टॉपलेस हो चुकी थी। मेरी आँखें खुली थी पर किसी लाचारी में हिल भी न पायी।
उसने मुझसे पूछा वो मेरे ऊपर बैठ कर सीधा मालिश करना चाहता हैं। मैंने बस पलक भर झपका दी जैसे नींद में थी।
वो अब अपने घुटनो के बल बैठा और पैरो को मेरे शरीर के दोनों तरफ फैलाकर मेरी जांघो के ऊपर बैठ गया। आगे झुककर वो मेरी पूरी नंगी पीठ की मालिश करने लगा। मैं अपनी गांड पर उसका कड़क हो चूका लंड चुभता हुआ महसूस कर पा रही थी।
जैसे ही वो आगे पीछे हो मालिश करने लगा उसका लंड कपड़ो के अंदर से ही मेरी गांड की दरार में जाने लगा।
उसको भी मेरी गांड को कपड़ो सहित चोदने में जैसे मजा आ रहा था। मैं आँखें बंद किये इन सब का आनंद लिए जा रही थी।
अब उसको यकीन हो गया था कि मैंने हथियार डाल दिए हैं। मैं अब कोई ओर विरोध नहीं करूंगी, ये सोचकर उसने अगला कदम उठाया। उसने मुझे मालिश देना बंद किया और मेरे पीठ, गर्दन और कंधो पर चूमने लगा।
मेरे तन बदन में आग लग गयी। मैं सी सी करते हुए आवाजे निकालने लगी। वो चूमते चूमते कंधो से कमर तक आ गया। मजे के मारे मेरी तो पेन्टी ही गीली हो गयी।
अब वो सीधा बैठ गया और मेरी जांघो से उतर कर मेरे घुटनो पर आकर बैठ गया। उसने अपनी उंगलिया एक बार फिर मेरे शॉर्ट्स के दोनों सिरों में हुक की तरह डाली और धीरे धीरे एक एक सेंटीमीटर शॉर्ट्स को पेन्टी सहित नीचे खिसकाने लगा।
मैं आईने में देख रही थी, धीरे धीरे काले रंग के शॉर्ट्स के खिसकने के साथ ही उसका स्थान मेरी गोरी गोरी गांड के उभार ले रहे थे।
जल्द ही मेरी गांड के उभार पुरे दिखने लगे थे। राज अब भी मेरे शॉर्ट्स को नीचे खिसकाए जा रहा था, वो अब जांघो से निकलते हुए घुटनो तक आ गए।
इस मोड़ पर राज मेरे ऊपर से उतरा और शॉर्ट्स को पेन्टी सहित मेरे पैरो से पूरा बाहर निकाल दिया।
मैं अपने आप को नंगी होते हुए आईने में देखेते ही रह गयी। खुद को पूरी नंगी देख मैं शरमा गयी।
राज अब अपना एक हाथ नीचे मेरे पावो से रगड़ना शुरू करते हुए जाँघों से होते हुए मेरी गांड की उभारो पर चढ़ाते हुए कमर के उतार पर लाते हुए पीठ से गर्दन तक ले आया। इस पुरे सफर के दौरान उसका हाथ जहा जहा से गुजरा मेरे शरीर में जैसे आग लगा दी।
उसका हाथ एक बार फिर उसी रास्ते से वापस लौटा, पर इस बार मेरी गांड पर आकर रुक गया और गांड के उभार से अभिभूत होकर वही हाथ फेरने लगा।
उसकी एक ऊँगली गांड की दरारों में ऊपर नीचे हो रही थी। धीरे धीरे उसका हाथ नीचे जाता रहा और मेरी गीली चुत को छू गया।
इस सब में मैं ये तो भूल ही गयी थी कि पति अब तक नहीं लोटे थे। मैं उनके दोस्त के साथ पूरी नंगी हो लेटी थी। मुझे ऐसे देख तो वो पागल ही हो जायेंगे।
इतनी गरमा गरम मसाज के बाद वो मुझे चुदाई के लिए मजबूर कर चूका था। राज ने अब मुझे छूना बंद दिया और बिस्तर से उतर गया। मैंने आईने में देखा वो अपने कपडे निकाल रहा था। टीशर्ट निकलने के बाद उसने अपना शार्ट निकाला।
उसके अंडरवियर के अंदर से उसका शैतान बाहर आने को आतुर हो रहा था, जो की मेरी चुत का साथी बनने का सपना देख रहा था, और जो अब शायद जल्द ही पूरा होने वाला था।
उसने जैसे ही अपनी अंडरवियर निकाला उसका लंड उछलता हुआ बाहर आ आया और स्प्रिंग की तरह ऊपर नीचे डोलने लगा।
राज का लंड काफी लम्बा था, वो खुद भी छह फ़ीट जितंना लम्बा था तो उसका लंड कम से कम छह इंच लम्बा तो रहा होगा।
काफी समय पहले ही मुझे अहसास हो गया कि आज उसके इरादे मुझे चोदने के हैं, और वो मेरे साथ कुछ तो करके ही रहेगा।
आसन से होते हुए मसाज और अब उसने मुझे अपने जाल में फंसा ही लिया था। उसने मुझे मसाज देकर इतना मदमस्त कर दिया था कि मुझे उसके सामने झुकना ही पड़ा।
अब उस कमरे में दो नंगे बदन, एक नंगा लड़का अपने दोस्त की नंगी बीवी के पास था। धमाका होना तय था।
वो बिस्तर पर आया और मुझ पर चढ़ कर लेट गया। दो गरम बदन एक दूसरे से मिले फिर भी दोनों को ठंडक मिली।
मैं आईने में देख पा रही थी कि दो नंगे बदन एक दूसरे पर चिपके पड़े थे।
उसका गरमा गरम कड़क लंड मैं अपनी गांड पर महसूस कर पा रही थी। उसने अपने लंड को पकड़ा और मेरी चूत में घुसाने लगा।
मेरी गीली चूत का छेद ढूंढने में उसको ज्यादा समय नहीं लगा।
उसके लंड की टोपी मेरी चूत के छेद में जा चुकी था। उसने अपना हाथ अपने लंड से हटा दिया और अपने दोनों हाथ मेरे हाथो पर रख पकड़ लिये।
उसने अब हलके हलके धक्के मारते हुए अपने लंड की टोपी को अंदर बाहर करते रहा, और फिर अचानक एक जोर के झटके से अपना लम्बा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। इस जोर के झटके से मेरे मुँह से आउच अह्ह्हह्ह्ह्ह निकली गयी।
उसका लंड भी मेरी चूत के लिए इतने मिनटों से तड़प रहा था, तो उसको भी एक सुकून मिला और लंड के अंदर जाते ही उसकी भी भावनाये बाहर निकली और एक लम्बी आहह्ह्ह्हह निकली।
अब वो अपना लंबा लंड मेरी चुत में झटके मारते हुए अंदर बाहर करने लगा, हर झटके के साथ मैं उइ माँ आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईइ यही पे, हां यही पे की रट लगाने लगी।
हम दोनों ही पिछले कुछ मिनटों में इतना तड़पे थे, कि प्यास मिटाने लिए अधीर हो रहे थे।
अगले कुछ मिनटों तक वो मुझे ऐसे ही जोर जोर से चोदता रहा। थोड़े समय बाद ही मेरा थोड़ा थोड़ा पानी छूटने लगा और उसमे सांप की तरह लौटते उसके लंड की वजह से चप्प चप्प की आवाज आने लगी। उस आवाज ने एक अलार्म का काम किया।
मैं अब धीरे धीरे होश में आने लगी। मेरी थोड़ी बहुत प्यास मिट गयी थी। मुझे ध्यान आया कि उसने प्रोटेक्शन तो इस्तेमाल ही नहीं किया था। शायद इसी वजह से मैं उसके लंड को इतने अच्छे से अपनी चूत में महसूस कर पा रही थी।
आखिर मेरी सुरक्षा मामला था, मैंने उसको टोंका कि वो बिना प्रोटेक्शन के ऐसे मुझको नहीं चोद सकता।
मेरी बातें अनसुना करते हुए वो मुझे ओर जोर से चोदता रहा। जिससे एक बार तो मैं फिर अपने होश खोने लगी और आहह्ह्ह्ह आहह्ह्ह्ह कर चीखने लगी।
पर मुझे इसके बुरे परिणाम भी पता थे, तो जल्द ही अपनी भावनाओ पर काबू पाया। मैंने ही अब जोर लगा के पलट कर उसको अपने ऊपर से गिरा दिया। उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया। उसकी तरह मुझे भी बुरा लगा था इस तरह अधूरा छूटना।
उसकी तो हालत ही ख़राब थी, इतने जतनो से वो यहाँ तक पंहुचा था, कि मुझे तैयार कर पाया और मैंने ही उसे मना कर दिया।
उसने कहा कि उसके पास प्रोटेक्शन नहीं हैं, उसके रूम में हैं और मुझसे मांगने लगा।
मैं उसको कैसे बताती कि मेरे पति प्रोटेक्शन लगाए या ना लगाए सामने वाली चूत पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
मैंने भी उसको देख ना ने सर हिला दिया। वो इस हालत में नहीं था कि इस सुनहरे अवसर को जाने देता।
मैं भी उससे काफी समय से थोड़ा बहुत आकर्षित थी और जिस तरह से आज उसने किया था, मैं भी उसके साथ पूरा करना चाहती थी।
उसने मुझसे गुजारिश की कि मैं उसे बिना प्रोटेक्शन के चोदने की इजाजत दूँ। वो तर्क देने लगा एक बार करने से जरुरी नहीं कि बच्चा हो ही जाए। वैसे भी कुछ होने पर अपने पति पर इल्जाम डाल सकती हूँ।
काश उसको पता होता कि मैं चाहते हुए भी अपने पति पर कभी प्रेग्नेंट करने का इल्जाम नहीं डाल सकती।
मैंने उसको ना बोल दिया, कि पति पर नहीं डाल सकती वो बहुत ध्यान रखते हैं।
उसने ओर कुछ बात नहीं बनते देख पूछा “तुम्हारा पीरियड कब गया था?”
मैंने कहा “चार पांच दिन पहले ही ख़त्म हुआ हैं”।
उसने कहा “मैं पायल को भी पीरियड के एक हफ्ते बाद तक कभी कभार बिना प्रोटेक्शन के चोदा करता हूँ और ज्यादा रिस्क नहीं होता हैं इस दरमियान। इतना ही हैं तो मैं ध्यान रखूँगा और पानी निकलने के पहले ही लंड चूत से बाहर निकाल दूंगा”।
मुझे लगा उसको इस चीज का काफी अनुभव हैं। उसके मसाज का अनुभव तो मैं पहले ही देख चुकी थी, तो मैंने उसका यकीन कर लिया। या फिर मैं खुद उसके लंड से अपनी चूत पूरी चूदवाना चाहती थी, इसके लिए मैंने उसको इजाजत दे दी।
पर मैंने इसको कड़ी हिदायत दे दी कि वो समय रहते अपना लंड मेरी चूत से निकाल देगा और पानी अंदर नहीं छोड़ेगा।
मेरी हां सुनते ही उसकी तो बांछे खिल गयी। उसने इतनी मेहनत की थी तो उसको इसका इनाम भी मिलना चाहिए था।
इसके बार आगे हमारी ये देसी हिन्दी स्टोरी आगे क्या रंग लाएगी, अगले एपिसोड में जानिए।
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