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सुबह जीजा साली दोनों साथ नहाए और नाश्ता करके मनस्वी 8 बजे तक निकल गया। रास्ते में मनस्वी सोचने लगा कि कभी अगर पंखुड़ी को मालूम पड़ गया कि मैं उसकी बहन को चोद रहा हूँ तो क्या होगा?
उसके दिमाग में एक आइडिया आया कि अगर किसी तरह पंखुड़ी भी किसी के साथ इसे ही सम्बन्ध बना ले या पंखुड़ी और माधुरी आपसी सहमति से इसे मान लें तो! उसने रास्ते से ही माधुरी से पूछा कि क्या वो पंखुड़ी को राजी कर सकती है कि वो उनके संबंधों को मान ले? माधुरी ने साफ़ मना कर दिया कि पंखुड़ी कभी तैयार नहीं होगी… और हम दोनों बहनों में जो प्यार है वो ख़त्म हो जाएगा। हाँ अगर पंखुड़ी किसी और से सम्बन्ध बनती है तो पंखुड़ी माधुरी से छिपाएगी नहीं।
अब मनस्वी सोचता रहा कि कौन हो सकता है जो पंखुड़ी के नजदीक हो जाए? उसे ध्यान आया कि मनोज जो उनका किरायेदार है और बैंक मैनेजर है, यहाँ अकेला रहता है, वो बहुत हंसमुख और मिलनसार है और पंखुड़ी से वो हंस कर बात भी करता रहता है। अब मनोज काबू में कैसे आये?
मनस्वी ने ऑफिस में आकर अपना जरूरी काम निबटाया और फुर्सत मिलने पर एक फेक आइडी बनाईं अनिल के नाम से… और मनोज को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी, जिसे मनोज ने एक्सेप्ट कर लिया।
7-8 दिन ऐसे ही नॉन-वेज बातें करते हुए अनिल ने मनोज से पूछ लिया कि रात को लंड मैनेजमेंट कैसे करते हो? मनोज पहले तो शरमाया फिर बोला- इंडियन पोर्न वीडियोज डॉट कॉम पर पोर्न मोवी देखता हूँ और कभी कभी मुठ मारता हूँ।
जब मनोज ने अनिल से पूछा कि वो क्या करता है तो अनिल ने कहा कि उसने अपनी मकान मालकिन सेट कर रखी है, उन दोनों को हफ्ते में 2-3 दिन तो मौका मिल ही जाता है सेक्स का!
यह सुन कर मनोज बहुत एक्साइटिड हुआ, उसने पूछा कि सेट कैसे करी? इस पर अनिल ने कहा कि पहले तो उसके बाथरूम में झांकने का जुगाड़ करो, फिर उसे कोई महंगा गिफ्ट दो और अपना एक दिन अपना मोबाइल जानबूझ कर उसके पास छोड़ आओ जिसमें ढेर सारी पोर्न मूवीज हों… अब अगर इसके बाद भी वो तुमसे बात करे तो समझ लेना पट जाएगी, वरना मकान बदलने की तैयारी कर लेना!
अब मनस्वी ने पंखुड़ी को भी पराये मर्द के साथ सेक्स करने के लिए उकसाना शुरू कर दिया। पहले तो पंखुड़ी नाराज हुई कि क्या बकवास कर रहे हो, पर धीरे धीरे उसे भी इन बातों में मजा आने लगा।
मौका देख कर मनस्वी ने अपने बाथरूम की खिड़की, जो मनोज के कमरे से लगी थी, के कब्जे का एक पेंच ढीला कर इधर से खोल दिया जिससे अगर मनोज अगर पेंच निकालना चाहे तो निकल जाये।
और अगले दिन वाकयी वो पेंच निकला हुआ था, मतलब मनोज ने निकाल लिया था।
अब रात को मनस्वी ने अपने मोबाइल पर एक पोर्न मूवी जिसमें एक लड़की दो लड़कों के साथ सेक्स कर रही थी, वो पंखुड़ी को दिखाई।मूवी के बाद दोनों ने जबरदस्त सेक्स किया।
जब मूवी चल रही थी तो पंखुड़ी ने कहा कि वॉल्यूम कम कर लो, उधर मनोज के कमरे में आवाज जाएगी तो इस पर मनस्वी हंस कर बोला- कोई बात नहीं, वो भी आ जायेगा, जो मूवी में हो रहा है, वो यहाँ बेड पर भी हो जायेगा!
मनोज ने अगले दिन छेद से पंखुड़ी को नंगी नहाते देख देख कर कई बार मुठ मारी और अगले दिन सुबह वो मनस्वी के जाने के बाद घर आया और एक महंगा सूट पंखुड़ी को दिया कि उसके एक क्लाइंट ने लाकर दिया है पर उसकी बीवी के साइज़ का नहीं है अतः वो ले ले। सूट बहुत सुंदर था।
पंखुड़ी ने मनोज को चाय पीकर ही जाने दिया, और जाते में मनोज जान बूझ कर अपना मोबाइल छोड़ गया और बैंक पहुँच कर दूसरे मोबाइल से अपने मोबाइल पर घंटी करी जिसे पंखुड़ी ने उठाया तो मनोज ने उससे कहा कि वो फोन अपने पास ही रख ले, फोन बंद न करे पर कॉल न उठाये।
पंखुड़ी ने उत्सुकतावश जब मनोज का फोन खंगाला तो उसे पोर्न मूवीज दिखीं, जिन्हें उसने मजा लेकर देखा।
शाम को जब मनोज फोन लेने आया तो पंखुड़ी ने हंस कर कहा कि उसे मालूम पड़ गया है कि वो रात को क्या करता होगा। दोनों हंस पड़े।
रात को चैटिंग पर मनोज ने अनिल को पूरा किस्सा बताया तो अनिल ने उसे बधाई दी कि अब तेरा काम होने वाला है। शाम के घर आकर मनस्वी ने पेंच दोबारा लगा दिया जिससे अब मनोज की तड़फ बढ़ जाए।
रात को बेड पर मनस्वी ने सेक्स के दौरान मनोज का नाम ले लिया कि पंखुड़ी आज तो यह सोचो कि तुम्हें मनोज चोद रहा है। इस पर पंखुड़ी ने मनस्वी से पूछा- तुम्हें बुरा नहीं लगेगा अगर कोई और मुझे चोदे? इस पर मनस्वी ने कहा- इसमें बुरा क्या है? चुदाई तो चुदाई है, चूत बनी ही चुदने के लिए है और लंड चोदने के लिए!
आज के सेक्स में पंखुड़ी कुछ ज्यादा ही हॉट लगी मनस्वी को!
अगले दिन शनिवार था, सुबह नाश्ते में छोले भटूरे बनाये पंखुड़ी ने तो मनोज को भी बुला लिया था नाश्ते पर! मनस्वी जानबूझ कर जल्दी ही घर से निकल लिया कि तुम मनोज को खिला लेना, मुझे देर हो रही है। मनोज को आज बैंक तो जाना नहीं था क्योंकि आज बैंक सेकंड सैटर डे के कारण बंद था इसलिए वो बिना नहाये ही बरमूडा और टीशर्ट में आ गया।
पंखुड़ी ने मनोज का नाश्ता लगाया तो मनोज जिद कर बैठा- आप भी आ जाओ, तभी खायेंगे। पंखुड़ी ने दोनों के लिए भटूरे सेके और टेबल पर आ गई। पंखुड़ी ने नाइट सूट पहना था, ब्रा वो रात को पहनती नहीं थी। ढीली सूट से जब वो झुकती थी तो उसके मम्मे मनोज को दिख जाते थे।
नाश्ता करके मनोज जाने लगा तो उसने पंखुड़ी को बताया कि उसके बाथरूम में पानी बहुत कम आ रहा है, इसलिए उसने प्लम्बर बुलाया है, अगर वो कहीं गया हुआ हो तो प्लम्बर से प्लीज पंखुड़ी काम करा ले।
पंखुड़ी ने मनोज से कहा- आप यहाँ नहा लो जब वहाँ पानी नहीं है तो? मनोज बोला- मैं टॉवल भी नहीं लाया हूँ, वहीं नहा लूँगा।इस पर पंखुड़ी बोली- टॉवल में दे देती हूँ..
पंखुड़ी ने मनोज को एक फ्रेश टॉवल दिया और मनोज उसके बाथरूम में घुस गया। वहाँ पंखुड़ी की ब्रा पेंटी पड़ी थी, मनोज ने उन्हें खूब चूमा और अपने लंड पर लपेट कर मुठ मारने की तैयारी करने लगा। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
उसके चूसने चूमने से पंखुड़ी की पेंटी गीली हो गई थी। तभी पंखुड़ी ने डोर नोक किया कि अगर आपने नहाना शुरू नहीं किया हो तो एक मिनट मुझे कुछ सामान लेना है।
असल में पंखुड़ी को अचानक ध्यान आया था कि उसकी ब्रा पेंटी और रात के मनस्वी के वीर्य से भीगे छोटे टॉवल इसे ही पड़े हैं। मनोज ने जल्दी से ब्रा पेंटी को वहीं रखा और टॉवल लपेट कर दरवाजा खोल दिया।
पंखुड़ी ने ‘एक्सक्यूज मी…’ कह कर सामान बटोरा.. मनोज का तना हुआ लंड टॉवल से झांक रहा था… पंखुड़ी ने उसे भी भांप लिया और पेंटी के गीलेपन को भी!मनोज भी समझ गया कि पंखुड़ी ने पेंटी देख ली है।
पंखुड़ी जैसे ही बाथरूम से बाहर जाने लगी मनोज ने हल्के से उसके कंधे पर हाथ रखा और सॉरी बोला। पंखुड़ी हंस पड़ी और मनोज से लिपट गई। मनोज का टॉवल भी उसका साथ छोड़ गया.. उसके और पंखुड़ी के होंठ मिले हुए थे ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ अब मनोज ने भी हिम्मत करके पंखुड़ी के लोअर के अंदर हाथ डाल दिया और पहले तो पंखुड़ी की गांड सहलाई और फिर उसकी गीली हो चुकी चूत में उंगली कर दी।
अगले पांच मिनट में दोनों बेड पर बिना कपड़ों के गुत्थम गुत्था थे। मनोज बलिष्ठ था, उसने पंखुड़ी की जम कर चुदाई की।
चूत को जब पराया मर्द चोदता है तब वो भी बेशर्म होकर चुदवाती है, यह सच है।
पंखुड़ी ने भी चुदाई में मनोज का पूरा साथ दिया।
अगले दो दिन मनोज की हिम्मत नहीं पड़ी पंखुड़ी से या अनिल से कुछ बात करने की। उधर पंखुड़ी ने माधुरी को यह कह कर आने की जिद की कि उससे एक गलती हो गई है जिसे वो फोन पर नहीं बता सकती, माधुरी एक दो दिन को आगरा आ जाये।
मनस्वी भी नहीं समझ पा रहा था कि आखिर क्या हुआ जो मनोज भी अनिल से नेट पर चैट नहीं कर रहा और पंखुड़ी भी गुमसुम है, न सेक्स कर रही है, न कुछ बता रही है।
उसे माधुरी ने बताया कि पंखुड़ी ने उसे बुलाया है और वो कल सुबह पहुँच रही है। अगले दिन माधुरी दोपहर तक पंखुड़ी के घर पहुंची। पंखुड़ी घर पर अकेली थी, माधुरी से लिपट कर रो पड़ी और बाद में बेड पर लेटे लेटे बताया कि तेरे जीजू से मैंने धोखा कर लिया है। इस पर माधुरी हंस पड़ी, बोली- धत्त पगली, इसमें परेशान होने की कोई बात नहीं है, बस जीजू को मत बताना और सोच ले तूने मुझे भी नहीं बताया… न मैं यह पूछ रही हूँ कि किसके साथ तूने मौज की.. बस यह जान ले कि जीजू को कभी कुछ मत बताना और मौज ले! इसमें कोई बुराई नहीं है, एक बात तुझे बताती हूँ कि मेरा भी एक फ्रेंड है.. मिलते हम कभी कभी हैं पर मौज करते हैं.. और हो सकता है जीजू की भी कोई सेटिंग हो… सब भूल जा और मजे ले।
पंखुड़ी का मुंह खुला का खुला रह गया जब माधुरी ने बताया कि वो भी मौज करती है। इस पर उसने माधुरी से कहा- तुमने मुझे बताया क्यों नहीं? तो माधुरी बोली- मैंने सोचा कि शायद तुम सीधी सादी हो, तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा।
अब दोनों हंस पड़ीं, अब पंखुड़ी नार्मल थी, दोनों तैयार होकर घूमने निकल लीं.. ताज महोत्सव चल रहा था तो वहीं जाकर खा पीकर और माधुरी ने तो ढेर सारी खरीददारी की, तब घर आईं।
अब मनस्वी को यह खुशखबरी माधुरी ने अकेले में दी और यह सख्ती से कह दिया कि कभी भी पंखुड़ी को एहसास मत होने देना कि तुम्हें कुछ मालूम है, और न कभी शक करना क्योंकि ये सब तो तुमने करवाया है उससे अपनी गलती छिपाने के लिए!
रात को जैसे ही पंखुड़ी नहाने गई, मौका देखकर मनस्वी ने माधुरी की फास्टट्रेक चुदाई कर ली।
अब चारों अपनी अपनी सेटिंग से खुश थे!
कैसी लगी आपको यह हिंदी सेक्स स्टोरी? मुझे लिखियेगा। [email protected]
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