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दोस्तो, मैं ऋषि एक बार फिर अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी लेकर आया हूँ जो कि आपको शारीरिक संबंध बनाना भी सिखायेगी और भरपूर मनोरंजन भी करेगी।
जैसा मेरी पिछली कहानी लंड कट जाएगा.. ऐसा लगा में बताया था कि मैं शारीरिक संबंध भी पूरी योजना के साथ बनाता हूँ और मैंने अपनी जान से प्यारी और बेहद सुन्दर बीवी सरिता के अलावा किसी और से आज तक सम्बन्ध नहीं बनाए हैं। हम जब भी शारीरिक संबंध बनाते हैं, पूरा मजा लेकर बनाते हैं, पूरा मजा लेते हैं।
तो कहानी को आगे बढ़ाते हैं, आज की कहानी में कहानी कम और शिक्षा ज्यादा है।
समय धीरे धीरे बीतता गया और हमारे प्यार में और बढ़ोत्तरी होती गई, हमारी सेक्स की जानकारी और बढ़ती गई, हम दोनों सेक्स के मामले में नए नए प्रयोग करने लगे, और सेक्स का जितना मजा ले सकते थे, लेते गये। हम अलग अलग आसनों का प्रयोग करके मजा लेने लगे।
अब जब भी शारीरिक संबंध बनाना होता, हम दिन में ही योजना बना लेते और रात को बिस्तर पर जाने से पहले एक साथ नहाते, एक दूसरे के शरीर को साबुन से रगड़ रगड़ कर धोते, मेरे यौनांग को सरिता धोती और मैं उसके यौनांग को साबुन से अच्छे से धो देता, मैं तो बहुत मस्ती करता उसके यौनांग को धोते समय उंगली गहराई तक डाल देता, सरिता के मुँह से सिसकारी निकल जाती।
उसके बाद खाना खाते, एक घंटे बाद फिर हमारा कामुक कार्य शुरू हो जाता, मैं सरिता को कभी चिकोटी काट देता तो कभी वो मुझे चिकोटी काट देती, जब भी बात करते, द्विअर्थी बात करते ताकि हम दोनों को बात समझ में आ जाये।
अब विस्तार से बताता हूँ, हम सुबह प्लान कर लेते थे कि आज रात में शारीरिक संबंध बनाना है, तो अब सरिता सारा इंतजाम कर लेती थी, जैसे शाम को मेरे आने से पहले वो अपने योनि के बाल अच्छे से साफ कर लेती थी, और कुछ अच्छे से खाने का इंतजाम जैसे प्रोटीन युक्त खाना!
विशेष: शारीरिक संबंध बनाने से पहले आप अगर पार्टनर के साथ नहाओ, उसके साथ कामुक क्रियाएं करें, जैसे साथ ही पेशाब करने जाओ, अगर नहा नहीं रहे हो तो खाली लिंग और योनि को धोने के लिए ही साथ जाओ और गौर से एक एक क्रिया को देखो कि वो कैसे नहाती है, कैसे पेशाब करती है और कैसे अपने योनि को धोती है, आप भी उसके सामने ही वो सारी क्रियाएं करो! जैसे हमें लड़कियों और औरतों को कामुक क्रियाएं करते हुए देखने में मजा आता है, वैसे ही उनको भी पुरुषों को कामुक क्रियाएं करते हुए देखने में बड़ा मजा आता है तो इससे शारीरिक संबंध का मजा कई गुना बढ़ जायेगा।
उसके बाद हम दोनों नहाने गए, साथ ही बाथरूम, सरिता मेरे कपड़े उतारने लगी और मैं सरिता के… दोनों पूरे नंगे हो गए, यहाँ पर संयम बरतना बहुत जरूरी है, नहीं तो सारा खेल बिगड़ सकता है, अपने आप पर पूरी तरह से कंट्रोल होना चाहिए।
हम एक दूसरे से छेड़ छाड़ करते रहे, अब हम दोनों एक दूसरे पर पानी डालने लगे, एक दूसरे के शरीर को पानी से भिगोने के बाद अब साबुन लगाने की बारी आई, सरिता मेरे शरीर पर साबुन लगाने लगी।
सारे शरीर में साबुन लगाने के बाद जब मेरे लिंग को उसने छुआ, मेरा लिंग खड़ा हो गया एकदम तन कर… यह देखकर सरिता खुश हो गई और मुस्कुराने लगी और प्यार से हाथ फेर कर बोली- कुछ देर और सब्र कर ले, फिर तेरा भी इलाज हो जायेगा! और पूरे लिंग को साबुन लगा कर अच्छे से धो दिया।
अब बारी मेरी थी सरिता को साबुन लगाने की, तो मैंने भी साबुन लिया और सरिता के बदन में अच्छे से साबुन लगाया, लड़कियों के शरीर में साबुन लगाने पर सबसे ज्यादा मजा कहाँ पर साबुन लगाने से आता है, तो वो जगह है, उनकी स्तन और योनि! अच्छे से मल मल कर साबुन लगाया और जब योनि की बारी आई तो उसमें अच्छे से उंगली डालकर साफ किया तो सरिता के मुँह से कामुक आवाजें आने लगी- इस्स्स सस्स इस्स्स!
मुझे तो बड़ा मजा आ रहा था साबुन लगाने में, सरिता की कामुक आवाज़ सुनकर मैं भी उत्तेजित होने लगा था, मेरा लिंग खड़ा हो गया था और मन कर रहा था कि अभी खड़े खड़े लिंग को सरिता की योनि में डाल दूँ! लेकिन बाद में अगर मजा करना था तो अपने आप पर कंट्रोल करना जरूरी था, लेकिन मुझे यह जरूर लग रहा था कि ऐसे ही उसके चूची और चूत में साबुन लगता रहूँ और चूत में उंगली करता रहूँ!
लेकिन समय को देखते हुए जल्दी से पानी डालकर एक दूसरे के शरीर को साफ किया, फिर सूखे टॉवल से पानी साफ किया, फिर एक दूसरे को कपड़े पहनाये। बाथरूम से निकल कर हम लोग खाना खाने बैठ गए। खाना खाने के बाद एक डेढ़ घंटा टीवी देखा और बीच बीच में एक दूसरे को छेड़ते रहे।
उसके बाद बिस्तर पर गए, अब तो दोनों आतुर थे, कि कब एक दूसरे में समा जाएँ। लेकिन मुझे पता था कि इतनी जल्दीबाजी सही नहीं है, पूरा मजा लेना है तो सब्र करना पड़ेगा।
मैंने जल्दी से सरिता को अपनी बाँहों में भर लिया और एक दूसरे का आलिंगन करने लगे, आलिंगन करते हुए काफी देर तक बात करते रहे, मैंने सरिता से पूछा- जितनी बेचैनी शारीरिक संबंध बनाने की मुझे है, तुम्हें भी है क्या? तो उसने जवाब दिया- हाँ, मुझे भी बेसब्री से इंतजार रहता है इस समय का!
उसके बाद एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे, मैंने सरिता ऊपर के कपड़े पहले उतारे, सबसे पहले मैंने उसका ब्लाउज उतारा, उसके बाद ब्रा उतारने लगा। ब्रा उतारने के बाद धीरे धीरे उसके स्तनों से खेलने लगा, बढ़िया से उसको चूसा सरिता बहुत ही कामुक सिसकारियां लेने लगी- इस्स उम्म्ह… अहह… हय… याह… इस्स्सस इस्स्स सस्स!
विशेष: अपने पार्टनर से बात करते करते सम्बन्ध बनाओ तो शारीरिक संबंध बनाने का मजा कई गुना बढ़ जाता है। इस बात को गांठ बांध कर रख लो। लेकिन शारीरिक संबंध के बारे में ही बात करें और उसकी तारीफ करें।
उसके बाद उसके होंठों को चूमा, कान के पीछे चूमा, सरिता अपनी आँखें बंद किये पूरा मजा लेते हुए मुंह से कामुक आवाज़ें लगातार निकालने लगीं।
अब बारी थी नीचे के कपड़े उतारने की… तो अब हम दोनों अलग हुए, मैंने सरिता से कहा- नीचे के कपड़े उतारो। सरिता अपने कपड़े उतारने लगी। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
कपड़े पूरे उतारने के बाद सरिता नंगी लेट गई, और मैं उसके ऊपर आकर पूरे शरीर को चूमने लगा, ऊपर से लेकर नीचे तक अच्छे से चूमा, खास कर उसके स्तनों, नाभि, और योनि के ऊपरी हिस्से और दोनों जांघों को!
अब सरिता अंगड़ाइयाँ लेने लगी दोनों जांघों को एक दूसरे से रगड़ने लगी, इस्स्स सस्स इस्स्स की आवाज़ें पूरे कमरे में गूंजने लगीं। अब मुझे भी बेसब्री होने लगी लिंग योनि में डालने की, मैंने सरिता से पूछा- लिंग अंदर डालने पर कैसा लगता है, और कितना अंदर जाता है तो अच्छा लगता है, धीरे धीरे घर्षण करने से अच्छा लगता है या जोर जोर से?
उसका जवाब सुन कर मेरे लिंग में और ज्यादा तनाव आ गया, उसने कहा- जब लिंग अंदर जाता है तो बहुत मजा आता है, ऐसा लगता है जैसे ऐसे ही अंदर रखे रहूँ और अंदर बाहर करती रहूँ। और अब बात ही करते रहोगे या अंदर डालोगे?
मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया, धीरे धीरे लिंग अंदर डालने लगा। जैसे ही लिंग अंदर गया, सरिता के मुख से निकलती हुई कामुक आवाज़ें और तेज़ हो गई। अब तो मैं और उत्तेजना के साथ लेकिन धीरे धीरे घर्षण करने लगा, हर घर्षण के साथ योनि के ऊपर दबाव बना कर घर्षण करता। तो उसकी सिसकारियां और तेज़ हो जाती।
एक या दो घर्षण के बाद ही योनि पानी छोड़ने लगी। मैं जैसे ही घर्षण के साथ योनि पर दबाव डालता, सिसकारी के साथ अपने कमर को उठा कर लिंग और अंदर करने की कोशिश करती, हर बार उसके शरीर में करंट जैसा लगता। और इस प्रक्रिया को मैं बार बार करके मजा लेता क्योंकि इससे उसकी योनि और ज्यादा टाइट हो जाती, मुझे इसमें बहुत मजा आ रहा था।
सरिता अपनी आँखे बंद करके पूरा मजा ले रही थी और मुझे अपने आप से और ज्यादा चिपकाने की कोशिश कर रही थी। मैं अपनी उत्तेजना शांत करने के लिए अश्वनी मुद्रा में आ गया, अपने लिंग और गुदाद्वार को संकुचन करने लगा तो थोड़ा शांत हुआ। उसके बाद फिर योनि के अंदर घुसाया और धीरे धीरे घर्षण करने लगा।
विशेष: जब आप योनि के अंदर अपना लिंग डालो तो मात्र अंदर बाहर न करें, बल्कि योनि पर अपने लिंग के ऊपरी हिस्से जहाँ पर बाल होते हैं उससे दबाव डालकर अंदर बाहर करें, इससे औरत का पानी जल्दी निकल जाता है और आपके लिंग का ऊपरी हिस्सा गीला हो जाता है, औरतों में शारीरिक सम्बन्ध के प्रति रूचि और बढ़ जाती है, इसका कारण लिंग के अंदर बाहर होने के साथ भगनासा पर दबाव और घर्षण होता है तो स्त्री को परमानन्द प्राप्त होता है।
कहानी पर चलते हैं, जैसे ही मैंने घर्षण शुरू किया, सरिता आनन्द विभोर हो गई और कामुक सिसकारियों की बाढ़ आ गई। आँख बंद करके पूरा आनन्द लेने लगी, बीच बीच में स्तनों के चूचुक चूसता रहा, जैसे ही चूचुक को चूसता, योनि टाइट हो जाती और सरिता की सिसकारी तेज़ हो जाती, मुझे और आनन्द आता।
इस बीच मैंने 2 बार वीर्य गिर जाने का नाटक किया, मतलब जोर से लिंग को योनि के अंदर मारा और छोड़ दिया। सरिता ने सोचा कि मैं गिर गया, उसने भी अपनी टांगें भींच ली और कमर उठा कर मेरे लिंग से योनि द्वारा वीर्य को निचोड़ने लगी, मुझे बहुत आनन्द आ रहा था क्योंकि मैं सिर्फ गिरने का नाटक कर रहा था पर सरिता सही में गिर गई थी, वह पूरी तरह से शिथिल हो गई।
ऐसे ही करते करते जब मेरा वीर्य निकलने को हुआ, मैं उससे अलग हो गया और फिर संकुचन करने लगा, शांत होने के बाद पेशाब करने के लिए चल दिए हम दोनों! वहां से वापस आकर मैं फिर शुरू हो गया।
विशेष: आप अगर शारीरिक संबंध बनाते समय, जब वीर्य निकलने वाला हो तो कुछ देर के लिए रूककर अश्वनी मुद्रा में आ जाएं तो समय को बढ़ा सकते हैं, और शारीरिक सम्बन्ध का मजा कई गुना बढ़ जायेगा, इस बीच आप पेशाब करने भी जा सकते हो, इससे उत्तेजना कम हो जायेगी, शारीरिक संबंध का समय बढ़ जायेगा।
अब सरिता का 2 बार गिरने के बाद योनि टाइट हो गई थी और योनि में लिसलिसापन आ गया था। जब योनि में लिसलिसापन के साथ टाइट हो जाये तो शारीरिक संबंध बनाने में जो मजा आता है, उसे शारीरिक संबंध बनाने वाला ही बता पायेगा।
अब मेरा भी मन कर रहा था कि मैं भी जल्दी से अपना वीर्य गिरा कर सो जाऊँ, मैंने अब जल्दी जल्दी धक्के लगाने शुरु कर दिए, सरिता बार बार पूछ रही थी कि दो बार स्खलित होने के बाद भी और कितना बार करोगे? कहीं कोई गोली खाकर तो नहीं आये हो न? मैं बोला- नहीं मैं गिरने का नाटक कर रहा था।
वो मन ही मन मुस्काने लगी और मैं जोर से धक्के लगाते लगाते स्खलित होने लगा, सरिता भी कमर उठा उठा कर मेरे साथ ही स्खलित होने लगी और अपने दोनों जांघों को भीच कर वीर्य को एक एक बूंद करके निचोड़ने लगी। 8-10 बार ऐसा करने के बाद मैं और मेरी प्यारी सरिता पूरी तरह शिथिल हो गए, मैं सरिता के शरीर से अलग हुआ और उसको बाँहों में समेट कर सो गया।
विशेष: इस पल का भरपूर आनन्द लेने के लिए आपको बस इतना करना है, जब वीर्य स्खलन का समय आये तो आपका और आपके पार्टनर के घुटने मुड़े हुए न हों, स्त्री शरीर के ऊपर पूरा का पूरा पुरुष का शरीर हो और स्खलित हों, कई लोग घुटने को मुड़े हुए या जैसे स्थिति में हों, वैसे ही स्खलित हो जाते हैं, यह गलत तरीका है, आप तो स्खलित होकर अपना उल्लू साध लेते हो, लेकिन आपका पार्टनर पूरा आनन्द नहीं ले पाता। जब स्त्री की टांगें सीधी हों, पुरुष ऊपर हो, तब स्त्री को खुलकर स्खलित होने का मौका मिलता है। इसलिए ‘उसको भी मौका दो पूरा आनन्द लेने का!
इसी के साथ आज की कहानी यहीं पर समाप्त करते हैं। अगली बार फिर किसी रुचिकर काम घटना को लेकर आते हैं।
मेरी सेक्स कहानी ध्यान से पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, खुश रहें और अपने कामजीवन का भरपूर आनन्द लें।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे [email protected] पर जरूर बताएं।
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