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अब तक आपने पढ़ा.. मेरी दीदी का चक्कर निहाल के साथ था और इसी वजह से उनका अपने पति से तलाक भी हो चुका था। अब वो अपने यार निहाल के साथ फिल्म देखने जाने वाली थीं। अब आगे..
निहाल- यहाँ दो पिक्चर लगी हैं.. एक होलीडे और दूसरी नशा! दीदी- होलीडे तो मैंने देखी है और नशा.. इसका पोस्टर तो देखकर लगता है यह मूवी ठीक नहीं है। निहाल- छोड़ ना यार.. मैंने यह मूवी देखी है, ठीक है.. गंदा कुछ नहीं। दीदी- ओके तो यही देखते हैं।
निहाल खुश हो गया.. क्योंकि नशा मूवी में बहुत से सेक्स वाले सीन थे.. जो मुझे पता था। फिर भी मैं चुपचाप उनका पीछा करता रहा।
निहाल ने सबसे पीछे से एक लाइन पहली वाली रो के टिकट ले लिए और दीदी के साथ जाकर बैठ गया। मैं भी उनके पीछे वाली सीट पर बैठ गया। कुछ देर बाद फिल्म शुरू हुई। उसके कुछ देर बाद एक किसिंग सीन आया, जिसके आते ही दीदी नज़रें नीचे कर लीं।
निहाल- क्या हुआ? दीदी- कुछ नहीं.. निहाल- यार शरमा मत.. यहाँ हम ही तो हैं.. अगर तुझे नहीं देखनी तो चल बाहर चलते हैं। दीदी- ओके.. मैं देख रही हूँ।
फिर निहाल दीदी के गले में हाथ डालकर मूवी देखने लगा।
थोड़ी देर बाद एक सेक्स सीन आया और लड़की पीछे से नंगी दिखाई गई। दीदी उस सीन को गौर से देखने लगीं।
कुछ समय बाद फिर एक सेक्स सीन आया। उसमें हीरोइन की आवाज़ गूंजने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… अब निहाल दीदी की तरफ देख रहा था उसकी नज़र दीदी के मम्मों पर थी। उसने दीदी का मुँह अपनी तरफ किया और एक ज़ोरदार किस दीदी के होंठों पर कर दी। इस पर दीदी उसे घूरने के बाद मूवी देखने लगीं।
थोड़ी देर बाद निहाल ने दीदी को फिर से किस किया.. लेकिन इस बार वो हटा नहीं, दीदी भी उसकी किस का जबाव देने लगीं, दस मिनट तक उन दोनों की किस चलती रही। मैं भी उन्हें देखता रहा।
निहाल ने पूरी मूवी में दीदी को 33 बार किस किया और दीदी भी उसे रोक नहीं रही थीं। शायद मूवी देखकर उनका भी मन हो रहा था। क्लाइमेक्स में निहाल ने दीदी को किसिंग करते-करते उनकी एक चूची पर हाथ रख दिया और चूची को दबाने लगा। दीदी कुछ नहीं बोलीं तो निहाल ने और ज़ोर-ज़ोर से चूचियों को दबाना चालू कर दिया।
अब निहाल ने जब यह देखा कि दीदी मना नहीं कर रही हैं। तो उसने अपना एक हाथ दीदी की कमीज़ से अन्दर डाल दिया और उनके चूचों को मसलने लगा। निहाल- तबस्सुम ब्रा तो उतार.. इसका हुक़ कहाँ हैं? दीदी- ऊपर से ही करो ओके.. ब्रा को खोलने की ज़रूरत नहीं है।
निहाल दीदी के मम्मों को और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा और किसिंग करने लगा। दीदी- ईस्स्स्स्शह.. आराम से निहाल.. आआहह सस्स्स्स्स्.. मेरी जान आराम से दबाओ ना।
दस मिनट तक यही चलता रहा। मेरे कानों में मेरी दीदी तबस्सुम की कामुक सिसकारियों की आवाज़ आती रही। मुझे गुस्सा भी आ रहा था.. लेकिन क्या करता.. यह उनकी मर्ज़ी से हो रहा था।
फिर मूवी ख़त्म हो गई और लाइटें जल गईं। वे लोग एकदम से अलग हो गए और दीदी अपने कपड़े ठीक करने लगीं। कुछ देर बाद वहाँ से वे दोनों निकल आए।
दोनों वहाँ से सीधे फिश पार्क पहुँचे। वहाँ लवर्स पॉइंट में घुसकर ज़मीन पर बैठ गए। मैं वहाँ लगी बड़ी चेयर के पीछे बैठ कर सब देख और सुन रहा था।
निहाल- कैसी लगी फिल्म? दीदी- तुमने फिल्म देखने कहाँ दी। निहाल- तुझे भी तो मज़ा आ रहा था ना? दीदी चुप रहीं।
निहाल- तेरे दूध बहुत सॉफ्ट हैं। दीदी ने निहाल को प्यार से एक थप्पड़ मारा और बोलीं- बदमाशी मत करो ओके.. वो तो उस टाइम मैंने तुम्हें मना नहीं किया क्योंकि तुमने पहली बार यह हरक़त की थी।
निहाल हँसा और वे दोनों बातें करने लगे। निहाल ने बात करते-करते दीदी को लेटने को कहा और दीदी लेट गईं, वो दीदी के ऊपर लेट कर किसिंग करने लगा। वो कभी दीदी के गले पर कभी होंठों पर.. कभी गालों पर किस किए जा रहा था।
दीदी- निहाल बसस्स्स्स्स्.. करोऊओ.. अब बहुत हुआ। लेकिन वो चूमने में लगा रहा और दीदी के मम्मों को भी दबाने लगा।
दीदी ने कुछ देर तक कुछ नहीं कहा और निहाल ने मौका देखकर दीदी की पैंट के ऊपर से उनकी चूत वाले हिस्से पर हाथ धर दिया और मजे से फेरने लगा।
फिर उसने दीदी की कमीज़ ऊपर की और दीदी के मम्मों को नंगा करने लगा। दीदी ने निहाल को धक्का दिया और बोलीं- यह हम गलत कर रहे हैं। निहाल- ऐसा कुछ नहीं है। दीदी- ऐसा ही है.. मैं अपने घरवालों को धोखा नहीं दे सकती। निहाल- अच्छा जब तू मेरे साथ फिल्म देख रही थी.. और मेरे से अपने को किस करवा रही थी। मैं तेरे मम्मों को दबा रहा था.. क्या तब तूने घर वालों को धोखा नहीं दिया? ‘मुझसे गलती हो गई.. लेकिन अब और नहीं..’
निहाल गुस्से से बोला- तो ठीक है तुम झूठ बोल रही थीं.. जो तुम माँगोगे दे दूँगी और अब मना कर रही हो। काफ़ी देर तक उनकी बहस चलती रही। बाद में तबस्सुम दीदी से निहाल बोला- ठीक है तो चली जाओ तुम यहाँ से। दीदी उठीं और जाने लगीं, निहाल देखने लगा।
फिर दीदी कुछ दूरी पर जाकर रुक गईं और पीछे निहाल को देख कर मुड़ीं, फ़िर चली गईं। मैं खुश हो गया। तभी निहाल का फोन बजा और वो कॉल सुनकर बोला- तू कहाँ है? वो कॉल काटकर चल दिया।
मैं उसके पीछे चल दिया। थोड़ी आगे जाकर देखा तो तबस्सुम दीदी वहाँ पेड़ की छाँव में खड़ी थीं। मैं देखकर समझ गया कि निहाल की तो ईद आज मन ही जाएगी।
निहाल पीछे से गया और दीदी को पीछे से पकड़ कर बोला- मुझे पता है तू मुझसे बहुत प्यार करती है तबस्सुम.. तू मेरी बात कभी नहीं काट सकती। वो दीदी के गले पर किस करने लगा, दीदी सीधी हुई और निहाल को ज़ोरदार किसिंग करने लगीं, निहाल भी जवाब देने लगा और दीदी की कमर पर हाथ फेरने लगा, उसने उसी दिन की तरह दीदी के चूतड़ों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। वो दीदी के चूतड़ों को ज़ोर-ज़ोर से सहलाने लगा।
दीदी ने भी उसे मना नहीं किया और उसे किस करती रहीं। निहाल ने कुछ पल बाद किस छोड़ कर दीदी को देखा, दोनों आँखों में आँखें डाल कर एक-दूसरे को देखने लगे। फिर निहाल ने दीदी की कमीज़ पकड़ी और धीरे-धीरे ऊपर करने लगा।
जब कमीज़ सीने तक आ गई तो दीदी ने हाथ ऊपर कर लिए और निहाल ने कमीज़ उतार दी। दीदी अपनी ब्लैक ब्रा में निहाल के सामने खड़ी थीं, यह देख कर मुझे गुस्सा आ रहा था.. लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया। मैं बराबर वाले ट्री के पीछे से सब देखता रहा।
निहाल ने दीदी की कमर पर हाथ रखा। इस बार दीदी की कमर नंगी थी.. तो उसने दीदी की कमर को ज़ोर से मुट्ठी भरी और कमर पर हाथ फेरने लगा। दीदी निहाल के गले लग कर मुस्कुरा रही थीं।
अब निहाल ने दीदी की कमर की तरफ आकर उनकी कमर पर किस करना शुरू किया और उनके पेट पर हाथ फेरने लगा। दीदी काँप सी रही थीं।
दस मिनट बाद निहाल सामने की तरफ आया और दीदी को लिटा दिया। दीदी लेट गईं और निहाल ने दीदी के होंठों पर किस किया। फिर नीचे उनके गले पर चूमा.. फिर उनके मम्मों के बीच में जहाँ ब्रा नहीं थी.. वहाँ किस करने लगा।
उस जगह किस करते टाइम दीदी के मुँह से सिसकी निकली ‘इसस्स उफ्फ.. निहाल..’ निहाल ने स्माइल करते हुए दीदी की सलवार पकड़ी, फिर नीचे आ गया और वो दीदी के पेट पर किस करने लगा। फिर उसने दीदी की सलवार उतारनी शुरु कर दी, धीरे-धीरे पूरी सलवार उतार दी, अब दीदी उसके सामने ब्रा और पेंटी में थीं।
वे निहाल को देख रही थीं और स्माइल कर रही थीं। निहाल ने अपना फोन निकाला और दीदी की एक पिक्चर खींची। मैं डर गया मगर दीदी नहीं डरीं। फिर निहाल ने दीदी के पास लेटकर एक सेल्फी फोटो खींची।
निहाल बोला- यार तबस्सुम ब्रा-पेंटी में तू क्या मस्त लग रही है.. ऐसा लगता है कि मल्लिका सेहरावत मेरे सामने लेटी हो.. तेरी क्या मस्त चिकनी टांगें हैं.. और क्या उठी हुई चूचियां हैं।
यह सच भी था… मैं भी दीदी को देखकर हैरान था, वाक़यी मेरी तबस्सुम दीदी शक्ल के साथ-साथ शरीर से भी खूबसूरती से भरी थीं।
दीदी- तुम भी तो इमरान हाशमी की तरह रोमान्स कर रहे हो मेरी जान! निहाल दीदी की टाँगों पर किस करने लगा और चाटने लगा, वो दोनों टाँगों के साथ करीब 15 मिनट तक खेलता रहा।
साथियों.. मेरी दीदी की चुदाई का पूरा सीन अगले भाग में लिखूँगा। आप मेल भेजते रहिए। [email protected] मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी जारी रहेगी।
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