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अब तक आपने पढ़ा..
नीलू की गांड और चूत में दोनों तरफ से दो लंड फिट हो चुके थे और नीलू हम दोनों मर्दों के बीच हो गई थी, सैंडविच बन गई थी, वो दर्द से कलप रही थी।
प्रिया हम तीनों को पास से देख रही थी, तभी प्रिया संजय और पूजा के पास चली गई। प्रिया ने संजय से चुद रही पूजा को देखा। संजय ने लेट कर पूजा को अपने लंड पर बिठा लिया और प्रिया की चूत में अपनी जीभ डाल दी।
संजय की जीभ अब प्रिया की चूत के अन्दर थी और लंड पूजा की चूत चोद रहा था। हम सभी ऐसे चुदाई करते हुए मज़े ले रहे थे कि संजय ने जोर-जोर से शॉट लगाने शुरू कर दिए.. जिससे उसका लंड पूजा की चूत के अन्दर बच्चेदानी तक रगड़ मार रहा था।
अब पूजा को भी बहुत मज़ा आ रहा था और शायद थोड़ा दर्द भी हो रहा था.. परन्तु वो मज़े से सिसकारियां निकाल रही थी ‘उई आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उई आह.. सीसी.. सी बस बस.. आह आह.. आऊ सीसी..’
प्रिया भी बहुत तेज-तेज अपनी चूत को संजय के मुँह पर चला रही थी जैसे अपनी चूत की धार अब उसके मुँह पर ही निकाल देगी।
तभी मैंने पीछे से अपने लंड को और झटका लगाया और नीलू की गांड में जड़ तक लंड की रगड़ महसूस हुई। वो कुछ गिरती कि तभी आगे से तुरंत अमन ने उसे सम्भाल लिया और अमन ने भी नीलू की चूत में अन्दर तक शॉट लगा दिया।
नीलू के अन्दर हम दोनों के लंड उसे मस्त कर रहे थे। मेरे और अमन का लंड नीलू की गांड और चूत चोद रहे थे। नीलू भी हम दोनों के लंड अन्दर लेकर बहुत खुश थी और मज़े से चुदवा रही थी। अब हम दोनों ताल से ताल मिला कर अपने लंडों को आगे-पीछे करते हुए एक साथ नीलू की गांड और चूत बजाने में मस्त थे।
तभी नीलू जोर-जोर से सिसकने लगी तो मैंने अमन को इशारा किया और हम दोनों ने अपनी पोजीशन बदल ली और मैंने अपना लंड नीलू की गांड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया और अमन ने उसकी चूत से निकाल कर अपना लौड़ा उसकी गांड में पेल दिया। नीलू अब फिर हम दोनों में सैंडविच ही बनी हुई थी। हम दोनों नीलू को आगे और पीछे से एक साथ चोद रहे थे।
उधर साथ ही पूजा और प्रिया संजय से चुद रही थीं। अब हमने देखा कि पूजा ने अपना रस संजय के लौड़े पर निकाल दिया था और संजय के टट्टे तक पूजा के चूत के रस से भीग गए थे। पूजा भी जोर-जोर से सिसकारती हुई अपनी जवानी का रस संजय के लौड़े पर निकालती ही जा रही थी। साथ ही संजय के मुँह के ऊपर बैठ कर मजे ले रही प्रिया ने भी जोर-जोर से सिसकना शुरू कर दिया था।
हमारे लंडों से चुद रहीं तीनों औरतें मज़े से चुदती हुई जोर-जोर से सिसक रही थीं।
मैंने अमन को तेज चोदने का इशारा किया और हम दोनों ने अपने-अपने लंडों को नीलू की चूत और गांड में तेज-तेज चलाना शुरू कर दिया.. जिससे नीलू की गांड और चूत से रस टपकना शुरू हो गया। नीलू मज़े से जोर-जोर से सिसकारने लगी- उई आह आह.. सालों चुद गईई रे..ई.. आह्ह्ह.. सालों बस बस.. करो आह्ह..’
नीलू को सिसकती देख प्रिया बोली- उई आह सीसी.. सालों चोद दी नीलू रांड.. की गांड.. आह्ह बस करो आह.. असल में मज़ा अब सभी को आ रहा था। सभी की मादक सिसकारियाँ कमरे में गूंज रही थीं।
पूजा ने अपना पूरा रस संजय के लंड पर निकाल दिया था। वो असल में चुद कर थक चुकी थी तो वो हाँफ कर संजय के लंड से उठ गई। संजय ने पूजा की चूत से लंड निकाला और प्रिया को घुमा कर उसकी चूत में अपना लौड़ा घुसेड़ दिया।
प्रिया भी संजय का लौड़ा अपनी चूत में लेने के लिए उतावली थी, इसलिए उसे भी संजय का लौड़ा अपनी चूत में लेकर सकून मिल गया।
अब संजय जैसे-जैसे नीचे से अपने लंड के झटके प्रिया की चूत में लगाता, वैसे ही प्रिया भी अपनी गांड उठा-उठा कर उसका साथ देती.. इस तरह उन दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।
इधर हम दोनों नीलू की ताबड़तोड़ गैंग-बैंग चुदाई कर रहे थे। इस बार नीलू की धार निकलने ही वाली थी। नीलू भी जोर-जोर से सिसक कर चुद रही थी। पूजा अब हाँफ कर पस्त होकर हमारे पास बैठकर हम सभी की चुदाई देखने लगी थी।
तभी मैंने अमन को आँख मारी और इशारा किया कि अब नीलू को पार लगा दिया जाए। मेरा इशारा पाते ही अमन भी जोर-जोर से नीलू की गांड चोदने लगा और आगे से मैं नीलू की चूत को उसके मम्मे पकड़ कर चोद रहा था। मैंने नीलू के होंठ अपने होंठों में ले लिए थे। इस तरह हम बहुत मस्त चुदाई कर रहे थे।
तभी नीचे से नीलू ने अपनी चूत से जोर से धार निकाली और मेरे लंड को भिगो दिया, मुझे ऐसा लगा जैसे उसने मेरे लौड़े पे गर्म-गर्म पेशाब कर दी हो।
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से निकाल दिया। हम सभी ‘उन्ह आई उई आह आह.. सीसी सी उई.. ’ कर रहे थे।
नीलू की गांड में पीछे से अमन भी बहुत तेज-तेज झटके लगाने लगा था। मैंने नीलू को गालियाँ देते हुए कहा- आह उई ले साली.. चुद मादरचोद.. बहन की लौड़ी साली निकल गया तेरा जूस.. साली चुद गई.. तू बहन की लौड़ी तेरी माँ चुद गई अब हमारे लौड़ों से.. आह्ह.. कुतिया.. आह आह.. ले.. आह्ह उई चुद चुद..’
पीछे से अमन भी उसे गालियाँ देते हुए चोदने लगा- उई ले.. चुद चुद.. चुदक्कड़ कुतिया.. आह गांड चुदवा साली.. मादरचोद ले चुद.. आह उई उई.. सी..’ नीलू भी सिसकारती हुए कहने लगी- आह आह आह.. उई उई सीसी.. उई आह .. आह गांड फाड़ दी मेरी कुत्तों.. आह आह आह सालों मर गई.. बस करो.. बस.. सब बस चोद दी मेरी जवानी.. साले जल्लादों.. आह..’
ऐसे करते हुए हम सभी झड़ने लगे थे। मेरे और अमन के लंड ने भी नीलू के जिस्म की गर्माहट को न झेलते हुए अपने लंड का रस छोड़ दिया था।
हम सभी झड़ रहे थे और मज़े से एक-दूसरे को कस कर थामा हुआ था। कुछ पल के लिए जैसे वक्त वहीं रुक गया हो, हम सभी को बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर वैसे ही रहने के बाद हम सभी अलग-अलग हुए तो साथ बैठ गए।
हमने देखा.. कि संजय और प्रिया भी झड़ चुके थे और एक-दूसरे से अलग हो चुके थे। हम सभी को बहुत मज़ा आया था।
नीलू बोली- उफ़.. मज़ा बहुत आया.. सालों अब नहाना पड़ेगा.. मेरी टांगें भी भिगो दीं। अमन ने कहा- अरे तो नहा ले न, हमने कौन सा बोला है कि नहाना मना है। मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं.. नहला तो मैं देता हूँ तुझे साली।
ऐसे हम फिर कुछ देर के लिए हँसी-मज़ाक करने लगे थे।
इसके कुछ देर बाद मैंने कहा- देखो अब आप तो सभी चुद चुके हो, परन्तु मैंने और प्रिया ने अपनी चुदाई नहीं की है।
मेरे ये कहते ही संजय हँस पड़ा.. तो प्रिया बोली- क्यों.. आप क्यों हँसे..? इसमें हंसने की क्या बात है.. रवि जी ने सही कहा है हम इनकी वजह से ही तो मिले हैं।
यह कहते हुए वो मेरी गोद में आकर बैठ गई। मैंने प्रिया के मम्मों और चूचियां को चूसना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में प्रिया के होंठ मेरे होंठों में थे। फिर हम दोनों ने अपनी चुदाई शुरू कर दी, इस बार सभी हमें देख रहे थे और मेरा लौड़ा प्रिया की चूत के अन्दर शंटिंग कर रहा था। मैं प्रिया के होंठों को चूसता हुआ अपनी छातियाँ से उसके मम्मों को दबाता हुआ उसको जोर-जोर से अपने लौड़े से चोद रहा था।
हम दोनों आस-पास सबसे बेखबर एक-दूसरे को अपनी बांहों में लेकर बस अपनी चुदाई में मस्त थे। कुछ देर बहुत तेज चुदाई करने के बाद हम दोनों एक-दूसरे की बांहों में पस्त हो गए और मैंने अपने लौड़े का पूरा रस उसकी चूत के अन्दर ही छोड़ दिया। जब मेरा लंड उसकी चूत में रस निकाल रहा था तो प्रिया ने मुझे कस कर पकड़ रखा था और मेरी गोद में बैठी प्रिया ने अपनी चूत की दीवारों को कस लिया था.. जैसे वो चाहती हो कि कहीं ये रस अब बाहर न टपक जाए।
जैसे ही हमारी चुदाई ख़त्म हुई तो साथ बैठे सभी दोस्तों ने तालियाँ बजाई। हमें भी तभी होश आया कि हमारे पास कोई है। हमें इस चुदाई में भी बहुत मज़ा आया।
हमने घड़ी में टाइम देखा तो शाम के 5 बजने वाले थे। हम सभी एक-एक करके वाशरूम गए और नहाए, सबसे पहले नीलू नहाई और उसके बाद पूजा, क्योंकि इनको ही किचन का काम सम्भालना था।
फिर सभी फीमेल ने मिल कर खाना बनाया और हमें बहुत प्यार से खिलाया।
इस बार हम सभी को बहुत मज़ा आया था, हमने नीलू और संजय से फिर मिलने का वादा किया और विदा ली।
फिर हम सभी अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गए। वापिस आने के बाद मैंने सभी से फ़ोन पे बात की.. तो सभी ने यही बताया कि रवि.. बहुत अच्छा अनुभव रहा.. बहुत मज़ा आया।
प्रिया ने फिर कभी ऐसे प्रोग्राम बनाने के लिए बोला।
खैर दोस्तो.. अब आप बताना आप सभी को मेरी कहानी कैसी लगी।
आप सभी दोस्तों की ईमेल का इंतज़ार रहेगा। आप बताते रहना कि मेरी कहानियाँ आपको कैसी लग रही हैं। ख़ास करके मेरी ये कहानियाँ फीमेल्स को कैसी लगती हैं.. वे मुझे मेरी ईमेल में बताएं। ताकि आने वाले वक्त में मैं आपको और बेहतर कहानियाँ दे सकूँ।
फिर मिलेंगे एक और नई चुदाई की कहानी के साथ.. तब तक के लिए विदा लेता हूँ। आप सभी का दोस्त। रवि स्मार्ट [email protected]
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