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दोस्तो.. मेरी सेक्स कहानियाँ पढ़ने वाले बहुत से पाठकों में कुछ ऐसे पाठक हैं.. जो मेरे फैन हैं। अगर मेरी कहानी कुछ दिनों तक न आए तो वो मुझे मेल करके कहानी आने का वक्त पूछते रहते हैं। मैं उन सभी को मेरी कहानियों को इतना प्यार देने के लिए धन्यवाद करता हूँ। आप मेरी सेक्स स्टोरी पढ़ कर मुझे ईमेल करना मत भूलिएगा, ताकि मुझे पता चलता रहे कि मेरी चुदाई कहानियाँ आपको कैसी लग रही हैं। अब मैं ज्यादा बातें न करते हुए आपको सीधा अपनी नई सेक्स कहानी की ओर ले चलता हूँ।
मैं और पूजा बहुत करीबी दोस्त हैं और एक साथ चुदाई का जम कर लुत्फ़ उठाते हैं। इस बार हमने अपने नए बने कपल दोस्त अमन और प्रिया के साथ चुदाई करने का प्लान बनाया.. तो हमें पहले थोड़ा जगह की समस्या हुई। क्योंकि वो दिल्ली साइड के रहने वाले थे और हम यहाँ पंजाब के थे। हमको उनके साथ पहली बार ग्रुप सेक्स करना था।
मैंने अपने दिल्ली में रहने वाले दोस्त संजय और नीलू कपल दोस्त जिनसे हम पहले भी चुदाई कर चुके हैं, को फ़ोन पे सारी बात बताई तो उन्होंने हमें और उनको.. अपने घर में बुला लिया और वहीं प्रोग्राम रखने के लिए बोला।
संजय तो मज़ाक करता हुआ कहने लगा- आ जाओ यार.. तुम लोगों के साथ में हम भी मस्ती कर लेंगे। मैंने कहा- जरूर.. और वहाँ ग्रुप सेक्स यानि चुदाई करने का प्लान फाइनल हो गया। हमने सन्डे का दिन रख लिया क्योंकि उस दिन छुट्टी भी होती है और उनके घर भी कोई नहीं होता। संजय ने पहले ही दो दिन के लिए अपने बेटे को अपनी एक रिश्तेदारी में भेज दिया था।
पंजाब से मैं और पूजा एक साथ संजय के घर सुबह पहुँच गए थे और उसके बाद हम सभी ने अमन और प्रिया को वेलकम किया और उनका स्वागत बड़े जोर-शोर से किया। वो दोनों भी हम सभी से मिलकर बहुत खुश हुए और हमसे बहुत ज़ल्दी ही घुल-मिल गए। सबसे पहले एक साथ चाय-नाश्ता हुआ, घर की और इधर-उधर की कुछ बातें हुईं और सभी से जान पहचान हुई।
उसके बाद हम आए अपने असली टॉपिक पर.. जिसके लिए हम सभी एकत्र हुए थे। मैंने अमन से कहा- देखो भाई, हम दोनों में तो कोई शर्म नहीं है.. अब इनके साथ आप भी हमारा साथ दोगे और खुल कर मज़ा लोगे तो हम सभी को भी अच्छा लगेगा और आपको भी मज़ा आएगा। अमन और प्रिया एक साथ ही बोले- हाँ जी.. ठीक है।
फिर मैंने प्रिया के गाल पर एक किस की और कहा- हम पहले अपने-अपने पार्टनर के साथ चुदाई शुरू करते हैं। यह कहते हुए मैं पूजा के कपड़े उतारने लगा। हमें देखकर संजय नीलू के कपड़े और अमन प्रिया के कपड़े उतारने लगा।
मैंने पूजा को किस किया और फिर पूजा के मम्मों से ब्रा को भी उतार दिया। अब उसके जिस्म पे सिर्फ पैंटी ही बची थी। इस तरह मुझे देखकर बाकी सभी भी अपनी अपनी पार्टनर को नंगी कर रहे थे।
कुछ ही पल में हम सभी नंगे हो चुके थे और मैंने कुछ देर तक पूजा के साथ फोरप्ले किया.. उसके अधरों को चूसा और उसके मम्मों की चुसाई की.. फिर उसकी चूत की चुसाई करने के बाद पूजा की गांड पर हाथ फेरते हुए अपना लौड़ा उसकी चूत में उतार दिया।
कुछ ही देर में सभी एक-दूसरे की चुदाई करने लगे थे। तभी मैंने देखा कि संजय और अमन ने तो अपने पार्टनर बदल भी लिए थे। मैंने यह बात पूजा के कान में बताई।
अब पूजा की चूत में मेरा लंड था और प्रिया के हजबैंड अमन ने नीलू की गांड में लंड डाला हुआ था और नीलू के हजबैंड संजय, प्रिया की चूत चोदने में मस्त था। इस तरह हम सभी ने अपने पार्टनरों को आमने-सामने बदल कर चुदाई का माहौल बनाया हुआ था। हम सभी को इस तरह की चुदाई में मज़ा आ रहा था।
प्रिया गांड उठा-उठा कर संजय से चूत चुदवा रही थी, इधर पूजा की चूत भी मेरे लंड पर ठप-ठप करके बज रही थी। पूजा को मैंने अपनी टांगों पर बिठा कर सामने से उसके मम्मे चूसने शुरू कर दिए थे। मेरा लंड बहुत स्पीड से पूजा की चूत को चोद रहा था और पूजा भी गांड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
नीलू घोड़ी बनी हुई अमन से अपनी गांड मरवा रही थी, नीलू की गांड हम सभी बजते हुए देख रहे थे। मैंने पूजा को चोदते हुए नीलू से कहा- साली नीलू.. अब बोल.. आ रहा है मज़ा.. नहीं तो आगे से मैं आऊँ क्या बहनचोदी?
नीलू बोली- आ जा भोसड़ी वाले, मेरी गांड फटी पड़ी है और तुम्हें मज़ाक सूझ रहा है? उधर से संजय से चुद रही प्रिया बोली- साली कुतिया, गांड फटवा कर मज़े भी तो तू ही ले रही है.. न फटवाती।
तभी अमन उसकी बात के सपोर्ट में गांड चोदता हुआ बोला- अरे मेरी पार्टनर पर कमेन्ट मत करो सालों, ये प्रिया और पूजा कौन सी कम हैं.. इनके अन्दर तो दो-दो लंड और जाने चाहिए। तभी पूजा बोली- हाँ जरूर साले.. आजा डाल दे.. हम तो चूत खोल कर तैयार हैं। प्रिया ने भी हामी भरी- हाँ हाँ.. हम तो तैयार हैं.. तुम डालने वाले तो बनो हरामियों।
तभी गांड चुदवा रही नीलू बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह.. साली रंडियों.. पहले ये जो अन्दर डलवाए हुए हैं.. इन्हें तो झेल लो।
ऐसे बातें करते हुए चुदाई करने में सभी को मज़ा आ रहा था। हम सभी एक-दूसरे पर ऐसे कामुक कमेंट्स करते हुए चुदाई कर रहे थे।
तभी पूजा की चूत से रस निकलने लगा जो मेरे लौड़ा को भिगो रहा था और पूजा भी जोर-जोर से सिसकारियाँ लेने लगी ‘उई आह.. आह उई आह.. चुद गई आह.. आह.. सिसिईई..’ उसकी चूत से बहुत ज्यादा रस निकल रहा था, पूजा के चूतड़ों को थपथपाते हुए मैं पूजा को और तेज-तेज चोदने लगा।
झड़ती हुई पूजा की चुदाई देख कर प्रिया को चोदते हुए संजय बोला- लो एक साली का तो हो गया काम।
तभी संजय के लौड़े से चूत चुदवा रही प्रिया बोली- उई आह सी.. सी.. तुम अपनी चुदाई पर ध्यान दो.. उसको देख कर तुम खुद न चले जाना साले.. कुत्ते ले.. चोद आह.. चोद चोद.. आह मैं गई उई उई.. उई सी.. कहती हुई प्रिया भी झड़ने लगी।
इन दोनों को झड़ती देख अमन नीलू को बोला- देखा मेरी जान, ये है गांड चोदने का फायदा.. वो साली झड़ भी गईं.. आ अब.. मेरे लौड़े पर अपनी चूत रख! यह कहते हुए उन्होंने आसन बदला और अपने लौड़े पर नीलू को बिठा कर अमन और नीलू चुदाई करने लगे।
इधर पूजा और प्रिया झड़ चुकीं थीं.. उधर अमन और नीलू अपनी चुदाई में मस्त थे।
मैंने और संजय ने पूजा और प्रिया को एक साथ सोफे पर बिठाया और अपने लंड तेज-तेज उनकी चूत में चलाने शुरू कर दिया। अब हमने चूतों के लौड़े बदल लिए थे, मेरा लंड अब पूजा की चूत से निकल कर प्रिया की चूत चोद रहा था और पूजा की चूत में संजय ने लंड डाल दिया था।
इस तरह हम सभी को मज़ा आ रहा था और पूजा और प्रिया भी जोर-जोर से सिसकारतीं हुईं मज़ा ले रही थीं। पूरा कमरा हम सभी की मादक सिसकारियों से भरा पड़ा था।
उधर अमन के लौड़े से चुद रही नीलू का भी यही हाल था और वो भी अपनी चुदाई के पूरे शबाब पे थे। कुछ ही पलों बाद नीलू की चूत से भी जवानी की धार छलक पड़ी.. जिसने अमन के टट्टे तक भिगो दिए।
अमन ने नीलू को झड़ते महसूस करते हुए कहा- उन्ह.. ले साली चुद.. बहन की लौड़ी.. बता देती कि तू मूतने वाली है.. मैं तेरा रस पी जाता.. उई साली.. अब ले कुतिया.. और चुद.. आह आह.. उई सी सी.. ले चुद च..चुद चचु..द.. साली.. आह्ह.. ऐसे बोलते हुए अमन ने भी नीलू की चूत का रस छुड़वा दिया।
इस तरह हमारी तीनों फीमेल साथी अपनी-अपनी चूतें हमारे लंडों पर खाली कर चुकी थीं। मैंने प्रिया को चोदते हुए कहा- उन्ह आह.. सी सी.. ले साली.. कुतिया.. बोल कहाँ डालूँ लौड़े का रस.. उन्ह उन्नह!
प्रिया बोली- आह सी सी.. साले मेरे मुँह में डालना.. मैं तेरा रस पीना चाहती हूँ.. अपनी जवानी का रस पिला दे.. आह.. उई उई सी सी.. अह..
प्रिया की बात सुनते ही मैंने उसे सीधा किया और अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर मुँह में दे दिया.. प्रिया मेरा लंड चूसने लगी।
साथ ही चुद रही पूजा भी संजय से बोली- तुम मेरी चूत.. और मम्मों पर बरस जाना मेरे राजा.. उई आह आह सी.. संजय और तेजी से उसको चोदने लगा।
उधर अमन नीलू को उठा कर हमारे पास ले आया, उसने नीलू को घोड़ी बनाया और उसकी गांड पर अपना लौड़ा रख कर हिलाने लगा
और बहुत स्पीड से लौड़ा हिलाने से ‘उन्ह.. आह.. आह.. सीसी..’ करता हुआ अमन नीलू की गांड पर अपने लौड़े से वीर्य वर्षा करने लगा।
अमन के लंड से निकला रस नीलू की गांड को भिगोता हुआ उसकी चूत तक पहुँच रहा था, कुछ रस नीचे गिर रहा था और बाकी का
उसकी पीठ पर गिर गया था। ऐसे लग रहा था जैसे अमन अपने लंड रस से नीलू को नहला रहा है।
हम सभी उन दोनों को देख रहे थे कि इधर प्रिया के मुँह में धारें छोड़ता हुआ मेरा लौड़ा भी खाली होने वाला हो गया था। तभी संजय ने भी अपना फव्वारा पूजा की चूत पर छोड़ दिया। संजय ने अपना लौड़ा पूजा की चूत से बाहर निकाल कर अपने हाथ में पकड़ रखा था। संजय पूजा की चूत के ऊपर माल की बारिश कर रहा था।
उसके लंड से निकल रही धार कभी पूजा की चूत पर गिरती.. तो कभी पूजा के मम्मों पर। हम सभी ऐसे ही पिचकारियाँ मार रहे लंडों को देख रहे थे। तभी संजय को शरारत सूझी.. उसने अपना लंड साथ पड़ी प्रिया के मुँह की तरफ कर दिया और उसकी पिचकारी सीधी प्रिया की नाक और गालों को भिगो गई।
प्रिया का माल से सना चेहरा देख कर मैंने कहा- वाओ अब हुआ है प्रिया का मेकअप.. सभी हँसने लगे। इस तरह हमने हँसते खेलते अपनी चुदाई का पहला राउंड पूरा किया।
इस रस भरे ग्रुप सेक्स की हिंदी सेक्स स्टोरी पर आप अपने ईमेल मुझे जरूर कीजिएगा। [email protected] मेरी ग्रुप चुदाई की कहानी जारी रहेगी।
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