This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
देसी ब्लो जॉब स्टोरी में पढ़ें कि कैसे हम तीन दोस्तों ने कॉलेज की दो जवान लड़कियों से लंड चुसाई का मजा लिया और उन्हें भी ओरल सेक्स का मजा दिया.
दोस्तो, आपने मेरी देसी ब्लोजॉब स्टोरी के पिछले भाग सेक्सी लड़की ने मेरा लंड चूसा में लंड चुसाई का मजा लिया था. हुर्रेम ने मेरे लंड की बेहतरीन चुसाई की थी.
अब आगे देसी ब्लोजॉब स्टोरी:
हुर्रेम से फ्री होने के बाद मेरी नजर नवीन और विवेक की ओर गई. उनके पास जो लौंडिया जोया थी. वो उन दोनों के लंड को पकड़ कर हिला रही थी. वह बारी-बारी दोनों लंड को मुँह में लेकर चूस भी रही थी.
वो दोनों के लंड को एक एक करके में अपने गले में अन्दर तक ले रही थी और पूरे मजे से लंड चूस रही थी.
नवीन और विवेक दोनों बहुत खुश लग रहे थे. उन्हें देखकर लग रहा था कि जोया की लंड चुसाई से उन्हें बहुत मजा आ रहा है.
उन दोनों के लंड चूसने वाली लड़की जोया कभी नवीन के टोपे को चूसने लगती, तो कभी विवेक के टोपे को चूसने लगती. ये सीन बिल्कुल किसी ब्लूफिल्म जैसा लग रहा था.
उसके नंगे मम्मे बड़ी मस्ती से उछल रहे थे. नवीन और विवेक जोया के एक एक मम्मे को पकड़ कर मस्ती से मसल रहे थे.
तभी मेरी वाली लड़की हुर्रेम उन दोनों के पास गई और वो नवीन का लंड पकड़ कर हिलाने लगी. कुछ पल बाद हुर्रेम ने नवीन का लंड अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी.
नवीन के लंड को हुर्रेम ने फटाक से अपने मुँह में गले तक घुसा लिया, जिससे नवीन की कामुक सीत्कार निकल गई.
एक पल बाद हुर्रेम ने नवीन के लंड को बाहर निकाला और उसके आंडों को अपनी जीभ से लिकलिक करते हुए लंड को मुठियाने लगी.
देखते ही देखते नवीन के लंड में अलग सी ताजगी आ गई. कुछ देर पहले जो आधा खड़ा था, वो अब पूरा तन कर मेरी वाली डार्लिंग हुर्रेम के मुँह में अन्दर बाहर होने लगा था.
विवेक के लंड को सहलाने वाली लड़की जोया ने मुँह को खोला और तभी विवेक ने अपने लंड को पूरा उसके मुँह में पेल दिया. उसके टट्टे भी जोया के होंठों को लग रहे थे.
विवेक ने पहली ही बॉल पर सिक्सर लगा दिया था. विवेक ने अपना समूचा लंड उस लड़की जोया के मुँह में देने के बाद उसको देखा, तो वो किसी पोर्नस्टार के जैसे एकदम मजे से लंड को सक कर रही थी. उसने अपने मुँह को पता नहीं किस अंदाज में खोला था कि पूरा का पूरा लंड अन्दर जा घुसा. फिर भी वो आराम से उसका लिकिंग और सकिंग कर रही थी.
विवेक ने जोया के बाल पकड़े और वो उसके मुँह को चुत के जैसे चोदने लगा. जोया भी इसे एन्जॉय करती लग रही थी. क्योंकि वो भी अपने मुँह को खोल कर आराम से इस हार्ड फकिंग का मजा लूटती नजर आ रही थी.
थोड़ी देर बाद नवीन ने कहा- अब मेरा माल छूटने वाला है.
तो उसका लंड चूसने वाली लड़की जोया ने उसके लंड को मुँह से निकाला और हिलाने लगी. इससे लंड से पिचकारी छूटी और सारा माल विवेक का लंड चूसने वाली लड़की जोया के मुँह के ऊपर जा गिरा.
जोया ने अपना मुँह रुमाल से साफ किया और विवेक की तरफ देख कर हंसने लगी.
तभी नवीन ने उसके पीछे से जोया की गांड को अचानक से पकड़ा और उठा कर उसकी चूत को चाटने लगा.
अचानक से नवीन के ऐसा करने से जोया चिहुंक गई और वो नवीन से दूर हो गई.
वो अपने पीछे नवीन को देख कर हंसने लगी थी. तो नवीन ने उसे कमर से पकड़ कर अपने पास खींचा और एक हाथ से उसकी एक रसभरी चूची को दबाने लगा और उसे किस करने लगा.
वो दोनों लड़कियां और विवेक व नवीन एकदम से मदहोश होकर एक दूसरे में खोने लगे थे. उस लड़की जोया ने आंखें बंद कर ली थी और किस करने में पूरा सहयोग कर रही थी.
मैं दूसरी लड़की हुर्रेम के पास गया और पीछे से उसकी चूत को चाटने लगा. उसके मांसल चूतड़ों को मसलते हुए मैंने कहा- आह … क्या संगमरमरी हुस्न है. दिल तो कर रहा कि तेरी गांड यूं ही मसलता रहूं.
मैंने उसकी गांड को चाटना शुरू कर दिया. गांड के छेद में जीभ रखते ही हुर्रेम मस्ताने लगी और अपनी गांड को मेरे मुँह में लगा कर हिलाने लगी.
मैं धीरे-धीरे अपनी जीभ उसकी गांड के छेद से होते हुए चूत तक ले गया और अपनी जीभ को उसकी चूत के चारों तरफ घुमाने लगा.
मैं कभी हुर्रेम की चुत के दाने को रगड़ रहा था, तो कभी उसकी चूत को चूस रहा था. अपनी जीभ को उसकी चूत के अन्दर तक डाल कर उसे चोदता जा रहा था.
उसकी चूत एक बार गीली हो चुकी थी और पानी भी निकाल चुकी थी. मुझे उसके पानी का नमकीन स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था.
दूसरी तरफ जोया अभी भी विवेक का लंड चूस रही थी. वह विवेक के लंड को पूरा आखिर तक अपने मुँह के अन्दर ले रही थी और टोपे तक बाहर निकाल कर फिर से पूरा लंड अपने मुँह के अन्दर ले लेती.
इसी तरह वो जोर जोर से विवेक के लंड को चूसने में लगी थी. विवेक का लंड भी पूरी मस्ती से जोया के मुँह के अन्दर बाहर हो रहा था. उसका लंड जोया के मुँह के बड़ी आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था और वो लौंडिया भी बड़े मजे से लंड चूस रही थी. साली पक्की चुसक्कड़ रांड दिख रही थी.
थोड़ी देर बाद विवेक ने बोला- मेरा माल भी निकलने वाला है. तो जोया ने कहा- अपना माल मेरे मुँह में डाल दो. मैं भी अब तक तुम्हारे मस्त लंड को चूस चूस कर अपना पानी निकाल चुकी हूं.
अब जोया विवेक का लंड पकड़ कर तेजी से आगे पीछे करके हिलाने लगी और उसने माल खाने के लिए अपना मुँह खोल लिया. विवेक ने अपना सारा माल उसके मुँह में डाल दिया और वह उसका सारा माल पी गई.
फिर विवेक ने उसे टेबल पर घोड़ी बनाया और उसकी चुत को चाटने लगा. वो उसकी चूत को बहुत अच्छे से चूस और चाट रहा था.
चूत चुसाई के साथ विवेक अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स भी दबा रहा था और अपनी जीभ से उसकी चूत को भी चाट रहा था. लड़की फिर से गर्म होने लगी थी … उसकी सांसें तेज हो रही थीं.
वो मादक सिसकारियां लेते हुए बोलने लगी- आहहह उफ्फ मैं मर गई … नहीं प्लीज अब बस करो … आह मुझे माफ़ कर दो … मुझे बहुत दर्द हो रहा है … प्लीज़ धीरे दबाओ आह्ह्ह … अब मैं कभी भी ऐसा नहीं करूंगी … मुझे माफ़ कर दो प्लीज और चाटो मेरी चूत मेरा पानी निकलने वाला है.
विवेक उसकी चूत को पूरी तन्मयता से चाट रहा था.
इधर हमारे लंड दोबारा खड़े हो चुके थे. हुर्रेम मुझसे अपनी चूत चटा रही थी और नवीन का लंड अपने एक हाथ से पकड़ कर सहला रही थी.
नवीन ने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और दूसरी के सामने जाकर बोलने लगा- प्लीज़, तुम भी एक बार मेरा लंड चूस दोगी.
विवेक वाली लड़की जोया ने हां में सर हिलाया तो नवीन ने अपना लंड लड़की के मुँह में दे दिया. वो उसका लंड बड़े मजे से चूसने लगी थीं.
मैंने भी अपनी वाली लड़की को टेबल पर बिठाया और उसकी चूत चाटने लगा. थोड़ी देर बाद दोनों लड़कियों के साथ नवीन का पानी निकल गया. वो तीनों झड़ कर ढीले हो गए और निढाल होकर बैठ गए.
मगर मेरा लंड अभी भी खड़ा था, तो मैं अपने लंड को हिलाते हुए उन सभी लोगों को देखने लगा.
तभी हुर्रेम फिर से मेरे पास आकर घुटनों पर बैठ गई और मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी. वह मेरे लंड को पूरा ऊपर से नीचे तक चूस रही थी और मेरे गोटों को अपने जीभ से चाट रही थी.
थोड़ी ही देर में मैंने भी अपना माल उसके मुँह में भर दिया. वो मेरा सारा माल पी गई.
अब हम सबने अपने अपने कपड़े ठीक कर लिए. दोनों लड़कियां अपना मुँह धोने सिंक के पास चली गई. हम जिस लैब में थे, उस लैब में बहुत सारे सिंक बने हुए थे … जैसे कैमिस्ट्री लैब में बने होते हैं. वो दोनों अलग अलग सिंक के पास गईं और नल से अपना मुँह धोने लगीं.
उन्होंने अपना मुँह धोया और कुल्ला किया. फिर अपने अपने बॉयफ्रेंड्स का रूमाल मांग कर अपने मुँह से साफ किया.
हम सब बाहर जाने वाले थे तो हमने तय किया कि हम एक-एक करके बाहर जाएंगे ताकि किसी को शक ना हो.
पहले विवेक के जाने की तय हुई और मैंने इससे कहा कि तुम बताना कि कोई बाहर है या नहीं. उसके बाद सब एक एक करके बाहर निकल जाएंगे. उसके बाद हम सभी इस फ्लोर के नीचे वाले फ्लोर पर मिलेंगे.
जब मैं नीचे जाने लगा तो मुझे एक टॉयलेट दिख गया और मैं उसमें चला गया. मैं वहीं रह कर लड़कियों के आने का इंतजार करने लगा.
थोड़ी देर बाद जोया आई, जिसने मेरा लंड नहीं चूसा था, तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर टॉयलेट के अन्दर खींच लिया.
मेरे अचानक से ऐसा करने पर वह घबरा गई और वह उसके मुँह से आवाज निकलने वाली थी. उसी समय मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया.
मैंने उसे पीछे से पकड़ा हुआ था तो वह मेरा चेहरा नहीं देख पा रही थी. मैंने उससे कहा- ये मैं हूँ … देखो तुम चिल्लाना मत.
जोया ने अपना सिर हां में हिला दिया, तो मैंने अपना हाथ उसके मुँह से हटा लिया.
जोया ने मुझसे पूछा- अब तुम क्या चाहते हो? तो मैंने कहा- जैसे तुम उन दोनों का लंड चूस रही थीं, बस वैसे ही एक बार मेरा लंड भी चूस लो. तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. इसके बाद मैं तुम्हें कुछ नहीं बोलूंगा.
जोया ने कहा- नहीं, अब बहुत हुआ … मैं तुम्हारा लंड नहीं चूसूंगी … मुझे जाने दो. मैंने उससे कहा- बस एक बार मेरा लंड चूस लो, उसके बाद तुम चली जाना.
जोया ने कहा- नहीं … मुझे जाने दो, तुम मुझे दोबारा परेशान कर रहे हो, जबकि तुम लोगों ने मजा ले लिया है. इस पर मैंने उसे छोड़ दिया- ठीक है तुम जा सकती हो.
वो मेरी तरफ मुड़ी और उसने मुझे देखकर कहा- लेकिन तुम यहां क्या कर रहे हो और तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? मैंने बोला- मैं बस तुम्हारे साथ सेक्स करना चाह रहा था … मगर तुम्हारा मन नहीं है तो सॉरी.
जोया ने कहा- कोई बात नहीं. पर अब दोबारा ऐसा मत करना. तुम्हें पता है मैं कितना परेशान हो गई थी. चलो अब यहां से चलते हैं. मैंने जोया से कहा कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगने लगी हो, मैं तुम्हें किस करना चाहता हूं. जोया ने कहा- ठीक है.
जोया खुद मुझे किस करने लगी. मैं अपने दोनों हाथ उसके पीछे ले गया और उसे कसके पकड़ लिया. मैं अपने एक हाथ से उसकी पीठ को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गांड को दबा रहा था.
दो मिनट किस करने के बाद हम दोनों अलग हुए और टॉयलेट से निकलकर नीचे चले गए.
मैं अपने दोस्तों को ढूंढ रहा था. वो दोनों मुझे मिल गए … सब एक साथ खड़े होकर मेरा इंतजार कर रहे थे.
हम दोनों उनके पास गए तो नवीन ने कहा कि तुम दोनों को इतनी देर कहां लग गई? मैंने कहा- कुछ नहीं भाई बस ऐसे ही थोड़ी देर हो गई. अब यह बताओ कि हम आगे इनकी चुदाई की बात कहां करेंगे, यहां हम बात नहीं कर सकते क्योंकि यहां बहुत सारे लोग हैं और कोई भी हमारी बातें सुन सकता है.
उन लड़कियों के साथ वाले एक लड़के ने कहा- चलो, हम सब कैंटीन में चल कर बात करते हैं. वहां पर बहुत सारी टेबल हैं. उधर एक साथ सब लोग बैठ कर आराम से बात कर सकते हैं. विवेक ने कहा- हां चलो, कैंटीन ही चलते हैं. मुझे भी भूख लगी है. वहां पर कुछ खाना भी खा लेंगे.
हम सब कैंटीन की ओर चल दिए. सब लोग आगे-आगे चल रहे थे और मैं सबसे पीछे चल रहा था.
तभी हुर्रेम ने मेरे पास आकर मेरी गांड पर एक चपेट लगाकर मेरे कान में बोली- तुम दोनों को इतनी देर कहां लग गई? मैंने उसके गाल पर एक किस कर दिया और कहा- तेरी सहेली को चोदने के चक्कर में देर लग गई. मगर साली ने चुत चोदने ही नहीं दी. वो हंसने लगी.
फिर कैंटीन में पहुंचकर हमने देखा कि कैंटीन में बहुत भीड़ थी और वहां पर कोई टेबल खाली नहीं थी.
विवेक को बहुत भूख लग रही थी, तो उसने कहा कि इधर तो बैठने की जगह ही नहीं है. मैं ऐसा करता हूँ कि अपने लिए कुछ खाना पैक करना जा रहा हूं, अगर तुम में से किसी को कुछ खाना है … तो बता दो. मैं लेकर बाहर आता हूं. हम कहीं और बैठ कर खा लेंगे.
हम सबने मना कर दिया तो विवेक अपने लिए खाना लेने चला गया. उसके पीछे-पीछे एक लड़का भी खाना लेने चला गया.
विवेक अपने लिए फुल प्लेट चाउमीन पैक करा कर ले आया और उस लड़के हरीश ने भी अपने लिए दो बर्गर पैक करवा लिए. वो हम सभी के लिए एक-एक पेप्सी भी ले आया.
हम सब पार्क में जाकर बैठ गए. उधर पार्क में भी बहुत सारे लोग थे इसलिए हम चुदाई की बात ही नहीं कर पाए. उधर सिर्फ पैक किया हुआ खाना ही खाया गया.
हम लोग एक बार फिर से कैंटीन में देखने के लिए चले गए कि कोई सीट खाली हुई या नहीं. मगर उधर अब भी भीड़ थी. इसलिए चुत चुदाई का कार्यक्रम फुस्स हो गया.
इस देसी ब्लोजॉब के खेल में चुत चुदाई नहीं हो पाई थी. जिसका मुझे मलाल था.
दरअसल बात ये हो गई थी कि लंड झड़ जाने से दुबारा जल्दी खड़े नहीं हो पाए थे और उन लड़कियों के पास समय भी नहीं था. उनके समय की तो हमको कोई परवाह नहीं थी. उन्हें तो हम उनकी चुदाई की क्लिप दिखा कर रोक भी सकते थे, मगर हम तीनों को खुद भी वापस जाने की जल्दी थी क्योंकि हमें निकले हुए काफी देर हो चुकी थी.
इस तरह से इस टूर में हम तीनों ने अपने लंड चुसवा कर इस टूर को यादगार बना लिया था.
हालांकि चुत चुदाई न हो पाने का गम भी था, मगर क्या किया जा सकता था.
इस सेक्स कहानी में इतना ही हुआ था, मगर बाद में होटल लौटने के बाद हमारे साथ टूर पर आई लड़कियों के साथ चुदाई का क्या मजा हुआ, वो मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में लिखूंगा.
आप सभी को मेरी देसी ब्लोजॉब स्टोरी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करके बताएं.
[email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000