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बॉस से अपनी चूत चुदवा, चटवाने के बाद मैं फ्लैट पर आ गई और नादिया को सारी बात बताई। उसके बाद सबसे पहले नादिया के साथ खाना खाया और फिर थोड़ी देर बाजार घूमने चली गई। फिर रात में जल्दी बिस्तर पर एक दूसरी की चूत से खेलने लगीं।
तभी मेरे अब्बा का फोन आया, उन्होंने मुझे किसी रिश्तेदार की शादी में जाने की बात बोलकर एक हफ्ते की छुट्टी लेकर घर आने ले लिये कहा। यह सुनकर मेरे होश ही उड़ गए, मैंने उन्हें काम का बहाना बनाकर आने से मना कर दिया। पर उन्होंने मेरी एक बात नहीं सुनी, मैंने उनसे बहुत मिन्नतें भी की पर कोई फायदा नहीं हुआ। मेरे विदेश घूमने और उन अफ्रीकन लंडों से चुदाई के अरमानों पर पानी फिरने लगा और मैं रोने लगी।
नादिया ने मुझसे मेरे रोने की वजह पूछी, मैंने पहले तो कुछ नहीं कहा पर जब उसने थोड़ा ज़ोर दिया तब मैंने रोते हुए सारी बात बताई। तो वो हंसने लगी। मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था, पर उसने कहा कि इतनी सी बात के लिये तुझे रोने की कोई ज़रूरत नहीं है, उसने कहा कि ये सब कुछ तू मुझ पर छोड़ दे।
तभी उसने मेरे अम्मी अब्बू के पास फोन किया, उनसे बात करने लगी, फिर पता नहीं उसने उनसे ऐसा क्या कहा कि उन्होंने मुझे आने से मना कर दिया और बाद में आने के लिये कह दिया।
2 दिन बाद हमें ब्राज़ील जाना था तो हमने उसकी पूरी तैयारी कर ली। दो दिन बाद हम दोनों रात में रियो डी जेनेरियो पहुंच गईं, क्योंकि मैंने टेंडाई को पहले ही इसकी सूचना दे दी थी तो वो हमारा एयरपोर्ट पर पहले ही दो और दोस्तों के साथ इंतज़ार कर रहा था।
वहाँ पहुंचते ही वो हमारे पास आ गया। मैंने और नादिया दोनों ने ही उसे होंठों पर चुम्मा दिया, फिर उसकने दोनों दोस्तों से भी हमारा परिचय करवाया। उसके बाद उसने हमें खाना खाने के लिये पूछा। हमें भी भूख लग रही थी तो हाँ कह दिया।
हमने एक होटल में खाना खाया और हमने कोई रुकने के लिये किसी अच्छी सी जगह के बारे में पूछा। टेंडाइ ने कहा- तुम दोनों मेरे घर पर रुक सकती हो।
पहले तो हमने मना कर दिया और थोड़ी देर बाद हाँ भी कह दिया क्योंकि हम दोनों भी यही चाहती थीं कि हम किसी होटल में नहीं रुकें। हम उसकी कार में बैठ गई और टेंडाइ हमारे साथ बैठा था, मैंने उसके लंड को उसकी पेंट के ऊपर से ही दबा दिया, पर मेरे मन में एक डर भी था।
तभी नादिया की नज़र पर मेरी हरकत पर गई, वो भी मुस्कुराई और उसने भी एक हाथ से उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों उसके लंड को सहलाती हुई कब उसके घर तक पहुंच गईं पता ही नहीं चला।
हम इतने लम्बे सफर के बाद थक चुकी थी और रात भी बहुत हो गई थी नींद भी आने लगी थी, तो हमने उनसे सोने के लिये कहा तो उन्होंने हमे हमारा कमरा दिखा दिया। कमरा बहुत ही अच्छी तरह से सजा हुआ था, उसमें खुशबू भी बहुत अच्छी आ रही थी, कमरे से बाथरूम भी लगा हुआ था।
कमरे में आते ही हम दोनों यहाँ पर भी पूरी नंगी हो गईं, अगले दिन का प्रोग्राम बनाया और चूमा चाटी करके सो गईं। सुबह नादिया मुझसे पहले उठ गई, उसने मुझे जगाया, दोनों ने ब्रश किया, उसके बाद साथ में नहाईं (हम दोनों ज़्यादातर साथ में ही नहाती हैं) उसके बाद दोनों ने हेयर ड्रायर से बाल सुखाये जिसकी व्यवस्था टेंडाइ ने पहले से ही की हुई थी।
तभी टेंडाइ ने दरवाज़ा खटखटाया, हमने उसे अंदर आने के लिये कहा, उसे देखकर नादिया ने तो अपना नंगा बदन तौलिये से ढक लिया था या फिर ढकने का नाटक किया पता नहीं… पर मैं उसके सामने नंगी ही रही और बिल्कुल सामान्य व्यवहार कर रही थी क्योंकि मैं पहले उससे 3-4 बार चुद चुकी हूँ तो फिर उससे पर्दा कैसा?
मुझे इस तरह देखकर नादिया ने भी टॉवल एक तरफ फेंक दिया और वो भी बिल्कुल नॉर्मल हो गई। वैसे भी नादिया को तो नंगी रहना ही पसन्द है।
टेंडाइ भी अंडरवियर में ही था, वो नहाकर आया था उसके अंडरवियर की तरफ मेरी नज़र गई तो उसे देखते ही मेरी चूत में खुजली होने लगी, मैंने उसे बिना कुछ बोले ही उसका अंडरवियर नीचे कर दिया और उसका लंड चूसने लगी, वो भी सम्भल नहीं पाया, वो मुझे उससे दूर करने लगा पहले तो मैंने उसकी कोई बात नहीं सुनी फिर उसने नादिया से कहा तो नादिया ने मुझे उससे अलग किया और कहा- अभी हम यहीं पर हैं और यह भी कहीं भाग कर नहीं जा रहा है।
तभी नादिया ने बीच पर चलने की बात बोली तो टेंडाइ ने कहा- पहले कुछ खा पी लेते हैं, उसके बाद बीच पर चलेंगे। हमने नाश्ता किया और घर पर ही बिकिनी पहन ली जो हम साथ में रख कर लाई थीं।
उसके बाद हमने कुछ और ज़रूरी सामान रखा और टेंडाइ की कार में बैठकर बीच की ओर चल दिए।
बीच पर एक रिसोर्ट है टेंडाइ हमें वहाँ पर ले गया जो उसी का ही था पार्टनरशिप में। उसके बाद हमने कपड़े निकाले जो बिकिनी के ऊपर पहने हुए थे, वैसे हमने पहना भी क्या था, सिर्फ एक कुर्ता!
मैंने नादिया की तरफ देखा तो वो कुछ ज़्यादा ही खुश लग रही थी, मैंने उसके होंठों पर एक चुम्मा दिया। मैंने उसे बाहर चलने के लिये बोला और टेंडाइ भी हमारे साथ आ गया, क्योंकि नादिया और मैंने बहुत बार बिकिनी में सैर की है तो हम दोनों में इसकी कोई शर्म तो थी नहीं… बाहर चारों तरफ देखा तो ज़्यादातर लोग नंगे ही घूम रहे थे यानि की टेंडाइ हमें न्यूड बीच पर लाया था।
नादिया ने पूछा तो टेंडाइ का जवाब ‘हाँ!’ सुनकर उसने मुश्किल से 10 सेकंड में उसकी बिकिनी निकालकर एक तरफ फेंक दी और उसकी खुशी तो देखते ही बनती थी, वो इतनी खुश थी कि कुछ बोल भी नहीं पा रही थी और ख़ुशी से उसने टेंडाइ को भी एक ज़ोरदार किस दी।
उसके लिये तो यह ‘सोने पे सुहागा’ था क्योंकि वो घर पर ही नंगी रहती थी और यहाँ तो लोगों के बीच घर से बाहर भी नंगी थी, तभी उसने मेरी भी बिकनी जबरदस्ती निकाल दी, मुझे भी पूरी नंगी कर दिया।
मुझे थोड़ी शर्म आ रही थी, पर थोड़ी देर में मेरी सारी शर्म भी दूर हो गई और मुझे भी नंगे लोगों के बीच एक अलग सी गुदगुदी मन में हो रही थी, पूरे नंगे लोगों के बीच में हम भी नंगी और सब उनके काम में व्यस्त थे।
नादिया बोली- मेरी जान, तेरी वजह से आज मेरी न्यूड बीच घूमने की इच्छा पूरी हो गई। मैं- और मेरी भी… मैं भी चाहती थी कि न्यूड बीच पर मैं नंगी होकर घूमूं।
फिर हम मस्ती करने लग गईं, हमने टेंडाइ को अपने पास बुला लिया, नादिया बोली- टेंडाइ, तुम्हारे दोस्तों को भी बुला लो! पर उसने ऐसा नहीं किया।
हम घूमती हुई उस जगह पर पहुंची जहां पर ज़्यादातर मर्द थे और खेलते खेलते हम उनके लंड को तो कभी उनके चूतड़ों पर हाथ फेर देती, तो कभी हमारे चूतड़ों को उनके हाथों से स्पर्श करा देतीं। यानि हम दोनों पूरी तरह से बेशर्म बन चुकी थीं और टेंडाइ भी पूरा नंगा हो चुका था।
तब हम तीनों कुछ देर एक जगह पर बैठ गए। हमारे पास में ही एक गोरा आदमी बैठा हुआ था उसकी उम्र 40 के आसपास होगी, एक लड़की जो उसके लंड को सहला रही थी, वह किसी बात पर झगड़ा करके चली गई। तो नादिया ने उससे कुछ बात की।
मैंने टेंडाइ से ओपन सेक्स के बारे में पूछा तो उसने हंसते हुए कहा- यह आम बात है और लोग यहाँ पर सेक्स करते हैं। मैं नादिया की तरफ देखने लगी, उसने उस गोरे की पानी की बोतल उठाई, उसके लंड को हाथ से धोकर लंड चूसने लगी।
मैंने उससे पूछा- यह क्या कर रही है? नादिया- कुछ नहीं यार, जब आई हूँ तो मज़े कर लूँ। तू भी आ जा ना! इतना बोलकर उसका लंड चूसने लगी।
कुछ देर तक उसको देखते रहने के बाद मैं भी नादिया के साथ उस गोरे लंड को चूसने लगी। मुझे आज तक सिर्फ यही बात समझ नहीं आई कि नादिया ये सब कर कैसे लेती है? और सबसे बड़ी और आश्चर्य की बात तो यह लग रही थी कि इतने लोग वहाँ पर थे पर किसी को भी इससे कोई मतलब नहीं था।
कुछ देर मैं लंड चूसती तो कुछ देर नादिया, जब उसका लंड पानी छोड़ने पर आया तो वो तुरन्त बैठ गया और हमको दूर कर दिया पर उसने वीर्य को नहीं निकाला… पता नहीं क्यों?
कुछ देर उससे बात करने के बाद हम तीनों टेंडाइ के रिसोर्ट की तरफ चल दिए। वहाँ पर ज्यादातर लोग नंगे ही थे, पर कुछ लेडीज ने सिर्फ पेंटी ही पहनी हुई थी और कुछ पूरी नंगी थी, पर ब्रा में एक भी नहीं, सबकी नंगी चूचियाँ झूल रही थी।
पुरुषों का भी यही हाल था, कुछ पूरे नंगे और कुछ अंडरवियर में, पुरुषों को नंगा देख कर या यह कहूँ कि उनके लंडों को देखकर अब सच में मेरी चूत में बहुत ही तेज खुजली होने लगी थी, मैंने नादिया से भी अपनी चूत की खुजली बारे में कहा और टेंडाइ की तरफ इशारा किया वो समझ गया।
मैंने उसे कहा कि वो उसके किसी दोस्त को भी ले आये ताकि हम दोनों के लिये ताकि दो लंड हो सकें। तभी नादिया ने टेंडाइ के कान में कुछ कहा और उसने हंसकर कहा- तुम चलो! मैंने नादिया से पूछा- तूने उससे क्या कहा? नादिया- थोड़ी देर में पता चल जाएगा। मैं- फिर भी?
तभी टेंडाइ भी हमारे पीछे आ गया और हमें उसी के रिसोर्ट के एक बड़े से कमरे में ले गया, यहाँ बेड लगे हुए थे, बेडरूम अच्छा था, खुशबू भी आ रही थी। मैंने भी देर नहीं की और टेंडाइ का अंडरवियर तुरन्त नीचे करके उसके लंड को चूसने लगी। नादिया ने उसे चूमना चाटना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर बाद नादिया भी मेरे साथ उसका लंड चूसने लगी। सच में उसका लंड बहुत ही बड़ा था, कुछ देर तक हम दोनों लड़कियों ने ऐसे ही हब्शी लंड को चूसा, तभी अचानक चार मर्द और कमरे में घुस आए।
उन्हें देखकर मैं बहुत ही डर गई, मेरे चेहरे की हवाइयाँ उड़ गई। सभी बॉडीबिल्डर थे और सिक्स पैक भी थे। मैं बहुत घबरा भी गई थी।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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