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नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम सौरभ है। मैं मध्य प्रदेश में मन्दसौर जिले का रहने वाला हूँ। मैं अभी 12वीं के बाद मन्दसौर के एक कॉलेज से बी.ई. कर रहा हूँ। मैं एक बहुत ही स्मार्ट लड़का हूँ.. मेरी उम्र 18 साल है मेरे लौड़े की साइज भी मस्त है। मैं फ्लैट में अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर रहता हूँ।
मैं आपको अपने जीवन की सत्य घटना बताने जा रहा हूँ। कुछ समय पहले की बात है।
मेरी क्लास में एक बहुत खूबसूरत लड़की पढ़ती है उसका नाम पूर्वा है, वो देखने में बहुत ही सुन्दर है। अगर कोई उसे देख ले तो मुठ मारे बिना नहीं रह सकता।
उसकी उम्र भी 18 वर्ष ही थी।
वैसे तो मैं बहुत ही शर्मीले स्वभाव का हूँ मुझे लड़कियों से बात करने में बहुत शर्म आती है। एक दिन जब कालेज खत्म हुआ तो मैंने नोट्स के बहाने पूर्वा से बात की- पूर्वा.. मुझे तुम्हारे नोट्स चाहिए।
उसने भी मुझे नोट्स देने की मना नहीं किया और मैंने उससे नोट्स ले लिए, कुछ दिन बाद वापस लौटा भी दिए। इसी तरह मैं ओर वो करीब आते गए और हमारी गहरी दोस्ती हो गई।
अब हम दोनों के पास एक-दूसरे के मोबाईल नम्बर भी थे। फिर हम रोज मोबाईल पर बात करने लगे और रोज रात तक फोन पर एसएमएस से बात करने लगे।
एक दिन मैंने उसे मूवी देखने चलने को कहा.. तो उसने ‘हाँ’ कह दिया। मैं उस दिन बहुत खुश था मैंने सोचा कि क्यों न कोई इंग्लिश मूवी देखी जाए.. क्यूँकि जब साथ में लड़की हो तो हिंदी मूवी क्यों देखें। इसलिए मैंने इंग्लिश मूवी की दो टिकट ले लीं और हम दोनों सिनेमा हाल में सिनेमा देखने चले गए।
मूवी चालू हो गई.. कुछ देर बाद मूवी में एक रोमांटिक सीन आया, उसमें हीरो हीरोइन को किस कर रहा था, मेरा तो लण्ड खड़ा हो गया। वो तो जैसे चड्डी फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था।
मैंने जैसे-तैसे अपने आपको संभाला फिर थोड़ी देर बाद उसमें एक चुदाई का सीन आ गया, इसके बाद मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और उसे किस करने लगा। शायद वो इस हमले के लिए तैयार नहीं थी, वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी.. पर वो इसमें नाकाम हो गई।
अब धीरे-धीरे उसने छटपटाना बंद कर दिया और वो अब शायद इसमें मेरा साथ देने लगी। वो भी अब गर्म होने लगी थी.. लेकिन अब इससे ज्यादा वहाँ पर हम कुछ भी नहीं कर सकते थे।
मैं उसे अपने साथ अपने फ्लैट पर लेकर गया.. वहाँ पर कोई नहीं था, मुझे मालूम था सब उस टाईम कालेज गए हुए थे। मैंने उसे रूम में अन्दर लेते ही लॉक कर दिया.. ताकि कोई आए तो हमें मालूम हो जाए। पर वैसे भी कोई नहीं आता.. क्योंकि सब कालेज गए हुए थे।
मैंने उसे बिस्तर पर बैठाया और कहा- मैं तुम्हारे लिए चाय बना कर लाता हूँ।
मैं उसके लिए चाय बनाने किचन में चला गया। कुछ देर के बाद मैं चाय बनाकर लाया और मैंने उसे चाय दी और फिर हम साथ में चाय पीने लगे और बात करने लगे। बातों-बातों में मैंने उससे अपने दिल की बात कही कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
वो मुझे प्यार वाले गुस्से से देखने लगी और कुछ देर ऐसे ही देखने के बाद उसने कहा- तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया। मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।
फिर मैंने उसे किस करना चालू कर दिया वो भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे। मैं धीरे-धीरे उसके मम्मों को जोर-जोर से मसलना बढ़ाता जा रहा था, इससे वो और भी ज्यादा गर्म हो रही थी।
मैंने धीरे से उसका ब्लैक कलर का टॉप उतार दिया और फिर मैंने उसकी जींस भी उतार फेंकी। अब वो सिर्फ गुलाबी ब्रा-पैन्टी में क्या मस्त लग रही थी.. जैसे कोई परी खुद मुझसे कह रही हो कि आओ और मुझे चोद दो।
मेरा तो पूरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था, अब मैं सिर्फ उसे चोदने की सोचने लगा और उसकी तरफ बढ़ने लगा। तभी वो बोली- सिर्फ मेरे ही कपड़े उतारोगे या अपने भी उतारोगे। मैंने कहा- तुम खुद ही उतार दो।
उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरी चड्डी भी उतार दी। उसने जैसे ही मेरी चड्डी उतारी.. मेरा लम्बा लण्ड फनफनाते हुए बाहर आ गया और उसके चेहरे से टकरा गया।
वो मेरा लण्ड देख कर घबरा गई और कहने लगी- हाय कितना लम्बा और मोटा है.. ये मेरी चूत में कैसे जाएगा। यह तो मेरी चूत को फाड़ देगा। मैंने कहा- ऐसा कुछ भी नहीं होगा.. बस शुरूआत में थोड़ा सा दर्द होगा फिर तुम्हें भी बहुत मजा आएगा। उसने कहा- ठीक है.. पर धीरे करना।
फिर मैंने उसकी कसी हुई ब्रा के हुक को एक ही बार में खोल दिया। उसके बड़े-बड़े चूचे उछल कर बाहर आ गए और मैं उसके मम्मों को पागलों की तरह चूसने लगा।
अब मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया, मैं उसको चूमते हुए धीरे-धीरे नीचे आने लगा और उसकी पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत पर जुबान फिराने लगा। मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया है.. जिससे उसकी पैन्टी गीली हो गई थी।
मैंने उसकी पैन्टी भी उतार फेंकी, फिर मैंने जो देखा मेरे तो होश ही उड़ गए.. मैंने देखा की उसकी गुलाबी चूत क्या मासूम सी लग रही थी। मैं चूत चाटने लगा और वो सिसकारियाँ लेने लगी- आह.. आह.. पीइइ.. लेइइ.. सअ.. अअ मत.. करोओ..
मैं उसकी चूत को अपनी जुबान से चोदने लगा, वो कहने लगी- प्लीज़ मुझे और मत तड़पाओ मेरे राजा.. जल्दी कुछ करो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
मैंने सोचा यही सही मौका है, मैंने उसकी दोनों टाँगें चौड़ी कर दीं और अपना लौड़ा उसकी चूत पर सैट कर दिया, एक धक्का मारा.. पर पहली बार में मैं नाकाम हो गया और मेरा लण्ड उसकी टाइट चूट होने की वजह से फिसल गया। मैंने इस बार फिर सैट किया और जोर से धक्का मारा।
इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया। वह जोर से चिल्ला उठी।
मैंने फौरन अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और उसका मुँह बंद कर दिया ताकि वह चीख ना सके।
उसकी आँखों से आंसू आ गए थे, मैं थोड़ी देर रूका और फिर धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगा।
वो शांत होने लगी थी, अब मैंने एक और शॉट लगाया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया। अब वह अपना दर्द चाह कर भी नहीं निकाल पा रही थी, उसकी चीखें अन्दर दबी की दबी रह गई थीं, वो दर्द से तड़प रही थी, उसका चेहरा दर्द से लाल हो गया था।
कुछ देर रूकने के बाद मुझे नीचे से धक्के का अहसास होने लगा, शायद अब उसका दर्द कम हो गया था, अब मैं भी उसके धक्कों का जबरदस्त जवाब दे रहा था।
वो मुझे चुदाई के बीच-बीच में गालियां दे रही थी- मादरचोद.. और जोर से चोद मुझे.. आ जा मेरे राजा.. और जोर से चोद.. बहनचोद!
वो गाली देते-देते झड़ गई.. पर मेरा अभी नहीं हुआ था, मैं उसे नीचे से चोदे जा रहा था। कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर निढाल हो कर गिर गया।
जब मैंने उठ कर देखा तो चादर पर खून था, उसने उठ कर देखा तो वह घबरा गई। पर मैंने उससे कहा- अगर कोई लड़की पहली बार चुदाई करती है तो ऐसा होता है.. अब आगे से तुम्हारे साथ कभी नहीं होगा।
उस दिन हमने तीन बार चुदाई की.. उसके बाद हमें जब मौका मिलता.. हम चुदाई करते।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी.. मुझे जरूर मेल करें। [email protected]
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