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Xxx बॉय गे स्टोरी में पढ़ें कि मैंने किराये का कमरा लिया. मैं गे पोर्न वीडियो देख रहा था कि मकान मालिक ने देख लिया. फिर उसने मेरे साथ क्या किया?
मेरी पिछली कहानी थी: दोस्त के पापा के साथ हिंदी गे सेक्स स्टोरी
अब मैं आपके सामने अपनी एक और घटना लेकर आया हूं. ये Xxx बॉय गे स्टोरी मेरे साथ तब हुई थी जब मैं 24 साल का था.
मैंने उस समय किराये पर एक नये मकान में कमरा लिया था. उस कमरे में मैं और मेरा दोस्त रहते थे.
जबकि मकान मालिक नीचे वाले फ्लोर पर रहता था. उनके यहां वो और उनकी पत्नी ही थे. उनका बेटा बाहर रहता था.
उन अंकल की उम्र 40 के करीब थी और उन्होंने अपनी बॉडी को बहुत अच्छे से बनाकर रखा हुआ था. बहुत ही फिट थे वो देखने में। मुझे उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा.
उस नये मकान में शिफ्ट होने के हफ्ते भर के बाद की बात है ये! एक बार मैं अपने रूम में लाइट बंद करके लेटा हुआ गे पोर्न देख रहा था. मैं लापरवाही में दरवाजा बंद करना भूल गया था.
मैं पोर्न फिल्म में चुदाई देखकर अपने लंड को सहला रहा था. फिर देखते देखते मुझे अहसास हुआ कि पीछे कोई शायद देख रहा है. मैंने एकदम से पीछे मुड़कर देखा तो मकान मालिक अंकल ही खड़े थे.
एकदम से मैंने अपना हाथ अपनी लॉअर में से निकाला और फोन एक तरफ फेंक दिया. इससे पहले मैं कुछ बोलता वो अंकल मुस्कराये और फिर दरवाजा बंद करके वापस चले गये. मैं हैरान था कि उन्होंने कुछ भी नहीं बोला.
उसके बाद से जब भी मैं उनको देखता तो वो मुझे देख कर मुस्करा देते और मैं शर्मा जाता और उनसे नज़रें नहीं मिला पाता.
काफी दिनों के बाद फिर सब कुछ नॉर्मल हुआ.
एक दिन अंकल ने कहा- आज शाम का खाना तुम दोनों मेरे साथ ही खा लेना. मैं नीचे अकेला हूं और तुम्हारी आंटी बाहर गयी हुई है. वो तीन दिन के बाद ही लौटेगी. मुझे भी तुम्हारा साथ मिल जायेगा.
मैंने भी उनको हां कर दी क्योंकि उन्होंने पहली बार मुझसे कुछ मांगा था तो मैं मना नहीं कर पाया. फिर शाम को मैं और मेरा दोस्त नीचे ही आ गये.
अंकल ने बाहर से ऑर्डर करके खाना मंगवा लिया था.
फिर अंकल ने ड्रिंक भी पेश की. हमने भी मना नहीं किया और तीनों खाना खाते हुए साथ में थोड़ी थोड़ी पीने भी लगे.
खाने के बाद हम लोग लेटकर मूवी देखने लगे.
कुछ देर के बाद मेरे दोस्त को नींद आने लगी. वो कहने लगा- मैं ऊपर जा रहा हूं, तुम्हें चलना हो तो चलो. इससे पहले कि मैं कुछ बोलता, अंकल ने उससे कह दिया- तुम चलकर लेट जाओ, ये थोड़ी देर के बाद आ जायेगा.
ये सुनकर मैं भी खुश हो गया क्योंकि मैं जान गया था कि अंकल के मन में क्या चल रहा है. वो बार बार अपने लंड को खुजला रहे थे और मुझे दिखाने की कोशिश कर रहे थे.
दारू के नशे में मेरा भी मन करने लगा था लंड लेने के लिए क्योंकि बहुत दिनों के बाद मुझे भी कोई आदमी मिला था. फिर मेरा दोस्त उठकर चला गया. हम दोनों ही रह गये.
मेरे दोस्त के जाते ही वो मेरे पास आकर बैठ गये और फिर हम दोनों टीवी देखने लगे. थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना हाथ मेरे कंधे के ऊपर रख दिया और साइड से मेरी बांह को सहलाने लगे.
मेरे मन में भी तूफान सा उठ रहा था. मैं अब बस उनके आगे बढ़ने का इंतजार कर रहा था.
फिर उन्होंने मेरा सिर अपने कंधे पर रखवा लिया और एक साइड से पूरा अपनी बांहों में भर लिया.
अब मैंने भी अपना हाथ उनके सीने पर रख दिया, उससे उन्हें सिग्नल मिल गया कि मैं भी कुछ करना चाहता हूँ.
फिर वो धीरे से मेरे कान के पास आकर बोले- मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं. पहले दिन से ही तुमसे मिलना चाहता था. कई दिन से इस मौके की तलाश में था. उस दिन जब मैंने तुम्हें गे पोर्न देखते हुए पाया तो फिर मैं बहुत खुश हो गया.
ये सुनकर मैं शर्मा गया और मैं उनसे चिपक गया.
फिर उन्होंने मेरा चेहरा अपने हाथों में लेकर मेरे होंठों पर किस किया और चूसने लगे. मैं भी उनके होंठों के रस को चूसने लगा और दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ कर एक दूसरे के होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
एक दूसरे के होंठों को चूसते हुए ही हम काफी गर्म हो गये थे. अंकल को किस करने में मुझे अलग ही मजा आ रहा था.
उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ा और अपने कड़क लंड पर रखवा दिया. अंकल का लंड एकदम अकड़ चुका था और बहुत सख्त लग रहा था.
तभी उन्होंने मुझे रूम में चलने का इशारा किया. मैं भी उठा और सीधे रूम में जाकर लेट गया.
कुछ मिनट के बाद वो रूम में आए. उनके एक हाथ में चिकनाई वाली क्रीम थी. उनके दूसरे हाथ में एक मोटा लम्बा खीरा था. मैं उसको देखकर डर गया और पूछने लगा कि ये किसके लिए है?
वो बोले कि ये तुम्हारे लिये नहीं, मेरे लिये है. उसके बाद वो दोनों चीज़ें उन्होंने साइड में टेबल पर रख दीं और मेरे पास बेड पर आकर लेट गये. फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक गये और किस करने लगे.
धीरे धीरे उनके हाथ मेरे कपड़ों के अंदर घुसने लगे और मुझे मज़ा देने लगे. उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरी शर्ट के अंदर डाल दिये और डालकर मेरे बूब्स को मसलने लगे. कुछ देर तक वो मेरे छोटे छोटे चूचे दबाते रहे.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. जब कोई लड़का मेरे चूचे दबाता था तो मैं बहुत ज्यादा अच्छा फील करता था. वो भी कसकर मेरे बूब्स को मसल रहे थे.
फिर उन्होंने मेरी शर्ट को पूरा उतार दिया और अपनी भी शर्ट उतार दी. अब हम दोनों ऊपर से पूरे नंगे थे और एक दूसरे से चिपके हुए थे. फिर उन्होंने मुझे गर्दन पर किस किया और मेरे बूब्स को चूसने लगे.
मैं एक आनंद में डूब गया. बहुत मज़ा आ रहा था. बहुत दिनों के बाद कोई मेरे शरीर के साथ खेल रहा था. मेरा शरीर मानो आग में तप रहा था और मैं बस चुदाई का मजा लेना चाहता था.
वो लगातार मेरे शरीर को चूमे और चूसे जा रहे थे. इससे मेरा लंड खड़ा हो गया था और मेरे लोवर में उभरकर साफ दिख रहा था.
फिर उन्होंने मेरे लोवर को उतार दिया और अपने शॉर्ट्स को भी उतार दिया.
उनके शॉर्ट्स उतरने के बाद उनके लंड को मैंने पहले अंडरवियर के ऊपर से देखा, उसका साइज़ बहुत बड़ा लग रहा था और मोटा भी। उसको देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया.
फिर वो मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड से खलने लगे और बोले- बड़ा मस्त लंड है तुम्हारा तो. मैं बोला- आपके लंड से ज़्यादा मस्त नहीं है.
उसके बाद वो बोले कि चलो देखते हैं कि किसका अच्छा है. हम दोनों ने अपने अंडरवियर एक साथ उतार दिये.
उनका लंड देखकर मैं हैरान था. वो बहुत ही मस्त और रसीला लंड था. लंड का सुपारा एकदम से गुलाबी था. लंड लगभग 7 इंच बड़ा और 2 इंच मोटा था. उनकी गोटियां भी काफी भारी और बड़ी थीं. लंड पर और नीचे अंडकोष पर एक भी बाल नहीं था. पूरा चिकना मैदान था अंकल का.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे का लंड पकड़ लिया और उससे खेलने लगे.
थोड़ी देर बाद वो मुझसे बोले- बस खेलते ही रहोगे या इसको प्यार भी करोगे?
मैंने कहा- हाँ करूँगा ना प्यार … बहुत प्यार करना है इसको आज! ये बोलकर मैंने उनके लंड का टोपा अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगा.
मेरे लंड मुंह में लेते ही उनके मुंह से आह्ह … की सिसकारी निकल गयी.
धीरे धीरे मैंने उनके पूरे लंड को मुंह में लेना शुरू कर दिया. मैं ऊपर से नीचे पूरा मुंह चला रहा था और अंकल की सिसकारियां तेज होने लगी थीं. वो मेरे सिर को दबाकर लंड चुसवाने का पूरा मजा ले रहे थे.
मैं भी उनके लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रहा था. उनकी बॉल्स को अपने हाथ से सहला रहा था. वो मज़े लेकर अपना लंड चुसवा रहे थे और कह रहे थे- ऐसे मेरा लंड आज तक किसी ने नहीं चूसा.
फिर मैंने एक एक करके उनकी बॉल्स को अपने मुंह में लेकर चूसा जिससे वो मदहोश से होने लगे और जोर जोर से सिसकारने लगे- आह्ह … आह्ह … आह्ह! चूसो यार … पूरा पी जाओ!
काफ़ी देर चूसने के बाद उन्होंने मुझे डॉगी बनने को कहा और वो मेरे नीचे लेटकर मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगे. उनका हाथ मेरी गांड पर फिर रहा था. वो मेरे छेद में उंगली डाल रहे थे.
उनके ऐसा करने से मेरे शरीर में करंट सा दौड़ने लगा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा मन अब उंगली की जगह लंड लेने के लिए कर रहा था.
मैं अपने छोटे से लंड से उनके मुंह को चोद रहा था. वो मेरी गांड में लगातार उंगली घुसा रहे थे.
थोड़ी देर के बाद वो उठे और मेरी गांड का छेद हाथ से खोलकर जीभ उसमें घुसा दी. वो जीभ से मेरी गांड को चाटने लगे.
मेरे मुंह से बहुत तेज़ सिसकारियां निकलने लगीं और मैं अपने हाथों से उनके मुंह को पकड़ कर अपनी गांड के अंदर घुसाने लगा और साथ ही सिसकारते हुए बोल रहा था- आह्ह … और अंदर … आह्ह … और अंदर तक डालो अंकल!
वो भी जैसे मेरी गांड को खाने ही वाले थे. फिर वो बोले- टेबल पर जो क्रीम रखी है वो खीरे पर लगाओ और उसको मेरी गांड में डालो।
मैंने ल्यूब्रिकेंट खीरे पर लगाया और खीरे को उनकी गांड में डालने लगा. खीरा बड़े प्यार से अंकल की गांड के अंदर घुस गया.
खीरा घुसते ही वो सिसकारने लगे. उनका लंड और ज्यादा कड़क हो गया. फिर उन्होंने मुझे उनके सामने डॉगी बनने को कहा.
मैं डॉगी बन गया और उनके लंड पर क्रीम लगा दी. वो मेरे ऊपर आ गये और अपना लंड मेरी गांड में देने लगे. उनका टोपा धीरे से मेरी गांड में घुस गया और मेरी हल्की सी चीख निकल गयी. बहुत दिनों के बाद मैंने गांड में लंड लिया था.
अंकल ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया और मुझे मजा आने लगा. फिर वो धीरे धीरे आगे पीछे हिलने लगे और मेरी गांड को लंड का मजा आने लगा.
धीरे धीरे अंकल ने मेरी गांड में धक्के लगाने शुरू कर दिये. उनका लंड मेरे और अंदर तक घुसने लगा था और मेरी गांड की प्यास अब बुझने लगी थी जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मुझे बहुत दिनों के बाद एक तृप्ति सी महसूस हो रही थी. मैं सातवें आसमान पर था. वो धक्के पर धक्के मारे जा रहे थे. मैं धक्के खाए जा रहा था और उनके लंड को अपने अंदर समाए जा रहा था.
काफ़ी देर तक धक्के मारने के बाद वो बोले- कहां निकालना है? मैंने कहा- मेरे मुंह में निकाल दो अंकल. बहुत दिनों से मैंने रस नहीं पीया था इसलिए मैं मुंह में निकलवाना चाहता था.
तभी उन्होंने अपना लंड मेरी गांड से निकाला और झट से मेरे मुंह में दे दिया. मैं उनका लंड चूसने लगा और चूसते चूसते उनके लंड से ज़ोर से पिचकारी निकलने लगी जो कि सीधी मेरे गले में लगी. मैं उनके माल को पी गया.
मुझे अंकल के लंड का माल पीकर बहुत अच्छा लगा. आज मेरी गांड को लंड भी मिल गया था और मुंह को माल का स्वाद भी मिल गया था.
मैंने वीर्य निकलने के बाद भी अंकल के लंड को चाटा और उनका लंड चाट चाटकर साफ कर दिया.
अंकल तो खाली हो गये थे लेकिन मेरा लंड अभी भरा हुआ था. अंकल ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगे. मैं तो बहुत देर से माल निकलने के कगार पर था.
एक बार तो गांड चुदाई के दौरान ही मेरा निकलने वाला था लेकिन रह गया था. फिर जैसे ही अंकल मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगे तो कुछ ही पल में मेरा माल निकलने लगा.
अंकल ने मेरे लंड को मुंह से नहीं निकाला और सारा माल पी गये. फिर उन्होंने वो खीरा भी अपनी गांड से निकाल लिया जो वो काफी देर से अंदर लिये हुए थे.
हम दोनों को ही चरम सुख मिल गया था. उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से नंगे ही लिपट कर सो गये.
रात को भी मैं अंकल से चिपका रहा और दोनों को बहुत मजा आया.
सुबह जल्दी उठकर मैं अपने रूम में आ गया ताकि मेरे दोस्त को मेरी गांड चुदाई के बारे में शक न हो.
उस दिन के बाद तो अंकल ने बहुत बार मुझे पकड़ा.
वो एक कोने में ले जाकर मेरे हाथ में लंड दे देते थे और मेरे होंठों को किस करते थे. मैं उनके लंड की मुठ मारता था. वो मेरी गांड में उंगली करते थे. फिर जगह मिलते ही हम चुदाई करते थे.
मेरे मकान मालिक ने बहुत बार मेरी गांड मारी. हमने कई बार एक दूसरे की प्यास बुझाई।
ये थी मेरी गांड चुदाई की कहानी. आपको ये Xxx बॉय गे स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताना. मैं अपनी गांडू सेक्स कहानी आपको आगे भी बताता रहूंगा.
आप मुझे मेल के ज़रिए बता सकते हैं कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी और आप मुझसे मेरी अन्य कहानियों के बारे में भी बात कर सकते हैं. मेरा ईमेल आईडी है [email protected]
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