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हिन्दी सेक्स कहानी के शौकीन अन्तर्वासना के मेरे प्रिय पाठको, मेरा नाम राम है। मेरे परिवार में पांच लोग हैं, मैं, मम्मी-पापा और भैया-भाभी।
मेरे भाई की तीन साल पहले शादी हुई थी.. मगर अब तक कोई बच्चा नहीं हुआ था। भाई और भाभी दोनों ही टेंशन में रहते थे। बहुत से डॉक्टरों को भी दिखाया मगर कोई फायदा नहीं हुआ।
एक दिन मैं भाभी के पास गया और पूछा- भाभी क्या हुआ है.. आप बहुत दिनों से खामोश-खामोश क्यों रहती हो? भाभी ने बताया- तुम तो जानते ही हो मेरे को अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है।
इसी तरह उनसे कुछ देर बात होती रहीं।
फ़िर भैया का फोन आया- तू भाभी को लेकर बस-स्टॉप पर आ जा। मैंने भाभी को बोला- चलो भैया ने बस स्टॉप पर बुलाया है। भाभी बोलीं- क्यों? मैंने कह दिया- भैया का फोन आया था अहमदाबाद जाना है। भैया बस-स्टॉप पर खड़े हैं।
अहमदाबाद हमारे गाँव से पास ही है।
मैं भाभी को भाई के पास छोड़ कर वापस आ गया।
भैया और भाभी शाम को वापस आ गए।
इसी तरह एक महीना बीत गया.. कुछ न हुआ। घर में फ़िर से वैसा ही माहौल हो गया।
थोड़े दिन बाद भाभी अपने मायके चली गईं।
फ़िर जब मैं उनको लेने गया तो मालूम हुआ कि भाभी के सब घर वाले किसी शादी में गए थे। भाभी- देवर जी, सब लोग शादी में गए हैं कल आएँगे। मैं- कोई बात नहीं.. हम कल शाम को चले जाएंगे। भाभी- ठीक है।
हमने दोनों ने साथ में खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे। मैं टीवी देख रहा था। भाभी- देवर जी कौन सी मूवी चल रही है? मैं- इंग्लिश मूवी है। ‘ओके..’
भाभी भी देखने लगीं। उस में एक किसिंग सीन आ गया जिसको देख कर भाभी मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखने लगीं।
मैंने भी हँस दिया।
भाभी- कितना अच्छा है। मैंने उन्हें छेड़ा- क्या? भाभी- तुम भी ना.. मैं फिर से बोला- क्या अच्छा है? भाभी ने शर्माते हुए कहा- वो किस.. मैंने हिम्मत करके कह दिया- अच्छा लगा हो तो मैं आपको किस करूँ? तो भाभी ने मजाक में कह दिया- हाँ कर लो।
मैंने जैसे ही भाभी को किस करने के लिए पकड़ा.. तो भाभी मेरी बांहों में समां गईं.. हम दोनों में प्यार भरी बातें होने लगीं।
कुछ देर बाद वे रोने लगीं। मैंने भाभी से पूछा, तो उन्होंने बताया- रिपोर्ट में तुम्हारे भैया में कोई दिक्कत निकली है.. तो क्या तुम मुझे माँ बनाओगे। मैं- हाँ भाभी बनाऊँगा। भाभी- कैसे बनाआगे? मैं- जैसे सब अपनी बीवी को बनाते हैं।
भाभी- तुमको पता है.. क्या करना है? मैं- हाँ सब पता है। भाभी- क्या करना है? मैं- आपको चोदना है।
भाभी मुस्कुरा दीं।
मैं भाभी को गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया.. वहाँ जाकर मैंने भाभी के सारे कपड़े उतारे। भाभी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
भाभी को मैंने एक लंबा किस किया। हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे.. वासना बढ़ती ही गई और बाद में मैं अपना लंड भाभी की चूत में डालने लगा.. लेकिन उनकी चूत इतनी कसी हुई थी.. जैसे किसी कुंवारी लड़की की चूत हो।
फ़िर मैंने जोर से धक्का मारा.. तो भाभी के मुँह से चीख निकल गई। मुझे लगा कि खून भी निकल रहा है।
मैं रुक गया.. तो भाभी बोलीं- क्यों रुक गए.. जब तक मैं ना कहूँ.. तब तक रुकना नहीं है। मैं- ओके
फ़िर मैंने धक्का मारा.. तो भाभी की आंख में से आंसू निकल पड़े।
भाभी घुटी सी आवाज में बोलीं- रुक जाओ.. आह्ह.. तुम्हारा बहुत बड़ा है देवर जी। मैं रुक गया.. थोड़ी देर बाद भाभी बोलीं- हाँ.. अब धीरे-धीरे चोदना चालू करो देवर जी।
फ़िर भाभी नीचे से गांड हिला-हिला कर चुदवाने लगी थीं।
कुछ ही देर की चुदाई में भाभी झड़ गईं फ़िर मैं भी भाभी की चूत में झड़ गया। अब भाभी खुश थीं.. उस रात मैंने भाभी को तीन बार चोदा।
बाद में मालूम हुआ कि भाभी पेट से हो गई थीं।
अगर आपको मेरी कहानी अच्छी लगी हो तो मुझे ईमेल जरूर करना। [email protected]
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