This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अब तक आपने पढ़ा..
मेरी पड़ोस की लौंडिया रिहाना से मेरी दोस्ती हो गई थी, वो मेरे नीचे थी।
अब आगे..
मैं अब उसकी जीभ से खेलने लगा और वो भी मेरे मुँह में अपनी जीभ को अन्दर-बाहर करने लगी।
मैंने अपने हाथों से उसके पूरे शरीर का नाप ले लिया। वो भी मेरे पूरे बदन पर अपना हाथ फेर रही थी, कभी मेरे बालों को सहलाती.. कभी मेरी पीठ पर हाथ फेरती।
हम दोनों देर तक ऐसे ही एक-दूसरे को चूमते रहे। उसका ऊपरी भाग मेरी छाती को रगड़ खा रहा था और मेरे निचला हिस्सा उसकी पैन्टी के ऊपर से ही मेरे तने हुआ लंड से उसे सहला रहा था।
अब हम मदहोश हो चुके थे और हम दोनों की तेज़ गर्म साँसों से पूरा बाथरूम गरमा उठा।
मैंने अब धीरे-धीरे रिहाना के चूचों पर हाथ फेरने लगा। बीच-बीच में मैं उसके चूचों को दबा भी देता था। वो अब और तेज़ आवाजें निकालने लगी ‘आहह.. आहह..’
मैं अब रिहाना के कबूतरों पर ब्रा के ऊपर से ही हाथ फेरने लगा, वो कसमसा गई.. और बोली- धीरे दबाओ ना राजा.. ये कहीं भाग थोड़ी ना जाएंगे।
मैंने उसकी ब्रा के पीछे से स्ट्रिप खोल दी और ब्रा में कैद हुए मम्मों को आज़ाद कर दिया।
क्या लग रहे थे दोस्तो.. उसका लगभग 36-32-36 का साइज़ होगा। पूरी दूधिया रंग के चूचे थे और उस पर लाल रंग के अंगूर समान टोपे सजे हुए थे। क्या कमाल लग रहे थे.. जी कर रहा था कि खा जाऊँ।
मैं अब उसके मम्मों को दोनों हाथों से मसलने लगा।
रिहाना ने आँखें बंद कर लीं और मम्मों को मसलवाना एंजाय करने लगी, वो अपने मुँह से अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी जिसे सुनकर मेरे अन्दर आग भड़क रही थी।
अब मैं अपनी जीभ को उसके मम्मों पर फेरने लगा और दांतों से निप्पल के टोपों को काटने लगा। वो चिल्ला उठी और ज़ोर से सिसकारियां लेने लगी।
अब रिहाना भी मेरे तौलिये के ऊपर से ही हाथ फेरने लगी। वो तौलिये के ऊपर से ही मेरे लंड को मरोड़ने लगी। उसकी ये अदा मुझे बहुत ही अच्छी लगी।
मुझे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन मज़ा आ गया।
उसके ऊपर चूमने से ही मेरा लंड और ठोस हो रहा था, मेरा लौड़ा तौलिये के अन्दर ही झटके देने लगा। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था।
रिहाना ने एक झटके से मेरा तौलिया अलग कर दिया। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर पर ही था।
फिर से रिहाना ने अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को कसके दबा दिया। मुझे अब बहुत दर्द हो रहा था, मैंने रिहाना का हाथ खींच लिया, मैंने कहा- रिहाना ये क्या कर दिया.. बहुत दर्द हो रहा है। रिहाना- जानू मेरी वजह से तुम्हें दर्द हुआ ना.. तो मैं ही इसे ठीक करूँगी।
यह कहकर रिहाना नीचे घुटनों के सहारे बैठ गई और उसने मेरी अंडरवियर नीचे सरका दी। मेरा लम्बा लंड उसके सामने था।
उसने बड़े प्यार से उस पर जीभ फेरना चालू कर दिया। जीभ के एक स्पर्श से ही मेरे पूरे शरीर में बिजली सा तेज करेंट लग गया।
वो मेरे लंड के टोपे पर किस करने लगी और जीभ से चाटने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। अब मेरा पूरा दर्द गायब हो गया।
उसने तेज़ हरकतें चालू कर दी थीं। वो अब मेरे लंड को अपने मुँह में अन्दर-बाहर करने लगी। जैसे वो मेरे लंड से अपना मुँह चुदवा रही हो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
कई मिनट तक वो मेरे लंड को चूसती रही।
मैंने कहा- रिहाना रुक जाओ.. मैं झड़ने वाला हूँ। पर वो नहीं मानी, उसने और जोर से मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया।
कुछ ही मिनटों में मेरे लंड ने तेज़ धार रिहाना के मुँह में छोड़ दी और मैं स्खलित हो गया। उसने मेरे लंड से निकला पूरा का पूरा पानी ‘गपागप’ चाट लिया और जो एक दो बूंदें बची थीं.. उसे भी चाट-चाट कर साफ कर दिया।
मैंने रिहाना को ऊपर उठा लिया और एक ज़बरदस्त किस उसके होंठों पर कर दिया। उसके होंठों से मेरे पानी की महक आ गई।
अब मेरी बारी थी, मैं भी अपने घुटनों के बल बैठ गया और रिहाना की पैन्टी के ऊपर से उंगली घुमाने लगा। मेरे इस तरह छूने से उसका शरीर हिल सा गया, मैं समझ गया कि उसे बहुत अच्छा लग रहा है।
मैंने एक ही झटके से पैन्टी को नीचे सरका दिया और उसकी चूत पर टूट पड़ा। मैंने देखा कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मैं एक उंगली उसके चूत में डालने लगा और साथ में मैंने जीभ को उसकी दरार में लगा दिया। एक उंगली से मैं अन्दर-बाहर करने लगा और साथ में जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा।
रिहाना को बहुत मज़ा आ रहा था और वो ज़ोर-ज़ोर से मादक सिसकारियां छोड़ रही थी ‘अहहआआ.. हूऊऊ.. अहहु.. उक्कक अच्छा.. लग रहा है।
मैंने अपनी हरकतें तेज़ कर दीं, मैं जीभ को अन्दर-बाहर करने लग़ा और साथ में एक उंगली को भी अन्दर-बाहर करने लगा। अब वो दूसरी बार झड़ने वाली थी.. उसने अपना पानी छोड़ दिया।
मैं उसकी मलाई को गटागट पी गया। क्या मस्त नमकीन स्वाद था।
रिहाना कहने लगी- जानेमन.. अब और ना तड़पाओ.. डाल दो मेरी बुर में अपना लंड..
मेरा लंड भी पूरी तरह से तैयार था और नाग की तरह फुंफकार मार रहा था, मैंने वहीं फर्श पर ही रिहाना को लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया।
उसकी दोनों टांगों को अपने कन्धों पर रख लिया.. जिससे उसकी चूत खुल सी गई थी। अब मैंने अपने लंड को चूत से सटा दिया और लंड को चूत की दरार पर रगड़ने लगा।
रिहाना झल्ला उठी और बोलने लगी- रोहन अब और ना तड़पाओ.. डाल दे अपना लंड मेरी चूत में और फाड़ कर चोद दे इसे.. कब से तुम्हारा लंड खाने को तड़प रही है।
ऐसा लग रहा था चूत चोदने का जितना मुझ पर नशा था.. उससे कहीं ज़्यादा रिहाना भी तड़प रही थी।
मैं अपना लंड जो काफ़ी गर्म और सख़्त था.. उसे रिहाना की चूत पर रख कर अन्दर घुसेड़ने लगा। रिहाना की चूत गीली और चिकनाई लिए हुए थी.. फिर भी अन्दर नहीं घुस रहा था।
मैं किसी तरह लंड के सुपारे को चूत के अन्दर दोनों पुत्तियों के बीच फंसा कर अन्दर धकेलने लगा।
लेकिन चूत भी क्या सख्ती से मुंदी हुई थी साली.. मेरे लवड़े को अन्दर जाने ही नहीं दे रही थी, बार-बार लौड़ा फिसल कर बाहर हो जाता था।
कुछ पल वैसे ही कोशिश चलती रही। फिर मैंने दोनों उंगलियों से चूत के फलकों को फैला कर लंड को फिर चूत की दरार में फंसा दिया और ज़ोर देकर अन्दर घुसड़ने लगा। इससे लंड थोड़ा अन्दर घुसा.. तो मैं ज़ोर देकर और अन्दर ठेलने लगा।
रिहाना मेरे लंड को बाहर निकालने के लिए बोलने लगी- आह.. निकालो दर्द करता है। मैं बोला- तेरी चूत की नथ यानि सील टूट रही है.. चिंता मत कर, थोड़ी देर में दर्द भी खत्म हो जाएगा।
फिर मैं उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूसने लगा। उसकी चूचियों मेरे सीने से दब रही थीं.. जिससे उसे अच्छा लग रहा था।
कुछ ही देर में मेरा लंड चूत की गहराई में उतर कर फुदकने लगा था, उसका दर्द भी कुछ देर के बाद कम हो गया। फिर मैं लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा, साथ ही मैं उसकी चूचियों को दबाता रहा.. मसलता रहा।
रिहाना के मुँह से हल्की-हल्की सिसकारी निकलने लगीं और फिर उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। उसके मुँह से ‘आहह..’ निकलने लगा।
अब मैंने लंड की रफ्तार को बढ़ा दिया तो रिहाना भी मस्ती में बोलने लगी ‘जानू.. कसके चोदो.. और ज़ोर से चोदो..’
मैं रफ्तार बढ़ाता रहा और उसकी गद्देदार चूत पर ज़ोर-ज़ोर से धक्का मारने लगा।
‘आह.. रोहन और ज़ोर से मारो और ज़ोर से चोदो.. फाड़ डालो मेरी बुर को..’
मैं उसकी चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से मसल रहा था, निप्पल को रगड़-रगड़ कर खींच रहा था। मेरा लंड घोड़े की रफ़्तार से सटासट चूत की चुदाई कर रहा था।
रिहाना बिल्कुल मस्त होकर चुदवा रही थी, अचानक वो अपनी गांड उठाकर धक्के मारने लगी।
वो बिल्कुल रण्डी लग रही थी, चुदास में चिल्ला रही थी- जानू.. और कस-कसके चोदो ना.. फाड़ दो इसको। बहुत मज़ा आ रहा है.. चोदो चोदो.. लगातार बोले जा रही थी।
वो झड़ने ही वाली थी कि मैं भी पूरी ताक़त से लंड की ठोकर उसकी चूत में मारने लगा। ‘आह.. मज़ा आ रहा है.. मेरे जानू ऐसी ही ज़ोर-ज़ोर से चोदो।’
अब उसकी चूत में अन्दर से ऐंठन होने लगी।
हम दोनों काफी देर तक चुदाई करने में मसरूफ़ रहे। अब वो झड़ने लगी.. तभी मैंने भी अपने लंड का फव्वारा उसकी चूत में छोड़ दिया।
वो शांत होकर निढाल हो गई, कई मिनट तक हम ऐसे ही निढाल पड़े रहे, अभी भी मेरा लंड रिहाना की चूत में ही था।
मैं उठ खड़ा हुआ.. रिहाना ने मेरे होंठों को किस किया और ‘आई लव यू’ कहा।
उसके बाद हम एक साथ नहाए, हम इस बात से बेखबर थे कि कोई हमारा यह खेल न जाने कब से देख रहा है।
लेकिन जैसे ही हम बाथरूम से बाहर निकले.. कंचन ने हम दोनों को देख लिया।
हम ने वहाँ से चुपचाप निकल जाना ही बेहतर समझा और वहाँ से चले गए।
पर अब कंचन ने ये सब देख लिया था कि हम दोनों अन्दर क्या कर रहे थे।
इस बात से क्या हुआ इसका जिक्र मैं आगे की सेक्स स्टोरी में लिखूँगा कि किस तरह मैंने और रिहाना ने मिलकर कंचन की गाण्ड मारी और उसकी चूत की भी चुदाई की।
कैसी लगी आप सबको मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरी.. प्लीज़ अपना फीडबैक मेरी ईमेल पर करें। तब तक के लिए विदा.. गुडबाय [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000