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सेक्सी इंडियन भाभी की कहानी में पढ़ें कि पड़ोस में एक भैया की शादी हुई तो भाभी को देख मेरा लंड उनको पाने के लिए मचल उठा. तो मैंने क्या किया?
दोस्तो, मेरी हॉट भाभियों और सेक्सी लड़कियों को मेरा एक बार फिर से प्यार भरा नमस्ते.
आप लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया और बहुत सी भाभियों ने लड़कियों ने और मेरे दोस्तों ने बहुत मेल भी किए.
मेरी इसके पहले वाली सेक्स कहानी स्नेहा भाभी की चुदाई को काफी पसंद किया गया. ख़ासकर भाभियों को उस सेक्स कहानी में बड़ा मजा आया. उसके लिए उन्होंने मुझे अनेकों ईमेल भी भेजे. इसके लिए उनका बहुत बहुत धन्यवाद.
कुछ भाभियां और फ्रेंड्स, मुझसे मेल में उन लड़कियों और भाभियों की फोटो मांगते हैं, जिनके साथ मैंने सेक्स किया है. तो मैं उनको बता दूं कि जिस लड़की या भाभी ने मेरे साथ सेक्स किया है, उसने कुछ सोच समझ कर और मुझपर भरोसा करके ही सेक्स किया होगा. आप ऐसा कैसे सोच सकते हैं कि मैं किसी का सीक्रेट आपको बता दूं. प्लीज़ उसके लिए मैं आप लोगों से माफी मांगता हूं.
यह सेक्सी इंडियन भाभी की कहानी मेरे घर के एक पड़ोसी परिवार की है. उन लोगों से मेरी बहुत अच्छी बातचीत और व्यवहार चलता है. यूं समझो, उनसे मेरा एकदम घर जैसा सम्बन्ध ही है.
उस घर में 4 लोग रहते हैं. भईया भाभी और उनके मम्मी पापा.
जो भईया हैं, उनका नाम सूरज है. उनकी उम्र यही कोई 30 साल के आस-पास है. भैया मुझसे दो साल बड़े हैं. जबकि भाभी मुझसे एक साल छोटी हैं. भाभी का नाम मोना है.
मोना भाभी दिखने में बहुत सेक्सी हैं. उनका बदन एकदम भरा हुआ है … फुल गोरी-चिट्टी हैं. भाभी का फिगर 32-28-34 का है. उनकी गोल गांड देखकर मन करता है कि बस भाभी के पीछे से शुरू हो जाओ और उनकी चुदाई करना चालू कर दो.
सूरज भैया की शादी हुए एक साल से ज्यादा हो गया है, पर भाभी अभी भी ऐसी ही लगती हैं कि उनकी आज ही शादी हुई हो.
सच बताऊं तो मोना भाभी की चुदाई का सपना मैंने उस वक्त ही देख लिया था, जब भैया से उनकी रिश्ते की बात चल रही थी. मैंने उस वक्त केवल मोना भाभी की फोटो देखी थी. उनकी फोटो देख कर ही मैं मस्त हो गया था.
मैंने उसी समय अपने मन में सोच लिया था कि यदि इनकी शादी सूरज भैया से हुई और अगर ये यहां आईं, तो इनको अपने लौड़े के नीचे करने के लिए जो भी मुझसे बन पड़ेगा, वो करूंगा.
सूरज भैया की शादी भाभी से तय हो गई. मैं मन बनाने लगा कि किसी भी तरह से भाभी को सैट करना ही है.
शादी वाले दिन मैंने मोना भाभी को देखा तो मुठ मारे बिना रह ही नहीं पाया.
भाभी की शादी फरवरी में हुई थी और उस टाइम ठंड भी थी. मैं बस मोना भाभी के संग सुहागरात मनाने के सपने देख रहा था.
शादी हुई, सब घर आ गए.
दो दिन बाद मैं भी उनसे मिला. सूरज भईया ने मुझसे भाभी को अकेले में तब मिलवाया, जब सब मेहमान चले गए.
उस समय मोना भाभी ने नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी. मेरे आने पर भाभी अपने मुँह को घूंघट से ढकने लगीं. तो सूरज भईया बोले- अरे ये तो तुम्हारा देवर है … इससे क्या पर्दा करना.
मैंने कहा- हैलो भाभी, मेरा नाम यश है. मोना भाभी बोलीं- हैलो … मेरा नाम तो आप जानते ही होंगे. भाभी की आवाज भी बहुत प्यारी थी.
मैंने कहा- हां भाभी, आपका नाम मालूम है. आपको घर पसंद आया? थोड़ा रुकने के बाद भाभी हल्की सी आवाज में बोलीं- हां अच्छा है.
इतने में सूरज भईया बोले- मोना ये तुम्हारा देवर और मेरा ख़ास दोस्त जैसा भाई. तुम्हें कोई भी बात करनी हो, सामान मंगाना हो तो मुझे नहीं, तुम यश को बोल देना. फिर मैंने कहा- चलो आप लोग टाइम बिताओ … मैं बाद में आऊंगा.
मैं वापस आ रहा था, तो आंखों में भाभी का ही चेहरा था. जैसे तैसे मन को मना कर घर वापस आ गया. अब बस ये ही था कि भाभी की नजर में आना है और उनको अपने करीब लाना है.
टाइम बीतता गया … चार महीने हो गए थे. मोना भाभी और हम दोनों में अच्छी बनने लगी थी. मुझे उनका मोबाइल नंबर भी मिल गया था, तो जब भी भाभी खाली होतीं, वो मुझे बुला लेतीं या हम दोनों की फोन पर बात होने लगती थी.
भाभी को मैंने बहुत बार छत पर बाल सुखाते हुए देखा भी था, वो इतनी हॉट लगती थीं कि मैं अपने आपको रोक ही नहीं पाता था और किसी न किसी बहाने उनके पास चला जाता. उनको छूता तो एक अलग ही फीलिंग आती थी … मेरा लंड सलामी देने लग जाता था.
मेरे दिमाग में बस ये था कि कैसे भाभी की चुदाई करने को मिले. मोना भाभी को ऐसे देख देख कर मुझसे रहा नहीं जाता था.
दो महीने और बीत गए. मुझे इतना टाइम इसलिए लग रहा था कि घर के पास की बात थी और मैं कोई गलती नहीं करना चाहता था. इससे पहले कई चूतें मेरे लौड़े को मिली थीं मगर भाभी को चोदने के लिए मेरा एक जुनून और सपना था, जिस वजह से मैं कुछ ख़ास सावधानी बरत रहा था.
मैं मोना भाभी जैसी भरी हुई माल को तो गलती से भी नहीं खोना चाहता था, इसलिए कोई भी जल्दी नहीं कर रहा था.
अभी तक भाभी ने मुझसे कोई सेक्स की बात नहीं की थी, तो मैं भी नार्मल बात करता था.
एक दिन मौसम भी ठीक ही था … न गर्मी, न ठंडी थी. ये सितंबर का महीना चल रहा था. मैं और भाभी बातें कर रहे थे.
उस दिन भाभी ने हल्के पीले रंग की नेट वाली साड़ी पहनी हुई थी. इस साड़ी में उनके चूचे बड़े ही मदहोश करने वाले और कातिलाना लग रहे थे.
बातों बातों में भाभी ने पूछा- एक बात पूछ सकती हूँ … बुरा तो नहीं मानोगे? मैंने भी मजे लेते हुए कहा- भाभी आप भी न … आपसे बुरा मान कर मैं कहां जाऊंगा. आपको देखना भी तो होता है ना, तभी तो हम ज़िंदा हैं.
भाभी हंस कर बोलीं- तुम भी न … मैं हंस दिया.
फिर भाभी बोलीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने कहा- इस बंदे को कोई लड़की अपना बॉयफ्रेंड बनाएगी भी? तो मोना भाभी बोलीं- हां क्यों नहीं. क्या मेरा देवर कुछ कम है. तुम हैंडसम हो … स्मार्ट हो … और किसी लड़की को क्या चाहिए!
मैंने पूछा- आपको मैं कैसा लगता हूँ? भाभी बोलीं- बहुत अच्छे लगते हो.
तो मैंने मजे लेते हुए बोला- आप ही बना लो मुझे अपना बॉयफ्रेंड. भाभी जोर से हंसते हुए बोलीं- शरारती कहीं के.
मैंने कहा- आपकी कोई रिश्तेदार नहीं है, जो बिल्कुल आपकी तरह हो दिखने में! मोना भाभी बोलीं- हां है तो एक.
भाभी ने मुझे मोबाइल में उसकी फोटो दिखाई.
मैं बोला- अच्छी है, पर आपके जैसी नहीं है. भाभी बोलीं- अच्छा जी … ऐसा क्या है मुझमें?
मैं- ऐसे कैसे बता दूं … आप बुरा मान जाओगी तो! मोना भाभी बोलीं- नहीं मानूंगी … आप बोलो न!
मैंने कहा- कभी शीशे में देखा है अपने आपको … इतनी सुंदर और गोरी हो, आपके गाल इतने गुलाबी है. बस ये कहते हुए मैंने भाभी के गालों को छू लिया.
और अभी वो कुछ कहतीं कि मैंने आगे बोला- इतने गोल गोल गाल किसे नसीब होते हैं भाभी जी. ये आपके मुलायम होंठ इतने मस्त लगते हैं, आंखें इतनी प्यारी कि कोई भी डूब जाए इनमें … आपका फिगर इतना सेक्सी है कि कौन न मर जाए देख कर!
मैं इस तरह से भाभी की तारीफ भी कर रहा था और उनके जिस्म के उन हिस्सों को पहली बार स्पर्श भी कर रहा था जिन्हें छूने की ख्वाहिश मेरे मन में न जाने कबसे थी. उधर भाभी शर्मा भी रही थीं और मेरी तरफ बड़ी गौर से देख भी रही थीं.
भाभी ने अपने हाथ में नाखून काटने वाली नेलकटर ले रखी थी. उसे हाथ में लेकर खेलते हुए बोलीं- तुम तो सब जगह नजर रखते हो. मुझे नहीं लगता कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं होगी.
मैंने कहा- भाभी, ऐसी बात नहीं है. आपने पूछा तो मैंने बता दिया कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, आप ही बन जाओ. भाभी बोलीं- अच्छा जी. तो ये आपके मन का चोर है. मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है. मगर काजू किशमिश को पाने के लिए किस का जी नहीं मचलेगा.
इतने में भाभी के हाथ से नाखून कटनी नीचे गिर गई … और भाभी जैसे ही उसे उठाने को हुईं … तो उनका पल्लू नीचे गिर गया. आह … जिस सीन को में बहुत दिन से देखने के लिए आतुर था, वो आज सामने दिख रहा था.
भाभी के गहरे गले वाले ब्लाउज में से इतने गोरे गोरे चुचे मुझे मानो पागल करने लगे थे. मैंने ध्यान से इस झलक को देखा.
भाभी ने पीले रंग की ही ब्रा पहनी हुई थी.
इतने में भाभी अपने पल्लू को जैसे ही सम्भालने लगीं, तो उनकी तिरछी नजर मुझ पर पड़ी और वो जल्दी से उठ गईं. भाभी मेरी आंखों को पढ़ते हुए बोलीं- शर्म नहीं आती! मैंने कहा- सॉरी भाभी, अब आप जैसी सुंदरी को कोई भी देखेगा तो अपने आपको तो भूल ही जाएगा न.
भाभी कुछ नहीं बोलीं … बस मुस्कुरा कर रह गईं. न जाने मुझे ऐसा लगा कि भाभी को भी मेरा उनके दूध देखना अच्छा लगा था.
मैंने कहा- भाभी एक बात पूछूँ, आप तो बुरा नहीं मानेंगी? भाभी बोलीं- नहीं, बोलो.
मैंने कहा- आप सच सच बताओगी न? मोना भाभी बोलीं- ओके बोलो.
मैं- आपका बॉयफ्रेंड था क्या शादी से पहले? भाभी थोड़ा सोचने के बाद बोलीं- किसी को बताओगे तो नहीं ना?
मैं बोला- क्या आपको मुझ पर भरोसा नहीं है? भाभी बोलीं- पूरा भरोसा है … हां था एक. मैंने कहा- तो क्या हुआ?
भाभी ने सब बताया कि उनकी फ्रेंडशिप ज्यादा नहीं चली, बस 2 महीने ही चली थी. उनको ये सब ठीक नहीं लगा था तो उन्होंने सब खत्म कर दिया.
मैंने कहा- क्यों? भाभी बोलीं- देखो मेरी फ्रेंड है, उसने भी बहुत छुपाने की कोशिश की थी, पर हुआ नहीं. पर मैं नहीं चाहती थी कि घर में पता चले और घर में डांट पड़े.
कुछ पल बाद मैं बोला- भाभी आप इतनी सुंदर हो, लड़के तो बहुत पीछे पड़ते ही होंगे. भाभी बोलीं- हां बहुत … पर मैं घर के डर से किसी से बात नहीं करती थी.
अब मुझे लगा कि भाभी अब मुझसे अपनी कुछ पर्सनल बातें करने लगी हैं … तो कुछ चांस बन सकता है.
अभी भी मैं मैंने जल्दी नहीं की. मुझे देर होना मंजूर था, पर मोना भाभी की चुदाई हर हाल में करनी थी.
इसी तरह कुछ समय बीत गया और इस दौरान मैंने महसूस किया कि भाभी मेरे और भी करीब आ रही थीं. कभी कभी भाभी का मूड ठीक नहीं होता था, तो वो मुझे बुला लिया करती थीं.
एक दिन बातों बातों में मुझे पता चला कि जो पहले उनका बॉयफ्रेंड था, उससे उनकी दोस्ती इसलिए खत्म हुई थी कि वो उनके साथ जबरदस्ती सेक्स करने की कोशिश करने लगा था. भाभी को वो बात पसंद नहीं थी तो उन्होंने उससे सब खत्म कर दिया.
मुझे ये भी समझ आ रहा था कि ये भाभी दूसरी भाभियों से थोड़ी अलग हैं. इनके साथ कोई सही मौका देख कर ही काम करना पड़ेगा.
भाभी अब मुझसे खुल कर बातें करती थीं, तो अब मैं उनके साथ सेक्स की हल्की फुल्की बातें भी कर लिया करता था.
कभी भाभी बहुत रोमांटिक मूड में दिखती थीं, तो कभी सती सावित्री सी दिखने लगती थीं. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि करूं तो क्या करूं. कैसे पता चले कि भाभी तैयार हो गई हैं या नहीं.
फिर कुछ दिन में होली आने वाली थी.
मैंने भाभी से पहले ही कहा था कि होली तो आप मेरे साथ ही खेलना. भाभी ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा कर रह गईं.
मैं सोचने लगा कि भाभी की मुस्कान तो हरी झंडी दे रही है मगर किस हद तक वो मेरे साथ खुलती हैं ये अभी मुझे समझ नहीं आ रहा था.
सेक्सी इंडियन भाभी की कहानी के अगले भाग में मैं भाभी की चुदाई की कहानी में लिखूंगा कि इस होली में क्या हुआ. आप सब मुझे मेल करते रहें. आपका यश हॉट शॉट [email protected]
सेक्सी इंडियन भाभी की कहानी का अगला भाग: नयी नवेली पड़ोसन भाभी को चोदने की लालसा- 2
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