वो तोहफा प्यारा सा -1

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मित्रो, अन्य कहानियों की तरह मेरी पिछली कहानी को भी पसन्द करने के लिये मैं अपने प्रिय पाठकों को हृदय से आभारी हूँ। हालांकि व्य‍स्तता बहुत अधिक रही, फिर भी कुछ न कुछ समय निकालकर मैंने सभी मेल का जवाब भी दिया। आगे भी यही प्रयास रहेगा कि आपके लिये रोचक कहानियाँ प्रस्तुत करता रहूँ और आप का प्यार ऐसे ही मुझे मिलता रहे।

पिछली कहानी पढ़कर मेल भोपाल के एक दम्पति एक मेल मिला। एक दो बार मेल का आदान प्रदान हुआ तो उन्होंने मुझसे बात करने की इच्छा जाहिर की। मैंने भी पूरी पुष्टि के उपरान्त अपना मोबाइल नम्बर उनको दे दिया।

अगले दिन सुबह सुबह उन लोगों का कॉल आया। पहली बार रोहन (सुरक्षा की दृष्टि से एवम् उस दम्पत्ति के अनुरोध पर चरित्रों के नाम बदल दिये गये हैं।) से बात हो रही थी पर वो इतना मित्रवत् था कि 5 मिनट बात करने के बाद लगा ही नहीं कि हम पहली बार बात कर रहे हैं।

अपने बारे में बात करने के बाद रोहन ने अपनी पत्नी श्वेता से मेरी बात कराई। अरे वाह….!! श्वेता का व्यवहार भी रोहन की ही तरह बहुत ही मित्रवत् था।

पर थोड़ी व्यस्तता होने के कारण मैंने रात को दोबारा बात करने को बोलकर फोन बन्द कर दिया।

रात को रात्रिभोज के उपरान्त मैंने रोहन का नम्बर मिलाया। उधर से श्वेता की मीठी सी आवाज सुनते ही कान में जैसे चाश्नी घुल गई। कुछ देर बात करने के बाद उसने फोन रोहन को पकड़ा दिया। अब मैं और रोहन दोनो ही दिन के तनाव से मुक्त काफी देर तक एक दूसरे से बात करते रहे।

रोहन ने बात ही बात में मुझसे अपनी कहानी लिखने का अनुरोध किया।

तब मैंने रोहन से पूछा- ऐसी क्या कहानी है भाई? और अगर है भी तो तुम खुद क्यों नहीं लिखते हो। तुम्हारी अपनी बात तुम खुद जितनी अच्छी तरह प्रस्तुत कर सकते हो मैं नहीं कर सकता।

रोहन बोला- बड़े भाई एक तो लिखने की जो कला आप में है वो हम में नहीं है। दूसरे यदि आप लिखेंगे तो कहानी में रस भी अधिक आ जायेगा। खैर रोहन के अनुरोध पर मैंने उसकी कहानी सुनना चाहा। रोहन ने कहा कि कहानी आपको श्वेता ही ज्यादा अच्छी तरह बता सकती है, और फोन श्वेता को पकड़ा दिया। इस बारे में श्वेतता और रोहन से कई बार बात होने के बाद कहानी आपकी सेवा में प्रस्तुत है। तो पाठकों आगे की कहानी श्वेता की जुबानी:

यह कहानी अब की नहीं बल्कि करीब 4 साल से भी ज्यादा पुरानी है जब मैंने एक दिन रोहन को किसी से फोन पर छुप छुप कर बात करते देखा। मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ कि मेरे पति जो अपना हर सुख दुख मुझसे बांटते हैं, हर बात मुझे बताते हैं, वो भला मुझसे छुपकर किससे बात कर रहे हैं।

तभी घंटी बजी मैंने बैड की तरफ नजर घुमाई तो देखा रोहन का फोन तो इधर बज रहा था। तो रोहन किस फोन से और किस से बात कर रहे थे। मेरा माथा ठनका।

रोहन भी तिरछी निगाहों से मुझे ही देख रहे थे। मैं यह नहीं समझ पा रही थी कि वो मुझसे छुपकर किसी से बात कर रहे हैं या छुप-छुपकर मुझे दिखा रहे हैं। मेरे दिमाग की नसें तन गईं।

रोहन ने बात करने के बाद फोन को सामने वाली दराज में रखा और मेरे पास से अपना फोन लेकर बाहर निकल गये। रोहन के बाहर जाते ही मैंने दौड़कर दराज से वो फोन निकाला। फोन में व्हाट्सअप पर लगातार मैसेज आ रहे थे।

मैंने व्हाट्सअप खोला तो देखकर दंग रह गई। उसमें चलने वाले 3 ग्रुप में कम से कम 100 मैसेज पड़े थे।

खोलने पर उसमें अनेक जोड़ों के नग्न और अर्धनग्न फोटो मिले, कोई भी किसी मॉडल या फिल्म का फोटो नहीं लग रहा था, सभी फोटो वास्तविक थे।

उन फोटो के बाद की चैट वार्ता पढ़ने से यह भी साफ हो गया कि ये सब फोटो उसी ग्रुप के कुछ लोगों के थे। जिनके बारे में ग्रुप के सभी सदस्यों द्वारा अनेक वार्ता भी की गई थी।

मैं तो ये सब पढ़कर स्तब्ध रह गई। ये भगवान ये क्या हो रहा है? ये रोहन के साथ ग्रुप में कौन लोग हैं? मैं तो उसमें से किसी एक भी नम्बर को नहीं पहचानती…!!

लेकिन रोहन भी उस चैट में शामिल थे तो स्पष्ट था कि रोहन उस ग्रुप के अधिकतर सदस्यों जो जानते थे और उनसे बातचीत भी कर रहे थे। परन्तु उन सभी जोड़ों के चित्रों पर रोहन द्वारा की गई टिप्पणियाँ मुझे अति विचलित भी कर रही थी।

मुझे तो लगता था कि रोहन की दिलचस्पी मेरे अलावा कभी किसी महिला के देह में नहीं रही। पर यहाँ तो मानो मुझ पर पहाड़ ही फट गया, मेरी आँखों से आँसू निकलने लगे।

मैं रोहन से बात करना चाहती थी पर रोहन तो बाहर निकल चुके थे। मैंने अपने आँसुओं को पौंछा। मेरा दुःख अब गुस्से में बदल गया था। मैं रोहन के वापस आने का इंतजार करने लगी। पता नहीं रोहन कहाँ गये थे, शाम के 7 बजे थे, रोहन की कोई खबर नहीं थी। अब मुझे रोहन की चिन्ता होने लगी।

7.30 तब तो मैंने खुद को रोके रखा पर अब मैं परेशान होने लगी। आखिर मैंने रोहन को फोन लगा ही दिया- हैल्लो, कहाँ हो? मैंने पूछा।

रोहन ने बहुत प्यार से जवाब दिया- तुम्हारी सोच में हूँ, तुम्हारे दिल में हूँ, और तुम्हारे सपनों में हूँ जान! रोहन का यह प्यार हमेशा मुझे पिंघला देता था, मैंने कहा- जल्दी घर आओ बस! कह कर मैंने जल्दी‍ से फोन रख दिया।

रोहन ने कभी भी मुझसे झगड़ा नहीं किया, हमेशा प्यार से बात की, कभी मेरी गलती भी हो तो प्यार से समझाना, हमेशा मेरी हर बात मानना। दिन हो या रात मेरी हर मांग पूरी करना। यदि मैं गलत भी हूँ तो भी मेरी बात में मेरा साथ देना। ऐसा है मेरा रोहन।

पर आज अचानक रोहन मुझसे क्या छुपा रहे थे? मेरी भी समझ से परे था लेकिन अब मेरा ध्यान उस बात से हटकर रोहन के घर आने पर था।

सिर्फ 10 मिनट बाद रोहन घर आ गये। मैंने एक अच्छी गृहणी की तरह सब तरफ से ध्यायन हटाकर खाना बनाना शुरू किया। बेटे को खाना खिलाकर हम दोनों ने भी खाना खाया, और टी॰ वी॰ देख कर सो गये।

हम दोनों का जीवन एक दूसरे के लिये पूरा पारदर्शी था, हम एक दूसरे से कुछ भी नहीं छुपाते। रोहन की आज की हरकत ने मुझे अन्दर तक हिला कर रख दिया।

अगले दिन सुबह जब रोहन ऑफिस के लिये निकलने ही वाले थे तो मैंने जानबूझ कर रोहन के सामने ही वो मोबाइल दराज से निकाला, और रोहन ने देखा भी, पर रोहन ने देखकर भी अनदेखा कर दिया।

आखिर मैंने ही बेशर्म बनकर पूछ लिया- यह किसका मोबाइल है? ‘मेरा ही है।’ रोहन ने जवाब दिया।

‘कौन सा नम्बर है इसमें? और क्या करते हो इस मोबाइल का?’ मैंने नजरें तरेरते हुए नया सवाल दागा।

‘इस नम्बर को तुम नहीं जानती, यह अलग है, और सारा दिन तो ये मोबाइल घर में ही रहता है देख लो कि मैं क्या करता हूँ? मैंने कभी तुमसे कुछ छुपाया है क्या?’ रोहन ने बिल्कुल स्वाभाविक तरीके से जवाब दिया और मुझसे ही सवाल कर लिया।

अब तो मैं भी निरूत्तर थी। रोहन अब बाहर को निकलने लगे।

मैंने एक कदम और बढ़ाते हुए मोबाइल रोहन को पकड़ाते हुए कहा- ले जाओ अपना मोबाइल, मैं क्याब करूंगी इसको देख कर? ‘हा हा हा हा, देखती भी और बोलती हो मैं क्या करूँगी देखकर? हाय रे तुम्हारी ये अदा!!!!’ बोलकर मेरे गाल पर एक मीठा सा चुम्बन देकर मुस्कुराते हुए रोहन ऑफिस को चले गये।

यह क्या…?? मैं रोहन पर कितना शक कर रही थी कि मुझसे छुप-छुपकर क्या… कर रहे हैं? और वो मुझसे कितनी बेबाकी से अपना मोबाइल देखने को बोलकर निकल गये। मेरा तनाव अब कुछ कम हुआ।

दिन भर का काम निपटकर मैं वो ही मोबाइल लेकर बैठ गई। धीरे धीरे ये ही मेरा दैनिक कार्यक्रम बन गया। मैं रोज ही अपने काम से खाली होने के बाद उस मोबाइल को लेकर बैठ जाती। उनकी पिछले दिन की सभी मित्रों से हुई चैट को पढ़ती, उनकी उस फेसबुक आई डी को देखती पर किसी का कोई संदेश आया तो जवाब बिल्कुल नहीं देती।

अब मेरा सारा तनाव बिल्कुल खत्म हो गया, आराम से उनकी उस फेसबुक आई डी को देखती, उसमें जो सब देखा, मेरे लिये वो बिल्कुल नया था।

शुरू शुरू में बड़ा अजीब लगा पर धीरे धीरे मुझमें बदलाव आने लगा। मैं यह तो नहीं कहूँगी कि मुझे वो सब अच्छा लगने लगा। पर यह भी सच है कि वो सब अब मुझे बुरा नहीं लगता था।

कभी कभी किसी फोटो या पोस्ट पर मैं रोहन की तरफ से लाइक या कमेंट भी कर देती। न तो रोहन ने कभी मुझसे इस बारे में कोई बात की न ही मैंने।

हाँ ये जरूर था कि शाम को आने के बाद रोहन उस मोबाइल पर कुछ समय अवश्य बिताते और उनके जाने के बाद दिन में मैं ये ही काम करती।

ऐसे ही एक दिन मैं उस आईडी को देख रही थी कि एक कपल मित्र सुरेश रिया का संदेश मिला। ‘हाय’ पर मैं तो कभी जवाब देती ही नहीं थी तो मैंने आज भी जवाब नहीं दिया। तभी मेरी तरफ से भी जवाब गया- कैसे हो?

यह जवाब देखकर मैं चौंकी। मैंने तो कोई जवाब नहीं लिखा फिर यह कैसे हुआ? बहुत देर दिमाग दौड़ाया पर कुछ समझ नहीं आया तो मैंने रोहन को फोन किया।

रोहन ने फोन उठाया और बोले- बोलो स्वीट हार्ट? ‘सुनो, तुम्हारा वो दूसरे वाला मोबाइल है न… मैं उसे देख रही थी।’ मैंने कहा। ‘हाँ, पता है, तुम उसे रोज देखती हो।’ रोहन ने जवाब दिया।

‘उस पर अभी किसी का मैसेज आया मैंने तो कोई जवाब नहीं दिया फिर भी मेरी तरफ से जवाब चला गया, पता नहीं कैसे…?’ मैंने भोलेपन में रोहन को सब बता दिया।

‘हा..हा..हा.. जानेमन मैं इधर उस पर आईडी पर ऑनलाइन हूँ, तो जवाब मैंने दिया, तुम घबराओ मत, या तुम चाहो तो खुद ही चैट कर लो। मैं जवाब नहीं दूंगा।’ रोहन ने कहा। ‘ओह… तो ये पंगा है…’ अब आया समझ में।

मैंने तुरन्तू फोन काट दिया, और उन दोनों की चैट देखने लगी। ‘कहाँ गायब?’ सुरेश रिया का मैसेज। ‘जीना यहाँ मरना यहाँ, इसके सिवा जाना कहाँ?’ रोहन का रोमांटिक सा जवाब।

मेरा रोहन है ही बहुत रोमांटिक। मुझे रोहन का जवाब देखकर गर्व हुआ।

‘रोहन जी, आपसे बहुत शिकायत है हमें!’ सुरेश-रिया का मैसेज। ‘क्यों भाई क्या हुआ?’ रोहन का जवाब। ‘पहले तो मैं बता दूं कि आज मोबाइल घर पर रह गया तो मैं रिया हूँ लाइन पर, और शिकायत यह है कि आप श्वेता से हमारी दोस्ती कराने वाले थे पर क्या हुआ?’ सुरेश रिया का मैसेज।

‘ओह…’ तो इस आई डी पर महिलायें भी खुलकर बात करती हैं, मैने सोचा।

‘हाँ रिया, मैंने बोला तो था, पर मौका नहीं मिला, लेकिन इस समय श्वेता भी ऑनलाइन है यदि वो चाहे तो आपसे बात कर सकती है।’ रोहन ने जवाब दिया।

‘ओह नाईस, कहाँ है श्वेता, बात कराइए?’ सुरेश-रिया का मैसेज।

‘देखिये मैं उससे कभी इसके लिये जबरदस्ती नहीं करूंगा, वो मेरी पत्नी है, मैं उसकी इच्छा का सदा सम्मान करता रहा हूँ पर यदि वो आपसे बात करना चाहेगी तो मुझे खुशी होगी और मुझे अच्छा भी लगेगा।’ रोहन ने जवाब दिया।

मैं रोहन के अपने प्रति इस सम्मान को देखकर सदा से गद्गद हो जाती हूँ।

एक मिनट सोचने के बाद मैंने ही अपनी तरफ से एक संदेश लिखा- hi, shweta here ‘Hi Shweta how are you, can we talk over voice call if you are comfortable’ रिया का संदेश।

‘But why, I’m very much comfortable here, we can chat here’ मैंने संदेश भेजा। ‘Actually it is a confirmation call, कहीं रोहन ही तो श्वेता बनकर मुझे बेवकूफ नहीं बना रहे।’ रिया का संदेश मिला।

यह सुनकर मुझे थोड़ा अटपटा जरूर लगा। पर मुझे लगा कि मैं क्यों fake कहलाऊं, तो मैंने रिया को Voice Call की इजाजत दे दी। रिया का फेसबुक पर ही कॉल आया। ‘हैल्लो!’ मैंने बोला। ‘हाय दिस इज रिया!’ उधर से एक महिला की आवाज आई।

‘कैसी हैं आप?’ रिया ने पूछा। ‘मैं ठीक हूँ, आप अपने बारे में बताइये।’ मैंने कहा। ‘बहुत, ही बढ़िया। अच्छा आप इस field में कब से हैं?’ रिया ने प्रश्न किया।

‘किस field में?’ जब मेरी समझ में रिया का सवाल नहीं आया तो मैंने उससे ही पूछा।

‘Swapping में कब से Enjoy कर रहे हो, और experience कैसा रहा?’ रिया का अगला सवाल। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मेरी समझ में नहीं आया कि रिया क्या बात कर रही है? पर मैं रिया को ये तो नहीं बता सकती थी न कि मैं बिल्कुल ही लल्लू हूँ, तो मैंने तुरन्ता बातचीत की दिशा बदली और दरवाजे पर कोई आया है बोल कर कॉल बन्द कर दिया।

रात को रोज की दिनचर्या खत्म करके जब मैं रोहन के साथ अपने कमरे में थी तो रोहन के सीने पर सर रखकर मैंने बहुत ही प्या्र से पूछा- baby ये Swapping क्या होता है?’ रोहन ने तुरन्त मेरा चेहरा ऊपर किया, और मुझे घूर की देखते हुए पूछा- तुमने ये शब्द कहाँ सुना जान? मैंने सीधे से बता दिया कि आज रिया ने मुझसे पूछा कि Swapping की Field में कब से हो।

रोहन ने Swapping- wife Swapping का मुझे जो जवाब दिया उसको सुनकर तो मेरे पैरों तले जमीन ही खिसक गई, मेरी आँखें खुली की खुली गई, मेरा चेहरा तमतमा गया। फिर मैंने कोई भी बात नहीं कि और दूसरी ओर पलटकर सो गई।

पर रोहन इन सब बातों में सदा की तरह बिल्कुल मस्त मौला से अपने काम में लग गये।

कहानी जारी रहेगी। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000