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कैसे हो मित्रो! अन्तर्वासना के नए पाठकों के लिए मैं अपना परिचय दे दूँ।
मैं जैक.. 33 साल का शादीशुदा एक गुजराती अप्रवासी भारतीय हूँ। मैं 3 साल से गल्फ़ में एक पेट्रोलियम कम्पनी में बहुत अच्छी पोज़ीशन में काम करता हूँ। मैंने पहले भी 4-5 कहानियां लिखी थीं.. जो लोगों ने आज कई दूसरी वेबसाइट पर भी कॉपी-पेस्ट कर दी हैं। मैं क़रीब सात साल बाद अन्तर्वासना पर अपनी कहानी लिख रहा हूँ।
वैसे तो मैंने काफ़ी चुदाइयाँ की है.. मगर यह वाली थोड़ी हट कर है.. क्योंकि इसमें चुदाई के साथ.. प्यार और इमोशन भी था। इसलिए इस घटना को आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ.. यह कहानी शत-प्रतिशत सच्ची है।
मुझे अपने काम के सिलसिले में कई बार विदेश जाना पड़ता है। इसी के चलते मैं इस बार जुलाई में बीस दिन के लिए यूके आया हुआ था। मेरा काम नॉर्थ यूके के एक छोटे से टाउन में था। यह क़रीब एक-डेढ़ लाख की आबादी वाला शहर था। वैसे यह शहर मुझे बहुत बोरिंग लगा.. क्योंकि यूरोप के छोटे टाउन में लोग सब काम-धंधा 5 बजे बंद कर देते हैं और फिर रेस्टोरेंट.. बार और पब ही खुले रहते हैं। यह शहर कोई टूरिस्ट प्लेस भी नहीं था।
बार आदि में भी सप्ताह के काम के दिनों में बिल्कुल शांति रहती है, बस वीक एण्ड में रोड पर चहल-पहल दिखाई देती है.. वो भी रात को दस बजे के बाद! एक यूनिवर्सिटी होने की वजह से वियद्यार्थी भी दिखाई देते हैं।
मैं कमरे में बोर हो रहा था.. तो सोचा चलो बाहर का नज़ारा देखा जाए। गूगल करके सबसे अच्छा पब ढूँढा.. जो सिटीसेंटर में मेरे होटल के बिल्कुल पास था।
वहाँ गया तो बाहर लड़के-लड़कियों का मेला लगा हुआ था और सब स्मोक कर रहे थे.. क्योंकि पब में स्मोकिंग अलाउड नहीं था। मैं अन्दर गया और एक रेडबुल लेकर टेबल के पास गया.. जहाँ सब डांस कर रहे थे। मैं भी ताल मिलाने लगा।
लेकिन सब लोग कपल में ही थे.. तो कुछ बात जम नहीं रही थी।
मुझे अकेला देख कर 2-3 गांडू किस्म के लोग मेरे पास आकर पैन्ट के ऊपर से बेशर्मी से अपनी गाण्ड भी घिसने लगे।
यह नजारा लड़कियाँ भी देख रही थीं और इस बात का मजा ले रही थीं.. लेकिन मैंने उनको भाव नहीं दिया तो वे चले गए।
फिर ऐसे ही एकाध घंटे बाद मैं अपने होटल की ओर चल पड़ा।
वहाँ बाहर 2-3 इंडियन जैसी देखने वाली औरतें गुलाब के फूल बेच रही थीं, दो औरतें तो सास-बहू लग रही थीं।
वे दोनों मेरे पास आकर फूल लेने की बोलने लगीं.. तो मैंने उनको विनम्रता से ना बोला और आगे चलने लगा।
तभी सामने से एक गुलाब बेचने वाली लड़की आ रही थी, उसने मुझसे बोला- क्या आप गुलाब के फूल खरीदना चाहेंगे? मैंने बोला- नहीं.. मैं यहाँ किसी को जानता ही नहीं तो गुलाब का फूल किसको देने के लिए खरीदूंगा? तो वो हँस कर आगे चलने लगी।
मैंने सोचा क्यों न इसके साथ कुछ टाइम पास किया जाए। तो मैंने उसको वापस बुलाया और पूछा- कितने का है? तो बोली- एक पौंड का एक! उसके पास 15-20 थे.. तो मैंने बोला- ले तो लूँ.. लेकिन दूँ किसको?
तो बोली- मुझे ही दे दो और हँसने लगी। मैंने बोला- ठीक है.. लेकिन मेरी गर्ल फ़्रेंड बन जाओ.. तो दे दूँ। वो उदास थी.. वो बोली- लेकिन आज अभी तक 5 गुलाब ही बिके हैं।
मैंने बोला- ठीक है सारे ख़रीद लेता हूँ लेकिन मेरे साथ ड्रिंक लेनी पड़ेगी। बोली- मैं ड्रिंक नहीं करती।
अब मैं आपको उस लड़की के बारे में बताऊँ.. वो क़रीबन 22 साल की होगी.. पतली सी और मुझसे क़रीबन 4-5 इंच छोटी थी.. यानि 5’2″ इंच लम्बी, बला की ख़ूबसूरत.. हल्की से साँवली.. लेकिन बेदाग़ हुस्न.. उसने एक जैकेट पहना हुआ था.. तो उसके मम्मों का पता नहीं चल रहा था। चेहरे पर कोई मेकअप नहीं.. थोड़े बिखरे हुए बाल.. मासूमियत जो दिल को छू गई।
उसके बोलने के उच्चारण से ही मुझे पता चला कि वो ब्रिटिश नहीं थी। मैंने उसको बोला- मैं सारे गुलाब ख़रीद लूँगा। हम दोनों थोड़ी देर बात करते हैं। वो बोली- ठीक है।
उसको भरोसा आए.. इसलिए मैंने 20 पौंड उसको दे दिए और गुलाब ले लिए। वो ख़ुश हो गई।
मैंने उससे बात करनी शुरू की.. तो पता चला कि वो सीरिया की थी। सीरिया के हालात की वजह से वो अपने परिवार से साथ यूके आ गई थी। उसके पापा का वहाँ पर बिज़नेस था.. लेकिन उनको सब छोड़ कर आना पड़ा।
वो अपने परिवार के साथ सिटी के बाहरी हिस्से में रहती थी। उसकी माँ अपाहिज थी और बाप एक रेस्टोरेन्ट में काम करता था और वो अपना ख़र्चा निकालने के लिए गुलाब बेच रही थी।
मैंने उसकी दर्दनाक कहानी सुनी कि कैसे वो सीरिया से यूके आई.. तो मेरी भी आँखों में पानी आ गया कि वहाँ के कैसे हालात हैं।
उसके पास वर्क परमिट नहीं होने की वजह से उसको कुछ अच्छा काम नहीं मिल रहा था.. जिस वजह से वो एक नेल पार्लर में काम करती थी। वर्क परमिट नहीं होना ग़ैर क़ानूनी होता है.. जिस कारण से उसको एक घंटे के 5 पौंड ही मिलते थे।
उसने मेरे बारे में भी पूछा.. तो मैंने सब सच-सच बता दिया। बेंच पर बैठ कर क़रीबन आधा घंटा बात करने के बाद वो बोली- आप बहुत अच्छे इंसान हैं.. वरना यहाँ कौन किसको पूछता है। पापा आ गए होंगे.. अब मैं जाती हूँ।
मैंने बोला- दिन को क्या करती हो? तो बोली- जॉब के बाद सीधा घर जाती हूँ।
मैंने बोला- कल मिलोगी? तो बोली- पता नहीं.. मैंने सीधा बोला- जितना टाइम तुम्हारा कट होगा.. उसके पैसे मेरे से ले लेना। वो हँस कर बोली- नहीं.. ऐसी कोई बात नहीं है। आप अपना नम्बर दे दो.. कल बताती हूँ।
दूसरे दिन उसका फ़ोन आया- आज कस्टमर नहीं हैं.. तो आज आ सकती हूँ। तो मैंने उसको मेरे होटल के रेस्टोरेंट में बुला लिया।
वो अपनी साइकल लेकर आ गई, मैं उसको देखता ही रह गया कि कल वो बिल्कुल सिंपल लग रही थी और आज तो पटाखा.. वो पार्लर में काम करती थी.. तो हल्का मेकअप किया हुआ था।
एक बर्गर और कोल्ड ड्रिंक मंगवा कर ढेर सारी बातें की। उसने बताया कि पार्लर में उसको मेकअप करके जाना पड़ता है। रात को गुलाब बेचने मेकअप करके निकले तो कोई उसको एस्कोर्ट या कालगर्ल समझेगा.. क्योंकि वो सीरिया से थी जो एक इस्लामिक मुल्क था.. हालाँकि सीरिया एक फ़ॉर्वर्ड देश था।
फिर मैंने उसको बोला- चलो रूम में चलते हैं। वो मुस्कुराई और मान गई।
कमरे में आकर बाहर ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ का टैग लगा दिया और दरवाज़ा बंद कर लिया।
वो मेरे रूम की खिड़की से बाहर का नज़ारा देखने लगी। मैंने हल्के से उसके पीछे से बाल हटाए और गले पर किस किया, उसने बिना मुड़े एक सिसकारी ली। मैं समझ गया कि वो अब चुदने के लिए तैयार है।
खड़े-खड़े ही मैंने उसको पलट दिया और उसके होंठों को चूसने लगा, वो भी साथ देने लगी।
मैंने उसका शर्ट निकाल कर टाँग दिया.. ताकि उस पर कोई सलवट ना आ जाए और वो घर पर ठीक से जा सके।
उसके अन्दर बिल्कुल कड़क मम्मे.. एक पैडेड ब्रा में क़ैद थे। मैंने उसके मम्मों को ब्रा की कैद से आज़ाद कर दिए और उसको खड़ा रखा। मैं सोफ़े पर बैठ गया और उसके मम्मों को बारी-बारी से चूसने और दबाने लगा।
वो कराहने लगी- धीरे धीरे दबाओ! मैंने अनसुना करते हुए उसके चूचों का मजा लेना जारी रखा। वो बोली- प्लीज स्विच ऑफ़ लाइट!
शायद उसको रोशनी में शर्म आ रही थी, मैंने डिम लाइट जला दी। अब अंधेरे में उसकी शर्म बिल्कुल ग़ायब ही हो गई, वो मेरी टी-शर्ट निकालने लगी, मेरी बालों वाली छाती पर हाथ घुमाने लगी, बोली- वाऊ क्या मर्दाना छाती है।
मैं बेक़ाबू हो गया और उसको बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने पैन्ट निकाला और उसके ऊपर आ गया। मैंने अपने निक्कर के अन्दर उसका हाथ पकड़ कर डाला तो अन्दर ही वो मेरे लण्ड को पकड़ कर हिलाने लगी।
मैंने निक्कर उतार फेंका और उसका पैन्ट उतारने लगा उसने भी मुझे साथ दिया। अन्दर उसकी पतली सी पैन्टी को उतारा तो उसकी चूत मेरे सामने थी.. उसके ऊपर छोटा सा गुलाबी दाना.. आहा.. क्या मस्त नज़ारा था।
आज तक बहुत लड़कियाँ चोदी थीं लेकिन यह तो शायद बिल्कुल अनछुई और कड़क सिरियन माल था। मैंने उसके दाने पर जीभ लगा दी और उसको चूसने लगा तो वो बेक़ाबू हो गई और कुछ अरबिक और इंग्लिश में बड़बड़ाने लगी।
उसने मेरा लंड पकड़ा और देखने लगी.. बोली- आप ख़तना नहीं कराते क्या? मैंने बोला- हमारे यहाँ मुस्लिम ही कराते हैं।
तो वो मेरे टोपे को अन्दर-बाहर करने लगी। उसको काले लंड का गुलाबी टोपा अन्दर-बाहर करने में मज़ा आ रहा था।
मैंने उसको बोला- अकेले ही मज़ा लोगी या मुझे भी लेने दोगी। बोली- नाव आइ एम योर्स डियर।
मैं लेट गया और उसको मेरे ऊपर उलटा लेटा कर 69 की पोज़ीशन में आ गया। मुझे ऐसा लगने लगा कि मेरा लंड वेक्यूम-पम्प के अन्दर चला गया और अभी अन्दर का सारा माल बाहर आ जाएगा।
उसकी चूत से मदहोश करने वाली खुशबू आने लगी और पानी रिसने लगा, मैं सारा पानी चाटने लगा।
उसका पानी मेरी बीवी के पानी से थोड़ा पतला.. मगर थोड़ी अलग सी खुशबू और खट्टा सा स्वाद था। मेरी बीवी का पानी थोड़ा सा खारा और कम खट्टा है।
उसकी चूत का छेद देखकर लगा कि मुश्किल से मेरी उंगली अन्दर जाएगी।
तभी अचानक उसने अपने पैर भींच लिए और बेहोश जैसी एकदम ढीली हो गई और ऐसे ही लेट गई मगर उसने मेरे लंड को अपने मुँह से नहीं निकाला।
मेरा निकलने वाला था.. तो मैंने उसको बोला- आई एम कमिंग.. तो वो बोली- डोंट कम इन माई माउथ..
उसने टेबल पर से टिश्यू पेपर उठा कर अपने हाथों पर लगा दिया और मेरे लंड को हिलाने लगी। वो एकदम हल्के से झटके मार रही थी।
मैंने उसको बोला- डू हार्ड बेबी.. तो वो ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी और मैं पिचकारियों के साथ स्खलित हो गया। कुछ माल.. उसके हाथ पर भी लगा तो वो वाशरूम में जाकर धोकर आ गई।
इसके बाद मैंने कपड़े पहन लिए और उसको वाशरूम में भेज दिया और कमरे में कॉफ़ी मंगवाई और कॉफ़ी पीते-पीते हम दोनों गपशप करने लगे। वो मेरी लाइफ़ और फ़ैमिली के बारे में पूछने लगी।
थोड़ी देर में मेरा लंड फ़िर खड़ा हो गया। मैं उसके पास होकर उसकी नंगी जाँघों पर हाथ घुमाने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उसको मैंने बिस्तर पर लिटाया और उसके कपड़े उतारे, पूरे बदन को बेतहाशा चूमने लगा। उसके सेब जैसे कड़क मम्मे और बिल्कुल छोटे हल्के भूरे निप्पल तो ग़ज़ब का क़हर ढा रहे थे।
मैं उसके दोनों मम्मों को बारी-बारी से चूसने लगा, मुझे लगा कि वो आउट ऑफ कंट्रोल हो रही थी। उसने मेरे निक्कर के ऊपर से ही मेरे लण्ड को पकड़ा और हिलाने लगी।
थोड़ी देर में उससे रहा नहीं गया और मेरा निक्कर एक ही झटके में उतार दिया, अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। मैंने उसकी चूत को उंगली से रब करना चालू किया.. मेरे हाथ में लसलसा पानी आ गया।
उसकी चूत का बयान करूँ तो क्या गद्देदार चूत थी.. जिसके होंठ बाहर से दिखाई भी नहीं दे रहे थे। चूत का दाना भी चूत को थोड़ी फैलाओ.. तो ही दिखाई दे रहा था।
मैंने चूत के दाने को वापस चूसना चालू किया.. तो बोली- कंडोम तो है ना आपके पास? मैंने अपनी मेडिकल किट से एक्स्ट्रा थिन कंडोम का पैकेट निकाला और उसके हाथ में थमा दिया। वो बोली- वाऊ.. पूरी तैयारी थी आपकी तो.. मैंने बहाना बना दिया- मैं हमेशा मेरी बीवी के लिए रखता ही हूँ.. क्या पता कब ज़रूरत पड़ जाए।
वैसे मैंने दो पैकेट हीथ्रो एयरपोर्ट के वाशरूम के वेंडिंग मशीन से लिए थे क्योंकि मेरी बीवी हमेशा पिल्ज़ यूज करती है।
मैंने उसको बोला- लो मेरे लण्ड पर लगा दो। वो कंडोम को मेरे लंड पर लगाने लगी मगर जा नहीं रहा था। वो बोली- मैंने कभी नहीं लगाया.. तुम ही लगा दो।
मैंने कंडोम लगा कर लण्ड का सुपारा चूत के दरवाज़े पर लगा दिया और धीरे से धक्का मारने लगा। अभी तो टोपा अन्दर गया भी नहीं था.. वो कराहने लगी। मैंने बोला- बेबी गहरी साँस लो और एंज़ोय करो। वो बोली- तुम डालते रहो.. मैं सह लूँगी।
मैंने थोड़ा सा ट्राई किया तो वो बोली- प्लीज निकाल लो.. दर्द हो रहा है। मैंने लंड निकाल कर थोड़ी सी कोल्ड क्रीम उसकी चूत पर और उंगली से थोड़ी चूत के अन्दर भी लगाई.. ताकि लंड चूत में आराम से जा सके।
एक धक्का मारके मैंने अपनी कमर को हिलाना चालू किया। लंड चूत में ऐसे घुसता चला गया.. जैसे मक्खन में छुरी। लंड अन्दर जाते ही उसने आराम की साँस ली।
मैं लंड डालकर ऐसे ही उसके गुलाबी होंठों को चूसता गया और हाथों से उसके मम्मों की सहलाता रहा और निप्पल के साथ छेड़खानी करता रहा।
कुछ मिनट में वो सामान्य हो गई और अपनी कमर हिलाने लगी, अपने नाखूनों से उसने मेरी पीठ में निशान भी कर दिए थे। थोड़ी देर में उसकी चूत इतना पानी छोड़ने लगी.. जैसे कि लुब्रिकंट लगाया हो।
मैंने उसको बिस्तर के कोने में खींच लिया और अब मैं नीचे खड़ा हो गया। इस तरह से में अपनी फ़ेवरिट पोजीशन में आ गया। उसके पैरों को कंधों पर लगाकर उसकी जाँघों को अपने हाथों से चौड़ा करने धकाधक पेलने लगा।
दोनों थोड़ी पहले ही 69 में एक बार झड़ चुके थे.. तो दोनों डटे रहे।
मैंने आसन बदल कर उसको मेरे ऊपर आने को बोला। वो मेरे ऊपर आकर अपने हाथों से मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट करके मेरा पूरा लंड खा गई।
अब वो मेरे ऊपर बैठ कर घुड़सवारी करने लगी लेकिन वो दो मिनट में ही ऐसे चुदने के बाद वो बोली- मेरे मसल खिंच रहे हैं.. मैं नीचे आ जाती हूँ.. तुम मुझे चोदो।
तो मैंने उसको घोड़ी बना दिया। वो बोली- डोंट फक माई एस। उसको ऐसा लगा कि मैं उसकी गाण्ड मारने वाला हूँ। मैंने बोला- डोंट वरी बेबी.. तुम्हारी चूत ही चोदूँगा।
थोड़े झटके मारते ही वो बिस्तर पर ढीली होकर एक आवाज़ के साथ निढाल हो गई और अपने होश खोने लगी.. मगर मेरा अभी नहीं छूटा था तो मैं उसको मिशनरी पोजीशन में लेटा कर पेलने लगा।
वो बोली- प्लीज निकाल लो.. लेकिन मैंने उसको अनसुनी कर दिया और लगा रहा। थोड़ी देर में मेरे लंड से वीर्य की पिचकारियाँ निकलने लगीं।
ऐसे ही हम कुछ मिनट लेटे रहे। तब तक मेरे लंड भी उसकी चूत से बाहर आ गया था। कंडोम पूरा मेरे वीर्य से भरा था। उसको अपनी बाँहों में लेटा कर थोड़ी देर चुम्मा-चाटी की।
फिर वो बोली- चलो.. अब मुझे घर जाना चाहिए। मैं उसको वाशरूम में ले गया और शावर के नीचे उसको नहलाया, अपने हाथों से कपड़े पहनाए और ऐसे ही हम एक-दूसरे से चिपके रहे।
वो बोली- आज का दिन मुझे पूरी ज़िंदगी याद रहेगा। सुना है इंडीयन पति बहुत अच्छे और केयरिंग होते हैं। आप बहुत अच्छे इंसान हो.. मैं चाहती हूँ कि मुझे भी आपके जैसा पति मिले।
मैंने उसको 50 पौंड दिए.. तो उसने मना किया और पैसे वापस लौटा दिए और बोली- मैं इसके लिए यहाँ नहीं आई थी। वरना ये देने वालों की यहाँ पर क्या कमी है।
मैंने उससे फिर आने का वादा किया।
दो दिन बाद उसने फिर कॉल किया और मेरे होटल पर आई। मेरी उन्नीस दिन की ट्रिप में हमने कुल 5 बार मजे किए। जब आख़िरी बार मिले.. वो मेरे लिए ‘J’ लिखा हुआ छोटा सा की-चैन लाई थी।
‘इसे आप अपनी कार में रखना ताकि मेरी याद आए।’ उसकी आँखों में आँसू थे, वो बोली- पता नहीं हम फिर कभी मिलेंगे या नहीं.. मगर मैं आपको ज़िंदगी भर याद रखूँगी। मैंने बोला- मैं यहाँ आता रहता हूँ। हम बहुत जल्दी ही वापस मिलेंगे।
मैंने अपने नम्बर और पते आदि दिए, साथ में पांच सौ पौंड भी उसको दिए। ‘ये रख लो.. तुमको काम आएँगे।’ मेरे बहुत आग्रह करने के बाद उसने ले लिए।
मित्रो.. आज भी हम मेल पर और फ़ोन पर बातें करते रहते हैं। अभी मेरा वापस यूके जाने का प्लान बन रहा है। मैंने उसको बताया तो वो ख़ुश हो गई है।
आपमें से किसी को कोई सीरियन लड़की का प्यार मिला हो या भविष्य में मिले तो बताना।
सही में इतनी ख़ूबसूरती.. नज़ाकत और मासूमियत आपको कोई गोरी लड़की से नहीं मिलेगी।
आपको मेरी यह बिल्कुल सच्ची कहानी कैसी लगी, मुझे [email protected] पे मेल कीजिए।
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