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अब तक आपने अर्श की सोच के बारे में जाना था अब आगे..
मैं- डियर अर्श, तुम्हारी सोच तो बहुत बढ़िया है.. अच्छा.. एक बात आपको बताऊँ क्या? अर्श- जी सर.. कहिए?
मैं- मैं खुद हिंदी सेक्स कहानियाँ का राइटर हूँ.. मेरी लिखी कहानियाँ अन्तर्वासना पर पब्लिश होती हैं। अर्श- ओह सच.. सर अन्तर्वासना मेरी बहुत ही प्यारी वेबसाईट है.. वो कहानी जो अपने मेरी मेल में देखी थी.. वो भी मैंने यहीं से सेव की थी। वैसे आप मुझे बता सकते हो कि आपकी अन्तर्वासना पर कौन-कौन सी कहानियाँ हैं?
मैं- वैसे तो मेरी बहुत सी कहानियाँ हैं.. परन्तु कुछ कहानियाँ के नाम इस प्रकार हैं-
चंडीगढ़ का पार्क
डबलबेड पर डबल चूत चुदाई
दो जीजू दो साली और नया साल
इसके अलावा और भी काफी कहानियाँ हैं.. जो आप मेरे पेज़ पर देख सकती हो।
अर्श- ओह सच.. तो सर आप भी बहुत खुले लगते हो.. वो डबल बैड वाली स्टोरी आपकी लिखी हुई है? मैं- हाँ.. क्या आपने वो कहानी पढ़ी है?
अर्श- हाँ सर.. मैंने पढ़ी थी और उस स्टोरी को पढ़ने के बाद मैंने नीचे दी गई मेल पर मेल भी की थी और स्टोरी की तारीफ़ भी की थी.. बढ़िया कहानी है वो।
मैं- अच्छा.. तुम्हें कैसी कहानियाँ पसंद हैं? अर्श- मुझे ग्रुप वाली कहानियाँ ज्यादा पसंद हैं सर। मैं- ओह वाओ.. मुझे भी ग्रुप वाली कहानियाँ पढ़ना और लिखना दोनों पसंद हैं। तो अच्छा ये बताओ कि तुम्हें सेक्स में और क्या-क्या पसंद है।
अर्श- और तो बस.. सब पसंद है सर। मैं- और सब मतलब.. आप स्पष्ट बोलिए डियर। अर्श- सर.. मुझे हर तरह से सेक्स पसंद है.. परन्तु ग्रुप सेक्स.. फोन सेक्स और सेक्स चैट बहुत ज्यादा पसंद है।
मैं- ओ वाओ डियर अर्श.. तो बोलो आज से हम दोनों दोस्त बन जाएँ क्या.. ऐसे दोस्त जिनमें कोई भी शर्म और किसी किस्म की कोई बंदिश न हो। अर्श- ओह सॉरी सर.. देखो.. मैं आपसे सेक्स के मामले में ओपन बात कर रही हूँ.. इसका मतलब ये नहीं है कि हम कोई सेक्स सबंध बनाएंगे या कोई ऐसी क्लोज दोस्ती रखेंगे। अगर आप मुझे मेरी मेल पढ़ कर जॉब दे रह हो तो सॉरी.. मुझे ये जॉब नहीं चाहिए।
मुझे अंदाजा नहीं था कि अर्श का जवाब यह होगा। जॉब तो मैंने उसकी योग्यता के आधार पर ही दी थी परन्तु उसका यह जवाब सुन कर एक बार मुझे झटका सा लगा क्योंकि मैं कोई ऐसा-वैसा आदमी तो नहीं हूँ.. जो हर किसी पर गिरने के लिए तैयार रहूँ।
आखिर मेरा भी एक स्टैंडर्ड है.. मैं भी एक लेखक हूँ.. जिसकी कहानियाँ काफी फेमस रहती हैं और अच्छे पद पर हूँ.. जहाँ बैठने के लिए लोग तरसते हैं.. अच्छी फैमिली से हूँ मेरी वाइफ भी बहुत खूबसूरत है.. सो इसलिए मैंने अगर उससे ये बात कही थी तो उसकी कैपेबिलटी के आधार पर कही थी।
मैंने तुरंत उससे कहा- अरे मैडम देखिए.. मैंने अगर आपको दोस्ती का प्रोपोजल दिया है.. तो कुछ सोच कर ही दिया था और हाँ.. मैं भी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी कहानियाँ का लेखक हूँ। मेरी कहानियाँ हमेशा टॉप लिस्ट में रहती हैं और मुझे हर रोज़ बहुत सी मेल्स आती हैं। मुझसे दोस्ती करने को बहुत लड़कियाँ तरसती हैं और सबसे बड़ी बात.. मेरा आपसे दोस्ती करने का मतलब ये नहीं कि मैं तुम्हारे साथ चुदाई करूँगा। रही बात जॉब की.. वो मैंने तुझे तुम्हारी योग्यता के आधार पर दी है.. अगर तुम चाहती हो कि मैं चुदाई करवा कर.. या आपसे कुछ ऐसा-वैसा करवा कर जॉब दे रहा हूँ.. तो ऐसा कुछ नहीं है। बाकी आप जॉब करो या न.. इसका मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।
यह कहते हुए मैंने उसे उसका जॉब ऑफर लैटर उसकी तरफ बढ़ाया.. उसने जॉब ऑफर लैटर तो पकड़ लिया और साथ ही उसे लगा जैसे उसने कुछ गलत कह दिया था।
अर्श- आई एम सॉरी सर.. आप तो माइंड कर गए.. मेरे कहने का मतलब यह नहीं था.. मुझे पता है आप अच्छे आदमी हो और वैसे भी आपको शायद नहीं मालूम मैं आपकी कहानियों की फैन हूँ। मैंने आपकी सभी कहानियाँ पढ़ी हैं.. आपकी कहानियाँ की भाषा मुझे बहुत पसंद है.. जिसमें आप गालियाँ वाली भाषा इस्तेमाल करते हो। अगर आपको मेरी बात का बुरा लगा तो उसके लिए मैं माफ़ी मांगती हूँ।
मैं- अरे कोई बात नहीं.. होता है कभी-कभी.. आप भी लड़की हो और लड़कियों के लिए अपनी सेफ साइड बहुत जरूरी होती है.. आप चिंता मत कीजिए।
अर्श- सर.. वैसे आपसे दोस्ती करके मुझे भी ख़ुशी होगी.. बस कल को आप मुझ पर अपनी कोई बात थोपना मत.. क्योंकि आपकी कहानियाँ से तो पता चलता है कि आप काफी खुले विचारों के हैं। मैं भी ऐसा ही दोस्त चाहती हूँ.. जो मेरे साथ फुल खुल कर एन्जॉय करे.. जैसे वो इंग्लैंड वाले मेरे दोस्त हैं। हम सभी खुले हुए हैं.. अगर मैं किसी और से सेक्स करती हूँ या कहीं घूमती हूँ.. तो आपको इससे कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
मैं- अरे डोंट वरी बेबी.. अगर तुमने मेरी कहानियाँ पढ़ी हैं.. तो तुझे पता होना चाहिए कि मैं और मेरी वाइफ दोनों ही खुले हुए हैं और हम दोनों भी काफी ओपन सोच रखते हैं.. रही बात दोस्ती की.. उसके लिए मैं आपको फ़ोर्स नहीं करूँगा.. आप चाहो तो मेरे से दोस्ती कर सकती हो या मत करो। मैं हर किसी से इतना करीब नहीं होता.. वो भी ख़ास कर इतनी ज़ल्दी.. आपसे तो बात ही ऐसे टॉपिक से पर हो गई कि करीब आना ही पड़ा।
अर्श- ओह सॉरी सर.. अब बस भी करो। अच्छा.. अब आप भी अपनी पसंद बता दो कि आपको सेक्स में क्या पसंद है?
मैं- अरे बेबी.. मुझे तो सब कुछ पसंद है.. ख़ास तौर पर मुझे अपने साथ खुल कर मस्ती करने वाला साथी पसंद है, जो सेक्स करते दौरान बिल्कुल खुल कर मुझसे बातें करे। अच्छा तुम एक बात बताओ.. क्या तुमने कभी गाण्ड मरवाई है?
अर्श- यस सर.. मुझे पहले काफी हिचकिचाहट होती थी और मैं झिझकती थी.. परन्तु मेरे उन दोनों दोस्तों ने मेरी सोच को बिल्कुल बदल दिया। मैंने उनके साथ एक समय में दोनों से एन्जॉय किया है।
मैं- अच्छा.. तो इसका मतलब तुमने उन दोनों के लण्ड एक समय मैं अपनी गाण्ड और चूत में लिए हैं.. मतलब तुमने गैंग-बैंग चुदाई की है।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
दोस्तो.. हम दोनों ऐसी बातें करते हुए दोनों उत्तेजना के सागर में डूबने लगे थे। ऑफिस में सभी छुट्टी करके जा चुके थे। अब मैं और अर्श और इसके अलावा पियून ही दफ्तर में रह गए थे। पियून बाहर गेट पर हमारा इंतज़ार कर रहा था।
मैंने अर्श से कहा- अर्श.. अगर आपको अच्छा लगे तो कल रात को मैं अपनी कम्पनी की मीटिंग पर जा रहा हूँ और दो दिन के लिए मुझे चंडीगढ़ में ही रुकना होगा। अब तुम्हारी जॉब लग चुकी है.. अगर तुम्हें अच्छा लगे तो आप कल मेरे साथ चल सकती हो।
अर्श- ओके सर जी, मुझे आपके साथ जाने में कोई दिक्कत नहीं है। वैसे भी अब मेरी जॉब लग चुकी है.. मैं मॉम को बोल दूँगी कि मैं कम्पनी के काम के लिए 2 दिन के लिए चंडीगढ़ जा रही हूँ।
मैं- ओके बेबी.. वहाँ चल कर देखता हूँ तेरी जवानी में कितना दम है.. कैसे मरवाती है गाण्ड और चूत साली.. अरे बेबी.. ऐसे शब्द पसंद हैं न तुझे रानी?
अर्श ने आँख मारते हुए कहा- ओह.. बिल्कुल साले.. मुझे पसंद हैं.. मैं भी देखूंगी कि सर के लौड़े में कितना दम है कुत्ते कहीं मेरी गाण्ड को देखते ही पानी न छोड़ दे तू..!
इतना कह कर हम दोनों हँसने लगे।
‘ओके सर अब मैं चलती हूँ.. आखिर कल की तैयारी भी तो करनी है न।’ मैं- हाँ बिल्कुल अब तुम जा सकती हो.. ये लो ऑफर लैटर।
अब हम दोनों एक साथ दफ्तर से बाहर आ गए, मैंने अपनी कार स्टार्ट की और घर की ओर चल पड़ा। अर्श भी चली गई थी।
वैसे तो मेरी ज़िन्दगी में बहुत सी लड़कियाँ मिली थीं.. परन्तु दफ्तर में ऐसे खुल कर बातें करके चुदने के लिए तैयार होने वाली ये पहली लड़की थी।
दूसरे दिन मेरी मीटिंग सुबह दस बजे से लेकर दो बजे तक थी.. इसलिए मैंने रात को अर्श को फोन किया और कहा- हम कल सुबह 8 बजे यहाँ से निकलेंगे। आप सुबह 8 बजे ठीक दफ्तर के सामने पहुँच जाना।
तो उसने भी सुबह आने के लिए बोल दिया।
उसके बाद अर्श का मुझे व्हाटसऐप पर हैलो का मैसज आया.. तो मैंने उसे व्हाटसैप पर ऐड कर लिया। मैंने रिप्लाई में उसे कल सुबह ज़ल्दी तैयार होने का दुबारा रिमाइंडर दे दिया।
सुबह हम दोनों ठीक 8 बजे दफ्तर के सामने थे। मैंने अपनी कार के पीछे अर्श का बैग रखा और अर्श को अपने साथ वाली सीट पर बिठाया और हम दोनों चंडीगढ़ के लिए निकल पड़े।
रास्ते में हम दोनों ने खूब सारी बातें की और अपनी दोस्ती को पक्का किया। मैंने उसकी फैमली के बारे में पूछा और उसने भी मेरी फैमली के बारे में पूछा।
वो अपनी सिस्टर और मॉम के साथ रहती थी। उसके पापा की एक एक्सीडैंट में डेथ हो चुकी थी.. उसकी एक बहन उससे छोटी थी। वो तीनों एक साथ ही रहते थे। उनके पास उनके पापा की काफी जमीन थी.. जिसको उन्होंने अपने एक रिश्तेदार को ठेके पर दे रखा था। उसका ठेका हर साल आता था। उनका खर्च निकाल कर काफी पैसे बच जाते थे.. जो वो अपनी सेविंग के लिए जमा कर लेते थे।
वो पढ़ लिख गई थी, परन्तु उसे इतना पढ़ कर घर में खाली बैठना अच्छा नहीं लगता था.. इसलिए उसने किसी अच्छी कम्पनी में जॉब करने की सोची थी।
हमें पता ही न चला कब हम मोहाली में एंटर कर गए थे।
मैंने गाड़ी को पंचकूला साइड की तरफ टर्न किया और हम मनाली रोड पर आ गए। मैंने गाड़ी को एक अच्छे से होटल के सामने रोका और अर्श को गाड़ी में ही बैठने को बोल कर होटल के अन्दर चला गया। वहाँ मैंने अपने लिए दो रात के लिए एक बढ़िया रूम बुक किया और अपना सामान वहाँ रखवाया।
अर्श और मैं भी एक साथ रूम में चले गए। होटल का वेटर हमारे लिए पानी लेकर आया। मैंने उसे दो कप चाय लाने को बोला और दरवाजा बंद करके अर्श को एक किस कर दिया।
अब देखना था कि अर्श की जवानी कितनी दमदार है। आपके ईमेल के इन्तजार में आपका दोस्त रवि स्मार्ट कहानी जारी है। [email protected]
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