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अब तक आपने पढ़ा..
दस मिनट बाद उसका दर्द मज़े में बदल गया, अब वो ‘आहों..’ के साथ बोलने लगी- आह ससस्स.. फाड़ दी आह्ह.. मेरी आज चूत तूने.. आह्ह.. फास्ट अब मज़ा आ रहा है.. आह चोदो आह्ह.. अर्जुन- साली रंडी.. आह्ह.. ऐसे क्यों चीखी आह्ह.. ले चुद आज तू.. आह्ह.. तेरी चूत तो बड़ी मस्त है ले पूरा.. आह्ह..
अर्जुन 25 मिनट तक ‘दे..दनादन..’ उसको चोदता रहा.. पायल की चूत झड़ गई.. मगर अर्जुन वैसे ही लगा रहा।
अब आगे..
उधर रॉनी का हो गया तो वो एक तरफ़ लेट कर हाँफने लगा और कोमल बाहर टीवी पर पायल की चुदाई देखने नंगी ही आ गई।
टोनी- अरे वाह कोमल रानी.. बड़े मौके पर आई है.. देख साला अर्जुन कैसे जंगली सांड की तरह पायल को चोद रहा है और हमारे लौड़े अकड़ कर दर्द कर रहे हैं.. ज़रा सहला दे ना मेरी जान.. कोमल- जरूर मगर पहले इस बेचारे को शान्त करूँगी.. कब से यहा बँधा हुआ है।
टोनी- अरे इस बहनचोद का खड़ा हुआ था अपनी बहन की चुदाई देख कर और वैसे भी तेरे चक्कर में इसकी बहन चुद रही है.. इतना तो इसका हक़ बनता ही है.. कर दे इसको भी ठंडा हा हा हा हा हा..
कोमल मुस्कुराती हुई पुनीत के पास गई और उसके लौड़े को सहलाने लगी। इस बार वो सोया हुआ था.. शायद पायल की चीखें उसको तकलीफ़ दे रही थीं। कोमल ने उसका लण्ड बाहर निकाल दिया और बड़े प्यार से उसको चूसने लग गई.. वो तीनों भी पास आ गए और अपने लौड़े कोमल के आगे कर दिए.. वो बारी-बारी सबका लण्ड चूसने लगी।
पायल- आह्ह.. अर्जुन मेरी चूत में जलन हो रही है.. आह्ह.. प्लीज़ स्टॉप.. अब थोड़ा रेस्ट दे दो.. आह्ह.. नहीं.. प्लीज़ अपनी रंडी को आराम दो.. तुम्हारा कब निकलेगा आह्ह.. अर्जुन- मैंने कहा था ना साली.. आज तुझे असली मर्द का पावर दिखाता हूँ.. आ चल अब तेरी गाण्ड मारूँगा। पायल- नो नो प्लीज़.. ऐसा मत करना तुम्हारा बहुत बड़ा है.. ये मेरी हालत बिगाड़ देगा। अर्जुन- देख साली नाटक मत कर उनसे बचना है या नहीं?
पायल बेचारी मरती क्या ना करती.. उसने गाण्ड मराने के लिए ‘हाँ कह दी।
अर्जुन ने उसको घोड़ी बनाया और उसकी गाण्ड पर लौड़ा सैट करके उसकी जाँघों को मजबूती से पकड़ लिया और वैसे ही जोरदार शॉट मारा। अबकी बार पहले से ज़्यादा उसको दर्द हुआ और वो बेतहाशा रोने लगी।
पुनीत बाहर छटपटा रहा था.. मगर ये सब उसकी करनी का नतीजा था.. क्यों उसने ऐसे गेम के लिए ‘हाँ’ कही.. यह सोच कर उसकी आँखें भर आई थीं।
कोमल- अरे ये क्या.. मैं इसके लौड़े से पानी निकालने की कोशिश कर रही हूँ और ये साला आँख से पानी निकाल रहा है.. कुत्ता कहीं का.. टोनी- अरे इसको जाने दे मेरी जान हमारा बस निकलने ही वाला है.. आ जल्दी कर.. आ मेरा चूस.. आह्ह.. चूस..
उधर सन्नी भी अब मुनिया की गाण्ड में अपना पानी भर चुका था और आराम से लेट कर पायल की चीखें सुन कर आशा को याद कर रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अर्जुन 15 मिनट तक गाण्ड मारता रहा और आख़िर उसके लौड़े ने पानी का फुव्वारा छोड़ दिया। पायल पूरी तरह टूट चुकी थी ऐसी चुदाई की उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी.. वो दर्द से कराह रही थीं।
अर्जुन- क्या हुआ रंडी.. क्यों शोर मचा के सबको सुना रही थी? हम्म? पायल- मेरी जान निकाल दी.. और पूछते हो शोर क्यों मचा रही हूँ। अर्जुन- अच्छा साली छिनाल.. जब भाई से सील तुड़वाई.. तब नहीं सोचा कि दर्द होगा तब तूने कितना शोर क्या था।
अर्जुन की बात सुनकर पायल ठंडी पड़ गई कि इसे ये सब कैसे पता? पायल- ओह्ह.. क्या बोल रहे हो तुम.. हाँ? अर्जुन- ऐसे तुझे समझ नहीं आएगा.. चल अभी बताता हूँ।
अर्जुन ने उसका हाथ पकड़ा और उसे बाहर ले आया। जब पायल ने बाहर देखा कि पुनीत बँधा हुआ है… और सब उसको देख कर हँस रहे हैं। पायल- ये क्या है भाई.. आपकी ये हालत किसने की? टोनी- वाह अर्जुन.. मान गए क्या मस्त ठोका आपने.. साला यहाँ लाइव देख कर मज़ा आ गया।
सन्नी भी तब तक बाहर आ गया था.. उसने पता नहीं क्या किया कि टीवी पर पायल की चुदाई दिखना वापस शुरू हो गई। विवेक- अरे देखो इस रंडी की फिल्म वापस से आ गई।
पायल की नज़र टीवी पर गई.. तो उसकी आँखें फट गईं।
पायल- ये सब क्या है सन्नी.. और भाई का मुँह क्यों बन्द किया.. इन्हें यहाँ बाँध कर क्यों रखा? सन्नी- अरे अरे.. बेबी को गुस्सा आ गया.. खोल दो इसका मुँह और नई फिल्म देखो..
अब सब के सब पायल की सील टूटने का वीडियो देख रहे थे। सन्नी ने रिमोट का बटन दबाया तो उस दिन का वीडियो चालू हो गया।
पायल- भाई अब क्या सोच रहे हो.. एक लड़की आपके इतने करीब है.. आपका मन नहीं करता उसको कुछ करने का.. चुम्बन करने का?
पायल अब पूरी तरह से पुनीत के ऊपर चढ़ गई थी.. उसकी नंगी चूत बरमूडे में तने पुनीत के लण्ड से टच हो रही थी.. जिसका अहसास पुनीत को भी हो रहा था। अब पुनीत की बर्दाश्त दम तोड़ गई थी उसने पायल की पीठ पर हाथ रखे और सहलाने लगा.. उसके थिरकते होंठों पर धीरे से अपने होंठ लगा दिए।
पायल तो जैसे बरसों की प्यासी थी.. उसने फ़ौरन उसके होंठों को मुँह में लिया और चूसने लगी। अब पुनीत भी कहाँ पीछे रहने वाला था.. वो भी शुरू हो गया अब दोनों की किसिंग शुरू हो गई।
यह वीडियो देख कर पायल की रही-सही ताक़त भी जबाव दे गई। उसने जल्दी से टीवी बन्द कर दिया और हक्की-बक्की सबको देखने लगी.. उसकी आँखों में आँसू आ गए, वो वहीं ज़मीन पर बैठ गई।
सन्नी- क्यों पुनीत.. अपनी बहन को ऐसे हताश देख कर कुछ याद आया.. मेरी आशा भी ऐसे ही तड़फी थी। आशा का नाम सुनकर पायल ने सवालिया नज़रों से पुनीत की ओर देखा।
टोनी- क्यों पुनीत.. बता अपनी बहन को.. कि ये आशा कौन है और आज ये किस ग़लती की सज़ा भुगत रही है। पायल- भाई आप बोलते क्यों नहीं.. हमारे साथ ये हो क्या रहा है?
पुनीत ने उसको आशा के बारे में बताया और कैसे वो मरी.. जिसका बदला ये सब मिलकर ले रहे हैं। पायल- क्या रॉनी भी इनके साथ मिला हुआ है.. मगर क्यों?
तभी रॉनी भी बाहर आ गया और उसने पायल को गुस्से से देखा। पायल- रॉनी भाई आप भी इनका साथ दे रहे हो.. अगर भाई से ग़लती हुई तो इनको सज़ा देते.. मुझे इस गंदे खेल का हिस्सा क्यों बनाया आपने? मैं आपकी बहन हूँ। रॉनी- चुप साली रंडी अपनी गंदी ज़ुबान से मुझे भाई मत बोल.. ये कुत्ता अपने किए की सज़ा भुगत रहा है और तू अपने किये की.. समझी.. पायल- अम्म.. मैंने क्या किया है जो तुमने मुझे रंडी बना दिया? रॉनी- मेरी माँ ने क्या ग़लती की थी हाँ.. जो तू बार-बार उनको रंडी बोलती थी? पायल- ओह्ह.. तो अपनी रंडी माँ का अपमान नहीं सह सका.. मगर वो असल में रंडी है.. मेरे पापा को अपने बस में कर लिया उसने.. और..
पायल आगे कुछ बोलती उसको रॉनी का जोरदार तमाचा लगा।
रॉनी- चुप साली.. मेरी माँ को ऐसा बनाया तेरे उस कुत्ते बाप ने.. और आज तेरी हालत का ज़िम्मेदार वो भी है।
रॉनी ने उस दिन से लेकर आज तक की सारी बातें पायल को बताईं और एक राज आपको भी बता दूँ कि पायल के पापा ने अपने फायदे के लिए कई बार रॉनी की माँ को दूसरों के हवाले किया था। यह बात भी रॉनी जानता था.. इसी लिए उसने ये गेम खेला और सब रेकॉर्ड कर लिया।
पायल और पुनीत ज़ोर-ज़ोर से रोने लगे वो रहम की भीख माँगने लगे कि जो हुआ उसको भूल जाओ.. मगर रॉनी और सन्नी के सर पर जुनून था, उन्होंने उनकी एक ना सुनी।
रॉनी ने कहा- वो सोने जा रहा है आज रात पायल के साथ जो चाहे करो बस इसको मरने मत देना.. क्योंकि कल इसके सारे वीडियो पूरी दुनिया देखेगी.. तब ये खुद मर जाएगी। पुनीत- रॉनी प्लीज़ रुक जाओ.. पायल को इन जानवरों के हवाले मत करो.. ये इसको नोंच डालेंगे.. इससे अच्छा तो तुम हमें मार दो.. प्लीज़ प्लीज़..
रॉनी ने एक ना सुनी और वहाँ से चला गया। कोमल और मुनिया को सन्नी ने कहा कि अब यहाँ जो होगा.. वो तुम देख नहीं पाओगी.. तो जाओ जाकर सो जाओ।
उनके जाने के बाद वहाँ जो नंगा तमाशा हुआ.. वो मैं लिख भी नहीं सकती.. इस चुदाई से वे सभी थक कर सो गए और पुनीत वहीं बँधा हुआ रात से रो रहा था।
दोस्तो, माना कि पुनीत और पायल ने ग़लत किया था.. मगर सन्नी और रॉनी ने जो किया.. वो तो और भी ग़लत था.. बदले की भावना इंसान को जानवर बना देती है.. और यहाँ भी यही हुआ!
आपस की दुश्मनी में बाहर के लोग मज़ा ले गए ना.. लो अभी कहानी ख़त्म नहीं हुई.. कि मैं ज्ञान देने आ गई हूँ.. ये तो मेरी आदत है.. खैर अभी तो इस कहानी का अंत होना बाकी है।
सुबह रॉनी उठा और सबको उठाया। रॉनी कुछ कहता तभी उसके फ़ोन की रिंग बजी। उसने बात की और सामने से उसने जो सुना वो हक्का-बक्का रह गया.. उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई.. वो वहीं कुर्सी पर बैठ गया।
सन्नी- क्या हुआ.. किसका फ़ोन था.. बोल न? रॉनी- रात को एक्सीडेंट में इसके पापा और मेरी माँ चल बसे। सन्नी- वॉट.. ये कैसे हो गया..! पुनीत- कुत्तों मेरे हाथ खोल दो.. मेरे पापा नहीं मर सकते.. मैं किसी को नहीं छोडूँगा.. सब को मार दूँगा..
सन्नी ने पुनीत को खोल दिया.. वो गुस्से में था.. मगर सन्नी ने उसको समझाया कि ये वक़्त लड़ने का नहीं है। टोनी और उसके दोस्त भी हक्के-बक्के रह गए थे..
दोस्तो, अन्तर्वासना के कुछ नियम हैं.. जिनके तहत मैं आगे की कहानी नहीं लिख सकती.. क्योंकि उसमें हिंसा है.. तो आपको ऐसे ही बता देती हूँ कि वहाँ के संग्राम में सब तहस-नहस हो गया.. पुनीत ने गुस्से में वो कर दिया कि वहाँ उसके सिवा कोई ना रहा।
आगे की कहानी आप जानते ही हो इसका अंजाम क्या हुआ होगा।
पुनीत जेल में पहुँच गया.. उसकी माँ भी ये सदमा बर्दाश्त ना कर सकी और दिल की धड़कन रुकने से उसकी मौत हो गई।खन्ना परिवार तिनके की तरह बह गया और साथ में कोमल.. मुनिया.. अर्जुन.. टोनी उसके दोस्त इस बदले की आग की भेंट चढ़ गए। वहाँ से पुलिस को वो सारे वीडियो मिल गए.. जिससे केस को समझना आसान हो गया कि यहाँ क्या हुआ होगा।
आपको एक बात बता दूँ यहाँ कुछ कैमरे लगे हुए थे.. जिसमें सब कुछ रेकॉर्ड हो गया था। सन्नी और रॉनी ने पुनीत को जो बताया कि वो ये क्यों कर रहे हैं.. वो सब भी पुलिस को मिल गया। वहाँ के सीनियर ने फार्म को सील कर दिया और सारे सबूत ले गए।
पुनीत अपना दिमागी संतुलन खो चुका था.. अदालत ने उसको पागल करार दे दिया और पागलखाने भेज दिया।
दोस्तो, हर बार मेरी कहानी का खुशनुमा समापन होता है.. मगर यह कहानी थी ही ऐसी कि इसका मैं चाहकर भी हैप्पी एंड ना दे सकी.. क्योंकि बदले की भावना इंसान को शैतान बना देती है और जहाँ शैतान होता है.. वहाँ ख़ुशियाँ नहीं.. बल्कि बर्बादी ही होती है।
आप सबने शुरू से अब तक कहानी को पढ़ा.. इसके लिए मैं आपकी अभारी हूँ.. और आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूँ.. ऊपर वाले ने हमें इंसान बनाया है.. तो प्लीज़ इंसान बनकर ही जियो.. शैतान मत बनो।
माफ़ करना सीखो.. ताकि और कोई परिवार ऐसे ख़त्म ना हो।
दोस्तो, इस कहानी में कोई भूल हुई हो या कोई बात बताना रह गई हो तो माफ़ करना.. मैं भी इंसान हूँ.. ग़लती हो जाती है.. वैसे भी मेरी तबियत खराब होने के कारण कहानी बहुत लेट हो गई। अब आपसे इजाज़त चाहूँगी। अगर दोबारा कोई ऐसी दिल को छूने वाली कहानी मिली.. तो जरूर आपके सामने हाजिर हो जाऊँगी.. इति
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