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हैलो फ्रेंड्स.. मैं श्याम अम्बाला का रहने वाला एक हैण्डसम लड़का हूँ.. मेरी हाइट साइज़ 6 फुट की है, मेरी उम्र 22 साल है.. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यह मेरा पहला अवसर है जब मैं अपना अनुभव आप सभी के साथ साझा करने जा रहा हूँ।
बात उन दिनों की है.. जब मैं छुट्टियों में मेरे मामा के घर लुधियाना गया था। मामा के घर में मेरे मामा-मामी ही अकेले थे.. उनका कोई बच्चा नहीं था।
मेरे मामा की शादी को ढाई साल हो गए थे, उनकी वाइफ यानि कि मेरी मामी एक बहुत ही खूबसूरत माल थीं.. इतनी हॉट कि उन्हें देखते ही चोदने का मन करता था। लेकिन मुझे डर भी लगता था कि अगर मैंने कुछ करने की कोशिश की और उन्हें बुरा लगा, उन्होंने किसी को बता दिया तो मेरी दाई चुद जाएगी.. मामा जी ज़्यादातर टूर पर ही रहते थे।
कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा.. मैं जब भी मामी को देखता.. वो स्माइल दे देती थीं।
एक दिन मैं मामा जी के साथ जब घर पहुँचा.. तो रात के 9 बजे थे। मामी ने हम दोनों के लिए खाना गर्म किया.. और खाना परोसने लगीं।
खाना खाते समय मामा ने मुझसे पूछा- एग्जाम कैसे हुए? मैंने जवाब दिया- अच्छे हुए। मामा जी बोले- तुझे घर जाने की जल्दी तो नहीं है.? मैंने कहा- नहीं.. क्यों?
दरअसल मामा को 15 दिनों के लिए दिल्ली टूर पर जाना था.. तो उन्होंने मुझसे इसी लिए पूछा था। अब घर में मामी और मैं ही रह गए थे। मामा मुझसे घर की देखभाल के लिए कह गए थे।
दूसरे दिन शाम के टाइम मैं नेट चला रहा था, तभी मामी मुझे खाने के लिए बुलाने लगीं।
जब मैं गया तो देखा ‘ओह.. माय गॉड.. मामी क्या लग रही थीं..’ उन्होंने एक घुटनों तक की मैक्सी पहनी हुई थी और वो एकदम सेक्स की देवी लग रही थीं।
मामी की गोरी गोरी पिण्डलियाँ, उनके ऊपर उभरे हुए चूतड़, मैक्सी चूतड़ों की दरार में घुस कर मामी के पूरे चूतड़ों को नुमाया कर रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मेरा लौड़ा तो देखते ही खड़ा हो गया.. पर जैसे-तैसे मैंने खुद को कंट्रोल किया और खाना खाने बैठ गया।
तभी अचानक से बहुत जोरों से बिजली कड़की और जोर से बारिश होने लगी.. आप लोग तो जानते ही हैं कि पंजाब में बारिश का कोई ठिकाना नहीं होता। मैंने मामी से कहा- मैं बाथरूम हो कर आता हूँ..
बाथरूम में मामी की पैन्टी टंगी हुई थी। मैंने वहीं मुठ मारी और वापिस आ गया।
मेरे आते ही मामी बोलीं- श्याम तेरी गर्लफ्रेण्ड का क्या नाम है? मैंने कहा- मामी मेरी कोई गर्लफ्रेण्ड नहीं है..
मामी बोलीं- बता दे यार.. मैं किसी से नहीं कहूँगी! मैंने कहा- मामी जब है ही नहीं.. तो क्या बता दूँ?
मामी चूचियों की झलक दिखाते हुए बोलीं- तो अब तक क्या हाथ से ही काम चला रहे हो? यह कह कर वे अश्लील भाव से हँस पड़ीं।
मैं शरमा गया.. बारिश जोरों पर थी.. मेरा मन खराब होने लगा था। मामी बोलीं- तू बैठ.. मैं नहा कर आती हूँ..
मामी अपने चूतड़ मटकाते हुए चली गईं। मैं टीवी देखने लगा.. पर मेरा मन तो मामी पर ही अटका हुआ था।
तभी मामी ने आवाज़ लगाई- श्याम ज़रा इधर आना.. मैं गया तो उन्होंने चूचियों तक सिर्फ़ एक तौलिया लपेट रखा था.. मैं तो बस उन्हें देखता ही रह गया।
मामी बोलीं- ज़रा मेरी पीठ पर साबुन लगा दे..
मैं साबुन लगाने लगा और मामी पानी डालने लगीं.. जिससे मैं गीला हो गया। मामी बोलीं- तौलिया लपेट कर आ जा.. नहीं तो पूरा गीला हो जाएगा..
मैं शर्मा रहा था.. तो मामी बोलीं- शरमाता क्यों है.. मैं तेरी मामी ही तो हूँ।
मेरे मन में भी लड्डू फूटने लगे कि आज शायद मामी की चूत मिल जाए। तो मैं गया और तौलिया लपेट कर आ गया.. और उनकी पीठ पर साबुन लगाने लगा।
मुझे ऐसा लगा कि वो गर्म हो रही हैं.. तो मैं भी अपना हाथ आगे ले जाकर साबुन लगाने के बहाने उनके मम्मों को छूने लगा। मैं एकदम से गनगना गया.. मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. और शायद उनसे भी..
मेरा लंड तौलिया के ऊपर से ही खड़ा होकर दिखने लगा था.. जो मामी को भी दिख रहा था। मामी मेरे छूने से बहुत गर्म हो गई थीं और कामुक सी आवाज में सिसकार रही थीं।
तभी अचानक बाहर एकदम से बादल गरजे और वो मुझसे लिपट गईं।
वाह.. क्या फीलिंग थी.. वो मुझसे अधनंगी चिपकी थीं और मेरा लौड़ा उनकी नाभि से स्पर्श हो रहा था।
फिर मैंने उन्हें चूमना शुरु किया.. तो वो भी मेरा साथ देने लगीं।
अब मैंने उनका तौलिया भी हटा दिया.. और वो मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थीं। वो अपनी चूत और चूचों को छिपाने की कोशिश कर रही थीं।
उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और बोलीं- तेरा तो बहुत बड़ा है रे? मैंने कहा- हाँ आपके लिए ही इतना बड़ा किया है..
फिर मैंने उन्हें वहीं बाथरूम में लिटा दिया और खुद पूरा नंगा हो गया। मैं उनकी टांगों को फैला कर चूत चाटने लगा और वो ‘अहह.. उई.. अहा..’ की आवाजें निकालने लगीं।
मैं उनकी कामुक आवाजें सुन कर और जोश में आ गया, मैं कभी उनके मम्मों को मसलता.. तो कभी निप्पल चूसता।
मामी ने चुदास से कहा- अब मत तड़पाओ.. श्याम डाल दो.. जल्दी से.. नहीं तो मर जाऊँगी।
सो मैंने उनकी टांगें फैलाईं और अपने रॉकेट को ठीक निशाने पर रख कर फायर किया.. उनकी चूत गीली होने के कारण मेरा मूसल लण्ड ‘सट’ से अन्दर घुसता चला गया।
मामी के मुँह से तुरंत एक हल्की सी चीख निकली.. और उन्होंने लौड़े को चूत में आदर से स्थान देते हुए खुद को सैट किया और कहा- आह्ह… चोदो श्याम.. जोर से चोदो..
मैंने भी खींच कर धक्के लगाने शुरू कर दिए।
क्या बताऊँ दोस्तो.. मैं तो पहली बार चुदाई कर रहा था.. लंड के चूत में ही जाते ही मानो जन्नत की सैर कर आया। मैं तेज-तेज धक्के लगाने लगा और ‘फॅक.. फॅक..’ की आवाजें गूँजने लगी थीं।
मामी के मुँह से मादक आवाजें निकल रही थीं ‘अहह.. उईईईईई.. हाँअ.. और तेज और तेज..’ उनकी इन आवाजों को सुनकर मैं और जोश में आ गया, मैंने भी शॉट्स की रफ़्तार बढ़ा दी।
तभी मामी ने बोला- आह्ह.. मैं तो गई.. उनका शरीर इठने लगा और वो झड़ गईं।
उनका गरम पानी मैंने अपने लंड पर महसूस किया। सच में मज़ा आ गया.. मैं भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया था।
मैंने कहा- मामी मेरा भी आने वाला है.. उन्होंने बोला- आ जाओ.. अन्दर ही छोड़ दो..
बस 4-5 झटकों के बाद मैं भी चूत के अन्दर ही झड़ गया, मैं मामी के नंगे बदन के ऊपर ही लेट गया।
अब मामी ने मेरा लौड़ा चाट कर साफ़ किया और चूसा.. जिससे वो फिर खड़ा हो गया। मैंने मामी से कहा- एक राउंड और हो जाए.. तो वो बोलीं- अब तो मैं तुम्हारी हूँ श्याम.. जो चाहो करो..
फिर हम दोनों उठ कर छत में गए.. वहाँ बहुत जोरों की बारिश हो रही थी। मैंने मामी को वहीं लिटा कर फिर से चोदा। और फिर हम नीचे आ गये और नंगे ही सो गए।
बीच रात में हम फ़िर शुरू हो गए और पता नहीं कितनी बार मामी मुझ से चुदी उस रात! जब तक मामा नहीं आए.. तब तक मैं हर रात उन्हें चोदता रहा और फिर अपने घर वापिस आ गया।
कुछ दिनों बाद मामी का फोन आया और उन्होंने बताया कि वो पेट से हैं.. यह सुन कर तो मेरी गाण्ड ही फट गई.. पर वो बोलीं- डरो नहीं.. तुम्हारे मामा इसे अपना बच्चा ही समझकर बहुत खुश हैं।
यह थी मेरी कहानी, आपको कैसी लगी, मुझे अपने ईमेल कीजिएगा। [email protected]
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