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मैंने फिर कहा- देखा नीता इस खेल का एक और फायदा… एक ही रूम में चारों एक ही बिस्तर पर सो सकते हैं। हमने बाहर के कमरे की लाइट बंद नहीं की और अंदर आकर लेट गए। इससे बाहर के कमरे से पर्याप्त रोशनी हमारे कमरे में आ रही थी जिससे हमें सब दिख रहा था और आँखों में चुभने वाली रोशनी भी नहीं थी।
नीलेश बड़ी खुली आवाज़ में नीता से बोला- आ जा तेरी चुदाई करूँ! नीता भी अब तक बेबाक हो चुकी थी, बोली- इतना खुल कर तो हम जब होटल में होते हैं, तब भी नहीं बोलते हैं न जानू? बोलते बोलते सीधी लेट गई और अपनी टाँगें फैला कर हवा में उठा ली।
मधु मेरे सीने पर लेटी हुई थी और मेरे सीने के बालों से खेल रही थी और अपनी टांगों से मेरे लंड को दबा रखा था। हम दोनों एकटक उनकी चुदाई देख रहे थे।
नीलेश नीता की टांगों के बीच अपने लंड को सेट कर रहा था, बोला- यार राहुल, मेरी बीवी नीता की चूत तो पहले से ही गीली पड़ी है। मैंने कहा- तो फिर क्या देरी है? लगा और पेल दे अपना लंड! नीता बोली- भैया आप भी अपनी बीवी को चोदिये न… हम भी देखेंगे आपकी चुदाई। मधु बोली- हम अभी थोड़ी देर एक दूसरे के बदन से खेलेंगे, फिर चुदाई शुरू करेंगे।
नीता की चूत में अब तक लंड अंदर जा चुका था इसलिए उसकी आँखें बंद हो गई और वो चुदाई का आनन्द लेने लगी, आह उह आाह ओह्ह की आवाज़ें आने लगी। फिर नीता नीलेश से बोली- आपका लंड लिए हुए महीना बीत गया… कितना मज़ा आ रहा है, और ख़ास तौर पे जब कोई हमें चुदाई करते हुए देख रहा है और हमें कोई शर्म नहीं है तो मज़ा दस गुना बढ़ गया है।
मधु बोली- भैया, नीता तो अच्छे से चोदो। इसके बोबे भी दबाओ, देखो कितनी गर्म हो रही है आपकी नीता। कब से आपके लंड का इंतज़ार कर रही थी। मधु की बातों से दोनों और उत्तेजित हो गए और तेज़ तेज़ धक्के लगाने लगे।
मधु भी बहुत गर्म थी, वो बोली- दूसरी औरत को चुदाई देखकर आपको भी चोदने का मन कर रहा होगा न? आ जाओ, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में। नीलेश बोला- भाभी, आपकी चूत चाट कर इतना अच्छा लगा, यार राहुल भाभी की चूत इतनी अच्छी है, उसमें लंड डालने का मन हो रहा है। नीता, अगर तुम्हे बुरा न लगे तो क्या मैं भाभी की चूत मार लूँ।
नीता ने मेरी तरफ देखाम मैंने आँखों में इशारा किया कि हाँ बोल दो। मैंने थोड़ा दिखावे के लिए मधु से पूछा- मधु, तुम नीलेश से चुदना चाहोगी? मधु बोली- मुझे तो लंड और प्यार चाहिए, कोई भी दे दे। नीता ने नीलेश से बोला- अगर भाभी को कोई दिक्कत नहीं तो मुझे क्या दिक्कत हो सकती है।
नीलेश ने अपना लंड नीता की चूत से बाहर निकाल दिया और मधु को बोला- आप यहाँ लेट जाओ भाभी, आपकी चूत में मेरा लंड जाने को तरस रहा है। नीता को थोड़ा बुरा लगा था शायद… बोली- मेरी प्यास तो बुझा देते, मैं भी तो मरी जा रही हूँ आपके लौड़े से चुदने को!
मधु उठ ही रही थी दूसरी तरफ जाकर अपनी टाँगें फैलाने को, पर फिर बोली- भैया, पहले बीवी फिर भाभी, चलिए डालिए उसकी चूत में अपना लंड! नीलेश बोला- भाभी, इसको मेरा भाई राहुल चोद लेगा न! क्यू यार राहुल भाई, मेरी बीवी की मस्त चुदाई कर देगा न? फिर नीता की तरफ देखकर बोला- तू राहुल के लौड़े से चुद ले, मैं तो तुझे हमेशा ही चोदूँगा।
बस यही तो हम चाहते थे। मधु नीता की जगह जाकर लेट गई और अपनी टाँगें उठा ली। इधर नीता मेरे ऊपर लेट गई और मेरे गले और जगह जगह चूमने लगी। उधर नीलेश को मधु की चूत का पानी बहुत अच्छा लगता था इसलिए सीधा उसकी चूत चाटने के लिए उसकी चूत पर मुंह रख दिया। नीता उनको भी देख रही थी, बोली- भैया मैं आपका लंड चूसती हूँ, आप मेरी चूत चाट लो। मैंने कहा- नहीं, तुम्हें अभी तुम्हारी चूत में लंड की ज्यादा ज़रूरत है।
मैंने नीता को नीचे लिटाया और उसकी चूत जो की अभी नीलेश के लंड डालने की वजह से काफी गीली और खुली हुई थी, पर अपना लंड सेट किया और एक ही बार में पूरा अंदर डाल दिया।
नीता को मीठा मीठा दर्द हुआ और वो कराह उठी, बोली- भैया आप तो सेक्सपर्ट हो… क्या शॉट मारा है। मैंने नीता के बूब्स दबा दबा कर लाल कर दिए और धीरे धीरे धक्के लगाता रहा।
इधर मधु बोली- भैया, बस बहुत हुआ अब लंड दे दो, प्लीज फ़क मी! अब दोनों लड़कियाँ हमारे नीचे थी, हम उनकी चूतों में ताबड़तोड़ चुदाई कर रहे थे। इसी बीच मैंने नीलेश को हाय फाइव दिया। इसका मतलब था कि हमारा मकसद कामयाब हुआ। फिर नीता के ऊपर पूरा लेट के उसके कान के पास जाकर बोला- तुम्हें चुदना था मेरे लंड से, देखो मैंने तुम्हारी इच्छा पूरी कर दी। उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया और पागलों की तरह उछल उछल कर मेरे धक्कों का साथ देने लगी।
इधर मधु और नीलेश भी अपने चरम पर एक दूसरे से चूदने का आनन्द प्राप्त कर रहे थे। मधु बोली- राहुल, दूसरे आदमी का लंड लेने में तो बड़ा मज़ा आता है। नीलेश भैया मेरी अच्छी चुदाई कर रहे हैं। आप भी मेरी बहन नीता की अच्छे से चुदाई करो। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मेरे कुछ भी बोलने से पहले नीता बोली- भाभी, आप बिल्कुल सही कह रही हो, अपने पति के अलावा किसी और का लंड अपने पति के सामने बिना डर के लेने का मज़ा ही कुछ और है। भाभी मैं सातवें आसमान पे हूँ, भैया मेरी अच्छी चुदाई कर रहे हैं। बोलते बोलते नीता लगभग चीखने लगी, बोली- मैं आ रही हूँ भैया, मुझे अपनी बाँहों में भर लो।
मैंने नीता को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और बोला- आ जाओ, निकाल दो अपना पूरा पानी। खूब एन्जॉय करो, जितना चीखना चाहो चीखो, चिल्लाओ, खूब चुदो।
नीता बोली- हाँ भैया, आपका लौड़ा अगर नहीं ले पाती तो ज़िन्दगी से कुछ शिकायत होती। अब ज़िन्दगी से कोई शिकायत नहीं है… आह उह आह ओह्ह आह उह आह ओह्ह ! नीता ने पूरी ताकत से मुझे अपने वक्ष में घुसा लिया था, वो इतनी बुरी तरह झड़ रही थी कि उसका पूरा बदन बुरी तरह कांप रहा था।
मैं उसका सर और बाल सहला रहा था और दूसरे हाथ से उसकी जांघें सहला रहा था जिससे वो पूरी तरह झड़ जाए। हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे, मैं ज़रा भी नहीं हिला, 4-5 मिनट बाद नीता बोली- भैया, आपका लगता है अभी पानी छूटा नहीं है।
मैंने कहा- हाँ, अभी तो नहीं छूटा पर कोई चिंता नहीं, मेरी बीवी भी तो है वो कर देगी। नीता बोली- नहीं भैया, मैं अभी पानी निकालने में आपकी मदद करती हूँ। मैंने कहा- हाँ कर देना पर अभी थोड़ी देर तुम्हारी चूत में ऐसे ही पड़ा रहने दो मेरे लंड को! नीता बोली- ओके भैया।
इधर मधु और नीलेश भी घमासान चुदाई में भिड़े हुए थे। नीलेश की चुदाई में से पच पच की आवाज़ें आ रही थी। नीलेश बोला- भाभी, मैं आ रहा हूँ। मधु बोली- हाँ भैया, आप जहाँ मर्जी आये आ जाओ। नीलेश बोला- भाभी मैं आपकी चूत में ही आना चाहता हूँ। मधु बोली- भर दो आप मेरी चूत को भर दो अपनी मलाई से।
वो नीलेश के चूतड़ भी सहला रही थी जिससे नीलेश अपनी पूरी ताकत से मधु की चूत में फव्वारा चला दे। नीता भी एकटक अपने पति और भाभी की चुदाई देख रही थी।
नीलेश की स्पीड कम हो गई उसी से अंदाज़ा लग गया था कि उसने अपना पूरा पानी मधु की चूत में डाल दिया है। नीलेश थक के चूर होकर मधु के नंगे बदन पर यूँ ही गिर गया।
कुछ देर बाद नीलेश ने अपना सर उठाया और मधु मम्मों को सहला और दबाते हुए उठा, उसका लंड अभी भी मधु की चूत में ही पड़ा था, दोनों एक दूसरे को जगह जगह किस और सहला रहे थे, जैसे दो बिछड़े हुए प्रेमी काफी महीनों बाद मिले हों। मैंने भी अब नीता की चूत में धीरे धीरे हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए। नीता की नज़र मेरे ऊपर ही थी, बोली- राहुल भैया, आप कितने अच्छे हो, चुदाई के वक़्त आप और भी अच्छे लगने लगते हो।
मैंने कहा- नीता, तुमने कभी गांड मरवाई है? नीता बोली- नहीं भैया, आज तक नहीं लिया अपनी गांड में कोई भी लंड। नीलू भी एक दो बार कोशिश कर चुका है पर मैं उसे कभी गांड नहीं मारने देती, मुझे कुल मिला के गांड मरवाना अच्छा नहीं लगता।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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