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मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ कई सालों से पढ़ रहा हूँ और कुछ लेखकों की कहानियाँ मुझे अच्छी भी लगती रही हैं.. जो सच के करीब थी और जीवंत थीं।
मैं पिछले दस वर्षों से स्विंगिंग लाइफ स्टाइल में हूँ और इस यात्रा में मेरे कुछ बहुत अच्छे दोस्त बने। यह कहानी मेरी एक ऐसे ही महिला मित्र की है.. जो उसने मुझे बताया था.. जब उसके साथ यह घटना हुई थी।
नाम यकीनन तौर पर काल्पनिक हैं और उसके अलावा सब कुछ यथार्थ सत्य है। मैंने एक कहानीकार के रूप में कथावस्तु से कुछ भी छेड़छाड़ नहीं की है।
उस महिला मित्र के शब्दों को यथावत आपके समक्ष रख रहा हूँ।
जब मैं 32 साल की थी.. तब मेरे साथ यह घटना हुई थी। मैं एक भरे बदन की पंजाबी औरत हूँ.. मुझे इस बात का एहसास है कि लोग मुझे देख कर लोग अन्दर ही अन्दर मस्त होते हैं। मेरे मम्मों का साइज़ 38D.. कमर 36.. और चूतड़ 41″ के हैं।
मेरा दूधिया रंग.. खूबसूरत नाक-नक्श और गुलाबी होंठ.. उन मर्दों के अन्दर वासना भड़का देते हैं।
जैसा कि आपको मालूम है कि हम लोगों ने कुछ सालों से स्विंगिंग लाइफ स्टाइल को अपना लिया है। मेरे पति अमित.. को तो अंग्रेज.. गोरी चमड़ी वाली औरत को चोदना अच्छा लगता है। हम लोग इन विदेशी जोड़ों के साथ पहले भी स्वैपिंग कर चुके हैं।
यह कहानी ऐसे ही विदेशी जोड़े के साथ स्वैपिंग की है.. जिसमें मैं तीन गोरों से चुद गई और उन्होंने जी भरकर मुझे अपनी हवस का शिकार बनाया। वो लोग हम लोगों से दिल्ली के एक पब में मिले थे.. एक जोड़ा था और साथ में उनके एक दोस्त था.. वो लोग भी स्विंगर थे। वहाँ हमारी बात हुई और स्वैप के लिए हम सब लोग तैयार हो गए। उनको मेरा भरा बदन बहुत पसंद आया.. उसके साथ जो उनकी गर्ल-फ्रेंड थी.. वह बहुत फिट.. स्लिम और बहुत सुन्दर थी, उसको देख कर मेरे पति तो बिल्कुल मस्त हो गए।
अगले दिन शाम को मेरे पति मुझे उनके होटल ले गए। मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था कि कहीं दो गोरे मुझ पर भारी न पड़ जाएँ.. लेकिन अमित ने कहा- फिकर न करो यार.. एक ही कमरे में सामूहिक चुदाई होगी.. और मैं वो सब संभाल लूँगा।
उसकी बात सुनकर मैं थोड़ा आश्वस्त हुई.. मैंने एक कैजुअल सी जीन्स और टी-शर्ट पहन ली थी.. जिसमें मेरी बड़ी-बड़ी चूचियाँ अपना डील-डौल खुल कर महसूस करा रही थीं।
हम लोग होटल पहुँचे.. वहाँ लॉबी में वो दो गोरे आदमी.. जिनसे पब में मुलाकात हुई थी.. हमारा इंतज़ार कर रहे थे। मुझे देख कर उनकी आंखों में चमक आ गई।
उन्हें पता था कि मैं आ गई हूँ और थोड़ी देर में उन्हें मेरा नंगा बदन देखने को मिलेगा और उन्हें चोदने को मिलेगा। थोड़ी देर बात करने के बाद हम लोग उनके कमरे की तरफ बढ़े।
मुझे इस बार बड़ा अजीब सा लग रहा था जैसे कोई प्रोफेशनल रंडी चुदने जा रही हो।
हम लोग उनके कमरे में जैसे घुसे वहाँ उनकी खूबसूरत गर्ल-फ्रेंड एक और गोरे आदमी के साथ बैठी थी। तीसरे गोरे को देख कर मुझे झटका लगा.. मेरा रिएक्शन देख कर एक गोरा बोला- ये एक मेहमान है.. जो थोड़ी देर में चला जाएगा।
हम सब सोफे पर बैठ गए.. मेरे साथ वो दोनों गोरे थे और अमित उस गोरी के साथ बैठ गया। उन लोगों ने ड्रिंक्स और स्नैक्स आर्डर किए और भारत और यहाँ घूमने वाली जगहों पर चर्चा होने लगी।
वो गोरी महिला यहाँ के क्लाइमेट और ताजमहल की बातों में लगी थी और वो गोरे बातों से ज्यादा मुझे ही घूर रहे थे। मैंने भी स्नैक्स के साथ जैक डेनियल की वोदका ली और दो पैग के बाद मुझे चढ़ने लगी और मेरा मन करने लगा कि कुछ माहौल के अनुसार मजे किए जाएँ। अमित भी मूड में आ चुका था.. उसने गोरी के चूचियों को उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही पकड़ लिया और दबाने लगा और उसकी गर्दन पर चुम्बन देने लगा था।
अमित को शुरू होते देख कर दोनों गोरों ने मेरी एक-एक चूची को पकड़ लिया और उनको मसलने लगे।
एक ने तो साथ-साथ मेरी चूची को चूमना भी शुरू कर दिया। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.. एक गोरा मेरे बड़े-बड़े निपल्स को भी पकड़ कर रगड़ने लगा था।
तभी दूसरे ने मेरी टी-शर्ट ऊपर खींच दी और मेरी टी-शर्ट मेरे बदन से अलग हो गई। एकदम से मेरी बड़ी-बड़ी चूचियाँ जो अभी तक ब्रा में बंद थीं.. सामने आ गईं.. जिन्हें देख कर दोनों गोरे पागल हो गए और मुझे ‘बिच.. स्लट’ और न जाने किन-किन शब्दों से पुकारने लगे।
फिर उन्होंने मेरी ब्रा भी खोल दी और मेरी चूचियाँ पूरी तरह से नंगी हो कर उनके सामने थिरकने लगीं। मैं पूरी तरह से टॉपलैस हो गई थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उन दोनों ने भी अपनी टी-शर्ट और बरमूडे उतार दिए और मुझे कस कर पकड़ लिया, मेरी चूचियाँ चूसने लगे। मुझे अपनी चूचियाँ चुसवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
मेरे बदन से खेलते हुए उन्होंने मेरी जीन्स भी उतार दी, अब मैं उनके सामने सिर्फ एक रेड पैंटी में थी। एक गोरा मेरे पीछे आया और मेरे चूतड़ चूमने लगा, दूसरे ने अपना अंडरवियर उतार दिया और उसका तना लंड हवा में झूल गया। वो लंड शायद 8 इंच का था और बहुत मोटा था। मेरे पति का इतना मोटा नहीं है.. यहाँ तक कि मैंने इतना मोटा लंड आज तक किसी का भी.. कभी भी नहीं देखा था।
वो दोनों सोफे पर बैठ गए और मुझे इशारों में लंड चूसने का कहा। मैं अपने घुटने के बल झुक कर बैठ गई और उसके मोटे लंड को चूसना शुरू किया। मैं उसके लंड को आधा ही अपने मुँह में ले पा रही थी।
वो मेरे सर पर हाथ रख कर कुतिया की तरह मुझे पुचकार रहा था। दूसरे गोरे के लंड को मैंने अपने हाथ में लिया और उसके लंड को मुठियाने लगी। पहले गोरे ने अपना लंड पूरा का पूरा मेरे मुँह में डालने की कोशिश करना चाही.. लेकिन मेरा हलक उसका लंड चोक करने लगा। मेरे मुँह से थूक बराबर बाहर निकलने लगा।
मैंने सांस लेने की गरज से अपना मुँह उसके लंड से हटाया और दूसरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। इस तरह मैं बारी-बारी से दोनों लौड़ों को चूसने लगी और दोनों गोरे आँख बंद किए जन्नत का मजा लेने लगे।
थोड़ी देर बाद मुझे सोफे के किनारे पर मुझे लिटा दिया और मेरी पैंटी उतार दी। उन दोनों में से किसी एक ने मेरी भारी जाँघों को फैला दिया।
अब मेरी चूत उन दोनों अजनबी गोरों के सामने खुली पड़ी थी। मैंने इधर-उधर नज़र दौड़ाई.. लेकिन अमित नज़र नहीं आया.. वो उस गोरी को लेकर बगल के कमरे में चला गया था। मुझे नशा चढ़ रहा था और कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
एक गोरे ने अपना मुँह मेरी चूत में डाल दिया और चूसने लगा और साथ में मेरी चूत में उंगली भी डालने लगा। दूसरा मेरे बगल में खड़ा हो गया और अपना खड़ा लंड मेरे मुँह में डाल कर मेरे मुँह को चोदने लगा। उसका लंड इतना कड़क था कि मेरे दांत उसके लंड को रगड़ रहे थे। वो बराबर मुझे अपना मुँह और खोलने के लिए कह रहा था। मैं उसी हालत में अपना मुँह उस बड़े लंड से चुदवाती रही।
नीचे मेरी चूत जीभ से चुद रही थी.. ऊपर मुँह को लण्ड चोद रहा था।
इसी बीच मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.. जो गोरा मुझे मुँह में चोद रहा था.. उस पर कोई असर नहीं हुआ था.. वो झड़ ही नहीं रहा था.. ऐसी तगड़ी स्टैमिना वाला मर्द पहली बार मैंने देखा था।
मेरे पानी छोड़ने पर चूत छोड़ कर नीचे वाला गोरा मेरे पास आ गया और अपना लंड चुसवाने लगा।
मोटे लंड वाले ने उसकी जगह ले ली और मेरी चूत को चाटने लगा।
फिर उन्होंने मुझे बिस्तर पर ले जाकर उल्टा लेटा कर कुतिया बना दिया। मेरी चूत तब तक गरम और गीली हो कर चुदने को तैयार हो चुकी थी।
मोटे लंड वाले गोरे ने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और पीछे से आकर मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वो धीरे धक्के लगा रहा था.. उसको अपने बड़े और मोटे लंड का एहसास था और वह हर दो-तीन मिनट बाद कस कर मेरी चूत में धक्का मारता था। उसका हर धक्का मुझे मस्ती दे रहा था। दूसरा गोरा मेरे सामने पहले नंगा बैठा रहा.. फिर आगे आया और मैं उसके लंड और उसके पोतों को चाटने लगी।
मेरे कमर तक के लम्बे बाल खुल चुके थे और उनको पीछे वाला गोरा पकड़े हुए था। मुझे बहुत ही सब कुछ मस्त लग रहा था और मैं जम कर अपनी चुदाई का मजा ले रही थी।
इतने में मुझ एहसास हुआ कोई हाथ मेरी चूचियों को जोर से मसल रहा है.. मैंने बगल में देखा कि तीसरा वाला गोरा.. जो अब तक मेरी नज़र से ओझल था और जिसको मैं चला गया हुआ मान चुकी थी.. वह नंगा अपना लंड खड़ा किए मुस्करा रहा था।
मैं बिल्कुल भी समझ नहीं पा रही थी। एक तो वोदका का नशा था.. दूसरा चुदाई का नशा और तीसरा झटका ये कि तीसरे के लिए मैं तैयार ही नहीं थी।
जब मोटे लंड वाला मुझे चोद चुका.. वो झड़ गया था.. तब वो बिस्तर के किनारे बैठ गया और सामने वाला उसकी जगह आ गया। उसने भी मुझे कुतिया ही बनाए रखा और मुझे चोदने लगा, मुझे उससे से चुदवाने में भी उतना ही मजा आ रहा था।
तीसरे गोरे ने और पास आकर मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया.. मैंने बड़े अनमने मन से उसका लंड हाथ में लिया.. क्योंकि एक तो मैं चूत में धक्के खा रही थी और दूसरे मैं तीसरे को मानसिक रूप से स्वीकार नहीं कर पा रही थी।
जब उसका लंड मेरी हथेली में आया तो एहसास हुआ कि इसका तो लंड उन दोनों गोरों से भी बड़ा और मोटा था। बिल्कुल ब्लू-फ़िल्म में दिखने वाले पोर्न स्टार के जैसा लवड़ा था। वह आदमी गंजा था और उसकी निगाहें और देखने का ढंग बड़ा ज़ालिम था।
मुझे अब चुदाई ज्यादा भारी पड़ रही थी, मैं थक गई थी।
दूसरे गोरा जब कस कर मेरी चूत में धक्के मारने लगा.. तब मैं समझ गई कि वह झड़ने वाला है और जब वो झड़ा तब मैं मानसिक रूप से थक गई थी और उसके हटते ही मैंने उठना चाहा.. लेकिन तभी तीसरे वाले ने मेरी कमर पकड़ ली और बिना कंडोम के मेरी बिलबिलाई चूत में अपना मोटा मुसंड लंड डाल दिया।
अब मैं अपने पति अमित को कोसने लगी और मैंने उसको रोकने की कोशिश की। मैं ‘स्टॉप स्टॉप’ कहती रही.. लेकिन उसको भी शराब चढ़ी हुई थी और वो मुझे बेदर्दी से जबर्दस्ती चोदने लगा।
वो मेरे इंकार को देख कर जल्दी ही झड़ गया.. लेकिन झड़ने से पहले उसने लंड मेरी चूत से निकाल लिया था।
इस जबर्दस्त चुदाई के बाद मेरा मन वहाँ से जाने का कर रहा था.. लेकिन उन्होंने एक और ड्रिंक लेने को कहा.. जो मना करने के बाद भी मैंने एक गिलास व्हिस्की का ले लिया।
वो लोग मुझे मनाने लगे.. कहने लगे- यू आर ए ग्रेट स्लट.. लेट्स फ़क मोर..
पहले वाले गोरे ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और अपने तब तक खड़े हो चुके लंड पर बैठा दिया। मैं उसके ऊपर झूलने लगी.. मेरी बड़ी-बड़ी चूचियाँ इधर-उधर झूलने लगी थीं। मेरे लम्बे बाल पूरी तरह बहके हुए थे और उस वक्त वहाँ का दृश्य बिल्कुल मादक था।
बाक़ी दोनों अगल-बगल आ गए और मेरे हाथ में दोनों ने अपने लंड पकड़ा दिए। इसी बीच तीसरे गोरे ने मेरी गांड में उंगली डाल दी.. जिसको मैंने नाराजगी से मना कर दिया.. जिस पर वह मान गया। मैं तब तक पहले वाले के लंड पर कूदते हुए थक गई थी.. मेरी हालत देख कर नीचे वाला मेरे नीचे से हट गया और उसकी जगह दूसरा लेट गया और मुझे चूमता हुआ मुझे अपने लंड पर चढ़ा दिया।
अब यह चुदाई मेरी सीमा से बाहर की हो चुकी थी.. मेरी चूत दर्द से परपराने लगी थी और मेरे निप्पल सूज गए थे।
थोड़ी देर बाद दूसरा भी झड़ गया.. जब वो हाँफ रहा था और मैं उसके ऊपर गिरी हुई थी.. और बस इस कहानी को खत्म करना चाहती थी.. तभी तीसरे वाले ने कंडोम में भरे हुए वीर्य को मेरे चेहरे पर डाल दिया और अपना लंड मेरे मुँह को दबा खोल कर डाल दिया।
वो मेरे मुँह को ही चोदने लगा.. उसका इतना मोटा लंड था कि उसका आधा लंड मुँह में समाना ही किसी औरत के बस की बात नहीं थी।
वो हवस में पूरा लंड मेरे गले तक देना चाहता था। वो मेरा गला बिल्कुल चोक कर रहा था और मेरा थूक मेरे मुँह से पानी की तरह बाहर आ रहा था।
वो कसके मेरा सर पकड़ कर मेरा मुँह चोद रहा था और मैं केवल चुद रही थी। उसके जब झड़ने का समय आया.. तब उसने मेरे मुँह में ही अपना पानी निकाल दिया और मैं कुछ भी नहीं कर सकी।
उसने अपना लंड मेरे मुँह में ही झाड़ दिया। मुझे लगा मैं इन तीनों गोरों की पर्सनल रांड बन चुकी हूँ।
इसके बाद मिशनरी पोजीशन में मेरी चूत को इन तीनों ने बारी-बारी चोदा.. मैं अब बिल्कुल शिथिल हो चुकी थी और कुछ भी सोचने-समझने की स्थिति में नहीं थी। इसके बाद तीनों ने अपनी गांड और उसके छेद को मुझसे चाटने को कहा.. जो मैंने किया।
जब तीनों आखिरी बार झड़े तो मेरे चेहरे पर अपना पानी डाल दिया। इस सबके बाद मेरा बदन.. और मेरा मन थक चुका था। उनका झड़ा हुआ पानी मेरे ऊपर लगा था और मेरे बाल उन सबके माल से सने हुए थे। मुझमें चलने की भी हिम्मत नहीं थी.. कपड़े पहनने की कोशिश भी नहीं कर पा रही थी। वो तीनों गोरे हँस रहे थे और मैं वैसे ही चादर को अपने ऊपर डाल कर सो गई।
उन तीनों गोरों ने जो किया.. वो मैं जीवन भर भूल नहीं सकती। सोचा था कि कभी नहीं करूँगी.. लेकिन एक साल बाद फिर मन कर रहा है कि वो तीनों फिर आ जाएँ और मेरी फ़ुद्दी फाड़ दें।
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