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नमस्कार मेरे प्यारे दोस्तो.. मेरा नाम बन्टी है मेरी उम्र 26 साल है लम्बाई 5 फुट और 9 इंच है। मेरे परिवार में बड़े भाई और भाभी हैं.. जो कि लखनऊ में रहते हैं। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से एम.एस.सी. किया हुआ है और आज कल दिल्ली में रहता हूँ।
मैं 2009 से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।
बात 2011 की है.. मैं अपने माता-पिता और भाई-भाभी के साथ लखनऊ में रहा करता था। लेकिन मेरी जिंदगी में भूचाल तब आया.. जब मेरे पिता की एक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई तथा उसी के 3 महीने के बाद ही मेरी माता जी की भी हार्ट फेल ही जाने की वजह से मृत्यु हो गई।
अब मेरे परिवार में भाई-भाभी और मैं रह गया.. लेकिन कुछ समय के बाद ही हम लोगों में अनबन रहने लगी.. जिसकी वजह से मुझको 2013 में अपने घर से बिना बताए ही अलग होना पड़ा और मैं अपने एक दोस्त के पास दिल्ली लक्ष्मी नगर में रहने लगा और अपनी नौकरी की तलाश में लग गया.. लेकिन कहीं भी मेरी नौकरी नहीं लग रही थी और पैसे भी ख़त्म ही रहे थे।
एक दिन राजीव चौक के पास मैं एक कंपनी में इंटरव्यू के लिए गया और हमेशा की तरह यहाँ से भी मैं बिना नौकरी के ही बाहर आया।
अब शाम के 8 बज चुके थे और मैं रोड पर आकर एक बैंच पर बैठ गया और अपने गले में रूमाल डाल कर सोचने लगा कि अब आगे क्या करना है।
तभी एक डस्टर कार मेरे सामने आ कर रुकी और देखा कि कोई 31-32 साल की शादी-शुदा युवती थी। जैसे ही उसने अपनी कार का शीशा नीचे किया.. मैं उसको देखते ही खड़ा हो गया, शीशे के अन्दर झांकने लगा। उस युवती ने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी.. जो उसकी नाभि के नीचे से बंधी हुई थी और चेहरे पर बहुत हल्का सा श्रृंगार और बहुत हल्की सी लिपिस्टिक अपने होंठों पर लगाई हुई थी। वह किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी।
उसने मुझको जोर से आवाज़ लगा कर पूछा- मुझको प्रीत विहार जाना है, क्या आप मुझको रास्ता बता सकते हैं?
मैंने आगे बढ़ कर उसको रास्ता बता दिया.. साथ ही साथ उससे कहा- क्या आप मुझको लक्ष्मी नगर तक लिफ्ट दे सकती हैं? क्योंकि लक्ष्मी नगर प्रीत विहार के रास्ते में ही पड़ता है। और उसने हल्की सी मुस्कान के साथ अपनी कार का गेट खोल दिया। फिर उसके साथ वाली सीट पर बैठ कर हम लोग प्रीत विहार की तरफ चल दिए।
रास्ते में उसने अपना नाम जूही (काल्पनिक नाम) बताया और यह भी बताया कि उसके दिल्ली में 6 कॉल सेंटर है और उसके पति हमेशा बिज़नेस के सिलसिले में देश के बाहर ही रहते हैं, आजकल भी अमेरिका गए हुए हैं।
उसके इतना बताते ही मेरी आँखों में चमक आ गई.. क्योंकि मुझको लगने लगा कि अब मेरी इसके कॉल सेंटर में जॉब लग सकती है।
फिर जूही ने मेरे बारे में पूछा तो मैंने उसको उदास हो कर बताया- मैं यहाँ दिल्ली में अपनी नौकरी की तलाश कर रहा हूँ.. पर अभी तक मुझको कहीं भी नौकरी नहीं मिली है। फिर जूही ने कातिल मुस्कान के साथ कहा- चलो आज मेरे घर.. आज ही तुमको नौकरी पर रख लेते हैं। मैं ख़ुशी-ख़ुशी उसके घर की तरफ चल दिया।
हम लोग घर पहुँच चुके थे जो कि एक आलीशान बंगला था। वॉचमैन ने हम लोगों के लिए गेट खोल दिया और जूही कार ले कर अन्दर आ गई। जूही ने मुझको बैठने का इशारा किया और बोली- मैं अभी चेंज करके आती हूँ..
जब वो कुछ समय के बाद वापस आई तो मैं उसको देखता ही रह गया। उसने एक बहुत प्यारी सी नाइटी पहनी हुई थी जिसमें कि जूही का 32-28-30 का फिगर साफ़-साफ़ समझ में आ रहा था.. लेकिन मैं वहाँ अपनी नौकरी की आस में आया था.. सो चुपचाप बैठा रहा।
फिर उसने खनकती आवाज़ ने मुझसे कहा- क्या आप मेरे साथ ड्रिंक करना चाहेंगे।
मैंने भी अपना सिर ‘हाँ’ में हिला दिया। उसके बाद वो सिग्नेचर की एक बोतल गिलास और स्नैक्स ले कर आ गई और हम लोगों पैग लगाने शुरू किए। लेकिन जूही को 2-3 पैग में ही नशा होने लगा और अचानक से जूही मेरी गोदी में आ कर बैठ गई। लेकिन मैं नौकरी के लालच में शांत बैठा रहा और अपनी वासना पर काबू किए रहा.. जो कि बहुत मुश्किल हो रहा था।
जूही ने नाइटी में से अपना एक दूध निकाल कर मेरे मुँह पर रख दिया। अब मुझको एहसास हो गया था कि आज मेरा यहाँ पर जबर चोदन होना पक्का है.. इसलिए मैंने भी मजे करना ही ठीक समझा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
फिर हम लोगों ने एक लम्बा चुम्बन किया.. जो 10 मिनट तक चला। उसके बाद मैंने जूही को गोद में उठाया और उसके इशारे के साथ-साथ चलने लगा.. जो उसके बैडरूम में पहुँच गया। वहाँ ले जाकर मैंने उसको बिस्तर पर पटक दिया, फिर उसकी नाइटी को उसके घुटने से ऊपर तक ले गया, उसने अन्दर पैंटी नहीं पहनी हुई थी.. चूत भी बिल्कुल साफ़ नजर आ रही थी.. जैसे कि आज ही उसकी शेव की गई हो। ऐसी चूत को देख कर तुरंत मैंने अपने मुँह में रख लिया और जोर-जोर से जूही की चूत को चूसने लगा, एक उंगली चूत में घुसा कर हिलाने लगा..
जूही भी मेरा साथ देने लगी और अपने हाथों से मेरा सिर अपनी चूत में दबाए जा रही थी। दस मिनट की चुसाई के बाद जूही का शरीर अकड़ गया और उसने पूरा पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया.. जिसको मैंने अच्छे से पी कर चूत के इलाके की सफाई कर दी।
मैं उसके बराबर में लेट गया और उसके दूध चूसने लगा और हाथों से उसकी नाइटी को उतारने लगा, वो मेरे सामने सिर्फ लाल रंग की ब्रा में ही थी। फिर मैंने उसको चुम्बन करना शुरू किया और कुछ ही समय में वो फिर से जोश में आ गई। फिर उसने मेरे एक-एक करके सारे कपड़े उतार दिए।
अब मैं उसके सामने सिर्फ अंडरवियर में था.. जूही ने अपने हाथ से मेरा लण्ड निकाला और चूसने लगी। वो बहुत प्यार से मेरे लण्ड को चूस रही थी। कुछ समय के बाद मेरा सारा पानी उसके मुँह में ही निकल गया और वो मेरा पूरा पानी पी गई और मेरे लण्ड की अच्छे से सफाई भी कर दी।
मैं निढाल हो कर उसके बराबर में ही लेट गया और उसको दूधों के साथ खेलने लगा, कुछ ही समय में उसके निप्पल कड़क हो गए। अब जूही बोली- मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. कैसे भी मेरी प्यास को शांत करो।
फिर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा जो कि बहुत ही ज्यादा गीली थी। जैसे ही मैंने अपने लण्ड को झटका दिया मेरा लण्ड फिसल कर साइड में चला गया। शायद जूही की चूत बहुत ही ज्यादा टाइट थी.. जिसकी वजह से मेरा लण्ड बार-बार फिसल रहा था।
लेकिन फिर जूही ने अपने हाथ से मेरे लण्ड को अपनी चूत पर सैट किया और धक्का लगाने को कहा। मैंने भी एक जोरदार धक्का उसकी चूत पर लगा दिया.. जिससे कि मेरे लण्ड का टोपा उसकी चूत में फंस गया और जूही के मुँह से बहुत जोरदार चीख बाहर आ गई। मैंने तुरंत उसके मुँह को अपने मुँह से बंद कर दिया और चुम्बन करने लगा।
जब उसका दर्द कुछ कम हो गया.. तो मैंने हल्के-हल्के झटकों से अपना पूरा लण्ड जूही की चूत में डाल दिया। मेरे इस प्रहार से उसकी आँखों से लगातार आंसू निकल रहे थे.. लेकिन मैं अपने धक्के हल्के-हल्के लगाए जा रहा था।
थोड़ी देर के बाद वो भी अपनी गाण्ड हिला-हिला कर मेरा साथ देने लगी, वो लगातार बोले जा रही थी- आज मेरी चूत की प्यास बुझा दो.. बहुत दिनों से ये चूत प्यासी है..
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उससे कहा- मेरा अब निकलने वाला है.. जूही ने कहा- मेरी चूत में ही निकालो.. मैं तुम्हारा रस अपनी चूत में ही लेना चाहती हूँ। फिर 15-20 झटकों के बाद मैं और जूही साथ साथ झड़ गए।
उस रात मैंने उसकी 3 बार चूत मारी और फिर हम लोग 2 बजे बिना कपड़े पहने नंगे ही सो गए। सुबह जूही ने मुझको 11 बजे जगाया और कहा- आप जा कर फ्रेश हो जाएं.. मैं नाश्ता लगा रही हूँ।
उस समय उसने ग्रे कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वो उस समय भी बहुत गजब की लग रही थी। लेकिन मैंने खुद को काबू में रखा और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चला गया। फ्रेश होने के बाद हम लोगों ने साथ-साथ नाश्ता किया और फिर आया मेरे वापस आने का समय।
अब जूही ने मुझको एक विजिटिंग कार्ड दिया और कहा- इस पते पर चले जाओ.. तुम्हारी नौकरी तुम्हारा इंतजार कर रही है। साथ ही साथ जूही ने मुझको 4000 रूपए भी दिए और फिर लंबी किस के बाद मैं उस बंगले से बाहर आ गया। आज चार साल बाद भी जूही के साथ मेरे बहुत अच्छे सम्बन्ध है।
तो दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची कहानी।
आगे मैं आप लोगों को बताऊँगा कि कैसे जूही ने अपनी बहन और अपनी 3 सहेलियों को भी मुझसे चुदवाया।
प्लीज़ मुझको ईमेल करके बताइए कि मेरी सच्ची कहानी आप लोगों को कैसी लगी और कृप्या जूही के बारे में कोई भी जानकारी हासिल करने के लिए ईमेल न करें क्योंकि जूही की पहचान को छिपाना मेरी जिम्मेदारी है।
कोई गलती हुई हो तो उसके लिए माफ़ कीजिएगा। [email protected]
कहानी का अगला भाग : गरीबी ने चूत और नौकरी दोनों दिलाई-2
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