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अब तक आपने पढ़ा..
सन्नी- आओ आओ.. मेरे दोस्तो.. आज तो उस साले को जलील करके मज़ा आ गया.. टोनी- बॉस क्या बताऊँ.. आज तो साली कयामत लग रही थी.. उस साले पुलिस वाले ने जीप के अन्दर तो उसके बहुत मज़े लिए होंगे.. सन्नी- कुछ मज़े नहीं लिए.. बस उसके जिस्म को छूकर देखा है.. उसको इतने ही काम का कहा था मैंने.. साले कुत्ते ने इतने से काम के 20000 ले लिए।
टोनी- मानना पड़ेगा बॉस आपको.. कहाँ कहाँ अपने सैटिंग बना रखी है और ये एसीपी कहाँ से ले आए आप..? सन्नी- ये कोई एसीपी नहीं.. मेरा दोस्त है.. अब ये भी हमारे साथ उस रंडी के मज़े लेगा। अर्जुन- यार सन्नी उसको रंडी मत बोलो.. उसको तो मैं चोदने के बाद रंडी बनाऊँगा.. हा हा हा हा..।
अब आगे..
अर्जुन के साथ साथ दोनों भी हँसने लग गए।
टोनी- बॉस अपने कैसे उसको कल के लिए मना लिया.. मज़ा आ गया.. अब बस ये बता दो कि मैं जीत कर पहले उसको चोदूँगा ना.. सन्नी- चुप कर साले.. मेहनत मैं करूँ.. और फल तू खाए.. पहले मैं जाऊँगा.. उसके बाद तुम और तेरे वो चमचे जाएँगे लास्ट में अर्जुन करेगा उस कुतिया की चुदाई।
टोनी- अरे हम सब चोद देंगे तो उसकी चूत का भोसड़ा बन जाएगा.. बेचारे अर्जुन को क्या मज़ा आएगा? सन्नी- साले.. अगर ये पहले गया ना.. तो जरूर हम में से किसी को मज़ा नहीं आएगा.. इसका लौड़ा नहीं बांस है.. इसलिए इसको लास्ट में ही चान्स देना ठीक रहेगा.. वैसे भी इसके जाने के बाद हमारा नंबर कहाँ आने वाला है।
अर्जुन- सही कहा सन्नी.. तुम सब जल्दी निपट लेना.. उसके बाद असली चुदाई तो मैं करूँगा उस साली की.. कसम से लौड़ा अभी से उसके लिए खड़ा हो गया है.. ना जाने ये रात कब बीतेगी। टोनी- बॉस एक बात समझ नहीं आई.. गेम तो मेरे और पुनीत के बीच में है.. तो आप कैसे पहले चोदोगे.. और पुनीत तो आपका दोस्त है..
सन्नी- साले हर चीज़ का एक टाइम होता है.. कल क्या करना है.. अब सुन ले अच्छे से.. मैं कैसे पहले जाऊँगा ये प्लान को तुझे अंजाम देना है। सन्नी उनको समझने लगा कि कैसे कल सब काम करना है और उसने अर्जुन को भी कुछ बातें समझा दीं।
उधर पुनीत गाड़ी में बैठा ही था कि पायल उस पर बरस पड़ी।
पायल- भाई ये क्या नाटक है.. हाँ आपकी वजह से आज मेरी कितनी बेइज़्ज़ती हुई.. आप ऐसे ही शहर में पुनीत खन्ना का ढोल पीटते हो क्या.. एक मामूली पुलिस वाले को नहीं समझा सके और आपके ही दोस्त की एसीपी तक से पहचान है। पुनीत- सॉरी पायल.. ऐसी बात नहीं है मैं क्यों पुलिस से पहचान रखूँ.. पापा की तो बहुत पहचान है.. अब ऐसी हालत में हम दोनों को उसने पकड़ा था। तुम समझ सकती हो पापा तक यह बात चली जाती तो गड़बड़ होती.. नहीं तो मैं उस कुत्ते को दो घूंसे लगा देता।
पायल- हाँ भाई यही सोच कर तो मैं चुप थी.. वरना उस कमीने ने जब मेरे मैंगोज को टच किया.. उसी टाइम उसको धक्का मार देती। पुनीत- यार पायल गाड़ी में उसने कुछ गलत तो नहीं किया ना? पायल- कुछ नहीं बस मुझे गोद में बैठा कर मेरे मम्मों को दबाया और गंदी बातें कीं।
पुनीत- उसकी ये हिम्मत.. कल तू देखना थाने जाकर साले को जलील करूँगा। पायल- अब बस रहने दो.. कोई जरूरत नहीं है.. और अपने कल फार्म पर जाने का प्रोग्राम किससे पूछ कर बनाया है? पुनीत- यार प्लीज़.. अब तुम कोई नाटक मत करना.. मैंने तुम्हें सब बताया हुआ है.. अब मेरी ज़ुबान तेरे हाथ में है। उस टोनी ने तेरे साथ जो सुलूक किया उसका बदला लेना है।
पायल- अच्छा एक बात बताओ.. आप जीत जाओगे.. तो टोनी की बहन को सब मिलकर चोदेंगे.. तो मैं वहाँ अकेले बैठ कर क्या करूँगी? पुनीत- अरे तुझे वापस घर भेज दूँगा.. वहाँ थोड़ी रहने दूँगा.. वहाँ तो उस कुत्ते की बहन की चीर-फाड़ मचेगी.. साला बहुत अकड़ता है। पायल- कहीं आप हार गए तो मेरी खैर नहीं वहाँ पर.. आपका खास दोस्त सन्नी भी मेरी चुदाई करेगा क्या? पुनीत- मुझे नहीं लगता सन्नी ऐसा करेगा.. बस वो तीन कुत्ते ही करेंगे.. मगर तू ऐसा सोच क्यों रही है.. मैं हारूँगा ही नहीं यार..
पायल ने कुछ सोचा फिर चुप हो गई क्योंकि पार्टी में सन्नी भी उससे बहुत चिपक के मज़े ले रहा था। उसको पता था कि अगर उसको मौका मिला तो वो जरूर उसको चोदेगा। ऐसे ही बातें करते हुए वो दोनों घर पहुँच गए और नशे और थकान के कारण दोनों सो गए। उधर रॉनी भी देर रात को घर आ गया था और आते ही सो गया था।
दोस्तो, अब जिस गेम के लिए यह कहानी शुरू हुई है.. उसका टाइम आ गया है। बस अब कल सूरज किसकी जिंदगी में क्या तूफान लाएगा.. वो तो अब कल ही पता लगेगा.. तो आओ हम सब कल क्या होता है वो देख लेते हैं।
रात की थकान ऐसी थी कि सभी देर तक सोते रहे.. दोपहर बीत जाने पर वो लोग उठे और फार्म पर जाने की तैयारी करने लग गए।
उधर अर्जुन ने भाभी और निधि को समझा दिया- आज उसको किसी काम से जाना होगा.. तो कल ही वापस आ पाऊँगा.. तुम दोनों अपना ख्याल रखना।
इधर..
रॉनी- भाई मैं वो कुर्ता ले आया हूँ पायल के लिए.. पायल- कैसा कुर्ता.. मैं कुछ समझी नहीं क्या करना है उसका? पुनीत- अरे मैंने तुम्हें बताया था ना.. सन्नी ने हमको आइडिया दिया.. अगर एक-दो राउंड में हार भी जाऊँ.. तो तुम्हारा जिस्म कोई देख ना पाए। पायल- वो कैसे भाई.. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा..
पुनीत- देख मान ले एक बार मैं हार गया.. तो तू अपनी जींस निकाल देना.. ये कुर्ता इतना लंबा है.. कि तेरे घुटने तक रहेगा.. तो जींस निकल जाने के बाद भी तू सेफ रहेगी। पायल- हाँ समझ गई.. अब दूसरी बार मैं आप मुझे पैन्टी निकालने को कहोगे यही ना? यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
पायल ने यह बात जल्दी से बोली.. मगर जैसे ही उसका ध्यान रॉनी की तरफ़ गया उसको बहुत शर्म आई और उसने अपने चेहरे पर हाथ लगा लिया।
पुनीत- हाँ सही कहा तूने और ये शर्माना छोड़.. रॉनी सब जानता है कि वहाँ क्या होने वाला है। रॉनी- भाई, एक बात कहूँ.. एक बार और सोच लो.. वहाँ जाकर कहीं आपको पछताना ना पड़े.. पायल कोई ऐरी-गैरी लड़की नहीं है.. बहन है आपकी.. पुनीत- अरे कुछ नहीं होगा और ऐसा क्यों बोल रहा है.. ये क्या सिर्फ़ मेरी बहन है.. तेरी कुछ नहीं क्या?
रॉनी- सारे फैसले आपके.. बहन आपकी.. मुझे बीच में मत लाओ.. आप अगर मेरी बहन होती तो मैं ऐसी शर्त कभी ना लगाता। पुनीत- अच्छा अच्छा.. ज़्यादा जज्बाती ना हो.. निकलने की तैयारी कर और हाँ तू अलग गाड़ी में आना.. आते समय मुनिया को भी साथ ले आना.. वहाँ पर थोड़ा मनोरंजन उसके साथ भी कर लेंगे।
पायल- ये मुनिया कौन है भाई? पुनीत- अरे गाँव की एक लड़की है.. घर के काम करती है। पायल- भाई आप कितनी लड़कियों को जानते हो.. पहले तो आप ऐसे ना थे। रॉनी- पहले तुम भी कहाँ इतनी ओपन थीं इसके साथ.. अब जब ओपन हुई हो तो आगे-आगे देखो क्या-क्या होता है तुम्हारे साथ?
रॉनी की बात सुनकर पायल और पुनीत दोनों अचम्भित हो गए। उनको लगा जैसे उसके सामने उनका राज फास हो गया हो.. मगर दोनों ने कुछ नहीं कहा और वहाँ से निकलने की तैयारी में लग गए।
उधर सन्नी सीधा अर्जुन के पास गया.. उसको साथ लेकर टोनी के पास पहुँचा.. जहाँ वो तीनों के साथ कोमल भी मौजूद थी। टोनी ने उसको सारा गेम समझा दिया कि कैसे सब करना है और सन्नी के बारे में भी सब कुछ बता दिया।
कोमल ने लाइट पिंक स्लीब लैस टॉप और ब्लैक शॉर्ट स्कर्ट पहना हुआ था.. जिसमें उसका यौवन और भी अच्छा लग रहा था। सन्नी- वाह यार.. टोनी तेरी बहन तो बड़ी सेक्सी बन कर आई है.. साला पुनीत तो इसको देख कर ही घायल हो जाएगा। टोनी- क्या बॉस.. कुछ भी मत बोलो.. ये साली रंडी मेरी बहन कैसे हुई?
कोमल- अबे ओ भड़वे.. रंडी होगी तेरी माँ.. साले बहनचोद.. मैंने पहले भी कहा था.. मुझे गाली मत देना.. नहीं तो अच्छा नहीं होगा। सन्नी- अरे लड़ो मत तुम दोनों.. मेरे कहने का मतलब है नाटक में तो ये तुम्हारी बहन का किरदार निभा रही है ना। टोनी- हाँ सही कहा बॉस.. ओके मेरी प्यारी बहनियां मुझसे ग़लती हो गई.. माफ़ कर दो मुझे..
कोमल- अच्छा ठीक है.. ठीक है.. ये नया मुर्गा कौन है.. पहले तो नहीं देखा मैंने कभी.. ये कुछ बोल क्यों नहीं रहा.. गूंगा है क्या? अर्जुन- मेरा नाम अर्जुन है और मैं तुम्हें देख कर तुम्हारे हुस्न में खो गया था.. इसलिए चुप था। कोमल- तेरे जैसे मुझे देख कर ऐसे ही सपनों की दुनिया में खो जाते हैं मगर ये कोमल ऐसे ही किसी के हाथ नहीं आती.. समझे.. सन्नी- कोमल इससे पंगा मत ले.. नहीं तो फार्म पर तू लंगड़ाती हुई जाएगी.. ये तेरी चाल बदल देगा।
कोमल बड़ी अदा के साथ अर्जुन के पास जाकर खड़ी हो गई और उसकी पैन्ट के उभार को देखते हुए बोली- अच्छा.. ऐसा क्या खास है इसके पास.. जो मेरी चाल ही बदल देगा।
आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है, बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ। कहानी जारी है। [email protected]
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