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इस पोर्न कहानी के पिछले भाग रेलगाड़ी में टीटी ने हम दो सहेलियों को चोदा-1 में अब तक आपने पढ़ा..
हम दोनों ने टीटी की बात मान ली.. मैंने टीटी को आवाज़ लगाई। शायद टीटी जानता था कि ये लड़कियाँ आवाज़ देंगी.. वो एक आवाज में ही भागता हुआ हमारे पास आया और बोला- चलो रेलवे पुलिस के पास.. मैंने कहा- सर हम आपके साथ टाइम गुजारेंगे। उसने हँस कर कहा- शाबाश.. थोड़ी देर में ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी उसने कहा- यहाँ पर ट्रेन 10 मिनट रुकेगी.. फिर इसके बाद सीधा सुबह ही रुकेगी। ट्रेन में एक कोच सामान का होता है.. वो हमे वहाँ ले गया।
अब आगे..
जैसे ही ट्रेन चली.. टीटी आया और हमसे कहा- मैं तुम दोनों को बारी-बारी से चोदूँगा.. पहले साक्षी की चूत चुदने बारी थी.. मैं बगल में खड़ी थी।
उसने साक्षी से नंगी होने को कहा.. वो नंगी हो गई। कुछ ही देर में वो भी नंगा हो गया और साक्षी को पकड़कर चूमने लगा। हम दोनों तो चुदाई में एक्सपीरियेन्स होल्डर हैं..
उसने पहले तो साक्षी का पूरा बदन चूमा..फिर उसने चादर निकाल कर ट्रेन के फ्रेश पर बिछा दी और कहा- लेट जा मेरी जान.. उसने अपना फड़फड़ाता हुआ लंड साक्षी के मुँह में दे दिया और कहा- ले चूस. हम दोनों ने उससे हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट की- जाने दो सर.. प्लीज़.. पर वो भी पूरा वाला था.. उसने कहा- साली तुम दोनों बहुत बड़ी वाली रंडी हो..
साक्षी की चूत को देखकर उसने कहा- साली.. तुम तो पक्की चुदक्कड़ दिखती हो.. नहीं तो 22 साल की उम्र में चूत का भोसड़ा नहीं हो जाता है.. अब चल नाटक मत कर.. खुल कर चुद.. अब साक्षी चुपचाप उसका पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।
वो भी लौड़े को मुँह के अन्दर-बाहर करके मज़े से लण्ड चुसा रहा था..।
थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला और साक्षी को चूमने लगा। अब उसने साक्षी के मम्मों को चूसना चालू कर दिया.. वो बड़ी बेरहमी से मम्मों को मसल रहा था। साक्षी को दर्द हो रहा था.. पर हम क्या करते।
अब उसने साक्षी की चूत चूसी.. उसने चूत का लाल दाना चूसने के लिए चूत को बहुत खींचा.. जिससे चूत लाल हो गई। चूस चूसने के बाद उसने कहा- चल सीधी लेट जा साली रंडी।
साक्षी सीधी लेट गई.. उसने अपना करीब 7.5 इंच का लंड साक्षी की चूत में एक ही धक्के में पूरा पेल दिया। हम लोग यूँ तो चुदाई की अनुभवी हैं.. तब भी साक्षी को ज़्यादा दर्द तो नहीं हुआ पर उसके मुँह से एक कराह निकल गई- आययईईई..
अब वो टीटी साक्षी के ऊपर चढ़कर ताबड़तोड़ हमले कर रहा था.. साथ ही गालियाँ भी दे रहा था- मादरचोदी साली रंडी.. आज तेरी चूत फाड़ दूँगा.. वो बिना रुके धक्के मार रहा था। साक्षी भी चिल्ला रही थी- आआअह.. ओहाआअ.. उउफफ..
क्योंकि चूत तो चूत ही होती है.. कितना ही क्यूँ न चुद चुकी हो.. लंड डालने में ही दर्द होता ही है। वो तो लगातार चोद रहा था.. उसने ऐसे ही साक्षी को करीब 10 मिनट तक धकापेल चोदा।
इस एक राउंड में साक्षी झड़ गई थी। उसकी चूत से सफ़ेद पानी निकलने लगा था..पर टीटी साल अब तक नहीं झड़ा था। टीटी हांफते हुए बोला- बस निकल गई एक बार में ही..
वो अपने लंड को सहला रहा था.. मैंने साक्षी को रूमाल दिया कि वो अपना माल पोंछ ले.. उसे पोंछने के बाद साक्षी अपनी पैन्टी पहनने लगी तो टीटी ने कहा- अभी रुक.. अभी और चोदूँगा।
अब उसने साक्षी को डॉगी स्टाइल में आने को कहा और उसके पीछे से आकर साक्षी की चूत में अपना लंड पेल दिया और फ़िर से ‘दे..दनादन’ ठोकने लगा। करीब 10 मिनट बाद उसने उसको छोड़ा।
फिर वो सीधा लेट गया और साक्षी को ऊपर आने कहा और साक्षी उसके ऊपर आकर खुद अपनी चूत में धक्के लेने लगी थी। शायद इस बार साक्षी को दर्द भो हो रहा था.. उसने फिर साक्षी को अपने नीचे लिटाया और ऊपर चढ़कर ‘दे..दनादन’ ठोकने लगा।
साक्षी भी अब थक चुकी थी और उसे दर्द हो रहा था.. पर वो कमीना कहाँ मानने वाला था वो तो उसे चोदे ही जा रहा था। कुछ देर बाद उसका भी और साक्षी का दोनों का पानी निकल गया और वो साक्षी के ऊपर निढाल होकर गिर पड़ा। साक्षी की भी हालत उसने खराब कर दी थी।
कुछ पलों बाद वो खड़ा हुआ और उसने पानी पिया.. पर साक्षी ऐसे ही पड़ी थी। मैंने उसको भी पानी पिलाया और उसके कपड़े दिए। वो कपड़े पहन कर बैठ गई.. वो कह कुछ नहीं रही थी.. पर मैं समझ रही थी कि उसको बहुत दर्द हो रहा था।
अब चुदने की मेरी बारी थी.. उसने मुझे नंगा कर दिया.. मेरे साथ उसने कोई चुम्मा चाटी नहीं की.. मुझे नंगा करके सीधा लेटा लिया और बिना कुछ किए अपना लंड मेरे अन्दर पेल दिया। मेरी चूत सूखी पड़ी थी.. इसलिए मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं उसे हटाने लगी।
उसने कहा- हरामजादी मादरचोदी.. सीधी पड़ी रह साली.. नहीं तो आज तेरी फाड़ दूँगा। वो मुझे भी ‘दे.. दनादन’ चोदने लगा।
मेरी चूत सूखी होने के कारण मुझे दर्द हो रहा था पर कुछ ही मिनट में वो झड़ गया। उसने अपना पानी मेरी चूत में ही डाल दिया।
मैंने सोचा ये अब नहीं करेगा.. वो कमीना खड़ा होकर बाहर को पेशाब करने लगा। इतने में मैंने अपनी ब्रा-पैन्टी पहन ली और जींस भी पहन ली.. पर मैं अभी टॉप नहीं पहन पाई थी, वो फिर घूमा और कहा- साली अभी पूरी चुदाई कहाँ हुई है.. उसे तो मैंने 3 बार झड़ाया था.. तू तो केवल एक ही बार में बचना चाहती है.. और वो भी बस 10-12 धक्कों में ही.. चल लेट साली.. वो मुझे धमकाता हुआ बोला- नंगी हो बहनचोद..
मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए। उसने कहा- चल साली घुटनों के बल बैठ.. मैं बैठ गई.. उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया।
हालांकि उसका भी लंड कम ही बड़ा हुआ था.. पहले की तरह मूसल सा कड़ा नहीं हुआ था.. पर 5 मिनट चूसने के बाद ही उसकी गाजर मोटी हो गई थी।
उसने मुझे खूब चूमा और साथ ही मेरी चूत में उंगली भी की। अब वो मेरी चूत को चूसने लगा और कहा- कहाँ है साला तेरा दाना.. साली ला चूसूं उसे भी..
काफ़ी देर तक चूत को चूसने के बाद उसने मेरे मम्मों को दबाने की बजाए अपने मुँह में लेकर मेरे मम्मों को पीने लगा। अब मुझे भी मस्ती सी आ रही थी और वो भी मेरे दूध चूसने के साथ-साथ मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था। पता नहीं उसके दिमाग़ में क्या आया.. कि उसने मुझे सीधा लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गया.. और ‘दे.. दनादन’ मुझे चोदने लगा। उसकी स्पीड बहुत फास्ट थी.. पर लंड में इतना दम नहीं बचा था.. तब भी मुझे दर्द सा हो रहा था।
थोड़ी देर बाद वो उठा और मुझे खड़ा किया.. मेरा एक पैर उठा कर अपना लंड खड़े हुए ही मेरे अन्दर डालकर मेरी चूत को ठोकने लगा.. पर उसका लंड अभी छोटा था.. जिस कारण वो मेरे अन्दर पूरा नहीं जा पाया। उसे मेरी चिंता कहाँ थी.. उसे तो अपनी प्यास बुझानी थी।
उसने फिर मुझे सीधा लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर मुझे चोदने लगा। इस बार मुझे कुछ अधिक मजा नहीं आया.. क्योंकि उसका लंड बहुत छोटा सा हो गया था.. वो कुछ ही धक्के लगाकर मेरी चूत में ही झड़ गया और काफ़ी देर मेरे ऊपर ही पड़ा रहा। अब वो थक चुका था और उसका मन भी भर गया था।
मुझे सूसू आ रही थी.. मैं उधर ही साक्षी और टीटी के सामने बैठ कर बाहर को सूसू करने लगी। फिर मैंने अपने कपड़े पहने.. उसने भी अपने कपड़े पहने।
फिर उसने हमें एसी कोच में सीट दी। हम दोनों आकर सो गए.. क्योंकि साक्षी को उसने पहले राउंड में चोदा था.. तो उसकी हार्ड फकिंग हुई थी और उसे दर्द भी हो रहा था.. पर मुझे इतना दर्द नहीं हो रहा था।
वैसे भी मुझको इतनी चुदाई की तो आदत ही थी। वो सो गई और मैं भी लेट कर अपनी चूत सहलाते हुए चुदाई के इस मजे को सोचने लगी।
सुबह हमारी ट्रेन 11 बजे स्टेशन पर पहुँचना थी.. मैं 8 बजे ही उठ गई थी। साक्षी 10 बजे उठीं.. और फ्रेश होकर आई और कहने लगी- बेटा तू तो बच गई.. मेरी हालत तो ख़स्ता है.. चूत में बहुत दर्द हो रहा है। हम दोनों तो चूत चुदाई की पुरानी खिलाड़िन हैं.. सो हम लोग ये सब सहन कर गए।
इस तरह हम दोनों जेल जाने से बच गए और हम एग्जाम देकर खुशी-खुशी अपने कमरे पर लौट आए।
आप सब अपने ईमेल जरूर लिख भेजिए। [email protected]
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