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इस कहानी के पिछले भाग फ़ेसबुक से मिली मालिनी भाभी की चुदाई-1 में अब तक आपने पढ़ा..
मैंने कहा- आज बहुत सेक्सी लग रही हो मेरी जान.. तो वो बोली- क्यों ना सजूं.. आज मेरे जानू का बर्थडे है.. यह बोल कर वो मेरे होंठों को चूसने लगी, करीब 20 सेकंड चूसने के बाद बोली- ये विश है मेरी तरफ से.. और मैंने कहा- गिफ्ट?
अब आगे..
बोली- सब्र करो.. फल मीठा ही होगा। मैंने कहा- ओके.. मैंने बैठ गया.. उसने मेरे लिए बहुत सी चीजें बनाई थीं.. मुझे बड़े प्यार से सब खिलाया और बोली- अब तुम कमरे में चलो.. मैं अभी आती हूँ।
मैं कमरे में जा बैठा.. वो आई मैंने उसको पकड़ लिया और किस करने लगा। वो बोली- आराम से.. तुम्हारी ही हूँ.. आज का गिफ्ट है.. मेरा सारा जिस्म आज तुम्हारा है.. फिर क्या था.. मैं पागलों की तरह उसे चूमने लगा उसके होंठों को.. गालों को.. उसके दो मिनट तक होंठ चूसे.. फिर उसकी गर्दन.. कमर.. सब जगह.. किस करने लगा।
वो मदहोश होने लगी.. बोली- अभिषेक तुम कितने अच्छे हो.. अहा.. आहहा.. आआआआहह.. वो सिसकी ले रही थी। मैंने अब उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहलाना स्टार्ट कर दिया। वो पागल सी हुए जा रही थी जैसे ये सब उसके साथ पहली बार हो रहा हो।
मैं उसके होंठों को चूसते हुए एक हाथ से ब्लाउज के बटन खोले जा रहा था.. अब मैंने उसको खड़ा किया और ब्लाउज और साड़ी उतारने लगा। वो हल्का सा शर्मा रही थी.. पर मैंने बोला- अब तुम मेरी जान भी हो.. रानी भी हो.. मत शरमाओ.. तो मुस्कुरा दी और साड़ी उतारने में हेल्प करने लगी.. जल्द ही वो पेटीकोट और ब्रा में थी।
दोस्तो, उसका जिस्म मुझे पागल करे दे रहा था। मैं उस पर टूट पड़ा और ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को भींचने लगा.. चूसने लगा। वो बोली- अहह.. आराम से.. मैंने ब्रा को झटके से निकाल फेंका।
हाय.. क्या मम्मे थे यारों.. 34 डी साइज़ के.. मैं निप्पल चूसने लगा मम्मों को मुँह में भर कर ज़ोर ज़ोर से चचोरने लगा। उसके दूसरे दूध के निप्पल को उंगली में लेकर मसलने लगा। वो एकदम से गनगना उठी- आआआ आआअहह..
मैं उसके होंठों को चूसने लगा और एक हाथ उसके पेटीकोट में घुसा दिया.. और पैन्टी के ऊपर से चूत में ही उंगली करने लगा। काफ़ी देर मम्मों की चुसाई के बाद मैं नीचे आ गया और पेटीकोट का नाड़ा खोल कर पैन्टी को चूमने लगा। वो गीली हो चुकी थी.. मैंने वो उतार फेंकी और उंगली डाल-डाल कर ज़ोर-ज़ोर से चूत चूसने लगा। वो ‘आहें..’ भरने लगी मैंने रुका नहीं.. वो एक बार झड़ गई।
फिर वो उठी और मुझे पर टूट पड़ी.. भूखी शेरनी की तरह मुझे किस किए जा रही थी.. और उसने टी-शर्ट उतार फेंकी.. मेरी जीन्स के बटन.. ज़िप आदि सब खोल कर नीचे कर दी और अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे खड़े लंड को सहलाने लगी। मेरा लंड ने अपनी औकात जो 7.5 इंच की थी.. उस आकार में पहले से ही खड़ा हुआ था।
वो बोली- हाय.. इतना बड़ा.. वो भी इस एज में.. कैसे? मैंने कहा- बस है.. मेरी जान.. उसने तुरंत उसको मुँह में ले लिया और चूसने लगी। लंड का जीवन का पहला राउंड और पहले से खड़े होने के कारण 5 मिनट में उसके मुँह में ही निकल गया।
वो पानी नहीं पी रही थी.. मैंने कहा- जान पी जाओ न.. वो मेरी आँखों में प्यार से देखते हुए बिना कुछ बोले पी गई। बोली- आज सिर्फ़ तुम्हारा पिया.. वरना हबी का कभी लंड भी मुँह में नहीं लिया है.. उनका सिर्फ 4.5″ का है..
फिर हम दोनों 2 मिनट तक एक-दूसरे को चूमते रहे। हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए.. मैं उसकी चूत चूस रहा था.. वो लंड चचोर रही थी। मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। वो बोली- प्लीज़ अभिषेक डार्लिंग.. अब इससे मेरी चूत की प्यास बुझा दो।
मैंने कहा- ओके.. आ जाओ जान.. मैंने उसे लिटा दिया और उसकी चूत और लंड पर बहुत सारा तेल लगा लिया। वो बोली- प्रोटेक्शन? मैंने कहा- यकीन रखो मुझ पर..
वो मान गई.. मैंने धक्का लगा दिया.. लंड फिसल गया.. अन्दर जा ही नहीं रहा था.. उसकी चूत शायद बहुत दिनों से नहीं चुदी थी.. या ज़्यादा लंबा मोटा लंड लिया नहीं था।
मैंने पूछा तो वो बोली- हाँ 6 महीने हो गए.. बहुत प्यासी हूँ। मैंने कहा- ओके जान आज सब प्यास बुझा दूँगा।
मैंने दोनों हाथों से चूत खोली.. फिर टोपा फंसा कर हल्का सा धक्का देकर पहले लंड का टोपा सैट किया और फिर एक ज़ोर का झटका लगा दिया।
जैसे ही लंड के आगे का भाग अन्दर गया.. वो चिल्ला उठी.. रोने लगी.. आँखों से आंसू आ गए।
मैंने उसके होंठों को मुँह में भर लिया और चूसने लगा और दर्द का कम होने का वेट करने लगा। एक मिनट बाद वो कुछ शान्त हुई.. तो मैंने दूसरा धक्का दिया.. अब पूरा अन्दर चला गया था। उसके होंठ मेरे होंठों में क़ैद थे.. बस उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे।
मैं जरा रुका.. फिर उसके होंठ आज़ाद किए.. वो बोली- आह्ह.. पहले बहुत दर्द दिया.. पर अब अच्छा फील हो रहा है.. यह सुनते ही मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा.. मैंने लंड की स्पीड बढ़ा दी।
वो मजे से सिसिया रही थी- आआअहह.. अभिषेक आआआहह.. जान मज़ा आ रहा है.. आज जन्नत दिख रही है.. मुझे.. आह्ह.. मैंने कहा- रानी अभी तो शुरूआत है.. आगे-आगे देखो.. मैं उसे चोदे जा रहा था.. वो नीचे लेटी थी.. फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया.. और उसको चोदने लगा।
वो बोली- ववऊव.. अभि.. यह पोज़ सिर्फ़ मैंने देखा था.. कभी सोचा नहीं था कि कभी इस पोज़ में भी करूँगी.. मैंने कहा- तुमको अभिषेक मिला है.. जान.. ‘हाँ.. मेरे नसीब में तुम थे..’
फिर क्या था.. मैं उसको लगातार चोदे जा रहा था। कुछ देर बाद वो बोली- अब तुम नीचे लेटो.. मैं ऊपर से चढूंगी। मैंने कहा- ओके..
वो मेरे ऊपर आ गई.. और उचकने लगी।
कभी मैं उसके उछलते मम्मों को चूसता.. कभी उसके गुलाबी कड़े निप्पल दबाता.. वो भी तड़प उठती और उसे मज़ा भी आता। इस तरह करीब 45 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया। वो उतनी देर में 2-3 बार झड़ी होगी.. हम दोनों पसीने-पसीने हो गए.. जबकि उसका कमरे में एसी चल रहा था।
फिर थोड़ी देर मैंने आयिल से गाण्ड की मालिश शुरू कर दी.. वो बोली- नहीं अभिषेक.. नहीं ये नहीं.. आज नहीं प्लीज़.. मैंने कहा- नहीं.. आज मेरा दिन है। वो बोली- समय देखो.. क्या हो रहा है।
मैंने घड़ी देखी तो 4:30 हो गया था।
मैंने कहा- ओके.. जान मुझे आज तो घर जाना होगा.. उधर भी पार्टी है। आज घर पर आओगी ना? वो बोली- ओके.. पर घर में क्या बोलोगे.. कि मैं कौन हूँ? मैंने- बोल दूँगा.. फ्रेण्ड की बड़ी बहन हैं.. बोली- ओके शाम को ठीक 7 बजे आती हूँ।
वो मेरे घर आई.. दोस्तो, इस बार वो पिंक कलर की साड़ी पहन कर आई थी.. सब उसको ही देख रहे थे। वो बोली- अभिषेक क्या बात है बहुत हैण्डसम.. चार्मिंग और क्यूट लग रहे हो.. मन कर रहा है.. तुम्हें अभी किस कर लूँ.. मैंने कहा- कंट्रोल मेरी जान.. फिर हमने पार्टी एंजाय की.. वो बोली- अभी काम बाकी है.. रात को घर आना..
रात में घर पर क्या हुआ.. आगे के भाग में ज़रूर लिखूंगा.. पर आपके मेल आने के बाद.. सो जल्दी से मुझे मेल करके बताइए.. कैसी लगी आपको मेरी कहानी। भाभी आंटी गर्ल्स.. आप लोग जरूर बताइएगा।
आपके मेल आने के बाद में आगे की कहानी लिखूंगा तब तक की लिए धन्यवाद दोस्तो.. [email protected]
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