This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
बात उन दिनों की है जब मैं हॉस्टल में रहती थी। मेरी रूम पार्टनर सीमा मुझसे तीन साल सीनियर थी, उसके कई बॉय फ्रैंड थे। कई बार जब वो आते थे तो सीमा किसी बहाने से मुझे बाहर भेज देती थी।
एक बार जब मुझे शक हुआ तो मैं बाहर तो गई लेकिन दोनों पैरों में अलग-अलग तरह की चप्पल पहन कर। पंद्रह मिनट के ही बाद मैंने अपने रूम का दरवाजा खटखटाया। अंदर से सीमा की भारी आवाज आई- ..कौन है। मैंने कहा में हूँ रेनू।
सीमा ने कहा- क्या हुआ? इतनी जल्दी क्यों लौट आई? मैंने कहा- जल्दी जल्दी में दोनों पैरों में अलग-अलग चप्पल पहन ली थी। बदलने आई हूँ, बस दस सैकेंड की बात है, चप्पल बदल कर चली जाऊंगी।
मेरी बात सुनकर सीमा ने दरवाजा खोल दिया। वो पसीने से लथपथ थी। मैंने चौंकते हुए पूछा- तबीयत ठीक है? उसने झुंझलाते हुए कहा- चप्पल पहनो और दफा हो जाओ। मैंने देखा कि सीमा का बॉय फ्रैंड रोहित चादर ओढ़ कर लेटा हुआ था।
चप्पल बदल कर मैं रूम से चली गई। करीब एक घंटे बाद लौटी तो सीमा रूम में अकेली थी। मामला मेरी समझ में आ गया था, फिर भी अनजान बनते हुए मैंने पूछा- क्या हो रहा था?
सीमा ने कहा- यार, तुझे तो जरूरत नहीं है लेकिन मुझे तो लंड की जरूरत होती है। बस इसीलिये तुझे बाहर भेजती हूँ। तुझे जरूरत हो तो बता देना।
मैंने कहा- नहीं सीमा.. घर पर खबर लग गई तो मुश्किल होगी। कॉलेज में मेरे कई परिचित हैं। सीमा ने कहा- चिंता मत कर, जहाँ चाह वहाँ राह… अगर तुझे मजा लेना हो तो इंतजाम कर दूँगी। अब मस्ती से किसे इंकार था, मैंने भी हाँ कर दी।
अगले महीने मुझे अपने घर लखनऊ जाना था। सीमा का भी एक रिश्तेदार वहाँ रहता था, वो भी साथ चलने को तैयार हो गई। सीमा ने कहा- इस बार बस से लखनऊ चलेंगे। वोल्वो बस से रात का सफर करेंगे, उसमें सोने का इंतजाम भी होता है।
मैंने हाँ कर दी और घर वालों को भी खबर कर दी।
तय समय पर मैं और सीमा बस स्टैंड पहुँच गये। हमें ऊपर की बर्थ मिली थी। एक साथ दो लोगों के सोने का इंतजाम था। सामने प्राइवेसी के लिये पर्दे भी लगे थे, बस का इंतजाम देख कर मैं बहुत खुश हुई।
बस चलने वाली ही थी कि तभी रोहित अपने एक दोस्त पवन के साथ बस में घुसा। उन दोनों की बर्थ हमारे सामने वाली थी।
मैंने चौंक कर सीमा से पूछा- इन लोगों को हमारे सफर का कैसे पता चला? सीमा ने बताया कि उसने दोनों को प्रोग्राम बताया है और आज रात बस में मस्ती करनी है।
मेरी दिल की धड़कने तेज हो गई थी… बस में मस्ती…!! …यह लड़की तो मुझे मरवा देगी। मैंने सीमा से कहा- अगर किसी ने देख लिया तो? सीमा बोली- बस की सवारियों को देख ले.. सभी अंजान हैं। हर बर्थ पर परदे हैं और फिर भी अगर देख भी लेंगे तो क्या हुआ। सुबह तो हम अपने घर की तरफ निकल जाएंगे।
मैंने कहा- रोहित को तो मैं जानती हूँ। तुझसे मिलने आता है लेकिन ये पवन? सीमा बोली- चिंता मत कर, पवन के साथ मैं मस्ती कर लूंगी, तू भरोसेमंद रोहित के साथ रहना। मैंने हाँ तो कर दी लेकिन दिल बहुते तेजी से धड़क रहा था।
बस के चलने पर मैं और सीमा एक बर्थ पर लेटे थे जबकि रोहित और पवन हमारे सामने वाली बर्थ पर थे। थोड़ी ही देर में बस की लाइट बंद हो गई और बस में अंधेरा हो गया।
चलती बस में काफी शोर हो रहा था। सीमा ने पूछा- अंधेरे में कुछ दिख रहा है? मैंने कहा- हाँ दिख तो नहीं रहा है। मेरे इतना कहते ही सीमा ने अपने होंठ मेरे होठों से सटा दिये और उन्हें पीने लगी।
इसके बाद उसने मेरी चूचियाँ भी दबाई। मैं भी पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी।
करीब एक घंटे बाद बस किसी ठिकाने पर रूकी और कंडक्टर ने आवाज लगाई- किसी को टायलेट जाना हो तो नीचे उतर ले। सीमा ने कहा कि वो टॉयलेट जाना चाहती है और नीचे उतर गई। उसके साथ बमुश्किल तीन लोग नीचे उतरे, बाकी लोग बस में गहरी नींद में थे।
थोड़ी देर में सीमा वापस लौटी लेकिन वो सामने की सीट पर चली गई जहाँ पवन लेटा था। उसके साथ ही बस से नीचे उतरा रोहित मेरी सीट पर आ गया था। सीटों की अदला-बदली हो चुकी थी और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई।
रोहित को अपने पास पाकर मैं घबरा गई। रोहित ने बर्थ के सामने लगा पर्दा खींच कर बंद कर दिया था, उसने मुझे बाहों में दबोचना चाहा लेकिन मैं घबरा गई। रोहित बोला- ऐसे कैसे काम चलेगा मैडम? आपकी सहेली सीमा तो कुश्ती लड़ रही होगी। मैंने कहा- नहीं रोहित, बस में ऐसे थोड़ी होता है।
रोहित बोला- ठीक है, दिखा देते हैं। उसने वहीं से सीमा को फोन मिलाया। फोन साइलेंट मोड पर था इसलिये आवाज तो नहीं आई लेकिन सीमा ने फोन उठा लिया। रोहित ने उसे पूरी बात बताई।
सीमा ने कहा- ठीक है, वीडियो कॉल लगाओ.. मैं कॉल रिसीव करूंगी इसके बाद उसकी बर्थ का पूरा नजारा रोहित और मैं भी देख लेंगे। रोहित ने वीडियो कॉल लगाई और सीमा ने उसे रिसीव कर लिया। इसके बाद फोन को ऐसे ऱखा कि सब कुछ नजर आये। रोहित के फोन में पिक्चर काफी धुंधली थी लेकिन समझ में आ रहा था कि क्या हो रहा है। पवन ने सीमा को दबोच रखा था और उसकी चूचियाँ पी रहा था।
थोड़ी देर में सीमा ने इशारा किया तो पवन उठ कर बैठ गया। अब सीमा घुटने के बल बैठ गई और अपनी चूचियाँ पवन के मुंह के आगे कर दी। पवन पागलों की तरह सीमा की चूचियाँ पी रहा था। अचानक उसका एक हाथ सीमा की चूत में गया तो सीमा जोर जोर से उछलने लगी, बस की तेज आवाज में चुदाई की आवाज दब कर रह गई थी।
अचानक सीमा नीचे बैठी और पवन का लंड सीमा की चूत में घुस गया, उसकी गांड तेजी से थिरक रही थी, दोनों बैठे-बैठे चुदाई कर रहे थे। मैंने हाथ बढ़ाकर रोहित का फोन बंद कर दिया।
रोहित ने तेजी से शर्ट उतारी और बोला- अब कंट्रोल नहीं हो रहा। मैंने भी अपनी टी शर्ट उतार दी थी, रोहित मेरी चूची चूसने लगा, मेरी चूत से काफी पानी निकल रहा था। मैंने रोहित से कहा- चूत बहुत गीली हो गई है, किसी कपड़े से पौंछ लेती हूँ। रोहित कहने लगा- बस यही समस्या है?
वो नीचे की तरफ झुका और मेरी चूत पीने लगा। मेरे बदन में आग लग गई थी, मैंने रोहित का लंड पकड़ कर अपनी तरफ खींचा। रोहित मेरा इशारा समझ गया था, वो सिक्स नाइन की पोजीशन में आ गया और थोड़ी ही देर में हम दोनों के हथिय़ारों से पिचकारी छूट गई थी।
थोड़ी देर आराम करने के बाद हम सो गये। आँख खुली तो सुबह के पांच बजे थे। बाहर के नजारा देखते हुए हमने चुदाई का एक राउंड और किया जिसके बाद रोहित चुपचाप मेरी सीट से हट गया और सीमा मेरी सीट पर आ गई। हम दोनों के चेहरे पर जीत की मुस्कान थी। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000