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हाय, मैं ऋतु.. अन्तर्वासना पर मैं अपनी चूत की अनेक चुदाईयों के बारे में बताने जा रही हूँ.. मज़ा लीजिएगा।
अब तक आपने जाना.. सुधा ने मेरे पास आकर मेरी पीठ थपथपाई और बोली- वाह.. ऋतु तू तो बहुत आगे जाएगी.. और फिर धीरे से मेरे कान में बोली- राकेश जी को खुश कर दो। मैंने सुधा को स्माइल दी- ठीक है। उन्होंने राकेश जी को इशारा किया कि मैं तैयार हूँ.. फिर क्या था।
राकेश ने मेरी कमर में हाथ डाल दिया और मेरे पेट को सहलाने लगे.. मेरे गालों पर किस किया.. मेरे होंठों पर भी चूमा.. मैं भी उनका साथ देने लगी। तभी सुधा की आवाज आई- राकेश जी.. सारा स्क्रीन टेस्ट यहीं ले लोगे क्या.. ऊपर कमरे में ले जाओ इस छमिया को.. जिस कमरे में आप सब का स्क्रीन टेस्ट लेते हो।
अब आगे..
मैं- हाँ राकेश जी.. सुधा ठीक कह रही है। राकेश ने मुझे अपनी बाँहों में उठा लिया और तालियाँ बजने लगीं।
सुधा मेरे और राकेश के सामने गेट पर खड़ी हो गई और बोली- राकेश जी, ये मेरी फ्रेंड की लड़की है और ये भी मेरी फ्रेंड है.. अब आप जो भी करें जरा संभल कर करना.. आपका बहुत ‘बड़ा’ है.. मैंने सुधा की तरफ देखा और मुस्करा दी और वो भी मुस्करा दी। सुधा मेरी चूचियाँ दबा कर बोली- बेस्ट ऑफ लक बेबी.. मैं- आअहह…. क्या कर रही है..
राकेश जी मुझे कमरे में लेकर आ गए.. वो रूम एक बहुत ही आलीशान रूम था। एक बहुत बड़ा गोल बिस्तर लगा हुआ था.. और काफ़ी लाइट्स लगी थीं। मुझे तो उन्होंने बिस्तर पर पटक दिया और इस दौरान मेरी साड़ी जाँघों तक आ गई थी। वो बोले- तुम्हारा स्क्रीन टेस्ट कैमरा के सामने होगा। मैं बोली- मैं तैयार हूँ..
मेरे सामने कैमरा ऑन हो गया और मेरे को बोला गया- अपने सारे कपड़े उतारने हैं और बताना है कि ये किस काम आता है। मैंने कहा- ओके..
कैमरा ऑन हो गया। मैंने सबसे पहले अपनी साड़ी निकाली और बोली- ये नीचे टाँगों और मेरी चूचियों को ढकने में काम आती है। अब बारी थी मेरे ब्लाउज की.. तो मैं उसके हुक एक-एक करके खोलने लगी। जैसे ही मैंने अपना ब्लाउज निकाला.. तो राकेश जी मुँह से निकला आह्ह…. माय गॉड..
मैं ये सुनकर बहुत खुश हुई और बोली- ये मेरी चूचियों पर ब्रा के ऊपर से पहना जाता है.. जिससे अच्छा शेप आए..
अब बारी पेटीकोट की थी, मैंने वो भी उतार दिया, अब मैं सिर्फ़ ब्रा-पैन्टी में थी। मैं पीछे से फोटो देने लगी.. मेरी शर्म खत्म हो गई थी.. तो पीछे से सुधा की आवाज आई- वाऊ.. बहुत सुन्दर.. अब अपना साइज़ बताओ..
मैं- मेरी ब्रा का साइज़ 34 इंच है और मेरी पैन्टी का 34 इंच है.. मेरे पेट का नाप 30 इंच का है। सुधा बोली- ऋतु ये तो तेरी माँ का साइज़ भी है न? मैं- हाँ जी।
तभी राकेश जी ने कहा- तुम ब्रा खोलो.. मैं ब्रा खोलने लगी.. लेकिन ब्रा नहीं खुली.. तो मैंने राकेश जी से कहा- आप ही खोल दो न.. तो राकेश जी ने मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और मेरे दोनों दूध निकल कर सामने आ गए.. उन्होंने दबा भी दिए।
मेरे मुँह से ‘उम्म्म्मम.. आह्ह… आह्ह… आह्ह…’ की आवाज आने लगी। मैं बोली- आराम से.. फिर एक कैमरा जूम करके फोटो लेने लगा।
मैं अब बहुत गरम हो गई थी। अब मेरी पैन्टी की बारी थी.. मैं भूल गई थी कि वहाँ कौन है। मैं बोली- आओ ना राकेश जी.. इसे भी उतार दो.. ले लो मेरा टेस्ट.. जो भी आपको लेना हो..
राकेश जी आए और मेरी पैन्टी उतार दी और मेरी चूत में एक उंगली डाल दी। मैं बोली- ऐसे क्या कर रहे हो.. मुझे कुछ हो रहा है.. राकेश जी ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूसने लगे.. और एक हाथ से मेरी चूचियाँ दबाने लगे.. मैं भी मजे लेने लगी।
अब राकेश जी ने मेरे दूध को पीना शुरू किया.. तो मेरे मुँह से ‘उम्म्म्मम.. आह्ह… उईईई.. मम्मी.. मर गई.. आह्ह… आअहह… बहुत मजा आ रहा है.. आआअहह.. उम्म्म्मम.. आअहह…’ मैं इतने में ही झड़ चुकी थी।
फिर राकेश जी ने मेरी चूत पर किस किया। वो मेरी चूत को चाटने लगे और बोले- ऋतु तुम्हारी चूत तो सुधा से भी अच्छी है। मैं बोली- क्या आप सुधा को भी चोदते हो.. ऐसे ही उसे भी मॉडल बनना था क्या? राकेश बोले- ये सब मैं तुम्हे बाद में बताऊँगा।
वो मेरी चूत चाटने लगे.. मैं तो आसमान की सैर कर रही थी और मन में थैंक्स बोली सुधा के लिए, कि लण्ड का इंतज़ाम करा दिया। इसी बीच राकेश ने अपने पूरी जीभ मेरी चूत में डाल दी।
मैं छूटने वाली थी.. मैं उसके सिर में हाथ फेरने लगी और मैं कहने लगी- राकेश जी.. ये ऋतु आज से आपकी है और प्लीज़ मुझे अब मत तड़पाओ.. मेरी चूत में अपना लण्ड डाल कर चोद दो मुझे.. अपनी रंडी बना लो मुझे.. मैं जिंदगी भर इस लण्ड के नीचे रहना चाहती हूँ.. प्लीज़ चोदो ना मुझे… चोद दो.. आह्ह..
राकेश- हाँ मेरी रंडी.. तुझे पूरी रात चोदूँगा और इसी लौड़े पर घुमाऊँगा.. ले अब इसे मुँह में ले.. मैं- नहीं मुझे घिन आती है.. आप सीधे मेरी चूत में डाल दो। राकेश- नहीं.. ये तो मॉडलिंग की ट्रेनिंग है.. उन्होंने अपना लौड़ा मेरे मुँह में ठूंस दिया।
मैं ‘ना..ना..’ करते हुए भी लण्ड चूसने लगी। उनका 8 इंच का लण्ड मेरे मुँह को चोद रहा था.. और वो बोले जा रहे थे- ले मेरी जान.. आज तो तेरी गाण्ड भी मारूँगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
राकेश जी ‘आअहह… आह्ह…’ की आवाज निकाल रहे थे और मेरे मुँह में ही झड़ गए, उनका वीर्य मेरे मुँह में भर गया.. और मुझे मजबूरी में उनका पीना पड़ा। जब थोड़ा बुरा सा लगा तो बोले- जब तुम मॉडल बन जाओगी.. तो ऐसे ही पीना पड़ सकता है.. मैं बोली- ठीक है.. राकेश जी.. तुम्हें कभी भी शिकायत का मौका नहीं दूँगी.. आ जाओ.. और मेरी चुदाई कर दो.. मैं बहुत गरम हो रही थी।
तभी राकेश जी ने अपना लण्ड मेरी चूत में एकदम से डाल दिया। मैं बहुत तेज चीख पड़ी- उईईईई ईई ईईई मम्मी.. मर गई.. आअहह… मेरी आँखों में से आँसू निकलने लगे.. क्योंकि उनका लण्ड बहुत मोटा था और राजू के लण्ड से भी बड़ा था। मेरी अभी कुल 2 बार ही चुदाई हुई थी, मेरी चूत पूरी टाइट थी और मेरी चूत में से खून निकलने लगा, मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
मैं बोली- राकेश जी निकाल लीजिए इसे.. मुझसे नहीं सहा जा रहा.. मेरी छूट फट जाएगी.. प्लीज़ निकाल लो.. मुझे नहीं बनना मॉडल.. मैं उनके सीने में हाथ मारने लगी। राकेश- हाँ मेरी जान.. थोड़ा दर्द होगा और बाद में तुझे बहुत मजा आएगा.. बस थोड़ा सहन करो।
अब उन्होंने मुझे चोदना चालू कर दिया और मेरा दर्द भी धीरे-धीरे गायब होने लगा। मैं भी अपनी गाण्ड उछाल-उछाल कर उनका साथ देने लगी, हर झटके पर मेरे मुँह से ऐसी आहें निकल रही थी ‘उम्म्म्मम.. आह्ह… आह्ह… आआअहह… और तेज राकेश जी.. खूब चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत.. आअहह…. आह्ह…. मजा आ रहा है.. रूको मत.. चोदते रहो.. और भोसड़ी के राकेश डाल दे.. अपना बीज मेरी चूत में.. देख तेरी से आधी उम्र की लड़की चुद रही तेरे से..’
राकेश- हाँ.. मेरी जान.. ये तो सही कहा तूने.. आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा.. तेरी उम्र की बहुत सी लड़कियां चोदी हैं पर तेरी जैसी मस्त कोई नहीं आई.. और ले.. और ले.. एक आई थी बिल्कुल तेरी जैसी.. वो मुझे बहुत धकापेल चोद रहे थे.. और हम दोनों एक साथ झड़ गए, दोनों एक-दूसरे की बाँहों में सिमट गए.. वो मुझे किस करने लगे।
राकेश- कैसा लगा ऋतु.. मजा आया? मैं- बहुत अच्छा.. मेरी लाइफ का सबसे अच्छा लम्हा था ये.. तो बताओ मेरा परफोर्मेंस कैसा रहा? राकेश- सुपर.. मैं खुश हो गई और उन्हें किस करने लगी।
अब लाइट ऑफ हो गईं.. मैंने कहा- आप बता रहे थे कि एक लड़की आई थी बिल्कुल मेरे जैसी.. कौन थी वो? राकेश बोले- तुम बुरा तो नहीं मानोगी? मैं- नहीं.. बता दो.. राकेश- तुम्हारी माँ.. मैं- क्या..!?!
राकेश- हाँ ऋतु.. एक बात है तुम्हारी चुदाई करके तुम्हारी मम्मी की चूत याद आ गई। मैं इस बात से सकते में थी कि जिसने मेरी मम्मी को चोदा.. उसी ने मुझे भी चोदा है.. और खुश भी थी कि मम्मी को कितना मजा आता होगा।
राकेश जी मुझे किस करने लगे और कहने लगे- अब कब चुदोगी? मैंने कहा- जब आपका मन करे.. बुला लेना.. राकेश जी- अभी एक बार और चोदना है.. मैं बोली- चोद लो..
फिर उन्होंने मेरी चुदाई शुरू कर दी, अब मुझे पहले से ज्यादा मजा आने लगा, हम एक बार और झड़ गए। तभी सुधा एक हाथ में जूस लेके आई और मेरे सिर पर हाथ फेरते हुए कहने लगी- ले ऋतु.. जूस पी ले.. बहुत थक गई है और फ्रेश हो ज़ा.. घर भी चलना है.. मैं- हाँ सुधा..
मैंने उनका हाथ पकड़ा और कहा- सुधा जो आज तुमने मेरे को सुख दिया है ना.. मुझे कभी नहीं मिला.. मन करता है कि ऐसे ही राकेश जी के नीचे जिंदगी गुज़ार दूँ।
मैंने टाइम देखा तो 4 बज रहे थे। मैं जूस पीने लगी.. मेरे से उठा भी नहीं जा रहा था.. जैसे-तैसे मैं बाथरूम में गई और तैयार होने लगी। मैं और सुधा उनकी गाड़ी से घर आ गए। मैं बहुत थकी हुई थी और हम दोनों जल्द ही सो गए।
दोस्तो.. मेरी कहानी एकदम सच के आधार पर लिखी हुई है इसके विषय में आपके विचारों का स्वागत है। [email protected]
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