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हाय दोस्तो, आपके मेल्स पढ़ कर बहुत ख़ुशी हुई और मेरी कहानी पसंद करने के लिए आपका धन्यवाद। जिन लोगों ने मेरी कहानी नहीं पढ़ी वो ऊपर दिये लिंक पर जाकर उसे पढ़ सकते हैं।
वो मेरी पहली कहानी थी और जल्दबाज़ी में मैं काफी चीज़ें डिटेल्स में लिखना भूल गया था, उसके लिए क्षमा चाहूंगा। मेरी पिछली कहानी में आपने पढ़ा की किस तरह मैंने मिलन के घर में उसकी ज़बरदस्त चुदाई की। अब आगे–
मिलन की उस ज़बरदस्त चुदाई के बाद मैं तो उसके जिस्म का दीवाना ही हो गया था और उसे दोबारा चोदने की चाहत में तड़प रहा था, 3-4 दिन तक मिलन से आमना सामना नहीं हुआ।
एक दिन मेरी माँ हमारे एक रिश्तेदार के यहाँ गई थी और शाम को देर से आने वाली थी। मैं घर में अकेला था और उस दिन की चुदाई को याद कर रहा था। मेरे मन में कई सवाल घूम रहे थे जैसे-
क्या मिलन सच में इतनी गहरी नींद सोती है कि जब मैंने उसकी चूत में ऊँगली तक डाल दी तब भी उसे पता नहीं चला?
आते समय मैंने देखा था कि चादर पर हम दोनों का वीर्य लगा था पर कहीं भी खून की एक बूँद तक नहीं थी। तो क्या मिलन पहले भी चुद चुकी थी?
मैंने अन्तर्वासना की कई कहानियों में पढ़ा था की पहली चुदाई में लड़की को बहुत ज़्यादा दर्द होता है, पर मिलन तो थोड़ी सी देर में ही सारे दर्द भूल कर चुदाई के मज़े ले रही थी। ये कैसे हुआ?
बाद में मैंने मिलन से ये सारी बातें डिसकस भी की थी और उसने बताया था कि नींद तो उसकी तब ही खुल गई थी जब मैं गेट खोल कर अंदर आ रहा था, पर अँधेरे की वजह से मुझे यह नहीं पता चल पाया था कि उसने मुझे देख लिया है।
वो जानती थी कि मैं उसे पसंद करता हूँ और वो जानना चाहती थी कि मैं क्या करूँगा इसलिए उसने नींद में होने का नाटक किया। वो मुझसे चुदना तो नहीं चाहती थी लेकिन जब मैं उसके शरीर से खेल रहा था तो वो खुद को रोक नहीं पाई।
उसने यह भी बताया कि चुदाई का चस्का तो उसे भी बहुत था और वो रोज़ अपनी चूत में ऊँगली करके अपनी प्यास बुझती थी। इसी चुदास के चक्कर में एक दिन उसने अपनी चूत में पेन डाल लिया था और उसकी झिल्ली फट गई थी और ढेर सारा खून भी निकला था जिसकी वजह से उसने अगले 2-3 दिन तक चूत में ऊँगली नहीं करी लेकिन उसके बाद से उसकी चूत की कसावट कम हो गई थी और इसी वजह से उस दिन मैं अपनी 2 उंगलियाँ आराम से डाल पा रहा था और चुदाई में भी उसे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ।
खैर कहानी पे वापिस आते हैं। तो मैं सोफे पे पड़ा मिलन को याद कर रहा था और तभी दरवाज़े पे दस्तक हुई। मैंने गेट खोला तो मिलन सामने खड़ी थी, उसका चेहरा देख के लग रहा था कि वो गुस्से में है। मैं कुछ घबराया और पीछे हटा, वो अंदर आ गई और मेरी तरफ देखते हुए ही गेट भी बंद कर दिया।
फिर वो मेरे करीब आई और मुझे एक थप्पड़ मारा। हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे। वो मेरे और करीब आई और मुझे दूसरे गाल पे भी थप्पड़ मारा। अब वो मेरे बहुत करीब थी और हम दोनों की धड़कनें तेज़ होने लगी।
उसने फिर अपना हाथ उठाया पर इस बार मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी बाहों में भर लिया, मैं उससे कस के लिपटते हुए उसके स्तन अपनी छाती से रगड़ने लगा।
पहले तो वो झूठा गुस्सा दिखाते हुए छूटने की कोशिश करती रही पर मैंने उसे जकड़े रखा और उसकी गर्दन पे अपनी साँसें छोड़ते हुए उसे चूमने लगा। फिर वो भी छटपटाना बंद कर मुझसे कस के चिपक गई। मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर उसके रसीले होठों से अपने होंठ मिलाए और हम प्यार भरा चुम्बन करने लगे।
मैं उसे बेडरूम में ले गया और बेड पे लिटा कर चूमने लगा। फिर मैंने उसका टॉप और ब्रा उतारी और उसके बूब्स चूसने लगा, उसके निप्पल पे काटने लगा और बड़े प्यार से उन्हें चूसते हुए एक हाथ उसकी जीन्स में डाल के चूत मसलने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
फिर मैंने उसके और अपने बाकी कपड़े भी उतार दिए और एक ऊँगली उसकी चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगा और वो मचलने लगी। मेरा एक हाथ उसकी चूत चोद रहा था, दूसरा हाथ उसके निप्पल से खेल रहा था और मेरे होंठ उसके होठों का रसपान कर रहे थे, उसे बहुत मज़ा आ रहा था और उसकी चूत लगातार हल्का हल्का पानी छोड़ रही थी। पूरे समय उसके मुँह से निकल रही ‘ऊँह आह ऊम्म स्स्स’ की आवाज़ों से मेरी उत्तेजना बढ़ रही थी।
फिर मैं उसकी रसीली चूत से अपने होंठ मिला कर उसकी चूत चाटने लगा, वो मचलने लगी और मदहोशी में ‘स्स्सआह ऊह्ह आअह्ह’ जैसी कामुक आवाज़ें निकाल रही थी। उसकी चूत को चाटते हुए मैं अपने हाथ से उसकी चूत के दाने को भी मसल रहा था जिससे वो और भी ज़्यादा गरम हो रही थी। मैं उसकी चूत की खुशबू और उसके पानी का दीवाना हो गया था। उस दिन मुझे पता चला कि चूत की खुशबू दुनिया की सबसे बेहतरीन खुशबू होती है।
आगे जितनी भी बार हमने सेक्स किया, मैं उसकी चूत को कम से कम दस मिनट तक चाटता था जिसमें वो 2-3 बार तो झड़ ही जाती थी और मैं उसका स्वादिष्ट पानी पीकर उसे और भी जोश में चोदता था।
यहाँ भी दस मिनट की चूत चुसाई में वो दो बार झड़ी फिर मैंने उसको बेड पर लिटाया और अपना 7 इंच लम्बा लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो तड़पने लगी और कहने लगी- उफ़… अब कितना तड़पाओगे, प्लीज शुरू करो न आह स्स्स…
फिर मैंने बड़े प्यार से उसकी चूत में लंड डाला और वो मचलते हुए मुझसे चिपक गई। दर्द और उत्साह के बीच उसको बहुत मज़ा आ रहा था। मैं धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करते उसके ऊपर लेट कर उसे बड़े प्यार से चोदने लगा। वो मुझसे चिपकी रही और पूरे वक़्त मुझे किस करती रही- ऊह आह आह म्म्म् आह उम्ह उम्ह उम्ह उम्म्म्म्म…
इस तरह की उसकी आवाज़ों ने माहोल को बहुत गर्म कर दिया था। फिर अचानक उसका बदन अकड़ने लगा और वो मुझसे कस के चिपक गई और उसकी चूत से झरना बहने लगा। उसकी चूत की तेज़ धार लगने से मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया और हम साथ में झड़ गए।
फिर थोड़ी देर यूँही हम एक दूसरे से लिपटे रहे और फिर वो मेरे ऊपर आकर मुझे चूमने लगी। 10 मिनट की चुम्मा चाटी के बाद उसने मेरा लंड पकड़ा और उसे दोबारा अपनी चूत में डालने लगी, फिर काउगर्ल पोजीशन में उछल उछल के चुदने लगी।
थोड़ी देर इस तरह चुदाई के बाद मैं उठ के बैठा और उसे अपनी गोद में बिठा के चोदने लगा। हमारी पोजीशन कुछ ऐसी थी कि मैं उसके बोबे चूस रहा था और वो उछल उछल के चुद रही थी। बहुत ही प्यार से चुदाई चल रही थी, कभी मैं उसके बोबे चूसता कभी उन्हें हाथ से मसलता।
मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों निप्पल सहला रहा था और कभी उसकी गर्दन चूमता कभी होंठ तो कभी कान के नीचे। मेरी गर्म साँसें उसके जिस्म से लग के उसे और उत्तेजित कर रही थी और वो ज़ोर ज़ोर से आहे भरते हुए और सीत्कारते हुए उछल उछल के चुद रही थी।
थोड़ी देर के इस प्रेम मिलन के बाद फिर से उसका बदन अकड़ने लगा, वो मुझसे कस के चिपक गई और मुझ से गले लगते हुए झड़ने लगी। फिर मैंने उसे अपने नीचे लिया और 10-15 धक्कों के बाद मैं भी झड़ गया और फिर हम यूँही एक दूसरे से चिपक कर चुम्मा-चाटी करते रहे। थोड़ी देर में हमारे बदन शांत हुए और हम अलग हुए।
कुछ देर यों ही लेटे लेटे बात करते रहे और उसने मुझे बताया कि उसने मुझे कई बार क्रिकेट खेलते देखा था और वो मुझसे काफी इम्प्रेस्ड थी, उसे लगता तो था कि मैं भी उसे पसंद करता हूँ पर इतना ज़्यादा, ये नहीं पता था।
कुछ देर यूं ही बात करने के बाद उसने कपड़े पहने और वो जाने लगी। जाते जाते उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया और कहा ‘रात में बात करते हैं। फिर एक प्यारा सा किस दे कर वो अपने घर चली गई।
उसके बाद रोज़ उससे फ़ोन पे बात और चैटिंग होने लगी और कभी कभी मौका देख कर हम चुदाई भी कर लेते थे पर ऐसे मौके कम ही मिले।
मिलन की माँ दिखने में तो ठीक ठाक थी पर उनका फिगर बहुत ही सेक्सी था या शायद मुझे ही लगता था। क्यूंकि मुझे हमेशा से ही अपने से बड़े उम्र की लड़कियाँ खासकर शादीशुदा औरतें बहुत ही आकर्षित करती हैं। तो अब मेरी नज़र मिलन की मम्मी पर थी और एक दिन अनजाने में मिलन ने ही मुझे वो मौका भी दिलवा दिया। वो कैसे हुआ, यह अगली कहानी में!
अभी के लिए आपसे विदा लेता हूँ। आपके कमेंट्स और सुझाव सादर आमंत्रित है। [email protected]
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