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अब तक आपने पढ़ा..
पुनीत- ये हुई ना बात.. मुझे पता था मेरी बहन इतनी कमजोर नहीं है और वैसे भी तेरी चूत और गाण्ड को मैंने अच्छे से खोल दिया है.. अब उन टुच्चे लोगों से क्या डरना। पायल- हाँ सही है.. मगर एक प्राब्लम है.. रॉनी भी तो वहीं होगा.. उसके सामने मैं कैसे ये सब कर पाऊँगी भाई? पुनीत- अरे अब उसको कहाँ बीच में ले आई.. गेम के बारे में उसको सब पता है.. बस हमने जो चुदाई की.. ये बात उसको पता ना लगे.. बाकी तो सब वो जानता ही है। पायल- अच्छा तो सबके साथ कहीं वो भी मुझे चोद ले.. तो? पुनीत- पागल जैसी बात मत करो.. तुम उसकी बहन हो.. वो कैसे करेगा?
अब आगे..
पुनीत- मुझे तुमने जलवे दिखाए थे समझी.. उसको कौन से जलवे दिखा रही हो.. जो वो बहनचोद बनेगा। पायल- वहाँ गेम में कपड़े उतारूँगी तो जलवे दिखेंगे ना? पुनीत- अगर तुम चुदना चाहो तो चुद लेना.. मुझे कोई एतराज नहीं है.. वैसे भी वो तुम्हारी कुछ ज़्यादा ही केयर करता है.. उसको भी बता दो तुम अब बच्ची नहीं.. एकदम मस्त जवान माल हो गई हो.. हा हा हा हा..
पुनीत पागलों की तरह हँसने लगा.. जिसे देख कर पायल थोड़ी खिसिया गई।
पायल- बस भी करो.. घर में मुझे परेशान करने के लिए एक आप ही बहुत हो.. मुझे दो को फंसाकर अपनी हालत नहीं खराब करवानी। पुनीत- हा हा हा हा चलो.. वैसे भी रॉनी ऐसा नहीं करेगा.. चलो अब थोड़ी मस्ती करते हैं.. उसके बाद तुम्हारी चुदाई भी तो करनी है.. पायल- भाई लगता है.. बहुत पॉवरफुल गोली ली है आपने.. थक ही नहीं रहे.. कितना चोदोगे आज? पुनीत- मेरी जान पूरी रात आज तेरे मस्त यौवन का मज़ा लूँगा.. तेरी आज मैं जमकर चुदाई करूँगा।
पायल- अच्छा कर लो.. मगर याद रखना मेरे लिए भी ऐसी दवा ले आना.. क्या पता फार्म पर कितनों से चुदना पड़ जाए.. वैसे ट्रिपल एक्स मूवी में मैंने देखा था.. एक साथ बहुत आदमी एक लड़की को चोदते हैं.. तो उसको बड़ा मज़ा आता है। ऐसा फन मुझे भी मिलेगा.. ये सोचकर मैंने आपको ‘हाँ’ कह दी है। पुनीत- ये कैसी रण्डियों जैसी बातें कर रही हो.. मैं ऐसा कुछ नहीं होने दूँगा। मैं जीतूँगा देख लेना.. पायल- एक मजाक आपने किया.. एक मैंने कर लिया.. हिसाब बराबर.. वैसे मेरा भी मन नहीं है.. आपके अलावा किसी से चुदवाने का.. समझे मेरे भाई..
उसके बाद दोनों मस्ती करने लगे और गरम हो गए। पुनीत ने दोबारा पायल को खूब चोदा उसकी गाण्ड और चूत मार-मार कर हालत बिगाड़ दी उसकी.. बेचारी 4 बजे तक कर सो पाई और पुनीत वहाँ से चला गया।
सुबह रॉनी जल्दी उठ गया और पुनीत को उठाने गया.. मगर वो नहीं उठा तो रॉनी तैयार होकर अकेला बाहर निकल गया और सन्नी को फ़ोन करके बुला लिया, दोनों एक कॉफी शॉप पर जाकर बैठ गए।
सन्नी- अरे अपना राजा कहाँ हैं और सुनाओ क्या चल रहा है? रॉनी- तुम्हें अच्छी तरह पता है सब.. उसके बाद भी मुझे क्यों पूछ रहे हो.. वो रात को पीकर मस्त हो गया था.. अब तक सो रहा है।
सन्नी हँसने लगा और दोनों बातें करने लगे। अब इनके बीच की बातें बाद में आप समझ जाओगे.. ओके.. तो चलो टोनी और उसके साथियों के पास चलते हैं शायद हमें वहाँ कुछ मिलेगा।
सुनील- बॉस क्या बात है.. आज बड़े चिकने हुए हो.. कोई खास बात है क्या? टोनी- अबे साले.. आज पार्टी में जाना है और उस कमसिन कली के जिस्म के एक-एक अंग को छूकर मज़ा लेना है। उफ्फ.. सोच कर ही मेरा लौड़ा ‘टन टना टन टन टन तारा’ करने लगा है। सुनील- बॉस हमें भी मौका मिलेगा क्या.. उस कच्ची कली को भोगने का.. तब तो हम भी कुछ खुश हों..
टोनी- अबे सालों आज बस छूकर मज़ा लूँगा.. भोगने का अभी सोचो भी मत और तुम कोई ऐसी हरकत ना करना जिससे काम बिगड़ जाए। वहाँ और भी लड़कियाँ होगीं.. उनसे चिपक कर मज़ा लेते रहना.. मगर पायल के पास भी नहीं फटकना समझे.. सुनील- ठीक है बॉस.. वैसे भी वहाँ तो बहुत आइटम आएंगी.. किसी को भी फँसा लेंगे.. इसमें क्या बड़ी बात है..
टोनी- अबे सालों.. वो बड़े लोगों की पार्टी है.. ऐसी कोई हरकत मत करना कि धक्के लग जाए.. फँसाने का ख्याल दिल से निकाल दो। बस जब लड़कियाँ नशे में हों.. तब छू कर मज़ा ले लेना। सुनील- ठीक है भाई.. जैसा आप कहें.. वैसे उस कुत्ते को जलील करने का याद है ना.. बड़े बॉस ने जो बताया था। टोनी- ज़्यादा स्मार्ट मत बन.. मुझे मत सिखा.. क्या करना है.. चल जा.. मैंने जो बताया.. पहले वो काम करके आ समझे।
सुनील वहाँ से निकल गया और टोनी अपने दूसरे काम में लग गया।
उधर अर्जुन और निधि देर तक सोते रहे भाभी ने उनको नहीं उठाया.. वो जानती थी रात को बहुत देर तक दोनों मज़े कर रहे थे। वो नहाकार अस्पताल चली गई. करीब 9 बजे दोनों की आँख खुली.. तो अर्जुन ने मुस्कुरा कर निधि को देखा।
निधि- क्या हुआ ऐसे क्यों देख रहे हो.. बताओ मुझे? अर्जुन- साली.. तुझे देख कर लगता ही नहीं कि तू कच्ची कली नहीं पक्की चुदक्कड़ बन गई है। निधि- अच्छा तो मुझे ऐसा बनाया किसने.. तुमने ही ना.. याद है पहली बार कैसे बुद्धू बना कर मेरी चूत फाड़ दी थी आपने। अर्जुन- साली तुझे जन्नत की मल्लिका बना दिया.. आज देख कैसे मज़े से चुद जाती है तू.. निधि- अच्छा सुबह-सुबह लड़ाई करोगे क्या.. चलो उठो.. भाभी क्या सोचेगी कि हम अब तक सोए हैं। अर्जुन- अरे क्या भाभी.. वो क्या सोचेगी.. साली रात को खुद उस बिहारी से कैसे चुदवा रही थी।
अर्जुन की बात सुनकर निधि को रात की बात याद आ गई और वो मुस्कुरा दी। निधि- वो बिहारी कैसे भाभी को चोद रहा था.. सच्ची उसको देख कर ही मेरा तो मन बेचैन हो गया था.. काला सांड जैसा लग रहा था वो.. अर्जुन- साली ज़्यादा उसके सामने मत जाया कर.. कहीं उसका दिल तेरे पर आ गया ना.. तो वो तेरी हालत बिगाड़ देगा। निधि- अरे तुम्हारे लौड़े से बड़ा थोड़े ही उसका.. जो हालत बिगाड़ देगा। अर्जुन- मेरे जैसा तो शायद ही किसी का होगा.. मगर तू उस सन्नी से बड़े मज़े से चुदी.. अब क्या बिहारी से चुदने का इरादा है तेरा? निधि- ना ना.. मैं उस काले से कभी ना चुदूँगी.. मैं तो बस ऐसे ही बता रही थी। तुम तो कह के जाने कहाँ चले गए.. जाओ मैं बात नहीं करती।
अर्जुन ने निधि के बाल पकड़ कर अपने पास खींच लिया। अर्जुन- साली यहाँ आ तू.. तेरे बड़े पर निकल आए हैं.. देखता हूँ कैसे बात नहीं करोगी.. चल अब तू कपड़े निकाल.. अभी तेरी चुदाई करके तुझे सबक सिखाता हूँ।
निधि- नहीं अर्जुन अभी नहीं.. भाभी उठ गई होगीं.. वो कभी भी अन्दर आ जाएंगी.. तुम्हारा मज़ा खराब होगा। अर्जुन- अच्छा ये बात है.. तो रुक पहले तेरी भाभी का इलाज करके आता हूँ।
अर्जुन जल्दी से कमरे के बाहर गया और भाभी को ढूँढने लगा। वो जल्दी समझ गया कि भाभी बाहर गई हैं तो वो फ़ौरन अन्दर आ गया और निधि को बिस्तर पर पटक दिया।
निधि- क्या हुआ.. भाभी को क्या बोल कर आए हो तुम? अर्जुन- भाभी बाहर चली गई हैं अब तुझे बताता हूँ.. तू बहुत बक-बक करने लगी है साली। इतना कहकर अर्जुन ने निधि के मुँह में अपना लौड़ा घुसा दिया और उसके मुँह को चोदने लगा।
निधि बड़ी मुश्किल से लौड़े को चूस पा रही थी.. क्योंकि इतना बड़ा लौड़ा पूरा उसके गले तक जा फँसा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
दस मिनट तक अर्जुन बड़ी बेरहमी से निधि के मुँह को चोदता रहा.. उसकी आँखे लाल हो गईं.. और आँसू भी आ गए.. तब कहीं जाकर अर्जुन ने लौड़ा मुँह से बाहर निकाला और फ़ौरन ही निधि को लेटा कर उसकी चूत में घुसा दिया।
निधि ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी और अर्जुन ‘दे घपा घप’ उसको चोदने लगा। निधि- आ आह्ह.. कुत्ता है तू.. आह्ह.. मेरी जान लेने का इरादा था क्या.. आह्ह.. सांस रुक गई थी मेरी.. आ आह्ह..
अर्जुन उसकी बात सुनकर बस हँस दिया और स्पीड से उसकी चूत को पेलने लगा, करीब 15 मिनट बाद वो उसकी चूत में ही झड़ गया.. तब तक निधि भी झड़ गई थी।
निधि- रात को इतना चोदा है.. फिर भी सुकून नहीं.. सुबह-सुबह भी खड़े हो गए चोदने को.. अब हटो भी.. बड़े जोरों की भूख लगी है.. नहा-धो कर बाहर चलते हैं। चुदाई के बाद अर्जुन को भी भूख का अहसास हुआ.. तो उसने निधि की बात फ़ौरन मान ली और नहाने चला गया। निधि भी नहाने के लिए दूसरे बाथरूम में चली गई।
कुछ देर बाद वो दोनों अस्पताल चले गए और वहाँ से पास के होटल में नाश्ता करने चले गए। भाभी तो पहले ही नाश्ता कर आई थीं.. तो दोनों को भेज दिया।
दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।
कहानी जारी है। [email protected]
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