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वो अब मेरे पूरे जिस्म को चूसने और चूमने लगा था। मेरी नाभि पर जब उसने जीभ लगाई और उस पर गोल गोल घुमाने लगा तो मैं बेकाबू हो कर आअह्ह करने लगी और मेरी कराहट आअह्ह की आवाज़ बढ़ गई।
मैं आनन्द के स्वर्ग में थी कि तभी उसके घर पर किसी के आने की घंटी बज गई। मैं डर गई और उसके घर से मैं लौट आई।
जब मैं रूम में आई तब मुझे यह अहसास हुआ कि मैं क्या कर रही थी? मुझे अपने ऊपर बहुत शर्म आई। मैंने अपनी सहेलियों को जब यह बात बताई तो उन्होंने कहा- किसी भी रिलेशनशिप में यह सब बहुत नार्मल बात है। ज्यादा मत सोचो, सिर्फ और सिर्फ मज़ा लो!
पर मैंने रोहित से करीब पूरे हफ्ते बात नहीं की पर पूरे हफ्ते के बाद मेरा जिस्म फिर से उस सुख के लिए तड़पने लगा, मुझे अंदर से सेक्स और सम्भोग की लालसा होने लगी। 8 दिनों के बाद मैंने उसको फ़ोन किया और माफ़ी माँगी तो वो हँसने लगा और बोला- फ्री हो तो आ जाओ, मैं अकेला हूँ। उसको पता था कि मैं भी सम्भोग की आग में उसकी तरह तड़प रही हूँ।
सब कुछ पहले जैसा हो गया था, हम मिलते एक दूसरे के साथ ओरल सेक्स करते पर मेरा दिल और कुछ चाहता था। मैं चाहती थी कि वो पहल करे, मुझे अपने लण्ड से मसल दे पर वो मुझे तड़पा रहा था।
कि अचानक एक दिन रोहित बोला- चाहत, मुझे तुम्हारे साथ सम्भोग करना है। मेरा दिल ख़ुशी से झूम उठा पर मैं बोली- रोहित, नहीं यह ठीक नहीं है। रोहित- चाहत क्या ठीक नहीं है? तुम्हें भी अच्छा लगेगा और मैं जानता हूँ कि तुम्हारा दिल भी है। चाहत- पर कुछ हो गया तो… गड़बड़ न हो जाए? रोहित- कुछ नहीं होगा।
थोड़ी देर मेरे चेहरे को देख कर फिर बोला- मैं हर बात का ख्याल रखूँगा, कोई गड़बड़ नहीं होगी। मैं थोड़ा सा डर दिखाते हुए राजी हो गई- बहुत दर्द होगा? मेरी सहेली बताती है कि पहली बार दर्द होता है। रोहित- हाँ, थोड़ा सा दर्द तो होगा पर तुम्हें उसके बाद बहुत मज़ा आएगा। यदि ज्यादा दर्द होगा तो नहीं करेंगे।
फिर हमने वीकेंड पर मिलने का प्रोग्राम बनाया क्योंकि वीकेंड पर उसका रूम पार्टनर दो दिन के लिए अपने घर जा रहा था। मैं बहुत उत्तेजित थी और यह सोच सोच कर ही मेरी चूत पानी छोड़ रही थी, चूत अनोखे सुख के इंतज़ार में लगातार पानी छोड़ रही थी। मैं बेसब्री से वीकेंड का इंतज़ार कर रही थी।
मैंने वीकेंड पर अपनी चूत अच्छे से साफ की, वैक्सिंग कराई, मेरा पूरा जिस्म और चमकने लगा, मेरे चिकने बदन पर लालिमा सी छा गई थी। मैंने नई ड्रेस और नई सेक्सी ब्रा और पैंटी का सेट लिया।
मैं जब उसके घर गई तो उसने जैसी ही दरवाजा खोला तो मेरा सेक्सी लुक देख कर उसका मुँह खुला रह गया और वो सिर्फ बनियान और शॉर्ट्स में था। मेरे अंदर आते ही दरवाजा बंद कर के मुझे अपनी बाँहों में भर कर उसने मेरे होंठों पर लम्बा चुम्बन दिया और मेरे कान में फुसफुसा के बोला- तुम बहुत खूबसूरत और सेक्सी लग रही हो!
मैं उसकी बाँहों में सिमट सी गई। हम फिर एक दूसरे को चूमने लगे, उसने मेरा टॉप उतार दिया और मेरी चूचियों को मसलने लगा, साथ में चूमा चाटी भी कर रहा था। अचानक उसने मुझे अपनी बाँहों में उठाया और बैडरूम की तरफ चलने लगा। मैं पूर्णतया समर्पित थी और सम्भोग का मज़ा लेने के लिए उसने मुझे धीरे से बेड पर लिटा दिया।
तब पहली बार मैंने उसके लण्ड के उभार को उसके बॉक्सर में देखा। वैसे कई बार उसको महसूस किया था पर आज की बात कुछ और थी, काफी बड़ा लग रहा था।
उसने मेरी पूरी ड्रेस निकाल दी, मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में बेड पर थी मेरा बदन चमक रहा था वो गौर से देख रहा था मेरे जिस्म को। मैंने भी उठ कर उसकी बनियान उतार कर उसको बाँहों में लेकर उसको चुम्बन करना शुरू कर दिया। हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में थे और पागलों की तरह एक दूसरे के जिस्म को चूम रहे थे और चूस रहे थे।
फिर वो उठा और जाकर फ्रिज से बीयर निकल कर ले आया। बीयर पीने के बाद हम फिर से किस करने लगे, वो मेरी गर्दन पर, चूचियों पर, पेट पर, बाँहों पर चूम रहा था चूस रहा था। उसने मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरी ब्रा को मेरे जिस्म से अलग कर दिया और एक चूची को मुँह में भर कर चूसने लगा। न चाहते हुए भी मेरे मुख से ‘आअह आअह आअह आह…’ की आवाज़ निकलने लगी।
वो ऊपर से मेरे बदन को चूमता हुआ नीचे जाने लगा और उसके होंठ मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत पर चुम्बन करने लगे। मैं सोच रही थी कि कोई कैसे वहाँ होंठ लगा सकता है?
उसने मेरी पैंटी भी धीरे से उतार दी। पहली बार मैं पूर्णतया नंगी थी किसी गैर के सामने! मैंने अपनी आँखों पर हाथ रख कर उन्हें बंद कर लिया और फिर रोहित मेरी चूत को चाटने लगा चूसने लगा, मैं मछली की तरह तड़प रही थी और अपके कूल्हे बार बार आनन्द से उछाल रही थी, एक करेंट सा जिस्म में दौड़ रहा था और मेरी चूत से पानी की धार बह रही थी।
मेरा जिस्म अचानक अकड़ने लगा, ऐसा लगा कि मेरी साँस रुक रही है। तभी मैंने उसके सर को पकड़ कर अपनी चूत में घुसा दिया और अपनी जांघों को जोर से दबा दिया। यह मेरा पहला और पूर्ण ओर्गसम था… मैं सातवे आसमान में उड़ रही थी, साँसें तेज़ चल रही थी, दिल जोर से धड़क रहा था।
कुछ पल ऐसे ही बीत गए और फिर धीरे से मैंने अपनी जांघों को ढीला किया पर रोहित अभी भी मेरी चूत को चूस रहा था। रोहित उठा और धीरे से मेरा हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया। मैंने शर्म से हाथ खींच लिया। वो अभी भी बॉक्सर में था पर उसने फिर से मेरा हाथ वहाँ रख दिया और बोला- अब तुम्हारी बारी है, मुझे भी नंगा कर दो।
मैं थोड़ा शरमाई पर उसने मेरे हाथ को नहीं छोड़ा। फिर मैंने धीरे से उसका बॉक्सर उतार दिया और वह अब सिर्फ जौकी में था। मैं उसके उभार से ही उसके लण्ड का अंदाज़ा लगा रही थी, सोच रही थी कि काफी बड़ा और और मोटा है। मेरा हाथ अभी उसके लण्ड पर था जो कि काफी गरम लग रहा था।
फिर मैंने अपनी शर्म के साथ उसकी जौकी भी उतार दी। रोहित ने मेरा हाथ फिर से अपने लण्ड पर रख दिया। मुझे आज भी याद है मैंने कैसा महसूस किया था। करीब करीब सात इंच लम्बा और दो ढाई इंच मोटा होगा। मैं आश्चर्यचकित हो कर सोच रही थी कैसे वो मेरी चूत में जायेगा।
धीरे धीरे मेरी बची हुई शर्म भी दूर हो गई और मैं खुल कर मज़ा लेने के मूड में आ गई, मैं उसके लण्ड को पकड़ कर हिलाने लगी कि तभी रोहित बोला- चाहत, इसे मुँह में लो ना? मैं थोड़ा हिचकिचाई पर धीरे धीरे मेरा मूड बन गया और मैंने उसके लण्ड के ऊपर के टोपे को चूम लिया!
‘आह्ह्ह…’ थोड़ा नमकीन कसैला सा स्वाद था जो आज भी मुझे याद है।
अब रोहित धीरे धीरे मेरे मुँह की चुदाई करने लगा, मैं मज़े से उसका लण्ड और दोनों गोटियाँ चूस रही थी, मेरा जिस्म पूरी तरह से चुदाई के लिए तैयार था।
चाहत- रोहित, अब देर मत करो, जल्दी से लण्ड मेरी चूत में डाल दो, अब बर्दाश्त नहीं होता है। शायद रोहित भी पूरी तरह तैयार था, उसने अपने लण्ड का टोपा मेरी चूत पर रखा और उसने धीरे से धक्का लगाया पर वो फिसल गया। मैं कुँवारी थी, मेरी चूत का छेद छोटा था उसके सात इंच के लण्ड के लिए! मैंने रोहित से कहा- मेरा पहली बार है रोहित, मेरी सहेली कहती है कि बहुत दर्द होता है। तुम्हारा लण्ड बहुत लम्बा और मोटा है।
रोहित ने पास रखा तेल उठा कर अपने लण्ड पर और फिर मेरी चूत में भी लगा दिया और मुझे बाहों में लेकर किस करने लगा, मेरा ध्यान फिर से रोहित के चुम्बन पर हो गया। मेरी चूत पर सात इंच का मोटा मस्त लण्ड दस्तक दे रहा था। मैं सब कुछ भूल सी गई थी कि अचानक रोहित ने मुझे शॉक दिया। उसके इस झटके से मैं चीख पड़ी पर उसके लण्ड का टोपा मेरी चूत में समा चुका था, मुझे लगा जैसे कोई तेज़ नुकीली चीज़ मेरे अंदर समा गई है। तभी उसने एक और तेज़ शॉट लगाया और उसका लण्ड आधे से ज्यादा मेरी कुंवारी चूत में समा गया, मेरी आँखें खुली सी रह गई और जोर से मेरी चीख निकल गई- उईई माआआआआअ आअह्हह्हह… रोहित यह क्या कर दिया?
रोहित ने मेरी चूची को चूसना चालू कर दिया, वो रुक कर कभी मेरी चूची को चूसता तो कभी मेरी गर्दन और होंठ पर किस करता! कुछ समय के बाद मेरा दर्द कम हो गया और मैं उसके चुम्बन का जवाब देने लगी। वो समझ गया और फिर से उसने एक तगड़ा शॉट लगाया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मेरी आँखें बाहर आ गईं और मेरे मुँह से जोर की चीख फिर निकली लेकिन तब तक रोहित मेरा मुँह बंद कर चुका था। मुझे ऐसा अहसास हो रहा था कि कोई चीज़ मेरे जिस्म को छेद कर घुस गई है। मुझे अपनी चूत से कुछ बहता हुआ अहसास हुआ और मैं बेहोश सी हो गई। रोहित ने मेरे जिस्म को चूमना चालू रखा, मेरे चूचुकों को जोर जोर से चूस रहा था। उसका एक हाथ मेरी चूची को दबा रहा था तो दूसरी चूची उसके मुँह में थी।
धीरे धीरे मैं होश में आने लगी, मेरा दर्द कम हो गया था। यह देख कर रोहित ने अपना लण्ड चूत से निकाल कर फिर से अंदर डाल दिया। मेरे मुँह से फिर हल्की सी कराह निकल गई ‘आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आआआआह…’ कुछ दर्द भी हुआ पर वैसा नहीं था।
अब रोहित अपने पूरे शवाब पर था, उसका सात इंच का लण्ड मेरी छोटी सी चूत में समा चुका था और वो अंदर बाहर होने लगा। मैं आनन्द की किलकारी भरने लगी, मेरे चूतड़ अपने आप उछलने लगे। मेरी दर्द भरी कराहट और रोहित का हम्म एक अलग तरह का संगीत कमरे में पैदा कर रहा था। जब उसका लण्ड अंदर जाता तो मैं आनन्द से चीख पड़ती, मुझे उसका लण्ड अंदर बच्चेदानी तक महसूस हो रहा था।
मैं ज़ोर से कह रही थी- रोहित, और ज़ोर से चोदो मुझे, आआआह और जोर से… आह रोहित रुकना नहीं… हाँ ऐसे ही चोदो मुझे। रोहित का जोश मेरी आवाज़ सुन कर और बढ़ गया, वो और तेज़ी से चोदने लगा और उसके हर शॉटसे लण्ड मुझे चीर कर अंदर तक जाता हुआ महसूस होता था।
मेरे जिस्म में सुरसुराहट शुरू हो गई और मेरा जिस्म काँपने लगा, ऐसा लगा जैसे कोई चीज़ मेरी चूत से निकलने वाली है। रोहित समझ चुका था कि मैं झड़ने वाली हूँ। मैंने उसको तेज़ी से बाहों में भर लिया और जकड़ लिया। मेरा जिस्म अचानक उठा और काँप कर ठंडा हो गया, मेरी चूत का रस निकल कर रोहित के लण्ड को नहला रहा था। कुछ पल के लिए मैं सातवें आसमान पर थी, पूरा जिस्म हल्का सा महसूस कर रहा था।
रोहित यहाँ पर कुछ पल रुकने के बाद फिर से मेरी चूत में अपने लण्ड का झंडा गाड़ने लगा था। उसके लण्ड के अंदर बाहर होने ने मेरे जिस्म में फिर से रक्त का संचार कर दिया, मैं भी उसकी रिदम के साथ अपने चूतड़ उछाल उछाल कर उसका लण्ड अपनी चूत में लेने लगी।
ऐसी कमरे का ठंडापन होने पर भी हम दोनों पसीने में तरबतर थे। वो चोद रहा था और मैं चुद रही थी। काफ़ी देर तक चोदने के बाद उसने लण्ड निकाल कर मेरे मुँह में जबरदस्ती डाल दिया और अपना सारा वीर्य मेरे मुँह में निकाल कर मुझे किस करने लगा।
मैं लगभग उलटी करने सी हालत में थी पर हम दोनों ही इस हालत में नहीं थे की कुछ कर पाते। किसी तरह हम दोनों ने अपने आपको साफ़ किया। जब मैं उठी तो मेरे मुँह से कराह निकल गई। पूरा बिस्तर मेरे कौमार्य के खून और मेरी चूत के रस से सरोबार था क्योंकि अब मैं कुँवारी नहीं रह गई थी। मेरे जिस्म को सम्पूर्णता मिल गई थी।
रोहित- चाहत, कैसा लगा? तुमको मज़ा आया न? मैंने झुक कर लण्ड का एक चुम्बन लेकर कहा- हाँ, बहुत मज़ा आया।
फिर हम दोनों ने खून से भरे बिस्तर को बदल दिया और फिर से नग्न ही एक दूसरे की बाँहों में लेट गए। उस रात रोहित ने मुझे दो और बार चोदा और सुबह मुझे हॉस्टल छोड़ दिया।
मेरा पूरा जिस्म बुरी तरह दर्द कर रहा था और थका हुआ था, मैं एक पेनकिलर खाकर सो गई।
शाम को मैंने अपना हाल अपनी सहेलियों को बताया और रोहित के सात इंची लण्ड और उसके बलिष्ठ शरीर की पिक्स दिखाई तो सब मेरी किस्मत पर जलने लगी।
अब हम दोनों जिम में खूब चूमा चाटी करते, वो मेरी चूचियाँ पीता। सभी जान गई थे कि हम दोनों रिलेशनशिप में हैं। अब हम रोज़ सेक्स करते हैं।
तो यह मेरी पहली चुदाई की दास्ताँ है। उसके बाद भी कई बार रोहित ने मुझे चोदा। एक बार रोहित ने मेरी गांड भी मारी, रोहित के साथ और उसके दोस्त के साथ ग्रुप सेक्स भी किया और फिर मेरे जीजू ने अपने कजिन के साथ कैसे मुझे चोदा वो सब मैं आप को अपनी अगली कहानी में बताऊँगी।
अपने विचार मुझे पर लिखें, मुझे इंतजार रहेगा। यदि आप में से कोई मेरी कहानी अंग्रेजी में से हिंदी में लिख सकता है तो मुझे अवश्य लिखें। [email protected]
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